Monday, November 13, 2023

इस बार भी पीजीआई ने कई लोगों की आंखों की रोशनी बचाई

 13th November 2023 at 18:07 WhatsApp

कई मरीज पटाखों से घायल होने के कारण पीजीआई पहुंचे 


चंडीगढ़: 13 नवंबर 2023: (कार्तिका कल्याणी सिंह//पंजाब स्क्रीन)::

पटाखों ने इस बार भी कई घरों में अंधेरा कर दिया। जगह-जगह आग लगने की घटनाएं भी हुईं और कई लोगों की आंखें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। ऐसी घटनाओं के शिकार कई लोग नजदीकी अस्पतालों में पहुंचे, लेकिन कई मरीज चिकित्सा सहायता से वंचित भी रह गए। 

हर बार की तरह इस बार भी पीजीआई में इस तरह की आशंकाओं के चलते इनसे निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए थे। एडवांस्ड आई सेंटर पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ इस दिवाली के दौरान भी सक्रिय और सतर्क रहा। 

पी.जी.आई कर्मचारियों ने तत्काल चिकित्सा सहायता और आवश्यक सेवाएं प्रदान करके कई घायल व्यक्तियों को बचाया। दिवाली के त्योहार और पटाखों से होने वाली चोटों के कारण कई आपात स्थितियों की संभावना को देखते हुए, एडवांस्ड आई सेंटर, पीजीआईएमईआर ने लोगों से मिलने और तत्काल उपचार प्रदान करने के लिए एक विशेष और विस्तृत व्यवस्था की थी। 

पटाखों से नुकसान की घटनाओं के बाद आसपास के इलाकों से मरीज पीजीआईएमईआर पहुंच ते रहे। इस विभाग के पास 11 नवंबर 2023 की सुबह से 14 नवंबर 2023 की सुबह 8 बजे तक बहुत ही अच्छी व्यवस्था की गई थी। 

एडवांस्ड आई सेंटर पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में डॉक्टर और अन्य सबंधित कर्मचारी 24 घंटे विशेष आपातकालीन ड्यूटी पर रहे। इस बार भी बड़ी संख्या में ोताखों से पीड़ित मरीज पहुंचते रहे। इस बार भी ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएँ बहुत बड़ी संख्या में हुईं। 

गौरतलब है कि 11 नवंबर 2023 को सुबह 8 बजे से 13 नवंबर 2023 को सुबह 8 बजे तक पिछले 48 घंटों में, पटाखों से घायल हुए कुल 23 मरीज एडवांस्ड आई सेंटर पहुंचे, जिन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता से बचा लिया गया। इन मरीजों में 18 पुरुष और 5 महिलाएं थीं, जिनमें से 10 की उम्र सिर्फ 14 साल थी। सबसे छोटा बच्चा सिर्फ 6 साल का था. इसी तरह ट्राईसिटी से 14 मरीज पहुंचे। 10 मरीज चंडीगढ़ से, एक मरीज मोहाली से और 2 मरीज पंचकुला से पहुंचे। दूसरे पड़ोसी राज्यों से भी मरीज यहां लाए जाते थे। पंजाब से तीन, हरियाणा से छह, हिमाचल प्रदेश से दो मरीज इलाज के लिए लाए गए थे।

''इस बार पटाखे चलने वालों को ही नहीं बल्कि इन्हें चलता देख रहे लोगों को भी चोट आई।'' 13 मरीज ऐसे थे जो पटाखे नहीं चला रहे थे बल्कि राहगीरों के सामने खड़े थे जबकि बाकी 10 खुद पटाखे चला रहे थे। इन 23 रोगियों में से 7 को खुली दुनिया में चोटें थीं और उन्हें आपातकालीन सर्जरी की आवश्यकता थी। जबकि 16 बंद ग्लोब घायल हुए और उनमें से 13 को पटाखों के कारण गंभीर चोटें आईं। 

शेष 23 में से 3 को या तो मामूली चोटें आईं या त्वचा पर चोटें आईं। उनके साथ रूढ़िवादी व्यवहार किया जाता था। हमारे पास पिछले 3 वर्षों का तुलनात्मक डेटा है और हमें लगता है कि इस बार दिवाली 2023 में तुलनात्मक रूप से कम मामले थे। यदि फिजूलखर्ची की इस खतरनाक प्रथा को रोक दिया जाए तो इन दुर्घटनाओं को पूरी तरह से रोका जा सकता है।

 दिवाली की खुशियों को इन हादसों से बचाने की जरूरत अभी भी लगातार बनी हुई है। आईए जागरूकता फैलाएं कि रौशनी के त्यौहार को खुशियों की यादों से संजोएं। इस अवसर पर अपनी ज़िन्दगी अँधेरी न बनाएं। 

Saturday, September 23, 2023

माता सुदीक्षा के दर्शन करने लाखों निरंकारी पहुंचेगे चंडीगढ़ में

चंडीगढ़ में होगी लाखों की निरंकारी संगत-नए रूट के बिना न निकलें 

चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में आज संत निरंकारी समागम


चंडीगढ़
: 23 सितम्बर 2023: (पंजाब स्क्रीन डेस्क टीम)::

13 अप्रैल 2023 को अमृतसर में हुई घटनाओं से पंजाब से सबंधित सियासत की दशा और दिशा दोनों बदलने लगीं थी। उस दिन सिख निरंकारी टकराव में 13 सिख श्रद्धालु मारे गए थे। इनमें दमदमी टकसाल और अखंड कीर्तनी जत्था के लोग भी शामिल थे। इसके बाद सिख संगठनों का आक्रोश बढ़ता ही गया। संत जरनैल सिंह भिंडरांवालों का ज़माना था। हरिमंदिर साहिब का दीवान हाल मंजी साहिब सिख सरगर्मियों का केंद्र भी बना हुआ था जहाँ संत भिंडरांवाले के विचार सुनने संगत भरी संख्या में पहुंचती थी। 

आक्रोश में आए कुछ सिख नौजवानों ने निरंकारी समागम न होने देने का संकल्प कर लिया। इसके बावजूद कुछ सभाएं सुरक्षाबलों की पहरेदारी में लगती रहीं।  इसके बावजूद निरकांरी समुदाय के मुख्यालय में 24 अप्रैल 1980 निरंकारी प्रमुख बाबा गुरबचन सिंह की हत्या कर दी गई थी। जानमाने पत्रकार लाला जगत नारायण की 9 सितंबर 1981 को हुई हत्या से हिंसा का सिलसिला और भी तेज़ हो गया। निरंकारी प्रमुख की हत्या  कटटरपंथी रणजीत सिंह ने की थी जो वहां कारपेंटर बन कर रह रहा था। हत्या में कारबाईन का प्रयोग किया गया था। निरंकारी प्रमुख के बॉडीगार्ड प्रताप सिंह की हत्या भी इसी हमले में की गई थी। 

बाद में संत जरनैल सिंह भिंडरांवालों ने निरंकारी प्रमुख की हत्या करने वाले रंजीत सिंह को सोने के साथ तोलने की घोषणा भी की थी और सिख सियासत में हुए घटनाक्रम के दौरान रंजीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार भी बना दिया गया था। अपनी जत्थेदारी के दौरान ही उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब में बाकायदा सचिवालय शुरू करवाया जहां कोई साधारण सिख भी जा कर अपना कोई भी पत्र सौंप सकता था। 

निरंकारी समुदाय ने इस सारे घटनाक्रम के दौरान बहुत से नाज़ुक हालात भी देखे और दबाव का सामना भी  शांतिपूर्ण ढंग से किया। आतंक जैसे माहौल के बावजूद निरंकारी संगत ने दिल नहीं छोड़ा। यह लोग  मिशन के साथ जजूदे रहे। निरंकारी मिशन और इसका सिलसिला जारी रहा। निरंकारी समुदाय के लिए सबसे बड़ा सदमा था जब निरंकारी समुदाय के चौथे गुरु बाबा हरदेव सिंह 13 मई 2016 को देवलोक गमन कर गए। 

इसके बाद का समय बेहद नाज़ुक था। हालात बहुत गंभीर थे। कौन होगा निरंकारी समुदाय का नया गुरु इसका किसी को कोई अनुमान नहीं था। ऐसे दौर में माता सुदीक्षा ने निरंकारी समुदाय की बागडोर संभाली। इस पद पर आसीन होते ही विभिन्न संगठनों और डेरों में इस चुनाव की दिल से प्रशंसा की गई। बागडोर संभालते ही माता सुदीक्षा ने निरंकारी प्रबंधन को बिलकुल नया रंग, रूप और अनुशासन भी दिया। 

उनके प्रवचनों और दिव्य अनुभूति ने समाज के विभिन्न वर्गों को तेज़ी से आकर्षित करना शुरू कर दिया। निरंकारी समुदाय पहले से भी अधिक तेज़ी के साथ विकसित होने लगा। देश विदेश में निरंकारी समाज की पहुँच पहले से भी अधिक तेज़ी से बढ़ने लगी। अब पंजाब के भी तकरीबन हर गांव और कस्बे में निरंकारी मिशन की शाखें मौजूद हैं। निरंकारी सतसंग भवन भी हैं। 

उल्लेखनीय है कि निरंकारी जनजीवन में ब्रह्मज्ञान ही जीवन का आधार है। इस का संदेश देने के  लिए निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी 24 सितंबर को चंडीगढ़ में भी पहुंच रहे है। सद्गुरु माताजी के सानिध्य में एक विशाल समागम होने जा रहा है जिसकी तैयारियां पूरी तरह से मुकम्मल कर ली गई है।आयोजन स्थल पर सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए हैं और ट्रैफिक को नियंत्रित रखने के लिए विशेष रुट प्लान बनाए गए हैं। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए जोनल इंचार्ज महात्मा ओ.पी. निरंकारी ने बताया कि यह निरंकारी संत समागम मेला ग्राऊंड सैक्टर 34 में सायंकाल 5 बजे से लेकर 9.30 बजे तक होगा। सारा समागम तयशुदा प्रोग्राम के मुताबिक ही चलेगा।  उन्होंने बताया कि इस समागम में बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। दूर दूर से श्रद्धालु वि हिन् साधनों के ज़रिए इस सतसंग में पहुंचेंगे। 

गौरतलब है कि निरंकारी मिशन मानव को ब्रह्मज्ञान की दात देकर मानव को मानव से जोडऩे का कार्य कर रहा है। जब इंसान को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हो जाती है तो उसे हर इंसान में व कण कण में प्रभु का अहसास होने लग जाता है, जिससे दैवी गुण उसके  जीवन में आ जाते है। जीवन को खोखली बातों से निकाल कर बहुत ही प्रेक्टिक लाईफ स्टाईल में ढालने की एक सहज और निरंतर प्रक्रिया है। इसे अपनाते ही जीवन के कष्ट, संकट और ताप मिटने लगने लगते हैं। जीवन में आनंद छाने लगता है। 

निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी का चण्डीगढ़ की धरा पर 24 सितंबर को आगमन एक ऐतिहासिक घटना बन कर उभरेगा।  की शक्ति और प्रभाव और बढ़ेगा। इस दौरान माता सुदीक्षा के जीवन-मंत्र अनगिनत लोगों का जीवन बदल कर आनंद से भर देंगें। इस दौरान एक विशाल निरंकारी संत समागम मेला ग्राउंड़, सैक्टर 34-ए में आयोजित होगा। इस संत समागम में चंडीगढ़ के साथ-साथ मोहाली, पंचकुला और पंजाब के अतिरिक्त हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा आसपास के क्षेत्रों से काफी अधिक संख्या में श्रद्धालु एवं भक्तजन पहुंचेंगे। लोग 23 सितंबर की रात्रि को भी इस योजना के लिए गाड़ियों में आते दिखे। 

इस संबंध में चंडीगढ़ ज़ोन के जोनल इंचार्ज ओ पी निरंकारी ने भी बताया कि मेला ग्राउंड़ में संत निरंकारी मिशन के सेवादल के सदस्य एंव साध संगत के सदस्य श्रद्धा और उत्साह के साथ अपनी सेवाओं में लगे हुए है। उन्होंने बताया कि संत निरंकारी मिशन एक आध्यात्मिकता का मिशन है और निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी का यह संदेश है कि मानव जीवन का असली उद्देश्य निरंकार प्रभु की जानकारी प्राप्त कर जाति पाति तथा ऊंच नीच के भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता की सेवा करना है। जब इंसान को ब्रह्मज्ञान के द्वारा अपने मूल रूप परमात्मा की पहचान हो जाती है तब उसको हर ज़र्रे तथा हर प्राणी में प्रभु निरंकार का अहसास होने लगता है तो उसमें स्वयंमेव ही सदगुणों का विकास हो जाता है। फिर दुनियावी जिम्मेदारियों को भी हम सहज में निभा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि निरंकारी मिशन अध्यात्मिकता के साथ साथ समाज के कार्य जिनमें रक्तदान शिविर, सफाई अभियान, कुदरती आपदाओं के समय राहत शिविर, पौधारोपण आदि समाज सेवा के कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेता है।

इसी बीच चंडीगढ़ के सेक्टर-34 में स्थित मेला ग्राउंड में रविवार को होने वाले संत निरंकारी समागम के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने कमर कस ली है। समागम में आने वाली संगत को किसी प्रकार की समस्या न हो और कार्यक्रम के दौरान यातायात एवं कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए पुलिस की ओर से रूट प्लान तैयार किया गया है। साथ ही पुलिस ने कार्यक्रम के दौरान क्या करना और क्या नहीं, इसे लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। माता सुदीक्षा जी के दर्शन करने लोग बहुत श्रद्धा और उत्साह से आने की तैयारी में हैं।  हर गांव और कस्बे में उत्साह देखा गया। 

यातायात पुलिस की ओर से शाम के वक्त कार्यक्रम स्थल के आसपास मौजूद सड़कों को आवश्यकता अनुसार डायवर्ट किया जा सकता है। पुलिस की ओर से समागम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना को देखते हुए संगत और आम जनता से शांति बनाए रखने और कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास तैनात पुलिस अधिकारियों के साथ सहयोग करने और पुलिस के दिशानिर्देशों का पालना करने की अपील की गई है। समागम के चलते सेक्टर-34 में लगने वाली अपनी मंडी रविवार को सेक्टर-46 में लगेगी। वहीं, पुलिस ने आम लोगों से रविवार को सेक्टर 33/34 और 34/35 की डिवाइडिंग रोड की तरफ से जाने से बचने की सलाह दी है।

इस बात की सख्ती सी पलना होगी कि तय स्थानों के अलावा कहीं और वाहन पार्क किया तो चालान होगा ही होगा। इस समागम में आने वाले लोगों को यातायात पुलिस की ओर से सलाह दी गई है कि कि वे अपने वाहन केवल निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा करें। कार्यक्रम स्थल या आसपास के किसी भी इलाके की सड़क, साइकिल ट्रैक या फुटपाथ पर वाहनों को पार्क करने की इजाजत नहीं होगी। इसके बाद भी यदि कोई भी वाहन चालक ऐसा करता पाया जाता है कि तो यातायात नियमों के तहत चालान किया जाएगा।

इसके साथ ही सलाह दी गई है कि कुछ और खास बातों का भी ध्यान रखा जाए। इस सलाह के मुताबिक सेक्टर-34 स्थित पोल्का बेकरी के सामने मौजूद कट के रास्ते से निकासी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। 

साथ ही यह भी कि समागम में पहुंचने के लिए संगत टैक्सी/कैब या कारपूलिंग का प्रयोग करे तो बेहतर होगा। 

सख्ती के साथ ही यह भी निर्देश है कि शराब पीकर गाड़ी न चलाने की सलाह दी गई है। ऐसा करते पाए जाने पर मोटर अधिनियम तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी

इस समागम के दौरान गुंडागर्दी या जनता को परेशान करने वाली किसी भी प्रकार की गतिविधि में लिप्त पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी इसलिए इस तरह के चलन से बच कर चलना ही हित में होगा। 

इन कुछ बातों के साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी व्यक्ति की चिकित्सा देखभाल के लिए आपात कालीन वाहनों और शव वाहन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। चंडीगढ़ में ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी में संत निरंकारी समागम को लेकर सेक्टर-34 की तरफ न आने की सलाह भी दी गई है जिसे मानना ही सब की हित में रहेगा। 

इस समागम के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सभी प्रबंध पूर्ण हैं। सभी सबंधित लोग डियूटी पर हैं। चंडीगढ़ के सेक्टर 34 ऐग्जीबिशन ग्राउंड में निरंकारी संत समागम कल रविवार को होने वाला है। इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस की तरफ से एक एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें आम लोगों को सेक्टर 34 की तरफ न आने की सलाह दी गई है, लेकिन आपातकालीन वाहनों जैसे फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस आदि के लिए सभी रास्ते खुले रहेंगे।

पुलिस का मानना है कि निरंकारी संत समागम में लाखों की संख्या में निरंकारी मिशन से जुड़े अनुयायी शामिल होंगे। इस कारण यहां पर काफी भीड़ रहेगी। इसके लिए कार पार्किंग की अलग से व्यवस्था की गई है। आने वाले अनुयायियों की संख्या के अनुसार यहां पर यातायात भी बाधित रहेगा।

इस निरंकारी संत समागम में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने एडवाइजरी जारी करते हुए रविवार को सेक्टर-33 और सेक्टर-34 की लाइट पॉइंट से लेकर लेबर चौक तक किसी भी गाड़ी के खड़े होने और रुकने पर पाबंदी लगाई है। इस सड़क पर अगर कोई व्यक्ति पिक ड्रॉप भी करता है तो उसका चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से चालान काटा जाएगा। इसी प्रकार पोलका बेकरी के सामने सेक्टर 34 में निकालने के लिए जो कट था, उसे भी बंद कर दिया गया है।

भीड़ भाड़  भरे इस आयोजन में कारगर सलाह कार पूल करने की भी दी गई है। चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से समागम में आने वाले लोगों से कार पूल करने की सलाह दी है। कार पूल करने की वजह से वाहनों की संख्या में कमी आएगी। जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल सकेगी। साथ ही पुलिस का कहना है कि कार पूल करने की वजह से लोगों का खर्च भी काम होगा और वातावरण स्वच्छ बनाने में भी वह अपना योगदान दे सकेंगे।

बार बार यह याद दिलाना ज़रूरी लग रहा है कि सेक्टर 34 की तरफ जाने वाले रास्तों पर आने से बचें। इससे काफी कुछ सहज हो जाएगा। चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से जारी एडवाइजरी में समागम में आने वाले लोगों के अलावा चंडीगढ़ की जनता से अपील की है कि सेक्टर 34 की तरफ आने वाले सड़कों पर आने से लोगों को बचाना चाहिए। इसमें मुख्य रूप से सेक्टर 33 और 34 की डिवाइडिंग रोड एवं सेक्टर 34 और 35 की डिवाइडिंग रोड है। अगर समागम में आने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा होती है तो आम पब्लिक के लिए इन रास्तों को बंद भी किया जा सकता है।

इस सारे प्रबंधन के लिए अपनी मंडी की जगह भी बदली गई है। गौरतलब है कि हर रविवार को सेक्टर 34 के इस एग्जीबिशन ग्राउंड में अपनी मंडी का आयोजन किया जाता है। इसमें किसान सीधे खेतों से सब्जी और फल लाकर यहां पर बेचते हैं। इसमें भी काफी संख्या में भीड़ रहती है, लेकिन कल होने वाले समागम के कारण चंडीगढ़ प्रशासन ने अपनी मंडी की जगह बदल दी है। अब यह सेक्टर 34 के बजाय सेक्टर 46 में आयोजित होगी। इस आयोजन के पंजाब और चंडीगढ़ में समाजिक और राजनैतिक प्रभाव भी पड़ेंगे जिनकी चर्चा अलग से की जाएगी। 

Saturday, August 26, 2023

मुख्यमंत्री ने आंकड़ों के साथ दिया राज्यपाल की चिट्ठियों का जवाब

मुख्यमंत्री कार्यालय, पंजाब   Saturday 26th August 2023 at 4:33 PM

हमारी सरकार लोगों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है

*हमने अब तक 23518 नशा तस्कर गिरफ़्तार किए, 17623 एफ.आई.आर दर्ज कीं और 1627 किलो हेरोइन बरामद की-मुख्यमंत्री  

*रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर कानून-व्यवस्था वाले राज्यों में पंजाब दूसरे नंबर पर  

*हमारी सरकार में अब तक हुआ 50871 करोड़ रुपए का निवेश अच्छे माहौल का नतीजा  

*केंद्रीय मंत्री ने राज्य सभा में माना कि एम.एस.एम.ई. रजिस्ट्रेशन में पंजाब उत्तरी भारत में अग्रणी

*हम लोगों के लिए काम कर रहे हैं और गवर्नर अपने आकाओं के लिए-मुख्यमंत्री  

चंडीगढ़: 26 अगस्त 2023: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखा गया पत्र लगातार चर्चा में है। इस में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी एक बेहद गंभीर पहलू है। इस पत्र का जवाब  मुख्यमंत्री मान जिस बेबाकी से सामने आए हैं उससे आमने सामने की यह राजनीतिक जंग और गंभीर हो गई है। दोनों पक्ष एक्शन और रिएक्शन के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। याद आ रही हैं शाह मोहम्मद रचित जंगनामा की पंक्तियां:

जंग हिन्द पंजाब दा होण  लग्गा; दोवें पातशाही फौजां भारियां ने!  इस जंग में कौन कमा पाता है अपना नाम और आने वाला इतिहास किसकी बहादुरी के गुण गाएगा। 

राज्यपाल द्वारा अपनी चिट्ठी में उठाए गए राज्य के अलग-अलग मुद्दों का आंकड़ों के साथ जवाब देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि उनकी सरकार लोगों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही है, जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं।  

राज्य की कानून-व्यवस्था संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अमन-कानून की रक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए व्यापक स्तर पर कदम उठाए हैं। राज्य के सुखद माहौल की मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च, 2022 से राज्य में 50871 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है और 3420 प्रोजैक्टों को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील द्वारा देश का दूसरा स्टील प्लांट लुधियाना में स्थापित किया जा रहा है। इसी तरह सनाथन, नैस्ले, नाभा पावर प्लांट द्वारा निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में सूक्ष्म, छोटे और दर्मियाने उद्योगों की रिकॉर्ड 2.70 लाख रजिस्ट्रेशन हुई है और उत्तरी भारत में पंजाब ने पहला स्थान हासिल किया है और यह आंकड़े भी भारत सरकार ने राज्य सभा में पेश किए हैं। उन्होंने बताया कि देश की एक अग्रणी मैगज़ीन ने अपनी अमन- कानून की बेहतर व्यवस्था के बारे में जारी की गई रिपोर्ट में पंजाब को दूसरा स्थान दिया है। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि उनकी सरकार राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए काम कर रही है, जबकि राज्यपाल ऐसी चिट्ठियों के द्वारा अपने आकाओं को खुश कर रहे हैं।  

राज्य में नशों की समस्या के बारे में राज्यपाल द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में आंकड़े पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने नशों के खि़लाफ़ जंग शुरु की हुई है। अब तक 23518 नशा तस्करों को गिरफ़्तार किया जा चुका है, 17623 एफ.आई.आरज़ दर्ज कीं, 1627 किलो हेरोइन पकड़ी, तस्करों से 13.29 करोड़ रुपए बरामद किए और 66 नशा-तस्करों की सम्पत्ति ज़ब्त की जा चुकी है और बाकियों की ज़ब्त करने के लिए कार्यवाही चल रही है। राज्य में गैंगस्टरवाद के खि़लाफ़ की जा रही कार्यवाही का जि़क्र करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया और अब तक 753 ख़तरनाक गैंगस्टरों को गिरफ़्तार किया और बड़ी मात्रा में हथियार और वाहन पकड़े गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार ने नशों को जड़ से खत्म करने के लिए और अधिक सख़्त कदम उठा रही है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों को 600 यूनिट मुफ़्त बिजली की सुविधा दी जा रही है और 90 प्रतिशत लोगों का ज़ीरो बिल आ रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य के 31,000 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ दी जा चुकी हैं और 12000 से अधिक कच्चे अध्यापकों को पक्का किया गया, जिससे नौजवानों का भविष्य सुरक्षित बनाया जा सके। किसानों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ कि सहकारी चीनी मिल ने गन्ना उत्पादकों का सारा बकाया अदा कर दिया है। 

अब देखना है कि इस जंग में पंजाब का साथ कौन कौन देगा और कौन कौन इस जंग का तमाशा देखने तन सीमित रहेगा। इस जंग का असर पूइरे देश की जंग पर पड़ेगा ही। 

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Thursday, August 10, 2023

कल दिल्ली में सांसदों की 'हर घर तिरंगा' बाइक रैली का आयोजन

 प्रविष्टि तिथि: 10 AUG 2023 5:34 PM by PIB Delhi

संस्कृति मंत्रालय करेगा इस भव्य और यादगारी मार्च का आयोजन 

उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़, रैली को हरी झंडी दिखाएंगे


नई दिल्ली
: 10 अगस्त 2023: (पी आई बी//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

तिरंगे से इश्क करने वाले के बार फिर खुश हैं। उनके मन की मुरादें पूरी होने जा रही हैं। इस बार फिर लहराना है देश का प्यारा ध्वज तिरंगे। साम्प्रदायिक और सियासी विवादों से ऊंचे उठते हुए है--झंडा ऊंचा रहे हमारा-- विजयी तिरंगा प्यारा! इसे गाते हुए स्वयं भी लहराना है और दूसरों को भी इसकी प्रेरणा देनी है। इस बार हर गली, हर मोहल्ले में होगा तिरंगे का जलवा, तिरंगे जोश। तिरंगे की शान से बनेगी एक अलगी सी छवि। जो साम्प्रदायिक हमलों से लोगों को आपस में लड़ने लगे हैं उनके मुँह पर होगा तिरंगे के चाहने वालों का ज़ोरदार तमाचा। 

आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के तत्वावधान में 13 अगस्त 2023 से 15 अगस्त 2023 तक पूरे देश में "हर घर तिरंगा" अभियान चलाकर, लोगों को अपने घरों में झंडा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस अभियान से पहुंचेगा हर घर तक, हर दिल तक तिरंगा। 

हर घर तिरंगा अभियान की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने और अधिक से अधिक सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, 11 अगस्त 2023 को सुबह 08.00 बजे प्रगति मैदान, नई दिल्ली में सांसदों और मंत्रियों के साथ एक तिरंगा बाइक रैली का आयोजन किया गया है। बाइक रैली को उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री, श्री जी किशन रेड्डी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद, बाइक रैली इंडिया गेट सर्कल पहुंचेगी। रैली इंडिया गेट के एक चक्कर को पूरा कर, कर्तव्य पथ को पार करेगी और मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में समाप्त होगी।

'आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम)' प्रगतिशील स्वतंत्र भारत के 75 गौरवशाली वर्षों का स्मरण करने वाला एक सतत उत्सव है। भारत सरकार की इस पहल का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र की उपलब्धियों को प्रकाश में लाना है। 'आजादी का अमृत महोत्सवभारत के लोगों को समर्पित है जिन्होंने देश के विकास और इसकी विकासवादी यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नागरिकों को अपने घरों में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 13 से 15 अगस्त 2022 तक 'हर घर तिरंगा' अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के पीछे का विचार लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और उन्हें भारत की यात्रा और इस महान राष्ट्र के निर्माण में योगदान देने वालों की याद दिलाना है। पिछले वर्ष, यह अभियान बेहद सफल रहा था जिसमें करोड़ों परिवारों ने अपने घरों में तिरंगा फहराया और छह करोड़ लोगों ने हर घर तिरंगा वेबसाइट पर तिरंगा फहराते हुए सेल्फी अपलोड की।

 इस अवसर पर आप इस वेबसाइट - https://harghartiranga.com पर देख सकते हैं तिरंगे का प्रेम और लोगों द्वारा डाली गई सेल्फियां। इसी तरह एक और वेबसाईट https://amritmahotsav.nic.in पर भी नज़र आएगा तिरंगे का रंग। इस तरह इन सभी मंचों को शायद पहली बार इतने ज़ोरदार ढंग से तिरंगे का प्रचार करने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। 

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एमजी/एमएस/पीएस/डीवी//(रिलीज़ आईडी: 1947597) 

Sunday, August 06, 2023

ईवीएम के रहस्य खोले आधुनिक चाणक्य डा. औलख ने

विपक्ष में जाग उठी नई उम्मीदों की रौशनी//अब रद्द होगा ईवीएम?

वृद्ध लेखक बलकौर गिल भी साथ में आए भीष्म पितामह की तरह 


लुधियाना
: 5 अगस्त 2023: (एम एस भाटिया के साथ इनपुट-पंजाब स्क्रीन डेस्क):: 

मणिपुर और हरियाणा की हिंसा के चलते देश का चुनावी युद्ध भी सामने है। बिसात बिछ चुकी है। मोहरे भी अपनी अपनी जगह बैठाए जा चुके हैं। रणभेरी सुनी भी जा सकती है। पांचजन्य शंख गूँज रहा है। कौन जीतेगा कौन हारेगा यह तो समय की बात है लेकिन इस बार विपक्ष कई हल्ले करेगा जिनमें एक हल्ला ईवीएम के प्रयोग को ले कर भी है। इस मामले में पंजाब के प्रमुख लोगों ने साथ लिया है दवा खोज के क्षेत्र में जाने माने वैज्ञानिक डाक्टर बी एस औलख को। वही डाक्टर औलख जो मेडिसिन खोज और इंडस्ट्री को नज़दीक से देख चुके हैं और समाजिक चेतना से भी सबंधित हैं. वही डाक्टर औलख हैं जो देश और दुनिया के प्रमुख आंदोलनों के नज़दीक रहे हैं। पंजाब के नक्सलवादी आंदोलन और खालिस्तानी आंदोलन के संबंध में उन्होंने बहुत पहले भविष्वाणी की तरह कह दिया था कि ये लोग नाकामी की तरफ जा रहे हैं। हाल ही में वह कौमी इंसाफ मोर्चा के सर्वोच्च संचालकों से भी मिल कर आए थे। जीरा मोर्चे की फतह भी उन्हीं के कारण सम्भव हुई। अब वह फिर मैदान में हैं। इस बार निशाने पर हैं भारतीय सियासत में घुसे हुए नापाक लोग। 

उल्लेखनीय है कि साल 2019 के आम चुनावों में भी ई वी एम मशीनों के निष्पक्ष और पारदर्शी संचालन पर कई अहम सवाल खड़े हुए थे। इन्हीं विवादों के चलते एक अमरीकी हैकर का दावा भी सामने आया था कि साल 2014 के चुनाव में मशीनों को हैक किया गया था। गौरतलब है कि  इस चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की थी। हालांकि, भारतीय चुनाव आयोग ने इन दावों का पूरी तरह से खंडन भी किया है. लेकिन इन मशीनों में तकनीक के इस्तेमाल को लेकर आशंकाएं लगातार उठती चली आ रही हैं। चुनाव आयोग के दावों से लोग संतुष्ट नहीं हुए थे। 

सोशल मीडिया पर विज्ञान को समझने वाले कुछ युवा लोगों की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होती रही हैं जिनसे सवाल खड़े होते रहे कि क्या सचमुच हैकिंग संभव है? उस वीडियो में किसी भी चुनाव चिन्ह का बटन दबाने पर पर्ची केवल एक विशेष दल की ही निकलती थी। इस तरह की सभी वीडियो के बावजूद चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के पूरी तरह सुरक्षित होने का दावा करता आया है। 

इस पारदर्शिता को साबित करने और प्रचारित करने के मकसद से तकरीबन हर ज़िले में सभी प्रमुख राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को बुला कर उनके सामने मशीनों के संचालन को दिखाया जाता रहा है। किसी न किसी सरकारी भवन में यह सब घोषित प्रोग्राम के दौरान होता रहा लेकिन मीडिया को इसके फिल्मांकन की इज़ाज़त पर पूरी सतर्कता बरती जाती रही। राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि मशीनों का संचालन शो देख कर चाय काफी पी कर बाहर आ जाते रहे। उनके पास सब ठीक है कहने और हां में हां मिलाने के इलावा कोई चारा भी नहीं बचता था। इसकी वजह यही रहती थी कि  इनके पास इस तकनीक को समझने वाला कोई विशेषज्ञ होता ही नहीं था। अब इस मुद्दे पर सभी सवालों को चुनौती देने के लिए  सियासत की दुनिया में सामने आया है नए युग का चाणक्य। स्वयं को देवता विरोधी और असुर समर्थक मानने वाले उन्हें अपना शुक्राचार्य भी मानते हैं। एक पूरी टीम है डाक्टर औलख और बलकौर सिंह गिल के साथ जो आम तौर पर अपना प्रचार करने से परहेज़ करती है। इस टीम का यकीन पर्दे के पीछे रह कर काम करने में ही है। 

शायद आप सभी को नहीं तो कुछ लोगों को याद  होगा कि आठ साल पहले, अमरीका की मिशिगन यूनिवर्सिटी से जुड़े वैज्ञानिकों ने एक डिवाइस को मशीन से जोड़कर दिखाया था कि मोबाइल से संदेश भेजकर ईवीएम मशीन के नतीजों को बदला जा सकता है। 

हालांकि, भारत की आधिकारिक संस्थाओं ने इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा था कि मशीन से छेड़छाड़ करना तो दूर, ऐसा करने के लिए मशीन हासिल करना ही मुश्किल है फिर भी लोगों के मन की आशंकाएं कायम रहीं। 

इसी बीच कई अन्य विशेषज्ञों के विचार भी सामने आते रहे। मीडिया में इस संबंध में काफी कुछ आता रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से जुड़े विशेषज्ञ धीरज सिन्हा भी मानते थे कि लाखों वोटिंग मशीनों को हैक करने के लिए काफ़ी ज़्यादा धन की ज़रूरत होगी और ऐसा करने के लिए इस काम में मशीन निर्माता और चुनाव कराने वाली संस्था का शामिल होना ज़रूरी है, इसके लिए एक बहुत ही छोटे रिसिवर सर्किट और एक एंटीना को मशीन के साथ जोड़ने की ज़रूरत होगी जोकि 'इंसानी आंख से दिखाई नहीं देगा।' सवाल यहां भी उठता है कि सत्ता पाने के लिए धन खर्च करने वालों की कमी कहां है इस देश और दुनिया के दुसरे हिस्सों में?

इसका विवरण समझाते हुए वह कहते हैं कि वायरलैस हैकिंग करने के लिए मशीन में एक रेडियो रिसीवर होना चाहिए जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और एंटीना होता है। चुनाव आयोग का दावा है कि भारतीय वोटिंग मशीनों में ऐसा कोई सर्किट ऐलीमेंट नहीं हैं। कम शब्दों में कहे तो इतने व्यापक स्तर पर हैकिंग करना लगभग नामुमिकन होगा। लेकिन यहां भी सवाल तो उठता ही है की व्यापक स्तर पर न सही लेकिन क्या कुछ सीमित इलाकों में इससे फेरबदल संभव है? वहां वहां  हो सकता है। इससे हारजीत के फैसले तो प्रभावित हो ही सकते हैं। 

अब साथ ही दुनिया की वोटिंग मशीनों का हाल भी देख लेते हैं। दुनिया में लगभग 33 देश किसी न किसी तरह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की प्रक्रिया को अपनाते हैं और उन मशीनों की प्रामाणिकता पर सवाल भी उठे हैं। क्या इसे अनदेखा किया जा सकता है? क्या आंकड़ों और तथ्यों की यह मैनेजमेंट और मैनिपुलेशन सत्य को ज़्यादा देर तक छुपने देगी?

गौरतलब है कि वेनेज़ुएला में साल 2017 के चुनावों में डाले गए मतों की कुल संख्या कथित रूप से असली संख्या से दस लाख ज़्यादा निकली। मामला बेहद हैरानीजक निकला हालांकि, सरकार इसका खंडन करती है लेकिन लोग इस खंडन से संतुष्ट नहीं हो जाते। लोगों को जो बात नहीं जचती या उनके दिल में नहीं उतरती उसे लोग एक कान से सुन कर दुसरे कान से निकाल भी दिया करते हैं। उनके मनों में उनके सवाल तब तक सवाल बने रहते हैं जब तक उनके जवाब उन्हें पारदर्शिता से न मिल जाएं। ऐसा होना नैतिक तौर पर भी ज़रूरी है। 

विवादों की बात चली है तो याद दिला ज़रूरी लगता है कि अर्जेंटीना के राजनेताओं ने इसी साल मतों की गोपनीयता और नतीजों में छेड़छाड़ की आशंकाएं जताते हुए ई-वोटिंग कराने की योजना से किनारा कर लिया है। 

इसी तरह इराक़ में साल 2018 में हुए चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी की ख़बरों के बाद मतों की आंशिक गिनती दोबारा करवाई गई थी। 

अमरीका के चुनाव की भी बात करें तो बीते साल दिसंबर महीने में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो में ई-वोटिंग से पहले मशीनों की टेस्टिंग न किए जाने की ख़बरें सामने आने के बाद ई-वोटिंग मशीनें विवाद का विषय बनी थीं.अमरीका में वोटिंग मशीनों को लगभग 15 सालों पहले इस्तेमाल में लाया गया था।  वहां भी इसे लेकर लोगों के मन की आशंकाएं कभी खत्म नहीं हुई हैं। 

चिंता की बात यह है कि अगर ईवीएम की गलती पकड़ में आ भी जाए तो रास्ता क्या है उसे सुधरने का? इस समय अमरीका में लगभग 35000 मशीनें इस्तेमाल होती हैं। इस तरह मतदान में काग़ज़ी सबूत न होने से मशीन के स्तर पर ग़लत मतदान रिकॉर्ड होने पर उसके सुधार की गुंजाइश कम होने से जुड़ी चिंताएं जताई गई थीं। हमारे यहां तो पूरे के पूरे बूथ कब्ज़े में ले लिए जाते हैं। दबंगों के गिरोह स्वयं सब हाथ में  लेकर वोट पर्चियों पर मोहरें लगते देखे जाते रहे हैं। इस पर फ़िल्में भी बनती रही हैं। उन दबंगों गए के लिए ईवीएम को कब्ज़े में करना कौन सी बड़ी बात हो सकती है?

इन चुनावों में मतों की गिनती करने वाली मशीनों में एक प्रोग्राम पाया गया जोकि दूर बैठे सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर को मशीन में फ़ेरबदल करने की सुविधा देता था। 

साउथ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफ़ेसर डंकन बुएल इसी विषय पर बहुत ही गहनता से शोध कर रहे हैं। नतीजे जल्द ही आम जनता के सामने आ सकते हैं। 

ब्रिटेन में अब भी मतपत्र का इस्तेमाल होता है। भारत की तरह ईवीएम वहां इस्तेमाल नहीं की जाती। प्रोफ़ेसर सिन्हा के मुताबिक़ पिछले तीन सालों से यहां ईवीएम के इस्तेमाल पर चर्चा चल रही है। लेकिन ख़ुफ़िया एजेंसियों और चुनाव आयोग का मानना है कि ईवीएम फ़ुलप्रूफ़ नहीं है। उसकी हैकिंग की जा सकती है। इसी तरह का विचार दुनिया के कई लोगों का भी है। साथ ही यहां हर सीट पर मतदाताओँ की संख्या बहुत कम होती है, भारत की तरह यहां बहुत ज़्यादा मतदाता तो होते नहीं. इस वजह से यहां मतपत्रों की गिनती भी उतनी मुश्किल होती नहीं।  इन वजहों से यहां अब भी ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होता। 

हमारे यहां थानों, कचहरियों, विधानसभाओं और सड़कों पर जिस तरह की दबंगाई नज़र आती है उस पर कई फ़िल्में बन चुकी हैं। उन फिल्मों के नाम ही काल्पनिक होते हैं लेकिन घटनाएं सत्य का उद्घोष ही करती हैं। इस लिए यहां की हालत कुछ ज़्यादा ही नाज़ुक है। 

सनसनीखेज़ खुलासे डाक्टर औलख की ज़ुबानी भी सुनिए

डाक्टर औलख स्पष्ट कहते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें हैं राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे बड़ा खतरा है। 

ई वी एम अर्थात इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें न केवल एक सच्चे, मजबूत व पारदर्शी लोकतंत्र के लिए घातक हैं बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बहुत बड़ा खतरा हैं। यह विचार आज जहां एक वैज्ञानिक सेमिनार को संबोधन करते हुए मशहूर वैज्ञानिक श्री बी एस औलख ने पेश किए। गौरतलब है की डाक्टर औलख की बातें बहुत गहरे अध्यन के बाद उनकी जुबां पर आती हैं। 

आज आए दिन अखबारों में हम इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का सहारा लेकर के होने वाले फ़राडों  के बारे में पढ़ते हैं। लोगों के बैंक खातों से पैसे उड़ा लिए जाते हैं। लोगों का निजी व सरकारों का अति गोपनीय डाटा चुरा लिया जाता है। पैगासस व परीडेटर जैसे सॉफ्टवेयर बन चुके हैं। किसी के भी मोबाइल या लैपटॉप वगैरा को बिना टच किए हैक कर लिया जाता है। यह सारा कुछ एक खास किस्म के रिगिंग यानी ठगी मारने वाले सॉफ्टवेयर के जरिए किया जाता है।

इससे भी ज्यादा आजकल एक और ही बड़े शक्तिशाली और खतरनाक किस्म के सॉफ्टवेयर बन चुके हैं जिन्हें टैसट रिगिंग सॉफ्टवेयर कहा जाता है जहां रिगिंग  सॉफ्टवेयर के पकड़े जाने का का डर होता है वहीं टैसट रिगिंग सॉफ्टवेयर के पकड़े जाने की कोई संभावना नहीं होती। यह किसी भी टैस्ट में नहीं आते।

टैस्ट रिगिंग सॉफ्टवेयर बहुत ही संवेदनशील सैंसर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बहुत ही ऊंचे पायदान पर पर ले जाते हैं। इनके इस्तेमाल के बाद यह मशीनें बिल्कुल इंसानों की तरह महसूस करने लगती हैं। यह देखने, सुनने व सोचने लगती हैं। फिर यह इंसानों की तरह ही धोखा देने लगती हैं। फ़राड करती हैं। जब उनको चेक किया जाता है, तब यह ईमानदारी का ढोंग करती है और जैसे ही टैस्ट प्रक्रिया खत्म हो जाती है, यह फिर से बेईमान बन जाती हैं।

दुनिया का सबसे पहला टैस्ट रिगिंग सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बौश ने 2004 में बनाया था। बाद में बहुत बढ़ी कार कम्पनी वोकसवैगन ने इसी साफ्टवेयर का सहारा लेकर के 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 3 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का घोटाला कर डाला।

यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें जिनके नाम में ही इलेक्ट्रॉनिक शब्द मौजूद है किसी भी तरह भरोसे के लायक नहीं हैं। यह ना केवल आज हमारे लोकतंत्र के लिए खतरा हैं बल्कि यह आज हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बहुत घातक हैं। कल को अगर किसी दिन कोई विदेशी संस्था या कोई बड़ा कारपोरेट घराना इन मशीनों का इस्तेमाल करके अगर किसी बड़े चुनावी घोटाले को अंजाम देता है तो चारों तरफ अफरा तफरी का आलम हो जाएगा और किसी को कुछ समझ भी नहीं आएगा।

इसीलिए हम अपने आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को विनती करते हैं कि वह एक सच्चे राष्ट्रवादी होने के नाते इन ईवीएम मशीनों पर यथाशीघ्र बैन लगाएं और आने वाले सारे चुनाव बैलट पेपर से करवाएं।

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Saturday, August 05, 2023

हर 10 मिनट में एक व्यक्ति का अंग काटना पड़ रहा है--डॉ.लव

Saturday 5th August 2023 at 13:36

लेकिन सभी तरह की  एंप्यूटेशन से बचा भी जा सकता है 


लुधियाना
: 5 अगस्त 2023: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन)::

हर साल 6 अगस्त को मनाए जाने वाले नेशनल वैस्कुलर डे के उपलक्ष्य में ग्लोबल हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अस्पताल के डायरेक्टर कार्डियोलॉजी डॉ. ब्रजेश  बद्धन व डिपार्टमेंट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर एंड थोरेसिक सर्जरी के हेड डॉ. केसी मुखर्जी ने की। इस दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई, जिसमें संबोधित करते हुए अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ वेस्कुलर एंड एंडो वैस्कुलर सर्जरी के कंसल्टेंट डॉ. लव लूथरा ने नेशनल वेस्कुलर डे, वैस्कुलर एंड एंडो वैस्कुलर सर्जरी के बारे में बहुत सी जानकारियां दीं। 

उन्होंने कहा कि वैस्कुलर सोसाइटी ऑफ इंडिया ने एंप्यूटेशन फ्री इंडिया को मिशन बनाया है, जिसके लिए देश के 24 शहरों में 6 अगस्त को वैस्कुलर सर्जनों द्वारा वाकथान के जरिए वैस्कुलर बीमारियों व एंप्यूटेशन से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। डॉ. लव लूथरा ने कई तरह की वैस्कुलर डिजीज मसलन वेरीकोज वेन, पेरीफेरल वैस्कुलर डिजीज( गैंगरीन) डायबिटिक फुट डिजीज, करॉटिड आर्टरी डिजीज, मिनिमली इनवेसिव ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि ग्लोबल हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल इस रीजन का एकमात्र हॉस्पिटल है जो ब्रेन, हार्ट, लिंब व एब्डोमेन से संबंधित सभी वैस्कुलर बीमारियों का अत्याधुनिक इनवेसिव तकनीक से इलाज करता है। डॉ.लव ने बताया कि हर 10 मिनट में एक व्यक्ति का अंग काटना पड़ रहा है। 

इसकी सबसे बड़ी वजह डायबिटिक फुट, गैंगरीन की वजह से टांग में ब्लड की सप्लाई घटना, डीप वेन थम्बोसिस इलाज ना करवाना,ट्रॉमा, थरम्बोसिस ऑफ आर्टरी की  वजह से अचानक ब्लड रुक जाना प्रमुख वजहें हैं। उन्होंने बताया कि यदि मरीज समय रहते वैस्कुलर सर्जन से चेकअप करवा ले, तो एंप्यूटेशन से बचा जा सकता है। डॉ.लव ने बताया कि वह पिछले 2 साल में 300 से अधिक ऑपरेशन कर चुके हैं इनमें से ज्यादातर को डॉक्टरों ने एम्प्यूटेश की सलाह दी थी या उन्हें रेफर किया था। 

डॉक्टर लव ने बताया कि ग्लोबल हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में सभी विनस एंड आर्टरियल डिजीज का आधुनिक तकनीकों से इलाज किया जाता है। वेरीकोज वेन का इलाज 1940 लेजर मशीन से किया जाता है जो कि पंजाब में अकेली है। इसके अलावा अस्पताल में बाईपास व पेरिफेरल एंजोयोप्लासटी व अंगों के बचाव के लिए स्टेंटिंग भी की जाती है। 

डायलसिस के मरीजों के लिए क्रिएशन ऑफ आर्टरीवीनस फिसूला,परम कैथ इंसरशन व अन्य प्रोसीजर हमारे वेस्कुलर सर्जनों की टीम द्वारा किए जाते है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का मकसद लोगों को वैस्कुलर डिजीज और उसके इलाज के बारे में जागरूक करना था। ग्लोबल टीम की ओर से एंप्यूटेशन फ्री पंजाब मुहिम को लांच किया गया है, जिसके जरिए हम लोगों को एंप्यूटेशन से बचाने के लिए वैस्कुलर डिजीज के बारे में जागरूक करेंगे। 

शनिवार के दिन हुए पत्रकार सम्मलेन के दौरान सबसे बड़ी उपलब्धि ज़ेह जानकारी रही कि डॉ.लव ने कहा स्पष्ट कहा कि सभी तरह की  एंप्यूटेशन से बचा जा सकता है, यदि उसकी समय रहते जांच और इलाज करवाया जाए।

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Monday, July 10, 2023

ताजपोशी से पहले जाखड़ पहुंचे बाढ़ पीड़ितों के पास

 Monday 10th July 2023 at 5:26 PM

आधिकारिक तौर पर पदभार संभालने से पहले जाखड़ का अहम एक्शन 

जमीनी स्तर पर बाढ़ की स्थिति का लिया जायजा 


*राज्य सरकार को कुछ इलाकों में स्थिति गंभीर होने पर सतर्क रहने की दी चेतावनी

*भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा

मोहाली: 10 जुलाई 2023 (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

लगातार जारी झमाझम बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही थी। हर गली  मोहल्ले में पानी भरा हुआ था। ऐसे में पता चला कि भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अपनी ताजपोषी से एक दिन पहले ही चंडीगढ़ पहुँच रहे हैं लेकिन यह अचानक आना बाढ़ पीड़ितों  को जानने के लिए है। मकसद उन लोगों तक पहुंचना था जिन्हें नदी पर की ज़मीन पर रिहायशी एन्क्लेव बना कर  महंगे भाव मकान, कोठियां और फ़्लैट बेच दिए गए थे। यह लोग अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। इनकी ज़िंदगी भर की कमाई से बने मकान बारिश की पहली ही मार से आई बढ़ में बह गए। नदी ने अपना वक्त आने पर अपनी ज़मीन कब्ज़ाने वालों को अप्पन विकराल रूप दिखलाया। बढ़ का शिकार लोग भी गुस्से और गम में थे। 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पद संभालने से पहले ही मैदान में उतरे वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद सुनील जाखड़ ने सोमवार को खरड़ के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। वह खर्डे के अंदर तक जा कर उन इलाकों तक भी पहुंचे जो पूरी तरह बाढ़ की मर में थे और खतरा लगातार बना हुआ था। उन्होंने पंजाब सरकार को सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है और कुछ इलाकों में स्थिति तेजी से गंभीर होती जा रही है।

सुनील जाखड़ ने राज्य सरकार से जरूरतमंदों के लिए हर संभव सहायता सुनिश्चित करने की अपील करते हुए कहा कि राज्य में लगातार हो रही बारिश से हमारे लाखों लोग पीड़ित हैं और उनमें से कई लोगों की जान जाने का खतरा है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह गंभीर रहे। उन्होंने कहा कि पंजाब के कई जिलों में बाढ़ से भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि बाढ़ प्रभावित परिवारों के साथ खड़े रहें और इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करें। जाखड़ ने लोगों के हर दुःख को बहुत ध्यान से सुना। उनकी तबाही को उनके साथ मिल कर बहुत ही नज़दीक से देखा। आसपास के लोग उनसे अपनी  को बहुत उतावले नज़र आए। शायद पहली बार उनके दुःख को किसी ने समझा हो। 

इस मौके पर जाखड़ ने प्रशासन से अनुरोध किया कि आने वाले दिनों में भारी बारिश होने की स्थिति में पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए निकासी योजना और राशन योजना को तुरंत लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि समय पर निकासी सुनिश्चित करना और लोगों के रहने की अग्रिम व्यवस्था किया जाना सबसे पहले जरूरी है। आम लोगों के रूटीन का जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हुआ नज़र आ रहा था। उनकी उम्मीदों पर फायर पानी ने उनके हर रंग को बेरंग कर दिया था। 

गम और दुःख की इस घड़ी में उनके पास पहुंचे जाखड़ ने कहा कि खरड़ के लोगों ने अपने घर और कीमती सामान खोने का डर व्यक्त किया है, क्योंकि प्रशासन ने उन्हें निचले इलाकों में अपने घर खाली करने के लिए नोटिस जारी किया है। स्थिति सामान्य होने तक उनके जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह गलती ढूंढने का समय नहीं है और यह महत्वपूर्ण है कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी लोग एक साथ आएं। वरिष्ठ भाजपा नेता ने सभी राजनीतिक दलों से इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अपने लोगों की रक्षा करने का आह्वान किया। अगर अभी इससे ठीक से नहीं निपटा गया तो इस त्रासदी से हमारे राज्य के लोगों को बहुत बड़ा नुकसान होगा।

संकट का गंभीरता से जायज़ा लेते हुए जाखड़ ने कहा कि यह समय सतर्क रहने और पूरी तैयारी के साथ किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार रहने का समय है। इसमें कोई ढील नहीं रेहनी चाहिए। जाखड़ ने भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करने और जरूरतमंदों की हर संभव मदद करने का हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया।

जाखड़ के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे के दौरान उनके साथ वरिष्ठ नेता बलबीर सिंह सिद्धू, गुरप्रीत सिंह कांगड़, अरविंद खन्ना, प्रदेश सचिव परमिंदर बराड़, जिला अध्यक्ष संजीव वशिष्ठ, कमल सैनी आदि भी मौजूद थे। उनके काफिले में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अनिल सरीन लुधियाना से विशेष तौर पर पहुंचे हुए थे। 

श्री जाखड़ का काफिला इन लोगों के दरम्यान करीब एक घंटा रुका और उसके बाद मीडिया से संक्षिप्त सी भेंट वार्ता करके दुसरे बाढ़ पीड़ित इलाकों को देखने के लिए रवाना हो गया। 

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