Sunday, May 11, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम सीधा प्रसारण

PMO office On Monday 12th May 2025 at 08:00 PM Updated 12th May 2015 at 08:16 PM
हमने पाकिस्तान में चल रहे आतंकी अड्डों को तबाह किया 
Prime Minister Narendra Modi addresses the Nation
प्रधानमंत्री कार्यालय//Azadi ka Amrit Mahotsav//Posted On: 12 MAY 2025 8:27PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन का मूल पाठ

प्रिय देशवासियों,
नमस्कार!
हम सभी ने बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनों देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को, हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनके पराक्रम को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये पराक्रम समर्पित करता हूं।

साथियों,
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।

साथियों,
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, Nation First की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।

जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला, भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से ग्लोबल टैररिज्म की यूनिवर्सटीज रही हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे नाइन इलेवन हो, चाहे लंदन ट्यूब बॉम्बिंग्स हो, या फिर भारत में दशकों में जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके तार कहीं ना कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया है। आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया।

साथियों, 
भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों को, गुरुद्वारों को, मंदिरों को, सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया।

दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन्स, भारत की मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।

इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे, कि वो क्या रवैया अपनाता है।

साथियों,
भारत की तीनों सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी, और हमारी नेवी, हमारी बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स- BSF, भारत के अर्धसैनिक बल, लगातार अलर्ट पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है। 

पहला-भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। दूसरा- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा। 

तीसरा-हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। स्टेट स्पॉन्सरड टेरेरिज्म का ये बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।

साथियों,
युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।

साथियों,
हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।

साथियों, 
पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे हैं, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टैरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टैरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।

मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, PoK उस पर ही होगी।

प्रिय देशवासियों,
आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।

मैं एक बार फिर भारत की सेना और सशस्त्र बलों को सैल्यूट करता हूं। हम भारतवासी के हौसले, हर भारतवासी की एकजुटता का शपथ, संकल्प, मैं उसे नमन करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

भारत माता की जय !!!
भारत माता की जय !!!
भारत माता की जय !!!

****//MJPS/ST//(Release ID: 2128269) 


Saturday, February 22, 2025

पंजाब में भाजपा के हालात बढ़िया नहीं है-डी.पी. खोसला

22nd February 2025 >17<33 WhatsApp 

भाजपा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी. एल. संतोष से ki विशेष वार्तालाप

लुधियाना>22 फरवरी 2025> संदीप//पंजाब स्क्रीन//डेस्क टीम>>


आज भाजपा मुख्यालय नई दिल्ली में
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं भाजपा प्रदेश कार्यकारणी सदस्य पंजाब डी.पी. खोसला ने भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री आदरणीय श्री बी. एल. संतोष जी से विशेष वार्तालाप पंजाब की वर्तमान स्थिति पर की। डॉ. खोसला ने बताया कि पंजाब में भाजपा के हालात बढ़िया स्थिति में नहीं है, क्योंकि भाजपा के कर्मठ  व सीनियर कार्यकर्ताओ को हमेशा पिछले कुछ वर्षो से दूर रखा गया है जिसके कारण वह अपने आप को पार्टी में दबदबा महसूस करते है इसलिए आप जी की ओर से उन्हें दोबारा ऊर्जावान बनाये ताकि पार्टी आगामी चुनाव में पूरी तरह संगठित हो सके।

 कुछ समय पहले जो नेता अन्य पार्टियों से भाजपा में आए वह स्वयं अकेले ही आए लेकिन उनके साथ जनबल नहीं आया और ना ही वे भाजपा की नीतियों को समझ पाए, हमारी पार्टी ने उन्हें जरूरत से ज्यादा सम्मान देकर संगठन में उच्च पदों पर भी बिठाया और उन्हें विधानसभा व पार्लियामेंट चुनाव में उम्मीदवार भी बनाये  लेकिन पार्टी को उनका कोई लाभ नहीं हो पाया और ना ही वह जीत पाए  इस बात को लेकर सीनियर कार्यकर्ता अपने को मलिक की बजाये, किराएदार समझने लग गये है यह एक चिंतनीय विषय है।

 पंजाब में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 30% से ऊपर है और पंजाब की 117  विधानसभाओं मैं 32 विधानसभा आरक्षित हैं अगर इन पर मजबूत जनाधार बनाना है तो भाजपा को मजबूत, सीनीयर एवं जमीनी दलित नेताओं को प्रथम कतार पर आगे लाना होगा।

 पंजाब के सीमावर्ती जिलों के गावों में बडी तेजी से धर्म परिवर्तन हो रहा है जिसमें ज्यादातर अनुसूचित जाति व जनजाति समाज से संबंधित है इससे सनातन धर्म की जनसंख्या दिन पर दिन कम हो रही है, ईसाई धर्म के पादरी अनेक प्रकार की सुविधाएं व लालच देकर लोगों को गुमराह करके धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं इस विषय पर भाजपा संगठन विशेष ध्यान दें ताकि धर्म परिवर्तन रोका का जा सके।

 माननीय राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संतोष ने सभी विषयों को ध्यान पूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि भविष्य में संघठन इन सभी बातों पर ध्यान रखेगा ताकि आगामी 2027 विधानसभा चुनाव में भाजपा सशक्त होकर पंजाब में सरकार बनायेंगे, इस अवसर पर सन्नी खोसला युवा नेता भाजपा ने दिल्ली में भाजपा सरकार बनने पर हार्दिक बधाई दी तथा आशा प्रगट की दिल्ली की तरह पंजाब में भी 2027 में भाजपा सरकार बनवाएं।

Wednesday, January 22, 2025

जादू की दुनिया में तलिस्मी दुनिया के पर्चे ने भी जादू दिखाया

 From Magician Mogambo on 22nd January 2025 at 11:22 Regarding Magic Magazine Moradabad

जादूगर मोगैम्बो ने जादुई पत्रिका मोरादाबाद के संबंध में 22 जनवरी 2025 को 11:22 बजे रिपोर्ट भेजी

जादुई पत्रकारिता को जादूगर सम्राट मोगैम्बो दे रहे हैं नई उड़ान 


लुधियाना//मुरादाबाद: 22 जनवरी 2025: (मीडिया लिंक//लुधियाना स्क्रीन डेस्क)::

कुछ दशक पहले तंत्र-मंत्र की कला बहुत लोकप्रिय हो गई थी। जादू का शो किसी फिल्म के शो की तरह भीड़ खींचता था। कभी-कभी शैक्षणिक संस्थान भी जादू के शो आयोजित करते थे। तब दिवाली दशहरा और नए साल के मेलों में जादू के शो भी एक बड़े आकर्षण के तौर पर हुआ करते थे। मृत्यु भी विभिन्न रूपों में सामने आती है।

कभी-कभी लकड़ी की दीवारों वाले कुएं में एक साथ कई कई बाइकें और कुछ कारें इन दीवारों पर दौड़ती थीं। देखने वाले सांस रोक कर मौत के कूंए में चलने वाली इस रेस को देखते थे। कुछ हंसते भी थेऔर अपना मनोरंजन करते थे। बहुत कम लोग सोचते कि अगर हादसा हुआ तो क्या बनेगा? ऐसे आयोजनों में ही कभी-कभी कोई अदाकार//कलाकार अपने कपड़ों पर मिट्टी का तेल आदि सिर से पाँव तक छिड़क कर बहुत ऊँची सीढ़ी पर चढ़ जाता और खुद को आग लगाकर नीचे बने कुएँ में कूद जाता। इस छलांग से पहले कुएं में भी पैट्रोल छिड़क कर आग लगा जाती थी। इस तरह वह आग का कूयां ही बना होता था। छलांग लगाने वाले का परिवार अथत  बच्चे आँखों आंसू लिए प्रार्थना करते। जब तक वह बाहर  नहीं आ जाता तब तक  प्रार्थना रहती। 

ये सभी जादू के शो खतरनाक होते थे। इन्हें करने वाले लोग आजीविका के लिए सब कुछ करते हैं। जो लोग मेला देखने आते थे वे उनके खतरनाक करतब देखते थे और खुश होकर वापिस चलते थे। इन बेचारों को कुछ हो गया तो क्या बनेगा यह किसने सोचा होगा..? लेकिन किसी ने शायद कभी नहीं सोचा!

इस प्रकार इन खतरनाक वस्तुओं के साथ-साथ जादू के शो भी चलते रहे। धीरे धीरे इससे भी लोगों का मोहभंग होता जा रहा है। इन कार्यक्रमों में सिर्फ एक जादूगर नहीं बल्कि दर्जनों लोग शामिल होते हैं जिनके परिवार ऐसे शो की सफलता पर ही निर्भर होते हैं। दो वक़्त की रोटी के लिए मनोरंजन के नाम पर होते रहते हैं खतरों भरे ये खेल। जादूगर सम्राट मोगैम्बो अब उन्हें बचाने के लिए मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। इसी मकसद के लिए उन्होंने चलाई है  जादू पर एक बहुत अच्छी पत्रिका। 

तंत्र-मंत्र के जादू को उजागर करने वाली यह पत्रिका तलिस्मी दुनिया जादू के इस संसार में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस पत्रिका के पहले साल की सफलता के लिए आयोजित कार्यक्रम का समापन भी भव्य अंदाज में हुआ।  इस पत्रिका से दुनिया के कई लेखकों, पत्रकारों, फोटोग्राफरों और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी रोज़गार मिला है। इस छोटी सी पत्रिका से जादुई पत्रकारिता की भी एक अलग श्रेणी उभर कर सामने आई है।

भारत की अग्रणी मासिक जादुई पत्रिका "तलिस्मी दुनिया" लुधियाना पंजाब ने अपनी पहली वर्षगांठ के साथ एक नया अध्याय लिखा है और जादू की दुनिया में बहुत लोकप्रियता और विश्वास हासिल किया है। जनवरी 2024 में अपनी यात्रा शुरू करने वाली इस पत्रिका ने महज एक साल में भारतीय जादुई कलाओं और कलाकारों का पसंदीदा मंच बनकर एक नया मानक स्थापित किया है।

इस ऐतिहासिक अवसर के उपलक्ष्य में पत्रिका के प्रकाशक एवं प्रधान संपादक जादूगर सम्राट मोगैम्बो द्वारा मानसरोवर कन्या इंटर कॉलेज, नवीन नगर, मुरादाबाद के प्रांगण में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह उत्सव उन लेखकों, संपादकों और योगदानकर्ताओं को समर्पित है जिन्होंने पत्रिका की सफलता में अपने समर्पण, कड़ी मेहनत और रचनात्मकता का योगदान दिया। जादूगर सम्राट शंकर, वैश्य समाज की प्रदेश संगठन मंत्री श्रीमती सुनीता गुप्ता, भारतीय जनता पार्टी के आर्थिक प्रकोष्ठ के संयोजक राजेश रस्तोगी, साइबर मैन मनीष गोयल, शिक्षाविद् डाॅ. मुख्य अतिथि प्रदीप वार्ष्णेय थे।

मंच पर जादूगर सम्राट शंकर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि तिलस्मी दुनिया मैजिक पत्रिका मात्र एक वर्ष में देश की नंबर वन पत्रिका बन गयी है. उन्होंने कहा कि उन्होंने जादू के इतिहास में इतनी खूबसूरत जादुई पत्रिका कभी नहीं देखी। पत्रिका के संस्थापक संपादक सम्राट शंकर ने जादूगर मोगैम्बो को बधाई देते हुए मोगैम्बो के सफल प्रयासों की सराहना की और भविष्य में भी पत्रिका को अपना पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर जादू में निपुण जादूगरों ने अपने अद्भुत जादुई कौशल का प्रदर्शन किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

इस समारोह में सबसे खास बात यह रही कि जादू की कला के प्रति समर्पित जादूगर मोगैम्बो ने सभी की उपस्थिति में एक स्टांप पेपर पर अपनी आखिरी इच्छा लिखकर जादूगर जुगनू जी को सौंप दी और उनसे अनुरोध किया कि जिस दिन वह (मोगैम्बो) ) इस दुनिया से अलविदा, उस दिन का जश्न मनाना चाहिए। आइए जीवन और मृत्यु के सत्य को स्वीकार करते हुए सभी के साथ जादू की कला को बढ़ावा देकर इस दिन को एक सम्मेलन के रूप में मनाएं।

जादूगर सम्राट मोगैम्बो की मेहनत को सलाम करते हुए गुजरात के सूरत के जादूगर सनत दवे ने मोगैम्बो को जादू रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। जादूगर भंवर तलैचा ने मोगैम्बो को जादूगर आंचल द्वारा भेजे गए विशेष स्मृति चिन्ह से सम्मानित भी किया।

विश्व प्रसिद्ध जादूगर सम्राट शंकर, जादूगर स्टिक मनोहर हैदराबाद, जादूगर जुगुनु उत्तर प्रदेश, जादूगर सनत दवे कार्टूनिस्ट गुजरात और जादूगर कुलदीप मिश्रा दिल्ली को तिलस्मी गौरव रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही राजस्थान के जादूगर भंवर तलैचा और लुधियाना के जादूगर मनोज जैन को तिलस्मी साहित्य रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जादू में निपुण जादूगरों ने अपने अद्भुत जादुई कौशल का प्रदर्शन किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।

"तलिस्मी दुनिया" के पीछे हर लेखक, संपादक और साथी का ईमानदार योगदान इस यात्रा की सबसे मजबूत नींव रही है। हम सभी को धन्यवाद देते हैं और आशा करते हैं कि भारतीय जादुई दुनिया की उन्नति के लिए यह समर्थन और समर्पण भविष्य में भी जारी रहेगा।

इस आयोजन में बहुत से जादूगर और अन्य लोग शामिल रहे। इनमें जादूगर मुकुंद कुमार पुणे, जादूगर अशोक दवे गुजरात, जादूगर लंकेश दिल्ली, जादूगर एनए पाशा बिजनोर जादूगर बी राज, जादूगर मिस्टर इंडिया, जादूगर अनुभव, जादूगर अंकुश, जादूगर अभिनव, जादूगर मुरली, वैशाली, भूमि, पाखी और जादूगर जूनियर शामिल रहे। स्वयं जादूगर मोगैम्बो उपस्थित भी सक्रिय तौर पर उपस्थित रहे। शामिल रहें इस कार्यक्रम में जादूगर जुगनू का भी विशेष सहयोग रहा। 

Sunday, December 15, 2024

फिर लौटना होगा योग साधना और मैडिटेशन की शरण में!

 From Dr. Meena Sharma on Saturday 14th December 2024 at 12:38 Regarding Meditation

डा. मीना शर्मा की देखरेख में एक दिवसीय ध्यान शिविर 22 दिसम्बर को

 स्वस्थ और शांतिपूर्ण लाईफस्टाईल के विशेष गुर सिखाए जाएंगे 


मोहाली
:14 दिसंबर 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::  
दुनिया के साथ साथ हमारा जन जीवन भी बदल चुका है। हम में से ज़्यादातर लोग हमारे देश के लोगों ने भी आधुनिक फैशन के साथ साथ खानपान के तौर तरीके अपना लिए। नतीजा  है। शूगर और बीपी जैसी जो जो बिमारियां बड़ी उम्र के लोगों को भी बहुत कम सुनी जाय करती थी अब वे बिमारियां छोटे छोटे बच्चों में भी पाई जा रही हैं। तन के साथ साथ मन भी गड़बड़ा गया है। खुदकुशी का रुझान भी बढ़ रहा है। स्कूल के बच्चे आत्म हत्या तक करने लगे हैं। इसी के साथ हिंसक प्रवृतियां  रही हैं। बच्चे अब हत्यायों तक उतारू  चुके हैं। बलात्कार की घटनाएं भी आम हो।  यह सब अपनी संस्कृति और धर्म की तरफ पीठ करने का ही परिणाम है। इससे बचना है तो फिर होगा धर्म, कर्म, योग साधना और मैडिटेशन की ओर। 

इस बात को गहरे से समझ लिया जाना चाहिए कि तंत्र मंत्र और ज्योतिष को लेकर जो जो बातें और कहानियां हमें सुनने में मिलती रहती हैं वे आधारहीन भी नहीं होती हैं। उनके गहरे मकसद भी हैं और उनमें गहरे संदेश भी छिपे होते हैं। तन मन और जीवन को सारी उम्र स्वस्थ रखने की एक प्रक्रिया है उनमें। उनके जीवन के गहरे अर्थ भी होते हैं। समझ आ जाएं तो कदम कदम पर सफलता पांव चूमती है। 

जो लोग इस तरफ पीठ कर चुके हैं उनकी दिक्क्तें भी बहुत ज़्यादा बढ़ चुकी हैं। हमारी ज़िन्दगी के कष्ट हमारी गलतियों के कारण भी आते हैं। किसी भगवान का कोई कसूर नहीं होता।  गलतियों को दोहराते रहना हमारे ग्रहों को भी हमरे विपरीत खड़ा कर देता है। इस पर सोचना भी होगा और अतीत से शिक्षा लेते हुए हमें अपनी हो धरोहर के पास लौटना भी होगा। यह सब एक निश्चित विधि  लेकिन हम अपना पहला पोआव किस  उठाएं इसकी स्वतंत्रता भी हमें होती है। 

दुनिया में एक ऐसा वर्ग तकदीर को नहीं तदबीर को ही अंतिम सत्य  मानता है वह भी कई बार निराश हो जाता है। बहुत बार ऐसा भी साबित हुआ है कि तदबीर, कोशिश और स्ट्रगल भी कई बार तकदीर की लकीरों का ही हिस्सा होते हैं। इस दुविधापूर्ण माहौल के बावजूद कुछ ऐसे विशेषज्ञ सामने आए हैं जो इस दिशा में मिल रही चुनौतियों को स्वीकार करते हुए इसका पूरा मर्म सामने रखते हैं। वे ज्योतिष  ज्ञान के आधार पर ही जीवन की एक एक बात को खोल कर सामने रख देते हैं कि देख सुन कर हैरानी भी होती है। लेकिन यह हकीकत है कि ऐसा कुछ बहुत बार सामने आ चुका है जो हैरान कर देता है।  

अब तो ज्योतिष विद्या की शिक्षा बाकयदा कालेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिल हो चुकी है। इस विषय पर बाकायदा सेमिनार होते हैं। बहुत से आयोजन भी होते हैं। जानेमाने मीडिया मंचों पर बाकायदा चर्चा भी होती है। इस तरह के आयोजन तकरीबन हर शहर में बढ़ रहे हैं। 

ज्योतिष के साथ साथ ध्यान की विधियां और इनकी ट्रेनिंग भी बढ़ रही है। जिन लोगों पर अब नींद की गोलियां भी बेअसर हो रही हैं  वे अब ध्यान की शरण में ही आ रहे हैं। जो लोग तरह तरह के नशे करके थक चुके हैं वे भी अब धर्म और मेडिटेशन में ही शांति की तलाश कर रहे हैं और उनकी तलाश खाली भी नहीं जाती। ओशो के कैंप, आर्ट ऑफ़ लिविंग, विपस्सना या  विपश्यना के शिविर और आनंदमार्ग जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस दिशा में बहुत कुछ कर रहे हैं। 

इस संबंध में इस क्षेत्र की विशेषज्ञ डाक्टर मीना शर्मा ने कहा की वह मानवता को बचने के लिए इस संबंध में पहले ही बहुत से प्रयास कर चुकी हैं। उन्होंने ने कहा कि इसी सिलसिले में इसी तरह का एक और विशेष शिविर मोहाली में भी लग रहा है रविवार 22 दिसंबर 2024 को। आज के तनावपूर्ण हालात में यही लाईफ स्टाईल बचा है जो लोगों को शांतिपूर्ण जीवन जीने का सुरक्षित रास्ता बता रहा है। 

जीवन को संतुलित और शांति से परिपूर्ण बनाने का अब यही एक सशक्त माध्यम है। आज के तनावपूर्ण जीवन में, मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, यह एक दिवसीय ध्यान शिविर आयोजित किया जा रहा है।

इस शिविर का स्थान होगा-श्री वेंकटेश मन्दिर, बांके बिहारी धाम, TDI , सेक्टर 74A, मोहाली। इस शिविर की तारीख रहेगी-22 दिसंबर 2024 और समय होगा सुबह 10 से बाद दोपहर 2 बजे तक। 

इस शिविर में प्रमुख गतिविधियाँ इस प्रकार रहेंगी:

* ध्यान सत्र (Meditation Session) में मैडिटेशन के गुर सिखाए जाएंगे। यह सेशन इस मकसद के लिए आपका आधार तैयार करेगा। आपकी मज़बूत नींव बनाएगा। 

* श्वसन तकनीक (Breathing Techniques) बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देगी। तन मन के बहुत से रोग तो इस श्वसन तकनीक से दूर होने लगते हैं। सांस लेने का सही तरीका आ जाए तो समझो ज़िन्दगी में क्रांति की शुरुआत शुरू हो जाती है। 

* माइंडफुलनेस अभ्यास (Mindfulness Practice) भी बहुते गहरे तक असर दिखाता है। ज़िन्दगी को माइंड नियंत्रित करता है लेकिन माइंड को कैसे नियंत्रित किया जाना है इस की सिखलाई डा. मीना शर्मा देती हैं अपने कैंपों में। 

शिविर में जाने के इच्छुक रजिस्ट्रेशन और अधिक जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं डाक्टर मीना शर्मा से उनके मोबाईल नंबर  +91 96460-05543

अभी भी वक़्त है लौट आइए मैडिटेशन की शरण में, योगसाधना की शरण में। आरंभ करते ही मिलेगी राहत। महंगी दवाओं से भी छुटकारा मिलेगा और तन मन के दर्द  से भी। 

कैंप के आयोजक हैं: Acupoint Wellness Centre, Gobind Enclave Greens Sector 117, Mohali

इसमें कुछ इनपुट हमारे सहयोगी प्रकाशन आराधना टाईम्ज़ में से लिया गया है। 

Wednesday, December 11, 2024

आस्था यात्रा:मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा श्री भाभोर साहिब में माथा टेका

 CM office Sent on Wednesday 11th December 2024 at 2:19 PM Email Gurdawara Sri Bhabhor Sahib

सीएम कार्यालय//बुधवार:11 दिसंबर 2024 दोपहर 2:19 बजे// ईमेल// गुरुद्वारा श्री भाभोर साहिब की आस्था यात्रा 

विनम्रता और समर्पण के साथ लोगों की सेवा करने की ताकत मांगी

 राज्य की प्रगति और विकास के लिए भी श्रद्धा के साथ प्रार्थना की 


नंगल
: (रूपनगर): 11 दिसंबर 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

हमारी संस्कृति में धर्म और आस्था का गहरा स्थान सदियों पुराना है। सत्ता पर बैठने वाले राजा महाराजा  अपने राज्य और राज्य के लोगों की भलाई के लिए अक्सर भगवान और पीरों पैगंबरों से याचना करते रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान भी इसी भावना  गुरुद्वारा भाभोर साहिब  टेकने गए।  

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को गुरुद्वारा श्री भाभोर साहिब में मत्था टेका और प्रार्थना की और राज्य के लोगों को पूरी विनम्रता और समर्पण के साथ सेवा करने के लिए अपार शक्ति देने के लिए ईश्वर का आशीर्वाद मांगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें राज्य की सेवा करने का अवसर मिला और इस यात्रा का उद्देश्य इस सेवा के लिए ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त करना है। भगवंत सिंह मान ने समाज के सभी वर्गों की आकांक्षाओं को पूरा करने के अलावा समग्र विकास, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने राज्य की प्रगति और विकास तथा लोगों की समृद्धि के लिए भी प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने ईश्वर से राज्य के लोगों की पूर्ण समर्पण के साथ सेवा करने के लिए अपार शक्ति प्रदान करने का आशीर्वाद मांगा। उन्होंने गुरुद्वारा साहिब में प्रार्थना की और एक सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए जाति, रंग, पंथ और धर्म की परवाह किए बिना राज्य के लोगों की सेवा करने की अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। भगवंत सिंह मान ने कहा कि महान गुरुओं द्वारा सिखाए गए प्रेम, भाईचारे और सद्भाव के लोकाचार को हर कीमत पर बनाए रखा जाएगा और यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।

मुख्यमंत्री ने पंजाब के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ईमानदारी, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ सेवा करने की जिम्मेदारी देने के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे पवित्र तीर्थस्थलों की यात्रा करना उनके लिए हमेशा एक अनोखा अनुभव होता है, जो दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा और सकारात्मकता का स्रोत हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि भगवान की कृपा से उनकी सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और सरकार द्वारा जन-समर्थक और विकासोन्मुखी नीतियों को लागू करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

Tuesday, November 05, 2024

80 वाले दशक के बाद भारत में क्यूं बढ़े शुगर-BP के मरीज़?

 Tuesday 5th November 2024 at 14:49 WhatsApp Dr Archita Mahajan//Updated:06th November 2024 at 20:07

नेस्ले फूल बना रहा है फूड नहीं:डॉ अर्चिता महाजन 

स्वास्थ्य की दुनिया: 5 नवंबर 2024: (डा. अर्चिता महाजन//पंजाब स्क्रीन फीचर डेस्क)::


कुछ दशक पूर्व "स्वदेश जागरण मंच" और कुछ अन्य संगठनों ने जब स्वदेश वस्तुओं के समर्थन में आंदोलन चलाया तो बहुत से सनसनीखेज़ खुलासे भी हुए। जनता के एक बड़े हिस्से ने इस अभियान का समर्थन भी किया। लेकिन वक्त की धुल के साथ साथ सब कुछ धूमिल होता चला गया। लेकिन उस आवाज़ में एक आह भी थी और पुकार भी। सब कुछ बेनकाब होने के बावजूद विदेशी कंपनियों का प्लेटफार्म बना व्यापारी वर्ग इस दर्द को  नहीं समझा। इसके बाद डाक्टर वंदना शिवा ने भी इसी से सबंधित बहुत सी बातें  अपनी आवाज़ में उठाई। मीडिया ने इसे सच्चे मन से लोगों तक पहुंचाया भी। लेकिन फिर सब कुछ धूमिल होता चला गया क्यूंकि व्यापारी वर्ग इस बार भी नहीं माना। सत्ता ने क्यों सख्ती नहीं की यह सवाल भी अनुत्तरित ही रहा।  राजनीतिक दल भी नहीं बोले।  

अब पंजाब से ही उठी है एक और बुलंद आवाज़ और वह आवाज़ है डाक्टर अर्चिता महाजन की। इस बुलंद आवाज़ में संकल्प भी है और लंबे संघर्ष की ज़ोरदार तैयारी भी।  विदेशी लुटेरों के साथ दो दो हाथ करने को अब पूरी तरह से तैयार है यह आवाज़ और इस आवाज़ के साथ चलने वाला काफिला भी। निशाना है वही विदेशी  लुटेरे जो केवल और केवल अपने मुनाफे के लिए आम जनता का धन भी लूटते हैं और, स्वास्थ्य  ज़िंदगियां भी। 

अब डाक्टर अर्चिता महाजन ने आह्वान किया है कि आओ नेस्ले फूड का बायकाट करके भारत को डायबिटीज मुक्त करें! 

इसके साथ ही उन्होंने तथ्य देते हुए बताया है कि कंपनी ने खुद माना है कि शुगर कंटेंट ज्यादा है हम इसे कम करेंगे। 

अब करेंगे का क्या मतलब हुआ? आखिर इतने सालों का हिसाब कौन देगा? 

डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रीशन, डाइटिशियन एवं चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर हैं। उन्हें पद्मा भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भी नॉमिनेट किया गया है। पंजाब सरकार द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया  है। 

अपने इसी मिशन और अभियान  के अंतर्गत उन्होंने महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया है कि क्या कारण है कि भारत की 60 से 70% आबादी शुगर और ब्लड प्रेशर के प्रभाव में आ गई है। जबकि मेरे पिताजी तो कहते हैं कि जब हम छोटे थे भूख लगने पर रसोई में जाकर दो मुट्ठी चीनी खा लेते थे पर आज के हालात देखकर चाय में चीनी डालने से भी डर लगता है। चीनी खाने की बात आप सभी ने भी अपने जीवन में देखी होगी। 

डाक्टर अर्चिता महाजन अब एक स्टडी के  अध्यन के बाद बता रही रही हैं जिसमें कहा गया है कि यदि हम बच्चों के पहले हजार दिन तक उसे लो शुगर फूड खिलाएंगे तो उनका बीपी और शुगर नॉर्मल रहता है। इसके साथ ही वह बताती हैं कि अब फैशन बन चुके फ़ूड के मामले में होता क्या है। 

मैं विदेशी कंपनी नेस्ले की बात करना चाहूंगी और जैसा कि मैंने हेडिंग में भी लिखा है कि नेस्ले फूल है फूड नहीं। ऐसा मैं क्यों कह रही हूं क्योंकि नेस्ले कंपनी अपने पैरेंट कंट्री में बेबी फूड की प्रोडक्शन में बहुत ही कम शुगर डालती है जबकि भारत और अन्य विकासशील देशों में इसका सूगर कंटेंट बहुत ज्यादा है और हमारे देश की मॉडर्न माताएं बच्चों को तीसरी महीने से ही सेरेलक वगैरा देना शुरू कर देते हैं।

नेस्ले के शिशु भोजन उत्पादों में चीनी की मात्रा को लेकर विवाद हुआ है। यह विवाद इसलिए भी गंभीर है क्योंकि शिशु भोजन में चीनी की अधिक मात्रा से बच्चों में मोटापा, मधुमेह और दांतों की समस्याएं हो सकती हैं। दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के ताडेजा ग्रेसनर के नेतृत्व में और पिछले हफ्ते साइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि जो बच्चे जन्म के बाद पहले 1,000 दिनों में चीनी प्रतिबंध के अधीन थे, उनमें टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का जोखिम 35 प्रतिशत तक कम था। और वयस्कों के रूप में उच्च रक्तचाप का जोखिम लगभग 20 प्रतिशत कम हो गया था। 

प्रथम 1000 दिन आपके बच्चे के भविष्य के सफल निर्माण के लिए एक अनूठा अवसर है क्योंकि यह वह अवधि है जिसमे तीव्र गति से बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इस मार्गदर्शिका की सहायता से हरेक माता-पिता अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए प्रथम 1000 दिनों में सर्वोत्तम वातावरण की नींव रख सकते हैं। 

इस दौरान, बच्चे के मस्तिष्क की क्षमता और संरचना तेजी से विकसित होती है; मस्तिष्क का 80% हिस्सा पहले 1000 दिनों के भीतर विकसित होता है। इस अवधि के दौरान, बच्चे की श्रवण और दृश्य संवेदी प्रणाली, सीखने की क्षमता, स्मृति कार्य और सूचना प्रसंस्करण प्रणाली का निर्माण होता है।

यह पोस्ट कैसी लगी अवश्य बताएं। आप इस सबंध में कुछ कहना चाहते हैं तो डाक्टर अर्चिता महाजन के काफिले में शामिल हो जाइए। देश और देश की जनता के खिलाफ रची जा रही इस तरह की साज़िशों के खिलाफ खुल कर निकलिए और इनका मुँह तोड़ जवाब भी दीजिए। 

Friday, October 18, 2024

सरस मेले की पहली रात पहुंचे जानेमाने गायक रंजीत बावा

ज़िला जनसंपर्क अधिकारी, साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर>//Friday 18th October 2024 at 9:26 PM//DPRO Mohali//सरस मेला 

राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां मुख्य अतिथि रहे  
साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर: 18 अक्टूबर, 2024: (पंजाब स्क्रीन डेस्क)::
सरस मेले की पहली संगीतमय रात्रि  को ही रंजीत बावा इस मेले का मुख्य आकर्षण रहे। बहुत से गीतों और बहुत सी फिल्मों के ज़रिए लोगों के दिलों पर छाने वाले जानेमाने गायक रंजीत बावा ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। यह वही रणजीत बावा हैं जिन्होंने जानेमाने मिलिटेंट जुगराज सिंह तूफान की स्मृति  में बनी फिल्म तूफ़ान सिंह में की तूफ़ान सिंह की ही भूमिका निभाई थी। इसी सरस मेले पर मंत्री हरदीप सिंह  मुंडियां ने कहा कि भगवंत मान सरकार पंजाब को हमेशा खुशहाल बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है। 

आज शाम मोहाली में शुरू हुए आजीविका सरस मेले में पहली संगीत संध्या के दौरान रंजीत बावा ने अपने लोकप्रिय गीतों से दर्शकों का मनोरंजन किया। दर्शकों की उत्साह भरी भीड़ से प्रभावित होकर गायक रंजीत बावा ने खुले दिल से गाया और लोगों के आग्रह को स्वीकार करते हुए शानदार प्रस्तुति दी। 

स्टार नाइट में पंजाब के राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भगवंत मान की सरकार पंजाब को हमेशा खुशहाल बनाए रखने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने जिला प्रशासन की पहल की सराहना की और सरस मेले को देश की विरासत कला और सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में एक सार्थक कदम बताया। 

इस मौके पर एडीसी (जनरल) विराज एस.तिड़के, एडीसी (विकास) और नोडल अधिकारी सरस मेला सोनम चौधरी, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त दीपांकर गर्ग, एसडीएम खरड़ गुरमिंदर सिंह और डी.डीपीओ बलजिंदर सिंह ग्रेवाल मौजूद थे। 

स्टार नाइट के दौरान गायक रंजीत बावा ने चिट्ठीये, वग्गदी रावी, तेरे दिल ते आलना पाऊना, तारिफा, मिट्टी दा बावा, यारी चंडीगढ़ वाल्ये और हैवी वेट भांगड़ा जैसे लोकप्रिय गानों पर दो घंटे तक शानदार प्रस्तुति दी। सरस मेले की पहली रात लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया और विभिन्न राज्यों से आए कारीगरों द्वारा बनाए गए सामान खरीदे। सरस मेले की संगीत संध्याओं के दौरान 19 अक्टूबर को शिवजोत, 20 अक्टूबर को फैशन शो के अलावा पंजाबी गायिका परी पंढेर, बसंत कुर, सविताज बराड़, 21 अक्टूबर को जसप्रीत सिंह और आशीष सोलंकी की कॉमेडी नाइट, 22 अक्टूबर को लखविंदर वडाली, भांगड़ा 23 अक्टूबर को ते गिधा (यूनिवर्सिटी टीमों द्वारा), 24 को पंजाबी गायक जोबन संधू, 25 अक्टूबर को विभिन्न कलाकार, 26 अक्टूबर को कुलविंदर बिल्ला और 27 अक्टूबर को मेले की आखिरी रात गिप्पी ग्रेवाल अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।