Wednesday, March 29, 2017

हम इन कलाकार बच्चियों को हर सम्भव सहयोग देंगें-पूनमप्रीत कौर

मैंने ऐसा कमाल पहले कहीं नहीं देखा-नीलम डावर 
लुधियाना: 28 मार्च 2017: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन)::
प्रकृति की कला दुनिया भर में दिखाई देती है। प्रकृति का संगीत हर पल सुना जा सकता है। प्रकृति के चमत्कार कभी भी कहीं भी देखे जा सकते हैं। इस खूबसूरत हकीकत के बावजूद बाहत कम किस्मत वाले होते हैं जिनके पास इस सुंदरता को देखने वाली आँख होती है और इस संगीत  को सुन सकने वाले कान। प्रकृति ने इस कला में दक्ष होने की क्षमता भी हर किसी को दी है लेकिन आम तौर पर लोग उम्र के आखिरी सांस तक इस का अनुभव भी नहीं कर पाते। लेनदेन, हिसाब किताब, तेरा-मेरा और अपना पराया के चक्कर में लोगों की बहुत बड़ी संख्या इस खूबसूरत अनुभूति से वंचित रह जाती है। जिसें अनुभव ही नहीं किया उसकी अभिव्यक्ति भी कैसे हो सकती है?  
कुछ सौभाग्यशाली लोग होते हैं जिनके अंदर छिपी कला का जादू जाग पड़ता है। उनके अंदर की शक्ति सक्रिय होती है। उनकी आँख प्रकृति की विभिन्नता छुपी एकता का चमत्कार को  देखने के काबिल हो जाती है। 
देवकी देवी जैन कालेज के प्रकृति प्रेमी स्टाफ ने अपनी छात्रायों में कुछ ऐसा ही सक्रिय किया है।  पढ़ाई लिखाई और ज़िन्दगी की उलझनों के चक्कर में भी हर पल आनंदित रह कर कला को कैसे व्यक्त करना है इसके गुर बताये हैं। कालेज के वार्षिक कला प्रदर्शनी में इस बात का अनुभव बहुत बार हुआ। कला प्रदर्शनी में बहुत सी बच्चियां थी जिनके हालात अलग अलग थे, चेहरे अलग अलग थे,  उन चेहरों के पीछे छिपे किसी न किसी दुःख ,दर्द और संघर्ष के भाव भी अलग अलग थे लेकिन कला की चमक उन सभी चेहरों पर थी। कला का उत्साह उन सभी के हाव भाव में था। कला की जिस ख़ुशी को ये बच्चियां महसूस कर रही थी उसका अहसास सभी की किस्मत में नहीं होता। 
जब इनके दरम्यान पीसीएस अधिकारी पूनम प्रीत कौर पहुंची तो इनकी ख़ुशी चौगुनी हो गयी। पूनमप्रीत कौर ने एक एक पेंटिंग को बहुत ही गौर से देखा। कलाकार बच्चियों का इस्तेमाल करके के अंतर्मन को महसूस किया और इनको शाबाशी दी। उन्होंने पंजाब स्क्रीन से बात करते हुए यह आश्वासन भी दिया कि इन बच्चियों को और उत्साहित करने के लिए जो बन पड़ेगा वो किया जायेगा। इन बच्चियों की कलाकृतियों को देख कर पूनम प्रीत कौर ने कहा कि इस प्रदर्शनी को देख उनको बहुत ख़ुशी हुई है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे भविष्य में रोज़गार भी बनाया  सकता है। 
इसी तरह जानेमाने सियासी नेता सुरेंद्र डावर की धर्मंपत्नी सुश्री नीलम डावर ने भी प्रदर्शनी में पहुंच कर इन बच्चियों का उत्साह बढ़ाया। उन्हने भी एक एक कलाकृति को देख कर उसका विवरण लिया। मैडम डावर ने प्रसन्नता व्यक्त की कि इन बच्चियों ने पुराने कपड़ों और अन्य पुरानी कबाड़ चीज़ों का इस्तेमाल करके शानदार कलाकृतियां बनाई हैं। बच्चियों के इस कमाल पर  डावर ने  प्रसन्नता व्यक्त की।
इस प्रदर्शनी की संयोजक सोनिया धवन ने बताया कि कैसे उन्होंने इन बच्चियों के अंदर छुपी कला को पहचाना और इनको प्रशिक्षण दे कर इन कलाकृतियों को बनाने  प्रेरणा दी। 
कालेज की प्रबन्धन समिति के चेयरमैन श्री सुखदेव राज और प्रधान नन्द किशोर भी अपने परिवारों सहित आए हुए थे। चेयरमैन ने आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया और बच्चियों के साथ साथ के स्टाफ की भी प्रशंसा।  

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