Showing posts with label Children's Day. Show all posts
Showing posts with label Children's Day. Show all posts

Monday, November 14, 2022

बाल दिवस पर सहेजने का प्रयास ज़रूर करें खो रहे बचपन को

14th November 2022 at 8:13 AM 

लेखिका नीलिमा शर्मा ने लगाई गुहार-बचा लो अंतरमन के बच्चे को 

National Children Day Courtesy-Pexels-Photo-By Parij Photography

नई दिल्ली: 14 नवंबर 2022: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन):: 

जानीमानी लेखिका नीलिमा शर्मा 
बाल दिवस पर बच्चे तो याद आते ही हैं लेकिन साथ ही याद आता हैं बचपन के वो सुनहरे दिन जब हम सच मच भगवान के  रूप गिने जाते थे। केवल गिने ही नहीं जाते थे बल्कि भी थे। हमारे अंदर ऐसी कोई चालाकी नहीं होती थी जो हम बड़े होते होते न जाने कैसे और क्यूं सीख जाते हैं। हमारी मासूमियत हमारे चेहरे से साफ़ नज़र आती थी। हमारी निर्दोषता को दुश्मन भी महसूस कर सकता था। जैसे जैसे हम बड़े होते गए हमारे अंदर होने वाली तब्दीलियां हमारे चेहरे और हमारे एक्शन में भी साफ़ दिखने लगी। हम स्वार्थी हो गए, हम लालची हो गए, हम मक्कारी के शिखर छूने लगे। कदम कदम पर बेईमानी और दोगला चरित्र हमारा स्वभाव बन गया। जुबां पर झूठ एक आम बात हो गई। परिणाम भी भयानक रहे। ब्लड प्रेशर, शूगर, हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, स्ट्रोक हमारी जीवन का अभिन्न अंग बने गए। दवाओं का बक्सा हर घर के ज़रूरी सामान में शामिल हो गया। इस सारी स्थिति को गहनता से देखा और महसूस किया जानीमानी लेखिका नीलिमा शर्मा ने। मानव जाती पर आते हर दर्द को महसूस कर सकने की क्षमता रखने वाली इस संवेदनशील लेखिका ने इन सभी समस्याओं का समाधान भी सुझाया। उन्होंने कहा:अंदर के बच्चे को कभी मरने न दें और जब भी जरूरत हो उसकी देखभाल करना सुनिश्चित करें। आपका दयालु हृदय सब कुछ बेहतर कर देगा। बाल दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं। 

सुश्री नीलिमा शर्मा ने एक छोटी सी वीडियो भी प्रेषित की है।  आप भी देखिए इस वीडियो को एक नज़र:

चलते चलते उस लोकप्रिय फ़िल्मी गीत की कुछ पंक्तियां भी समरण करते हैं : सन 1968 में आई फिल्म दो कलियाँ के गीत को। गीत के बोल थे-बच्चे मन के सच्चे और इस गीत को लिखा था जनाब साहिर लुधियानवी साहिब ने। संगीत दिया था रवि ने और आवाज़ दी थी सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर ने। पढ़िए आप आज आप भी उस गीत के बोलों को। 

बच्चे मन के सच्चे

सारे जग की आँख के तारे

ये वो नन्हें फूल हैं जो

भगवान को लगते प्यारे

बच्चे मन के सच्चे...


खुद रूठे, खुद मन जायें

फिर हमजोली बन जायें

झगड़ा जिसके साथ करे

अगले ही पल फिर बात करे

इनको किसी से बैर नहीं

इनके लिए कोई ग़ैर नहीं

इनका भोलापन मिलता है

सबको बाँह पसारे

बच्चे मन के सच्चे...


इन्साँ जब तक बच्चा है

तब तक समझो सच्चा है

ज्यूँ-ज्यूँ उसकी उमर बढ़े

मन पर झूठ का मैल चढ़े

क्रोध बढ़े, नफ़रत घेरे

लालच की आदत घेरे

बचपन इन पापों से हटकर

अपनी उमर गुज़ारे

बच्चे मन के सच्चे...


तन कोमल, मन सुन्दर है

बच्चे बड़ों से बेहतर हैं

इनमें छूत और छात नहीं

झूठी ज़ात और पात नहीं

भाषा की तकरार नहीं

मज़हब की दीवार नहीं

इनकी नज़रों में एक है

मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे

बच्चे मन के सच्चे...

समाजिक चेतना और जन सरोकारों से जुड़े हुए ब्लॉग मीडिया को जारी रखने में निरंतर सहयोगी बनते रहिए। नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करके आप सहजता से ही ऐसा कर सकते हैं। 

Monday, November 15, 2021

इस बार भी सीडीसी लुधियाना द्वारा मनाया गया बाल दिवस

 बच्चों से पुराना जुड़ाव है सीएमसी अस्पताल संस्थान का  


लुधियाना
: 15 नवंबर 2021: (कार्तिका सिंह और पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

बाल दिवस के अवसर पर क्रिश्चियन डेंटल कॉलेज के पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री विभाग ने बचपन के मौखिक स्वास्थ्य रोगों और इनकी रोकथाम के बारे में जागरूकता जगाने के मकसद से एक वॉकथॉन का आयोजन किया।

रख बाग से सीएमसी परिसर तक सुबह 06:30 बजे शुरू हुए कार्यक्रम में लगभग 120 दंत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और छात्रों ने भाग लिया। डॉ. विलियम भट्टी, निदेशक सीएमसी लुधियाना ने इस कार्यक्रम को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर नगर आयुक्त श्री प्रदीप कुमार सभरवाल मुख्य अतिथि थे। इस वॉकथॉन के माध्यम से क्रिश्चियन डेंटल कॉलेज के फैकल्टी और छात्रों ने दांतों की बीमारियों की रोकथाम का संदेश दिया और स्वस्थ मुस्कान के लिए शुरुआती जांच और निवारक और अवरोधक उपाय किए।

इस अवसर पर बाल रोग विभाग में मॉर्निंग स्टार स्कूल नूर मंजिल के बच्चों के साथ बाल दिवस मनाया गया। अगले दो सप्ताह के दौरान बच्चों में बेहतर मौखिक स्वास्थ्य प्रथाओं का समर्थन करने के लिए एक विशेष अभियान 'उज्ज्वल भविष्य मुस्कान' है। निदेशक डॉ. विलियम भट्टी ने बचपन में दंत रोगों के बोझ के बारे में सामुदायिक जागरूकता लाने में विभाग के प्रयासों की सराहना की। डॉ. अबी एम. थॉमस, प्रिंसिपल सीडीसी।

मुझे अभी भी याद है कि 20216 के दौरान सीएमसी संस्थान का बाल दिवस जो फिर से बताता है कि बच्चों के साथ सीएमसी संस्थान का पुराना जुड़ाव रहा है। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (CMCH) में ओपन हार्ट सर्जरी कराने वाले लगभग 30 बच्चों को बाल दिवस मनाने के लिए आमंत्रित किया गया था। इन बच्चों ने डॉक्टरों, स्टाफ और 'हैव ए हार्ट' फाउंडेशन और इसके अध्यक्ष बलबीर कुमार का आभार व्यक्त किया।

समारोह में बलबीर कुमार को उनके फाउंडेशन के माध्यम से बच्चों की सर्जरी कराने में मदद करने के लिए सम्मानित किया गया। फाउंडेशन के अध्यक्ष और ट्रस्टियों ने भविष्य में भी हृदय रोगियों के इलाज के लिए वित्तीय और नैतिक समर्थन के साथ निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर बोलते हुए, सीएमसीएच के निदेशक डॉ अब्राहम जी थॉमस ने करुणा और देखभाल के साथ बीमारों और जरूरतमंदों की सेवा करने की प्रतिबद्धता को मजबूत किया। डॉ एलन जोसेफ, प्रोफेसर और विभाग के प्रमुख ने सीएमसीएच निदेशक को सम्मानित किया और 'हैव ए हार्ट' और सभी हृदय रोगियों के संकाय और ट्रस्टियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।

सीनियर कंसल्टेंट और पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जन डॉ क्रिस्टोफर रॉय ने भारत में हृदय रोग की समस्याओं पर एक प्रस्तुति दी।

डॉ नम्रता गौर, सीनियर कंसल्टेंट कार्डियक सर्जन, जिन्होंने शो का संचालन किया, ने सीएमसीएच के मिशन के बारे में बताया कि वह पूरे उत्तर-पश्चिम भारत के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू और कश्मीर के दूर-दराज और दूरदराज के इलाकों में सेवाएं प्रदान करता है।

सीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विलियम भट्टी, बाल रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञ, सर्जन और कई वरिष्ठ संकाय सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया और छोटे दिलों को मनाने में उत्सुकता से भाग लिया।

बाल दिवस से संबंधित पिछले वर्ष 2020 के कार्यक्रम को याद करते हुए यह कोविड-19 के साये में था। हर तरफ कोरोना का आतंक था लेकिन सीएमसी जागरूक थी और समाज के कल्याण के लिए समर्पित रही।