Wednesday, March 29, 2017

जागृति सेना ने किया स्कूली मनमानियों पर लगाम कसने का दावा

क्या इससे साकार हो पायेगा सभी को शिक्षा का सपना 
लुधियाना: 29 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
जबसे देश में पूंजीवाद को उत्साहित करने के प्रयास बढ़े  में हर चीज़ व्यापार बनती चली गयी। मुनाफा सर्वप्रथम बना और मानवीयता के साथ साथ बाकि सब कुछ भी लुप्त होता चला गया। शिक्षा को कारोबारी बनाने बनाने वालों ने देश के भविष्य को ही दांव पर लगा दिया। शिक्षा स्कूलों की मनमानियों के खिलाफ करीब 9 वर्षों से संघर्ष का दावा करने वाले संगठन जाग्रति सेना के प्रमुख परवीन ढंग आज बहुत उत्साहित नज़र आये। उनका कहना है कि निजी स्कूलों की मनमानी अब नहीं चल सकेगी। इस सम्बन्ध में उन्हों अपनी उपलब्धियों का विवरण देते हुए बताया कि अब उन्होंने क़ानूनी संरक्षण की व्यवस्था सभी के सामने ला दी है।  
आज एक पत्रकार सम्मेलन में जागृति सेना ने पंजाब सरकार द्वारा हाईकोर्ट के आदेशों पर पंजाब रेगुलेशन ऑफ फी ऑफ अनएडेड एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन एक्ट-2016 बनाए जाने का स्वागत किया है। इस विषय पर संगठन के प्रधान प्रवीण डंग की अध्यक्षता में गाधी नगर स्थित मुख्य कार्यालय में बहुत सा विवरण मीडिया को दिया गया। 
पत्रकारों से भेंट के दौरान प्रवीण डंग ने कहा कि पिछले लंबे समय से जागृति सेना प्राइवेट स्कूलों की ज्यादतियों के खिलाफ संघर्ष करती आ रही है। इस एक्ट में मुख्यत: रेगुलेटरी बॉडी में डिवीजन कमिश्नर के अलावा जिला स्तर पर छ: अन्य सदस्य भी होंगे। एक्ट के अनुसार कोई भी स्कूल आठ प्रतिशत से ज्यादा स्कूल की फीस नही बढ़ा सकता और स्कूल को फीस बढ़ाने का कारण भी बताना होगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सभी स्कूल अभी इस दायरे में नहीं आ सके। अल्प संख्यक स्कूल अभी भी इस दायरे  से बाहर हैं। उनको इस दायरे में लाने के प्रयास जारी हैं। 
परवीन डंग ने कहा कि स्कूल द्वारा ज्यादा फीस लेने की स्थिति में अभिभावक जिला स्तर पर कमेटी में शिकायत दे सकेंगे जिसे 15 दिन में कमेटी द्वारा चेक करना जरूरी होगा व दो महीने में शिकायत निपटानी होगी। दोषी पाए जाने की सूरत में पहली बार प्राइमरी स्कूल के लिए 30,000 मिडिल लेवल स्कूलों के लिए 50,000 व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के लिए 1 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान होगा। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर जुर्माना बढ़कर 60,000 रुपये, एक लाख व दो लाख होगा। तीसरी बार दोषी पाए जाने पर उन स्कूलों की मान्यता रद भी हो सकती है। इस अवसर पर भूपिंदर बंगा, योगेश धीमान, हैप्पी कालडा, सोनू कालडा, सुमित जयसवाल, हेमन्त बत्रा,संजीव कुमार,हरजीत सिंह,विकास कुमार व दीपक कुमार उपस्थित हुए। सभी एकमत भी नज़र आये लेकिन बहुत से सवाल फिर भी अभी तक सवाल हैं। क्या इस महंगी शिक्षा के लिए केवल स्कूल संचालक ज़िम्मेदार हैं? क्या महंगी  गाइडों का प्रकाशन बिना किसी सरकारी आज्ञा के है? क्या सरकारी स्कूलों के प्रबन्धको को इस सिस्टम में कोई परेशानी नहीं होती? इन सब की चर्चा हम किसी अलग पोस्ट में करेंगे। फिलहाल कामना करते हैं कि सभी को शिक्षा दिलाने का सपना साकार करने में जाग्रति सेना के प्रयास सफल हों। 

हम इन कलाकार बच्चियों को हर सम्भव सहयोग देंगें-पूनमप्रीत कौर

मैंने ऐसा कमाल पहले कहीं नहीं देखा-नीलम डावर 
लुधियाना: 28 मार्च 2017: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन)::
प्रकृति की कला दुनिया भर में दिखाई देती है। प्रकृति का संगीत हर पल सुना जा सकता है। प्रकृति के चमत्कार कभी भी कहीं भी देखे जा सकते हैं। इस खूबसूरत हकीकत के बावजूद बाहत कम किस्मत वाले होते हैं जिनके पास इस सुंदरता को देखने वाली आँख होती है और इस संगीत  को सुन सकने वाले कान। प्रकृति ने इस कला में दक्ष होने की क्षमता भी हर किसी को दी है लेकिन आम तौर पर लोग उम्र के आखिरी सांस तक इस का अनुभव भी नहीं कर पाते। लेनदेन, हिसाब किताब, तेरा-मेरा और अपना पराया के चक्कर में लोगों की बहुत बड़ी संख्या इस खूबसूरत अनुभूति से वंचित रह जाती है। जिसें अनुभव ही नहीं किया उसकी अभिव्यक्ति भी कैसे हो सकती है?  
कुछ सौभाग्यशाली लोग होते हैं जिनके अंदर छिपी कला का जादू जाग पड़ता है। उनके अंदर की शक्ति सक्रिय होती है। उनकी आँख प्रकृति की विभिन्नता छुपी एकता का चमत्कार को  देखने के काबिल हो जाती है। 
देवकी देवी जैन कालेज के प्रकृति प्रेमी स्टाफ ने अपनी छात्रायों में कुछ ऐसा ही सक्रिय किया है।  पढ़ाई लिखाई और ज़िन्दगी की उलझनों के चक्कर में भी हर पल आनंदित रह कर कला को कैसे व्यक्त करना है इसके गुर बताये हैं। कालेज के वार्षिक कला प्रदर्शनी में इस बात का अनुभव बहुत बार हुआ। कला प्रदर्शनी में बहुत सी बच्चियां थी जिनके हालात अलग अलग थे, चेहरे अलग अलग थे,  उन चेहरों के पीछे छिपे किसी न किसी दुःख ,दर्द और संघर्ष के भाव भी अलग अलग थे लेकिन कला की चमक उन सभी चेहरों पर थी। कला का उत्साह उन सभी के हाव भाव में था। कला की जिस ख़ुशी को ये बच्चियां महसूस कर रही थी उसका अहसास सभी की किस्मत में नहीं होता। 
जब इनके दरम्यान पीसीएस अधिकारी पूनम प्रीत कौर पहुंची तो इनकी ख़ुशी चौगुनी हो गयी। पूनमप्रीत कौर ने एक एक पेंटिंग को बहुत ही गौर से देखा। कलाकार बच्चियों का इस्तेमाल करके के अंतर्मन को महसूस किया और इनको शाबाशी दी। उन्होंने पंजाब स्क्रीन से बात करते हुए यह आश्वासन भी दिया कि इन बच्चियों को और उत्साहित करने के लिए जो बन पड़ेगा वो किया जायेगा। इन बच्चियों की कलाकृतियों को देख कर पूनम प्रीत कौर ने कहा कि इस प्रदर्शनी को देख उनको बहुत ख़ुशी हुई है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे भविष्य में रोज़गार भी बनाया  सकता है। 
इसी तरह जानेमाने सियासी नेता सुरेंद्र डावर की धर्मंपत्नी सुश्री नीलम डावर ने भी प्रदर्शनी में पहुंच कर इन बच्चियों का उत्साह बढ़ाया। उन्हने भी एक एक कलाकृति को देख कर उसका विवरण लिया। मैडम डावर ने प्रसन्नता व्यक्त की कि इन बच्चियों ने पुराने कपड़ों और अन्य पुरानी कबाड़ चीज़ों का इस्तेमाल करके शानदार कलाकृतियां बनाई हैं। बच्चियों के इस कमाल पर  डावर ने  प्रसन्नता व्यक्त की।
इस प्रदर्शनी की संयोजक सोनिया धवन ने बताया कि कैसे उन्होंने इन बच्चियों के अंदर छुपी कला को पहचाना और इनको प्रशिक्षण दे कर इन कलाकृतियों को बनाने  प्रेरणा दी। 
कालेज की प्रबन्धन समिति के चेयरमैन श्री सुखदेव राज और प्रधान नन्द किशोर भी अपने परिवारों सहित आए हुए थे। चेयरमैन ने आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया और बच्चियों के साथ साथ के स्टाफ की भी प्रशंसा।  

Sunday, March 26, 2017

लुधियाना में अमर स्वीटस पर आयकर विभाग का छापा

देर रात तक जारी रही रेकार्ड चेक करने की कार्रवाई 
लुधियाना:25 मार्च 2017: (प्रदीप शर्मा//पंजाब स्क्रीन):: 
लुधियाना के कारोबारी संस्थानों में अमर स्वीटस एक जाना पहचाना नाम है। शहर में कई जगहों पर इनकी दुकाने और शोरूम है। मिठाई की दुनिया में तेज़ी से किंग की तरह उभर रहा है अमर स्वीटस। पुलिस और अफसरशाही में भी इनका काफी दबदबा कहा जाता है। इस लिए जब शिवपुरी में स्थित अमर स्वीटस पर आयकर विभाग के छापे की खबर आयी तो एक सनसनी सी फ़ैल गयी। आसपास के लोगों का कहना है कि इनकम टेक्स विभाग की यह करवाई बाद दोपहर को ही शुरू हो गयी थी। जब मीडिया की नज़र इस मामले पर पड़ी तो शटर गिरा दिए गए। करवाई देर रात तक जारी रही। बताया जा रहा है कि नोटबंदी के दौरान अतिरिक्त बंद हुई करंसी बैंक में जमा करवाने को लेकर अमर स्वीटस के संचालक शक के दायरे में आए थे। जिसके तहत आयकर विभाग रिकॉर्ड चैक कर रहे है। इस मामले में और विवरण हम जल्द ही आपके सामने लाने का प्रयास करेंगे। 

Wednesday, March 22, 2017

‘हर घर जल’ का सपना वर्ष 2030 तक साकार किया जाएगा: तोमर


22-मार्च-2017 18:19 IST
स्‍वच्‍छता कवरेज 42 % से बढ़कर 62% के स्‍तर पर पहुंच गई
नई दिल्ली: 22 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
केंद्र ने चार वर्षों में पेयजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड की समस्याओं से निपटने के लिए 25,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं 

सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ मार्च 2021 तक देश में लगभग 28000 प्रभावित बस्तियों को सुरक्षित पेयजल मुहैया कराने के लिए आज आर्सेनिक और फ्लोराइड पर राष्‍ट्रीय जल गुणवत्‍ता उपमिशन का शुभारंभ किया। राज्‍यों के सहयोग से यहां मिशन का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल एवं स्‍वच्‍छता और पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जहां एक ओर पश्‍चिम बंगाल आर्सेनिक की समस्‍या से बुरी तरह प्रभावित है, वहीं दूसरी ओर राजस्‍थान पेयजल में फ्लोराइड की मौजूदगी से जूझ रहा है, जिससे स्‍वास्‍थ्‍य को गंभीर खतरा है। उन्‍होंने कहा कि भारत में लगभग 17 लाख 14 हजार ग्रामीण बस्‍तियां हैं, जिनमें से लगभग 77 फीसदी बस्‍तियों को प्रतिदिन प्रति व्‍यक्‍ति 40 लीटर से भी ज्‍यादा सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। उधर, इनमें से लगभग 4 फीसदी बस्‍तियां जल गुणवत्‍ता की समस्‍याओं से जूझ रही हैं। मंत्री महोदय ने भाग ले रहे प्रतिनिधियों को यह आश्‍वासन दिया कि पेयजल एवं स्‍वच्‍छता की दोहरी चुनौतियों से निपटने के दौरान धनराशि मुहैया कराने के मामले में किसी भी राज्‍य के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। 12 राज्‍यों के पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रियों ने ‘सभी के लिए जल और स्‍वच्‍छ भारत’ पर आयोजित की गई राष्‍ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया। 

श्री तोमर ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के सतत विकास लक्ष्‍यों के अनुरूप वर्ष 2030 तक प्रत्‍येक घर को निरंतर नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, जिसके लिए लक्ष्‍य पूरा होने तक हर वर्ष 23000 करोड़ रुपये के केंद्रीय कोष की जरूरत पड़ेगी। मंत्री महोदय ने कहा कि देश के नागरिकों की भागीदारी के बगैर ‘हर घर जल’ के सपने को साकार नहीं किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि देश में लगभग 2000 ब्‍लॉक ऐसे हैं जहां सतह एवं भूमिगत जल स्रोतों की भारी किल्‍लत है। उन्‍होंने ‘मनरेगा’ जैसी योजनाओं के बीच समुचित सामंजस्‍य बैठाते हुए युद्ध स्‍तर पर जल संरक्षण के लिए आह्वान किया। 

स्‍वच्‍छता के मसले पर विस्‍तार से बताते हुए श्री तोमर ने कहा कि अक्‍टूबर, 2014 में स्‍वच्‍छ भारत मिशन (एसबीएम) के शुभारंभ के बाद से लेकर अब तक स्‍वच्‍छता कवरेज 42 फीसदी से बढ़कर 62 फीसदी के स्‍तर पर पहुंच गई है। उन्‍होंने कहा कि सिक्‍किम, हिमाचल प्रदेश एवं केरल, जो ओडीएफ (खुले में शौच मुक्‍त) राज्‍य हैं, के अलावा 4-5 और राज्‍य भी अगले 6 महीनों में ओडीएफ हो सकते हैं। अब तक 119 जिले और 1.75 लाख गांव ओडीएफ हो चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि केंद्र ने इस दिशा में समय पर प्रगति के लिए राज्‍यों को प्रोत्‍साहन देने की घोषणा की है। मंत्री महोदय ने यह जानकारी दी कि एसबीएम के शुभारंभ से लेकर अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 3.6 करोड़ से ज्‍यादा शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। ‘मनरेगा’ के तहत 16.41 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। 

श्री तोमर के साथ-साथ पेयजल एवं स्‍वच्‍छता राज्‍य मंत्री श्री रमेश जिगाजीनागी ने इस अवसर पर ‘वाटर एप’ लांच किया। मंत्री महोदय ने स्‍वच्‍छता एवं पेयजल के क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए विभिन्‍न राज्‍य सरकारों को पुरस्‍कार भी प्रदान किए। 

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भारत के विकास में जल की होगी महत्‍वपूर्ण भूमिका–उमा भारती

22-मार्च-2017 18:03 IST
“दूषित जल-निगरानी और प्रबंधन विषय” पर हुई राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी 
नई दिल्ली: 22 मार्च 2017: (पसूका//पंजाब स्क्रीन):: 

जल के मामले भारत सरकार एक बार फिर गंभीर कदम उठाने की तैयारी में है। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि भारत विश्‍व की एक महत्‍वपूर्ण शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ रहा है और आने वाले दिनों में देश के विकास में जल की भूमिका अतिमहत्‍वपूर्ण होगी। विश्‍व जल दिवस के अवसर पर आज नई दिल्‍ली में केंद्रीय जल आयोग की ओर से आयोजित एक संगो‍ष्‍ठी में उन्‍होंने कहा कि नेपाल और बांग्‍लादेश जैसे पडोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करने में नदियों एवं जल की भूमिका महत्‍वपूर्ण रहेगी। सीमावर्ती क्षेत्रों की नदियों का उल्‍लेख करते हुए सुश्री भारती ने कहा कि हम इनके बारे में बहुत संवेदनशील हैं।

मंत्री महोदया ने विश्‍व जल दिवस के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जल जीवन और म़त्‍यु दोनों का कारक है। यदि बाढ आए तो म़त्‍यु तथा सिंचाई में उपयोगी हो तो जीवन। उन्‍होंने कहा कि सरकार नदी जोडो परियोजना के तहत देश की नदियों को आपस में जोडकर देश में बाढ और सुखाड की समस्‍या का स्‍थायी समाधान कर जल को जल को जीवन का पर्याय बनाना चाहती है।

हाल ही में संसद में पेश किये गए अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद (संशोधन) विधेयक 2017 का उल्‍लेख करते हुए सुश्री भारती ने कहा कि  यह विधेयक अन्‍य मंत्रालयों के लिए भी विवाद समाधान के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है। नमामी गंगे कार्यक्रम जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि इस काम में तकनीक के साथ साथ जन भागीदारी भी महत्‍वपूर्ण है। संगोष्‍ठी को  केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्‍यमंत्री श्री विजय गोयल, मंत्रालय के सचिव डॉ अमरजीत सिंह और केंद्रीय जल आयोग के अध्‍यक्ष श्री नरेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया। 

“दूषित जल - निगरानी और प्रबंधन विषय” पर आयोजित इस राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी में देश भर के विर्शेषज्ञों  ने भाग लिया। दुनिया भर में दूषित जल को शोधित कर बडी मात्रा में प्रयोग किया जा रहा है। भारत में दूषित जल को शोधित कर फिर से उपयोग में लाने की संभावनाओं पर विशेषज्ञों ने संगो‍ष्‍ठी में अपने प्रपत्र प्रस्‍तुत किये।
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पर्यावरण मंत्रालय ने मनाया विश्‍व जल दिवस 2017

22-मार्च-2017 18:16 IST
इस साल के समारोह का केंद्रीय विषय ‘अपशिष्‍ट जल’ है   
1.8 अरब लोग करते हैं पेयजल के लिए मल से दूषित स्रोत का इस्‍तेमाल

नई दिल्ली: 22 मार्च 2017: (पसूका//पंजाब स्क्रीन):: 
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में
सचिव श्री अजय नारायण झा प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए
आज विश्व जल दिवस के अवसर पर अपेक्षित  कार्यक्रमों का आयोजन तो नहीं हुआ लेकिन फिर भी सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने इस मकसद के लिए काफी कुछ किया। इन आयोजनों से तुरन्त शायद कोई फायदा होता नज़र न भी आए लेकिन आम  लोगों में एक जागरूकता अभियान अवश्य शुरू होगा।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने आज यहां ‘विश्‍व जल दिवस 2017’ मनाया। हर वर्ष विश्‍व जल दिवस पर ताजा जल के एक विशिष्‍ट पहलू पर प्रकाश डाला जाता है। विश्‍व जल दिवस 2017 की थीम ‘अपशिष्‍ट जल’ है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्री अजय नारायण झा ने इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। ‘जल है तो कल है’ शीर्षक वाली यह प्रदर्शनी जल संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्‍य से आयोजित की गई। स्‍कूली बच्‍चों के एक समूह ने कला प्रदर्शन के जरिए इस बारे में संदेश दिया।
विश्‍व जल दिवस हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्‍य ताजा जल की अहमियत की ओर ध्‍यान आकर्षित करना और ताजा जल के संसाधनों के सतत प्रबंधन की वकालत करना है। गौरतलब है कि 22 मार्च 1993 को प्रथम विश्‍व जल दिवस के रूप में मनाया गया था।  

आज 1.8 अरब लोग पेयजल के लिए एक ऐसे स्रोत का इस्‍तेमाल करते हैं, जो मल से दूषित होता है। इस वजह से उन्‍हें हैजा, पेचिश, टाइफाइड और पोलियो होने का खतरा सदा ही बना रहता है।

जल संरक्षण पर प्रदर्शनी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक अधीनस्‍थ कार्यालय राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्‍ल्‍यूबी), जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा संयुक्‍त रूप से आयोजित की गई। इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारीगण एवं अन्‍य पदाधिकारी भी उपस्‍थित थे।

Monday, March 20, 2017

मैडिसन बाबा को दवाईयों के लिए दिया सहयोग

Mon, Mar 20, 2017 at 5:04 PM
उत्तकृष्ट मानव सेवा सम्मान से किया सम्मानित

लुधियाना: 20 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
भगवान महावीर सेवा संस्थान द्वारा जैन धर्म के प्रथम तीरथंकर भगवान ऋषभदेव के दिक्षा कल्याणक के उपलक्षय में समिति केन्द्र जैन मन्दिर सिविल लाईन्ज़ में पधारे मैडिसन बाबा (श्री ओमकार नाथ शर्मा) दुनिया भर में मशहूर समाज सेवी जो घर-घर जा कर लोगों को घर में पड़ी बेकार दवाईयों को इक्ट्टठा कर उन्हें जरूरतमंद लोगों तक, डिस्पैंसरियों एवं सरकारी हस्पतालों में जाकर मरीजों को दवाईयां देकर समाज सेवा का उनूठा उदाहरण बने मैडिसन बाबा को दुनिया भर में उनकी समाज सेवा को इलैक्ट्रोनिक मिडिया ने दुनिया भर में उनकी सेवा के जनून को दिखाया देश में हजारों लोग उनकी इस सेवा में जु़ड़ गए उनके इसी नेक काम में भगवान महावीर सेवा संस्थान ने भी जरूरतमंद रोगियों की दवाईयों के लिए 21000 का एक चैक देकर अपनी असली मानव सेवा का परिचय दिया । इस मौके पर संस्था के प्रधान राकेश जैन ने बताया अगर हम दयावान और समर्थवान है । तो ऐसे मानव सेवियों के साथ जुड़ जाना चाहिए इस से बड़ा पुण्य कोई भी नहीं होगा । इस मौके पर मैडिसन बाबा को संस्थान द्वारा उत्तकृष्ट मानव सेवा सम्मान से भी सम्मानित किया गया । मैडिसन बाबा ने संस्थान द्वारा किए जा रहे दिव्यांगों की सेवा के कार्यों की भूरी-भूरी अनमोदन की और सहयोग के लिए संस्था का धन्यावाद किया । इस मौके पर भगवान महावीर सेवा संस्थान की महामंत्री डा. बबिता जैन, पैर्टन नीलम जैन (कंगारू ग्रुप), विनोद जैन, रजनी जैन, सुरिन्द्र सिंगला, डा. संदीप जैन प्रधान पी.एफ.ए., ए.पी. जैन, रमा जैन, रिधि जैन, दिव्यांश जैन, विनय जैन, राकेश जैन, सुभाष सौंधी, सुरेश-रजनी जैन, सतीश-कविता जैन, गगनदीप कौर, राजेश जैन, कुलदीप जैन, सुनील गुप्ता, राकेश अग्रवाल आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे ।

Friday, March 17, 2017

कैप्टन सरकार लाएगी पंजाब में राम राज्य--वरुण मेहता


Fri, Mar 17, 2017 at 1:02 PM
पंजाब के युवायों के उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत : हरकीरत
लुधियाना: 17 मार्च 2017:(पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::


पंजाब में पिछले 10 वर्षों से राज्य का हर वर्ग त्राहि त्राहि कर रहा था व चुनाव परिणामो में कांग्रेस पार्टी को मिली इतिहासिक जीत से प्रदेश की जनता को उम्मीद की नई किरण दिखाई दी है। यह विचार श्री हिन्दू तख्त के वरुण मेहता ने व्यक्त किये हैं। 
वीरवार को राजभवन में कैप्टन अमरेंद्र सिंह की ताजपोशी के बाद स्थानीय मॉडल टाउन में यूथ फेडरेशन के प्रधान हरकीरत खुराना की अध्यक्षता में आयोजित विशेष बैठक को संबोधित करते हुए श्री हिन्दू तख़्त के प्रमुख प्रदेश प्रचारक वरुण मेहता ने कहा कि राज्य की जनता ने 2002 से 2007 तक कैप्टन अमरेंद्र द्वारा कांग्रेस शाशनकाल के दौरान प्रदेश की जनता के हित में लिए गए फैसलों के दौर को देखा है व अब भी जब पिछले 10 वर्षों से राज्य का व्यापारी , मजदुर,अध्यापक,छोटे उधमी,सरकारी व् गैर सरकारी कर्मचारी वर्ग सरकार की लोकमारु नीतियों से तंग आ चुका था अब कैप्टन के नेतृत्व में 16 मार्च से राज्य के विकास हेतु रखे नीव पत्थर से उम्मीद की किरण जागी है व् शपथ लेते ही उनके द्वारा राज्य की जनता को सुशाशन देने हेतु किये प्रशाशनिक फेरबदल से इसकी शुरुआत हो चुकी है जोकि हर वर्ग के लिए लाभकारी होगा मेहता ने कहा कि प्रदेश की जनता ने आम आदमी पार्टी के नेतायों के सत्ता हासिल कर राज्य को पुनः आंतकवाद की आग में धकेलने के तिलस्मी महल को ध्वस्त कर पंजाब को तबाह होने से बचा लिया लेकिन अभी भी सत्ता न मिलने से हताशा में आप पार्टी कट्टरपंथी ताकतों से मिलकर राज्य के माहौल को खराब करने की साज़िशें रच सकती है जिसके लिए प्रदेश सरकार को इन पर नुकेल डालने की जरूरत है।

फेडरेशन के प्रधान स हरकीरत खुराना ने कहा कि नव नियुक्त मुख्यमंत्री द्वारा राज्य से 4 हफ़्तों में नशाखोरी को खत्म करने की घोषणा का समर्थन करते हुए कहा कि नशे की दलदल में हज़ारो युवायों की जान गवाने वाले उनके परिवारों को भी इस घोषणा से साहसिक सवेदना मिली है बेशक नशाखोरी समाप्त करने में 6 महीने लग जाए लेकिन यह बहुत बाड़ी बात है कि कैप्टन ने नशा माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए।

आज इस बैठक में राजिंदर भाटिया, दिनेश दिवाकर, गुरप्रीत भाटिया , सुनील कुमार , राम बालिका राजेश सिंगला , कैलाश माथुर ,अमित पासी , मान सिंह ,प्रितपाल सिंह , ग़ज़्ज़न सिंह , सतवीर सत्ती , बाल ऋषि , विनीत धींगरा व अन्य भी उपस्थित थे।

गुरदासपुर: हाई अलर्ट के बावजूद भी नाके दिखे खाली

Fri, Mar 17, 2017 at 12:30 PM
पुलिस ने कहा कि  नाके बदलना हमारी रणनीति
गुरदासपुर: 17 मार्च 2017: (विजय शर्मा//पंजाब स्क्रीन):
मंगलवार को पठानकोट में संदिग्ध होने की सुचना और बुधवार को अमृतसर के एयरपोर्ट पर संदिग्ध बेग भले ही पूरे पंजाब में हाई अलर्ट पर चल रही है,लेकिन गुरदासपुर जिले में अधिकांश पुलिस नाके खाली नजर आए, हालांकि जिला पुलिस अधिकारियो का कहना है कि पुलिस द्वारा एक जगह पर पक्के नाके लगाने की बजाए बदल-बदल कर नाके लगाने की योजना बनाई है,ताकि असमाजिक तत्वों को पुलिस की नीति समझ ना आ सके।

    उल्लेखनीय है कि मंगलवार को पठानकोट एयरबेस क्षेत्र में संदिग्ध होने संबंधी मिली सुचना के बाद पुलिस व सेना द्वारा संयुक्त्त रूप से सर्च ऑपरेशन चलाया गया,जबकि अगले ही दिन बुधवार को अमृतसर के एयरपोर्ट पर भी एक संदिग्ध बेग मिला, जिसके बाद पूरे पंजाब में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया।जब जिला गुरदासपुर में पड़ते पुलिस नाको का निरीक्षण किया गया तो पुलिस नाको से जवान नदारद पाए गए, जबकि कई जगहों पर ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी ही तैनात थे।
शहर में स्ट्रीट लाईटे भी पड़ी बंद:नगर कौंसिल गुरदासपुर द्वारा पावरकॉम को पिछले करीब आठ साल से भुगतान न किए जाने से चलते 10 करोड़ से अधिक बकाया चल रहा है, जिसके चलते पावरकाम द्वारा शहर की स्ट्रीट लाइटों का कनेक्शन भी काटा हुआ है और शाम होते ही पूरा शहर अंधेरे में डूब जाता है। 
यहा-यहा खाली मिले नाके:गुरदासपुर के मंडी चौक, काहनूवान चौक, हनुमान चौक, तिब्बड़ी चौक, मिल्क प्लांट चौक पर पुलिस द्वारा दीनानगर व पठानकोट आंतकवादी हमले के बाद बंकर बनाए गए हैं, लेकिन वर्तमान में उनमे कोई भी पुलिस कर्मचारी तैनात  नहीं था।
अति संवेदनशील माना जाता है जिला गुरदासपुर:पुलिस थाना दीनानगर पर हुए आंतकी हमले और जिले में पड़ती भारत-पाक सीमा से कई बार हो चुकी घुसपैठ की कोशिश के चलते जिला गुरदासपुर को अति संवेदनशील जिला माना जाता है। काबिले जिक्र है कि जिले में आए दिन अलग-अलग जगहों पर संदिग्ध देखे जाने के चलते कई बार बड़े सर्च ऑपरेशन भी चलाए जा चुके हैं।लेकिन इसके बावजूद पुलिस द्वारा कुछ दिन की सख्ती के बाद फिर से ढीली कारवाई को अपना लिया जाता है।
दीनानगर बाईपास से बड़ा नाका हटाया:दीनानगर थाने पर हुए बड़े आंतकी हमले के बाद से ही दीनानगर गुरदासपुर बाईपास चौक पर दो बंकर व एक पुलिस चोंकी बनाकर करीब आधा दर्जन कर्मचारी दिन रात डयूटी पर तैनात रहते थे।इस नाके पर पुलिस   द्वारा भारी बेरिकेंडिग भी की गई थी।लेकिन क्षेत्र वासियों को उस समय हैरानी हुई,जब हाई अलर्ट के बीच ही उक्त नाके से सारे बेरिकेड्स हटाने के साथ ही पुलिस कर्मचारियों को भी हटा दिया गया।
दूसरी जगह लगाया नाका:
दीनानगर-गुरदासपुर बाईपास चौक से नाका हटाए जाने से संबंधि एएसपी वरुण शर्मा का कहना है कि उक्त नाके को हटा कर दूसरी जगह पर लगाया गया है।उन्होंने ने बताया कि यह फैंसला उच्च अधिकारियो द्वारा लिया गया है।
चलाया गया है विशेष चैकिंग अभियान:डी एस पी 
डीएसपी सिटी कुलवंत राय ने बताया कि जिले में हाई अलर्ट के चलते एसएसपी जसदीप सिंह के नेतृत्व में पूरी रात विशेष चैकिंग अभियान चलाया हुआ था।उन्होंने बताया कि जिले में बने पुलिस नाको से पुलिस को हटाया नहीं गया बल्कि उन्हें अलग-अलग जगहों पर मूव करने के लिए कहा गया है, ताकि एक ही जगह पर पक्का नाका लगा रहने से असमाजिक तत्वों अन्य रास्ते को अपना अप्रिय घटना को अंजाम न दिया जा सके।

जिंदुआ’ रोमांस, इमोशन्स और रिश्तों का त्रिकोण

17 को सिनेमा हाल में देखिये हंसी,आँसू और मुस्कुराहटों की कहानी
लुधियाना: 16 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::   For More Pics Please Click Here
कभी-कभी एक सच हज़ारों झूठ से बुरा होता है और एक ऐसी फिल्म जो एक सरल रोमैन्टिक कहानी की तरह लगती है वो अचानक से एक ऐसा टर्न लेती है जो लोगों को उनकी सीटों से जोड़े रखेगी और उन्हें जिंदगी के अलग रंगों और इमोशन का अनुभव करवाएगी। ओहरी प्रोडक्शन और इन्फेन्ट्री पिक्चर्ज़ जिनके सहयोगी हैं यदु प्रोडक्शन लेकर आए हैं अपनी प्रस्तुति ‘जिंदुआ’ जिसमें अहम किरदार में नज़र आएंगे एक्टर जिम्मी शेरगिल, ऐक्ट्रस नीरू बाजवा, सरगुन मेहता और हास्य कलाकार राजीव ठाकुर।
फिल्म की कहानी एक्टर जिम्मी शेरगिल, ऐक्ट्रिस नीरू बाजवा, सरगुन मेहता इन तीन किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फिल्म डायरेक्शन है मशहूर नवनियत सिंह की, फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले किया है धीरज रत्न ने। फिल्म का म्यूज़िक दिया है मशहूर जयदेव कुमार, प्रोफे-सी और अर्जुना हरजाई ने। फिल्म का म्यूज़िक स्पीड रेकार्ड द्वारा लेबल किया गया है।
फिल्म के बारे में बात करते हुए एक्टर जिम्मी शेरगिल ने कहा कि, “फिल्म ड्रामा, रोमैन्स, इमोशन और रोमांच से भरी है। स्क्रिप्ट ने मुझे बेहद आकर्षित किया और फिल्म की पूरी कास्ट ने बेहतरीन तरीके से काम किया। मैं इस फिल्म का हिस्सा बन कर बेहद खुश हूँ। फिल्म पूरी तरह से आपको रिश्तों का एहसास करवाएगी”।
ऐक्ट्रिस सरगुन मेहता ने कहा कि, “मैं रिलीज़ के लिए बेहद इक्साइटिड हूँ। फिल्म की कहानी दिल को छू जाने वाली है जिसमें हर एक किरदार बेहद उभर कर आ रहा है। फिल्म आपको फैमिली और रिश्तों की अहमियत के बारे में बताती है। मैं उम्मीद करती हूँ कि लोग भी इस फिल्म को उतना ही पसंद करेंगे जितना कि मैनें किया”।
मशहूर हास्य कलाकार राजीव ठाकुर ने कहा कि, “फिल्म आपको प्यार की एक अलग ही साइड दिखाएगी जिसमें आपको लव ट्राइऐंगल का ट्विस्ट दिखेगा। ये फिल्म लोगों को तीन अलग किरदारों की लव जर्नी पर लेकर जाएगी। वहीं फिल्म की पूरी कास्ट और क्रू काफी सपोर्टिव थी और हम सब ने अपना बैस्ट दिया है”।
फिल्म के डिरेक्टर नवनियत सिंह ने कहा की, “फिल्म की सबसे अहम बात यह है की ये फिल्म न केवल कपल्स को बल्कि सभी को पसंद आएगी। ये फिल्म रिश्तों और उनकी अहमियत पर आधारित है और हमें उम्मीद है कि हमारी मेहनत लोगों को खूब पसंद आएगी”। तो हो जाइए तैयार और खो जाइए जिंदुआ के रंगों और इमोशन्स में। For More Pics Please Click Here

Tuesday, March 14, 2017

स्किन प्रोब्लेम्स पर लेटेस्ट रिसर्च और टिप्स की चर्चा

Date: 2017-03-14 16:54 GMT+05:30
डा.ज़ारा शेख़ एवं डा.ईमरान खान ने बतायीं काम की बातें
लुधियाना: 14 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
विकास के साथ साथ बढ़ रही हैं तन और मन की समस्याएं। प्रदूषित पर्यावरण, बदलता मौसम और मिलावटी खानपान से आए दिन नयी समस्या सामने आती है। इन्हीं में से एक है स्किन की समस्या। काले दाग, स्याही जैसे धब्बे, खुजली, और कई तरह की बातें आजकल आम हो रही हैं। इन्हीं बातों को लेकर एक विशेष सेमिनार कराया गया। फास्डर्मा इंडिया इज़ारा कम्पनी की तरफ से एक ब्यूटी स्कीन ट्रीटमेंट सेमिनार का आयोजन मंगलवार को होटल फ्रेंड्स रीजेंसी में किया गया। विशेष रूप से डॉ ज़ारा शेख़ एवं डॉ ईमरान खान ने आए हुए सभी स्कीन विशेषज्ञों को लेटेस्ट रिसर्च और टिप्स दिए कि स्किन की प्रोब्लेम्स को कैसे ठीक किया जा सकता है। आज के दौर में हो रही स्कीन प्रोब्लेम्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनको कैसे ठीक किया जाए और उनसे कैसे बचा जाए। आने वाले गर्मी के मौसम में स्कीन को धूप से कैसे बचाया जाए और कैसे धूल मिटी से बचा कर अपनी त्वचा को सूंदर रख सकते है। बदलते मौसम के मुताबिक आपको रोज़ाना इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोडक्ट्स को अपने स्कीन को ध्यान में रखते हुए ही खरीदना चाहिए या फिर एक्सपर्ट्स की सलाह से ही इस्तेमाल करना चाहिए।

Monday, March 13, 2017

योगेश मास्टर के चेहरे पर कालिख पोती:2 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया

मामले की जांच के लिए कई पुलिस टीमों का गठन भी किया गया
दवाणगेरे (कर्नाटक): 13 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
चुनावी परिणामों में जीत की घोषणा होते ही प्रगतशील कलमकारों पर हमे फिर शुरू हो गए हैं। अब नई घटना हुई है योगेश मास्टर के साथ। यहां के एक ‘‘प्रगतिशील’’ लेखक योगेश मास्टर के मुंह पर कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर काली स्याही पोत दी और हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ कुछ लिखने पर गंभीर दुष्परिणामों की धमकी भी दी। सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी निंदा हो रही है। Ivan Yas ने अपनी एक पोस्ट में बताया है कि यह निंदनीय और शर्मनाक हमला एबीवीपी के कार्टकर्तायों ने किया है।इन लोगों ने होली के पाबन्द त्यौहार के अदब और मर्यादा की धज्जियां उड़ाते हुए आयल पेंट फेंक क्र लेखक और फिल्म निर्देशक योगेश मास्टर के मुँह पर कलिख पोती। 

इसी बीच दवाणगेरे के पुलिस अधीक्षक भीमशंकर गुलेड़ ने मीडिया को बताया कि कल जब योगेश मास्टर यहां चाय की एक दूकान पर चाय पी रहे थे तभी आठ-नौ लोगों ने उनके मुंह पर काली स्याही लगा दी और वहां से भाग गए। उन्होंने बताया कि विवादित कन्नड़ उपन्यास ‘‘दुन्धी’’ के लेखक योगेश कन्नड़ साप्ताहिक पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिका’ द्वारा आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में शामिल होने यहां आए हुए थे। गौरतलब है कि पत्रकार गौरी लंकेश इस साप्ताहिक पत्रिका को चलाते है। प्रगतिशील विचारों को समर्पित लेखकों में उनका काफी सम्मान है। गुलेड़ ने बताया कि योगेश को हिंदू देवताओं के खिलाफ लिखने के लिए गंभीर दुष्परिणामों की चेतावनी दी गई थी। उन्होंने बताया कि संदिग्ध लोगों ने भागने से पहले ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया।

उन्होंने बताया कि इस मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। गौरी लंकेश समेत सभी प्रतिभागियों और आयोजकों ने पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया और शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि भाकपा के राज्य महासचिव सिद्दानागौड़ा पाटिल भी इस मार्च में शामिल थे। गुलेड़ ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हमलावर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता थे और इस घटना की पूरी जांच और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। गुलेड़ ने बताया कि इस मामले की जांच करने के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है।

Sunday, March 12, 2017

ध्यान योग का विज्ञान ही पूर्ण स्वास्थ्य का मूल है : डॉ. सतीश गुप्ता

डा. गुप्ता अनेक राष्ट्रीय व  अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित 
लुधियाना: 12 मार्च, 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय, लुधियाना शाखा की संचालिका बी.के. राज दीदी की अध्यक्षता में रविवार सांय गुरु नानक पब्लिक स्कूल, साराभा नगर, लुधियाना के ऑडीटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में भारी सभा को संबोधित करते हुए ग्लोबल हॉसपिटल व रिसर्च सैंटर माऊंट आबू से आए हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश गुप्ता ने खुशहाल व स्वस्थ जीवन के सरल सहज उपाए बताए। उन्होंने राजयोग ध्यान का विज्ञान व स्वास्थ्य के लिए इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। डॉ. सतीश गुप्ता को चिकित्सा, खास तौर पर हृदय रोगों से बचाव के संबंध में व राजयोग के क्षेत्र में अनेक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। वे बिना आपरेशन, केवल खान-पान, रहन-सहन के परहेज व राजयोग ध्यान योग के माध्यम से अनेक हृदय धमनियों के अवरोध को सफलता पूर्वक दूर कर चुके हैं। इस मौके पर लुधियाना के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि आज समाज में भले चिकित्सक, विशेषज्ञ व चिकित्सा संस्थान बढ़ रहे हैं परन्तु बीमारियां भी कम होने के बजाए बढ़ गई हैं। इसके कारण पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि आज हमारी जीवनशैली से संबंधित अनेकों बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्चरक्तचाप, थायरायड, कैंसर, हृदय रोग, त्वचा रोग, फेफड़ों के रोग, पेट की बीमारियों आदि ने हमें घेर लिया है। इनसे पूर्णत निजात इस लिए नहीं मिल पा रही क्योंकि शारीरिक स्वास्थ्य हमारी पूर्ण सेहत का केवल एक पहलू है। इसके अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं- मानसिक व अध्यात्मिक पहलू पर हम गौर ही नहीं कर रहे। जबकि मानसिक व आध्यात्मिक पहलूओं के अस्वस्थ होने पर ही शरीर में रोग होते हैं। आज हर कोई चिंता, तनाव, क्रोध, आक्रोश, असंतुष्टता, डर, लोभ, मोह, अहंकार आदि अनेक अस्वस्थ मनोभावों को अपना चुका है इसे अपना स्वभाव मान कर स्वीकार कर चुका है। जबकि ऐसा ही अस्वस्थ मन-अस्वस्थ खान-पान, व रहन-सहन को स्वीकृति देता है जिससे शरीर में तो रोग होते ही हैं। इन्हीं मनोभावों के कारण आपसी संबंधों में मनमुटाव व सामाजिक स्वास्थ्य को भी हानि पहुंचती है। मन को स्वस्थ, सशक्त रखने का एक मात्र रास्ता अध्यात्म ज्ञान का जीवन में पालन करना है। अध्यात्म ज्ञान हमें सिखाता है कि हम मूल रूप से शरीर नहीं बल्कि शांत स्वरूप आत्मा है और हम सब एक परमात्म पिता की सन्तान व आपस में भाई-भाई हैं। यह आत्मिक ज्ञान हमें देह, मन की अस्वस्थ मानसिकता से उभरने में मदद करता है। इसे राजयोग मैडीटेशन के नियमित अयास द्वारा दृढ़ किया जा सकता है। राजयोग के द्वारा हमें आत्मा के सात गुणों- सुख, शांति, प्रेम, आनन्द, ज्ञान, पवित्रता व शक्तियों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा व मार्ग मिलता है। मैडीटेशन द्वारा बिचारों पर नियन्त्रण व उन्हें सही दिशा देकर हम अभ्यन्तर तौर पर स्वस्थ होते हैं व शरीर रोगों से भी मुक्त होते हैं। मन के विचार कम होने से वे सशक्त व सकारात्मक भी होते हैं। तभी आत्मा अपने पिता परमात्मा से संबंध स्थापित कर सब शक्तियों का अनुभव कर पाती है। इस प्रकार स्वस्थ मन, आत्मा व शरीर के बीच कड़ी का काम करते हुए आत्मिक गुणों को स्वस्थ जीवन के रूप से प्रकाशित करता है। ऐसे स्वस्थ मानसिकता, सकारात्मकता से हमारा खान-पान, रहन-सहन भी सदा स्वस्थ होता जाता है। समाज के प्रति उदार प्रवृति हो जाती है। इस प्रकार ध्यान योग का विज्ञान पूर्ण स्वास्थ्य का मूल कहा जा सकता है। 
सत्र के दौरान डॉ. सतीश जी ने उपस्थित लोगों को राजयोग मैडीटेशन का अयास भी कराया जिसे सभी ने सराहा।

Saturday, March 11, 2017

दिल से कोई भी काम करें तो सफलता कदम चूमती है

सामाजिक क्रांति की प्रतीक शर्मिला टैगोर के रूबरू 
लुधियाना: 11 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
सामाजिक क्रांति की एक सशक्त प्रतीक शर्मिला टैगोर आज उस समय लुधियाना में थी जिस दिन वोट के ज़रिये क्रांति की घोषणा हो रही थी। हिंदु परिवार में जन्म लेकर एक मुस्लिम से शादी करना आसान नहीं था लेकिन शर्मिला ने साबित कर दिखाया कि अगर प्रेम की शक्ति साथ हो तो यह सब सम्भव है। उन्होंने यह भी साबित किया कि प्रेम ही जातपात और धर्म के कटटरपन की दीवारों को तोड़ सकता है। 
शर्मिला टैगोर भारतीय फिल्मों की सशक्त अभिनेत्री रही हैं। शर्मिला टैगोर का जन्म हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, भारत में एक हिंदू बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिताजी Gitindranath टैगोर एल्गिन मिल्स की ब्रिटिश इंडिया कंपनी मालिक के महाप्रबंधक थे।
यादगारी आयोजन कराया फिक्की फ्लो की तरफ से। इस प्रोग्राम में शहर की चुनिंदा हस्तियां पहुंचीं। शर्मिला ने बहुत सी बातों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि 13 साल की उम्र में ही उन्होंने बॉलीवुड में आने का फैसला कर लिया था क्योंकि उन्हें कोलकाता के मशहूर डायरेक्टर की दो फिल्मों में अभिनय करने का मौका मिल गया था। उसके बाद वह मुंबई में जाकर बस गई। इस मौके पर पारम्परिक दौर के साथ साथ आधुनिक ज़माने की बातें भी हुईं। उस वक़्त की जनरेशन और आज की जनरेशन के माइंड सेटअप पर शर्मिला ने सटीक बातें कहीं शर्मिला ने बताया कि आजकल की मॉडर्न जनरेशन अपनी मर्जी से काम करती है। इसलिए वह अपना अधिकतर समय अपने पोतों व पोतियों के साथ बिताती हैं। यह एक सुझाव भी था उस महिला वर्ग को जो उदास हो कर घर में पड़ा रहता है उदासीन हो कर।  

पैरेंटिंग टिप्स भी दिए: आज के दौर की प्रमुख समस्या पैरेंटिंग की भी उन्होंने चर्चा की और अपने अनुभव भी बताये। शर्मिला ने महिलाओं के साथ इंटरैक्शन में उनके बच्चों के साथ जीरो से तीन वर्ष की उम्र तक और छह वर्ष की उम्र तक पैरेंटिंग के टिप्स दिए। शर्मिला ने बताया कि उनके जमाने में महिलाएं बॉलीवुड में आती थीं तो लोगों की सोच सीमित थी, पर आज जमाना बदल रहा है। अगर आप फोकस्ड और विल पावर और दिल से कोई भी काम करते हैं तो सफलता आपके कदम चूमती है। आज के  व्यस्त और छोटे परिवारों के दौर में इस चर्चा से बहुत सी महिलायों ने फायदा उठाया।
उन्होंने अपने विवाह की भी चर्चा की और उस ज़माने में सामने आई चुनौतियों की भी। शर्मिला ने बताया कि उन्होंने क्रिकेटर नवाब टाइगर पटौदी के साथ शादी इसलिए की क्योंकि उन्हें लगता था वह पूरी उम्र उनकी रक्षा कर सकते थे। उनके देहांत के बाद वह पटौदी ट्रस्ट चला रही हैं। उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान, संजय दत्त, आमिर खान, प्रियंका चोपड़ा के सामाजिक कार्यो की तारीफ की। उन्होंने महिला की आजादी पर कहा कि इसके लिए कोई फार्मूला नहीं होता। लेकिन मेहनत, खुद पर यकीन और पॉजिटिविटी ही एक अच्छा जीवन जीने का मंत्र है। इन सुझावों को वहां मौजूद लोगों ने बहुत महत्व से सुना। 
कुछ ख़ास लोगों का ख़ास ज़िक्र: सफलता और शोहरत की शिखरों को छूने के बावजूद शर्मिला अपने ख़ास लोगों को याद करना नहीं भूली। शर्मिला ने कहा कि फिक्की मेंबर मीनाक्षी ने उनके पूरे जीवन को एक कविता में पिरोकर उनको सम्मान दिया है। तरुणा ने उनका पॉटरेट बनाया। एक अन्य महिला ने उनकी डलहौजी की एक यात्रा के दौरान उनके घर पर खींची गई तस्वीरें साझा की। फिक्की फ्लो की चेयरमैन सविता अग्रवाल ने कहा कि शर्मिला से सीखने के लिए बहुत कुछ है और उन्होंने जिस तरह से अपनी निजी और प्रोफेशनल लाइफ में सफलता हासिल की है वह सराहनीय है। उन्होंने गुंजन जैन की किताब में जिस तरह सफलता प्राप्त कर चुकी औरतों की चौबीस कहानियों का जिक्र किया, उसकी प्रशंसा की। फिक्की फ्लो के इस कार्यक्रम में शर्मिला टैगोर के फैंस का आलम यह था कि महिलाओं के लिए आयोजित प्रोग्राम में उनके पति और शहर के माने जाने कॉरपोरेट घराने के लोग, डॉक्टर्स, सोशल एक्टिविस्ट, फैशन डिजाइनर भी पहुंचे हुए थे। कुल मिलाकर यह एक यादगारी कार्यक्रम था जिसने साबित किया कि चुनावी और सियासी जनून के चलते भी लोग इन ख़ास आयोजनों को तरजीह देते हैं। इनमें शामिल होना चुनावी और सियासी जनून से अधिक महत्वपूर्ण बनता जा रहा है। समाजिक बदलाव के लिए यह एक अच्छा संकेत भी है।  

Wednesday, March 08, 2017

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस: नारी शक्ति ने किया आरपार की जंग का फैसला

लुधियाना में भी होंगें कई अहम आयोजन और खुलासे 
लुधियाना: 7 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::    
कल यानि 8 मार्च को फिर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है। बहुत से कार्यक्रम होंगें।  बहुत से आयोजन किये जायेंगे। कहने सुनने को बहुत कुछ होगा लेकिन इन आयोजनों से महिला सशक्तिकरण के अभियान को कितना बल मिलेगा यह कहना अभी कल्पना की बात लगती है। इसी बीच पता चला है कि बेलन ब्रिगेड, पंजाब स्त्री सभा, ट्रेड यूनियन इंटक और कुछ अन्य संगठन इस अवसर पर कुछ विशेष करने में जुटे हैं
महिलायों के साथ अन्याय का सिलसिला पुराना है। फ़िल्मी कहानियों और गीतों में दिखाए दुःख दर्द को देख कर जिन की आँखें भर आती हैं उनको शायद विश्वास न हो कि वास्तविक स्थिति इससे कहीं अधिक भयानक है। अगर राम क्र युग में सीता की अग्नि परीक्षा हुई थी तो हालत आज भी वहीँ है। अंतर पड़ा है केवल इतना कि अब नाम बदल गए हैं। स्थान बदल गए हैं लेकिन हालत बाद से बदतर होती चली गई है। आज शादी विवाह में अर्धनग्न लड़कियों से अश्लील डांस करवाये जाते हैं। अगर डांस के दौरान किसी का मन ज़्यादा मचल जाये और उससे गोली तक चल जाये तो किसी डांसर की दुखद हत्या के बावजूद मामले को रफादफा करने की कोशिशें ज़्यादा होती हैं। अगर किसी नेता की बस ताकत के मद में चूर होकर दो सगी बहनों को भी सरेआम कुचल दे तो भी आरोपी को सबक सिखाने की करवाई नहीं होती।
अगर किलेबन्दी जैसी सुरक्षा में भी वृद्ध माता चन्द कौर की हत्या हो जाये तो एक वर्ष पूरा होने पर भी हत्यारों का पता तक नहीं लगाया जाता। गौरतलब है कि  वह नामधारी संप्रदाय की गुरु माता थी। जिस जगह पर कभी पंजाब के बुरे दिनों में भी हमला नहीं हुआ था वहां शांति और विकास के दिनों में गुरु माता की जघन्य हत्या कर दी गयी। 
अगर ढंडारी में सामूहिक रेप के बाद युवा लड़की को ज़िंदा जला दिया जाये तो भी समाज में आरोपियों को कोई ऐसी सज़ा नहीं दी जाती जिससे जनता के सामने कोई क़ानूनी डर पैदा हो सके। छेड़छाड़, बलात्कार और हत्या आम हो चुकी है। महिला न घरों में सुरक्षित है, न ही बाज़ारों में, न ही कारोबारी संस्थानों में। पल पल बाद आँखों के सामने आते विज्ञापन महिला को केवल भोग की वस्तु बनाने पे तुले हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं। किसी ने परफ्यूम बेचना हो या बाईक विज्ञापन दिया जाता है लड़की का।पूंजीवादी सिस्टम में यही कुछ होता है।  अगर यह सब जारी रहा तो परिणाम और भी भयानक हो सकते हैं। नवरात्र रख कर देवी के नो रूपों की पूजा करने वाले इस तथाकथित धार्मिक समाज ने महिला को भोग की वस्तु बनाये जाने पर कभी एतराज़ नहीं किया।
इसी बीच संगीता ने बताया कि कैसे उसके पति ने उस धोखा दे कर दूसरी शादी कर ली और उसे फोन पर गुमराह करता रहा कि वह पोर्टब्लेयर जेल में बन्द है। जब उसकी दूसरी पत्नी को ढूंढा गया तो उसने दूसरी पत्नी की सहेली को भी अपने जाल में फांस लिया। इस सारे झमेले में संगीत की ननद ने भी अपना दुःख बताया कि कैसे भाईयों को पैरों पर खड़ा करने के चक्कर में उसका जीवन भी बर्बाद ही गया।  उसकी विवाह की उम्र तक भी निकल गयी।  अब वह सिंगल वुमेन के तौर ज़िन्दगी गुज़र रही है। इस तरह के कई  खुलासे आपके सामने आएंगे 8 मार्च को।
एक परिवार अपनी किशोर उम्र बच्चियों को चरित्रहीन समझ कर नहर में धकेल देता है और हमारे समाज में कोई रोष नहीं उठता। कीड़े मकोड़ों की तरह इंसानी मौतों को भी मूक दर्शक बन कर देख लिए जाता है। सदियों से प्रताड़ित महिला शक्ति अब जाग उठी है। हो सकता है वह अपनी सत्ता को स्वीकृत करवाने के लिए आर पर की लड़ाई लड़े। 

Sunday, March 05, 2017

विवाह के वचनों की क़ानूनी सुरक्षा मज़बूत करने का अभियान शुरू

बेलन ब्रिगेड ने बजाया नई महिला जंग का बिगुल 
लुधियाना: 4 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::  For more photos please click here 
अग्नि के समक्ष लिए गए सात फेरों या आनन्द कारज के अंतर्गत हुई लावां फेरों की रस्म को धत्ता बताते हुए वैवाहिक जीबन को तहस नहस करने वालों को अब बेलन ब्रिगेड ने आड़े हाथों लेने का ऐलान किया है। ब्रिगेड ने मांग की है कि इन फेरो में दिए जाते वचनों को ऐफिडेविट के ज़रिये  सुरक्षा और मान्यता प्रदान की जाये। ब्रिगेड ने आज सर्कट हाऊस में एक प्रेस कांफ्रेंस करके कि  किस तरह महिलायों की ज़िन्दगी एक श्राप बन चुकी है और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। इसके साथ ही ब्रिगेड ने याद दिलाया कि इतिहास गवाह है कि पुराने वक्त में भी महिलाये मर्दो से ज्यादा काम करती थी और आज भी हालत में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ। इस मीडिया  मीट में ब्रिगेड की प्रमुख अनीता शर्मा, उनकी राईट  हैंड कोमल शर्मा,  शोभा दीदी और कुछ अन्य प्रमुख महिलाये मौजूद थीं।    For more photos please click here 
ब्रिगेड ने कहा कि दूल्हा व दुल्हन फेरो के वक्त कलयुग में अग्नि को साक्षी मानकर मौखिक वचन देने की परम्परा को छोड़ कर बाकायदा ऐफिडेविट दें।  For more photos please click here 
इस अबसर पर संस्था की राष्ट्रीय अध्य्क्ष आर्किटेक्ट अनीता शर्मा ने कहा कि 18 वी सदी में महिलाये घर में रह कर ही काम करती थी, सारी जिंदगी घूंघट में ही निकाल देती थीं और उन्हें एक मिनट भी काम से फुर्सत नहीं मिलती थी। कुंए से पानी लाना, लकड़ी से चूल्हे पर खाना बनाना, कच्चे घरों को लीपना पोतना, पूरे परिवार की देखभाल करनी और 8 -10 बच्चो को जन्म देना और उनका पालन पोषण करना होता था। इतिहास गवाह है कि पुराने वक्त में भी महिलाये मर्दो से ज्यादा काम करती थी। मर्द तो केवल जंगलों में दिन भर घूम कर फल और जानवरो का शिकार करके लाते थे।  For more photos please click here 
आज 21 वी शताब्दी में सब कुछ बदल गया है महिलाऐं आज आधुनिक तौर के तरीके से घर का काम कर रही है और घरो की चार दिवारी से बाहर आ चुकी है लेकिन दुर्भाग्य से आज भी नारी को मर्दो की गुलामी में जीवन जीना पड़ रहा है महिलायो को मर्दो की सलाह से ही काम  करना पड़ता है यहाँ तक की बच्चे की माँ बंनने के लिए भी नारी को पति की स्वीकृति जरूरी है यदि पति नहीं चाहेगा तो एक औरत अपनी इच्छा से माँ भी नहीं बन सकती उसे गर्भ रखना है या गर्भपात कराना है यह भी मर्दो की इच्छा पर ही निर्भर करता है। 
अनीता शर्मा ने कहा कि अदालतों में महिलायों को सबसे ज्यादा जलील होना पड़ता है और धक्के खाने पड़ते हैं। घरेलू हिंसा और तलाक के मामलों में एक औरत को कई कई वर्ष इन्साफ नहीं मिलता।  वे अपने बच्चे को गोद में उठाये अपना व बच्चे का खर्चा लेने के लिए अदालतों व वकीलो के चक्कर काट काट कर अपनी जिंदगी को नरक बना लेती हैं और उन्हें कई कई साल तक तलाक के मामले में खर्चा तक नहीं मिलता। सारा केस वकीलों की बहस और जज की नासमझी की भेंट चढ़ जाता है और जिंदगी बर्बाद हो जाती है एक माँ और बच्चों की। इन तलाक के मामलो में एक अबला नारी की जो दुर्दशा भारतीय अदालतों में इन्साफ के लिए होती है उस पर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। For more photos please click here 
मैडम शर्मा ने कहा कि शादी से पहले लड़के के माँ बाप रिश्तेदार कहते है कि लड़का हज़ारों रूपए कमाता है , अपना घर है, फैक्टरी है लेकिन जब तलाक की नोबत आती है तो लड़के के घर वाले उसे बेदखल कर देते है अब लड़का कोई काम नहीं करता क्योकि असल में वह अपनी पत्नी व बच्चे को कोई खर्च नहीं देना चाहता। शादी से पहले लाखों करोड़ों कमाने वाला दूल्हा अपने आप को वकील साहिब की मदद से जज के सामने कंगाल घोषित कर  देता है।  For more photos please click here 
हज़ारो वर्ष पहले सतयुग में वेदों के काल में हिन्दू लोग शादी में फेरो के वक्त दूल्हा व दुल्हन अग्नि को साक्षी मान कर एक दुसरे को वचन देते थे और जिदगी भर उसका पालन करते थे और आज कलयुग में यहां लोग झूठ फरेव में जीवन जी  रहे है माँ बाप भाई बहन एक दुसरे को धोखा दे रहे है और यही  शादी में फेरो के वक्त मौखिक वचन देने वाले पति पत्नी शादी के बाद मुकर जाते है लड़का व लड़की एक दुसरे पर दोष लगाते है। इसलिए अब शादी के वक्त फेरो के समय कलयुग में  मौखिक वचन देने की परम्परा को छोड़  कर दूल्हा व दुल्हन एफिडैविट पर अपने वचनों पर  साइन करे ताकि शादी के बाद तलाक की नोबत आने पर अपने वचनों से मुकरे नहीं। For more photos please click here 
अनीता शर्मा ने कहा कि नारी जो माँ है, बेटी है, बहू है, बहन है लेकिन पुरुष प्रधान समाज में उसको आज भी भोग की ही वस्तु समझा जाता है। हर कोई इन्सान उसको अपने वश में करने की युक्ति लगाता रहता है। यही कारण है कि नारी की सोच, ज्ञान, ममता, सहनशीलता और मान मर्यादा का लोग गलत अर्थ लगाते है, उसका नाजायज फायदा उठाते है और उसे कमजोर समझते है। जबकि हकीकत में नारी कमजोर नहीं है। लगातार 9 महीने तक बच्चे को अपने पेट में पाल कर और बच्चे के जन्म के समय वह अपनी आँखों के सामने ही बच्चे को जन्म देने के लिए अपना पेट चिरवा लेती है इससे बड़ा हिम्मत और बड़े जिगर वाला कौन सा प्राणी होगा?   For more photos please click here 
जो मर्द शराबी, नशेड़ी, कामचोर, जुआरी व रंडीबाज है और घर में माँ बाप, पत्नी व बच्चो को खर्च नहीं देता इस हालात में  मर्द के इस निकम्मेपन का खामियाजा भी  औरत को भुगतना पड़ता है। 
पुरूष समाज ताकतवर है क्योकि वह रुपये कमाता है और नारी रुपया नहीं कमाती इसलिए कमजोर है और घर के खर्चे के लिए मर्दो के मुँह की तरफ देखती है। अब वक्त आ गया है नारी समाज को जागना पड़ेगा अपने हक़ के लिए लड़ना होगा उन्हें खुद रोज़गार करना होगा रुपया कमाना होगा ताकि महिलाओं को घर परिवार चलाने के लिए मर्दो की मोहताज न होना पड़े।   For more photos please click here 
नवकिरन वूमेन वेलफेयर एसोसिएशनबेलन ब्रिगेड ने महिला सशक्तिकरण तथा उन्हें रोज़गार उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है ताकि किसी भी महिला को पुरूषों की कमाई से घर परिवार चलाने के लिए मुँह न ताकना पड़े।  For more photos please click here 
शादी से पहले लड़की वाले जिस लड़के से शादी हो उसके माँ बाप से लड़के के कारोबार व उसकी प्रोपेर्टी चल अचल का ऐफिडेविट ले तांकि तलाक के वक्त पत्नी व बच्चे को खर्चा देने से न भागे और लड़के व लड़की का मेडिकल भी शादी से पहले होना चाहिए। For more photos please click here 
इसलिए संस्था की तरफ से अदालतों में लटके हुए महिलायों के तलाक व खर्चे के केसों को निपटाना, नशे से बर्बाद हो रहे घर परिवार और महिलायो को इस से बचाना मुख्य एजंडे पर रहेगा। हर औरत खुद काम करे, रुपया कमाये इसलिए हर वर्ग की  महिलायो को रोज़गार व नौकरी उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। 
इस अवसर पर कोमल शर्मा, शोभा दीदी, रीमा, शिहान पंकज साहनी, हेम लता, जगदीश कौर आदि ने अपने विचार रखे।  For more photos please click here 

Thursday, March 02, 2017

सी ऐफ आई बी ने किया सतर्क और सावधान रहने का आह्वान

देश और समाज की सुरक्षा के लिए हुई खन्ना में भी विशेष बैठक  
खन्ना:  (लुधियाना)1 मार्च 2017 (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो) :: 
जब तकरीबन तकरीबन सब लोग सियासत में व्यस्त हैं। अपने अपने दल और अपने अपने उम्मीदवार के चुनावी नतीजों की चिंता कर रहे हैं और अन्य लोग अपने अपने कारोबार में मसरूफ हैं उस माहौल में डॉक्टर भारत की सी ऐफ आई बी (क्राइम फ्री इंडिया ब्यूरो) टीम देश को दरपेश खतरों की चिंता में लगी है। देश के आंतरिक और बाहरी दुश्मनों की पहचान में जुटी है। इसी सिलसिले में इस संगठन के कार्यक्षेत्र को लगातार बढ़ाया जा रहा है।  हाल ही में एक विशेष बैठक खन्ना पुलिस ज़िला में भी हुई जहाँ इस अभियान से जुड़े जोशीले और अनुभवी लोग एकत्र हुए।  
इस मौके पर बताया गया कि किस किस वक़्त पर सी ऐफ आई बी ऐन सही समय पर एक्शन लेते हुए देश को बहुत बड़े बड़े हादसों से बचाया। समाज की रक्षा की और आतंकियों के नापाक मनसूबे असफल बनाये। इस बात पर भी दुःख व्यक्त किया गया कि जब जब उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया तब तब देश की मासूम जनता को नुक्सान उठाना पड़ा। इस बात पर ज़ोर दिया गया कि  सावधानी और सतर्कता ही देश और समाज को बकसह सकती है। वक्ताओं ने दावा किया कि इस संगठन को बाकायदा मान्यता मिली हुयी है और देश की बड़ी प्रतिष्ठित एजेंसियों में इसका नाम आता है। 
यहाँ इस बैठक में सी ऐफ आई बी की तरफ से डॉक्टर भारत और ओंकार सिंह पुरी ने जहाँ देश को दरपेश चुनौतियों की चर्चा की  वहीँ टीम के सदस्यों को इस ऐंजेंसी की कार्यप्रणाली के सम्बन्ध में भी बताया। देश और समाज के दुश्मनों की चाल को पहचान कर उन्हें नाकाम करने के गुर भी सिखाये। वेरिफिकेशन के बाद शामिल किये गए नए सदस्यों को बाकायदा आई कार्ड जारी किये गए और नए प्रशिक्षण के लिए तैयार रहने को भी कहा गया।