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Monday, October 31, 2016

जब भी निर्णय का दोराहा होगा प्रियदर्शनी इंदिरा बहुत याद आएंगी

याद और सम्मान समय और सियासत के मोहरे नही होते
                                                                                                --दमोह से नूतन पटेरिया 

आज का दिन भारत के लोकतन्त्र के इतिहास में दुख बेदना और शर्मिंदगी का दिन है ।इस दिन हमारे देश की प्रधानमन्त्री ही नही हमारे गौरव विश्वास और धर्मनिपेक्षता की भी हत्या हुई थी। राष्ट्र् हमेशा त्याग और बलिदान की नीव पर अवलम्बित होता है इस नीव में दफन है तीन गांधियो का बलिदान। इसी बलिदान परम्परा की कड़ी है इंदिरा जी। एक ही मेहनत, कड़ी मेहनत, दूर दृष्टि पक्का इरादा, अनुशासन को जीवन का मूल मन्त्र बनाने वाली इंदिरा जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि से सब परिचित है। इस साहसी  और दबंग व्यक्तित्व में भी भारी उतार चढ़ाव और दुःख की वेदना देखी पर राष्ट्र हित के आगे इंदिरा जी इन बाधाओ को भी नकार कर सदैव दृढ़ता का परिचय दिया। दुनिया के ग्लोब पर नए राष्ट्र की रचना करने वाली इंदिरा जी राष्ट की अखण्डता की रक्षा करते हुये बलिदान हो गई। अपनी म्रत्यु का पूर्वाभास करने वाली इस महान नारी ने अपने अंतिम भाषण में मौत को भी स्वागत भाषण बना दिया। 
आज राष्ट्र् सियासती दाव पेचो में उलझा है उस महान नारी के बलिदान को यथोचित सम्मान हासिल नही है अन्यथा आज सोशल मीडिया पर इंदिरा गांधी के सिवाय अन्य विषय न होता। लेकिन याद और सम्मान समय और सियासत के मोहरे नही होते इंदिरा भारत के दिलो में रहती है वो आज भी याद आती है जब निर्णय का दोराहा होता है। हम नत मस्तक है उस महान विभूति को जिसमे नारी जीवन की हर पीड़ा सही थी। असमय माँ की बीमारी और मौत, पति से विछोह, असमय बेटे की मौत और अंत में मौत भी उन हाथो से जिन्होंने सुरक्षा का बीड़ा उठाया जिन्हें अंग रक्षक कहा वही जीवन छीनने वाले बने पर उन्हें कभी अबला के रूप में याद नही किया जायेगा। हमारे पूर्व प्रधानमन्त्री ने तो उन्हें दुर्गा तक की उपाधि दे दी थी। 
ऊपर की तस्वीरों में एक तस्वीर है जिसमें इंदिरा गाँधी 1962 में भारत-चीन जंग के दौरान अपने सभी ज़ेवर राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में दान करती हुईं दिखाई दे रही हैं। उसके साथ की एक तस्वीर 1974 में इंदिरा गाँधी और शेख मुजीब-उर-रहमान के दरम्यान हुए उस ऐतिहासिक समझौते की है जो आज भी महत्वपूर्ण है। राष्ट्र राष्ट्र का शोर मचाना एक अलग बात है लेकिन उसके लिए सच में कुछ कर के दिखाना एक अलग बात है। इंदिरा जी की धारण थी कि राष्ट्र को स्वयं हर तरह से मज़बूत होना चाहिए। किसी पर निर्भर हो कर काम नहीं चलता।  यह केवल किताबी बात नहीं थी बल्कि उन्होंने अपने पिता के साथ रह कर हालात में जो उतार चढाव देखे उन्होंने इंदिरा गाँधी को यही सिखाया था।  

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने दी श्रीमती इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि

बहुत सी जगह पर हुआ श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन  
मतभेद किसी के किसी से भी हो सकते हैं लेकिन इसके बावजूद मान्यता मिलना यह सभी के नसीब  में नहीं होता। इंदिरा गाँधी जी के साथ भी बहुत से लोगों को बहुत से मतभेद थे लेकिन उनका व्यक्तित्व हमेशां असरदायिक रहा। एक चुम्बक की तरह सभी को अपनी तरफ आकर्षित करता हुआ। मुस्कराता हुआ चेहरा और उस मुस्कान के पीछे एक दृढ़ संकल्प शक्ति। कहना कम और करके ज़्यादा। देश और कांग्रेस के पास अब नहीं है कोई वैसा व्यक्तित्व। आज 31 अक्टूबर है। 
प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी पुण्‍यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी पुण्‍यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री ने कहा, "श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी पुण्‍यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उन्होंने ट्विटर पर बहुत संक्षिप्त शब्दों में लिखा Today we remember the Supreme Sacrifice of Smt Indira Gandhi and her Strong Leadership to India.
देश भर से छोटे बड़े शहरों से उनकी याद में आयोजित स्मृति कार्यक्रमों की जानकारी आ रही है।

Friday, October 31, 2014

स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा

याद किया गया स्वर्गीय प्रधानमंत्री सुश्री इंदिरा गांधी को 
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, उप राष्ट्रपति श्री मो. हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति 31 अक्टूबर, 2014 को नई दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर आयोजित प्रार्थना सभा में । (पसूका-हिंदी इकाई)
The President, Shri Pranab Mukherjee, the Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari, the former Prime Minister, Dr. Manmohan Singh and other dignitaries attending a prayer meeting, at the memorial of former Prime Minister, Late Smt. Indira Gandhi, on her death anniversary, in New Delhi on October 31, 2014.