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Friday, January 26, 2024

पंजाब का योगदान सबसे अधिक लेकिन परेड से झाँकी बाहर

 Chief Minister's Office, Punjab     26th January 2024 at 5:11 PM    मुख्यमंत्री कार्यालय, पंजाब  

मैं अगले मतदान के लिए नहीं बल्कि अगली पीढिय़ों के लिए काम कर रहा हूं-मुख्यमंत्री  

लुधियाना के आयोजन में दिखाई गई केंद्र द्वारा रद्द की गई झांकी 


*आधुनिक भारतीय गणराज्य की सृजना करने में पंजाब की भूमिका याद करवाई मुख्यमंत्री ने 

*राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष में भी पंजाब ने बहुत कुछ किया 

*स्वतंत्रता पंजाबियों ने लेकर दी, परन्तु परेड से झाँकी बाहर निकाल दी  

*केंद्र द्वारा रद्द की गई झांकी लुधियाना के समारोह में दिखाई गई 

*झांकी दिखाकर पंजाबियों को पूछा, बताओ इनमें क्या गलत है  

*इसके साथ ही लोगों को लडक़े-लड़कियों में भेदभाव न करने की अपील  भी की 

*राज्य सरकार के लोक हितैषी प्रयासों का जि़क्र भी किया  

*मैं अगले मतदान के लिए नहीं बल्कि अगली पीढिय़ों के लिए काम कर रहा हूँ-मुख्यमंत्री  

*गणतंत्र दिवस के अवसर पर लुधियाना में राष्ट्रीय ध्वज लहराया  

लुधियाना: 26 जनवरी 2024:  (कार्तिका कल्याणी सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि अनगिनत बलिदान देकर देश की आज़ादी हासिल करने और देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता की रक्षा करके आधुनिक भारतीय गणराज्य की सृजना करने में पंजाब ने सबसे अधिक योगदान दिया है।   75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहाँ हुए समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज लहराने के बाद जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन की पंजाब के लिए विशेष महत्ता है क्योंकि पंजाबियों ने इस मुल्क की ख़ातिर बड़े बलिदान दिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देश की आज़ादी से पहले भी बहुत बार 26 जनवरी का दिन गुजऱा था परन्तु किसी को राष्ट्रीय ध्वज लहराने की इजाज़त नहीं थी। अब हमें यह दिवस मनाने का हक है परन्तु बड़े दुख की बात है कि राज्य की झाँकी को राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के अवसर पर हुई परेड में से जानबूझ कर बाहर रखा गया।’’ 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है कि राष्ट्रीय दिवस पंजाब के बिना कैसे मनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पंजाब की झाँकी को जानबूझ कर बाहर रखा है, उनको यह बताना चाहिए कि इस झाँकी में क्या गलत था। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा तैयार की गई झांकी राज्य की समृद्ध संस्कृति और विरासत को मूर्तिमान करती थी, क्योंकि हम राज्य के गौरव और प्रतिष्ठा के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाबियों के बेमिसाल बलिदानों का मज़ाक उड़ाया है जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और इसी कारण राज्य सरकार ने केंद्र के इस कदम का ज़ोरदार विरोध किया था।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य की झांकी रद्द करके माई भागो, गदरी बाबे, शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरू, शहीद सुखदेव, लाला लाजपत राय, शहीद उधम सिंह, शहीद करतार सिंह सराभा और अन्य शहीदों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की परेड में राज्य की झांकी शामिल न करके इन नायकों के बलिदानों और योगदान के महत्व को घटाया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बरताव सहन नहीं किया जा सकता क्योंकि यह सीधे तौर पर हमारे देश-भक्तों और राष्ट्रीय नेताओं का निरादर है। उन्होंने कहा कि अब पंजाब सरकार पूरे राज्य में यह झांकी निकाल कर देश के प्रति पंजाबियों का योगदान दिखाएगी।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भारतीय हवाई सेना के हलवारा, लुधियाना में बनने जा रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों के स्वरूप मोहाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम पहले ही शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा गया है और हलवारा हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा के नाम पर रखना शहीदों को विनम्र सी श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने आगे कहा कि इन महान शहीदों के नाम पर हवाई अड्डों, यूनिवर्सिटियों और अन्य संस्थाओं का नामकरण उनकी शानदार विरासत को कायम रखने के लिए ज़रूरी है।  

अपनी तकरीर के दौरान भावुक होते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को लडक़े और लड़कियों में लिंग भेदभाव ख़त्म करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘यह समय की ज़रूरत है कि लड़कियों को हरेक क्षेत्र में उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए अधिक से अधिक अवसर दिए जाएँ, जिससे वह सफलता की नयी इबारतें लिख सकें। इसमें शक नहीं कि राज्य की लड़कियाँ बहुत निडर हैं और यदि उनको मौका दिया जाये तो वह कोई भी लक्ष्य हासिल करने की काबिलियत रखती हैं।’’  

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब अपने बेशकीमती प्राकृतिक संसाधन पानी और जऱखेज़ मिट्टी कुर्बान करके देश के लिए 182 लाख मीट्रिक टन धान की फ़सल पैदा करता है। उन्होंने कहा कि पंजाब के योगदान ने देश को अनाज उत्पादन के पक्ष से आत्म-निर्भर बनाया, जिस कारण भारत विश्व भर में मज़बूत राष्ट्र के तौर पर उभरा है। भगवंत सिंह मान ने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि राज्य के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से वंचित करने की साजिशें रची जा रही हैं, जो सरासर बेइन्साफ़ी है।  

पंजाब की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब हमेशा अग्रणी राज्य रहा है और अग्रणी ही रहेगा क्योंकि पंजाबियों को सख़्त मेहनत और दृढ़ जज़्बे की बख्शीश प्राप्त है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभा रही है जिससे पंजाब हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व करे। भगवंत सिंह मान ने कहा, ‘‘मुझे अगले मतदान का फिक्र नहीं बल्कि मैं तो आने वाली पीढ़ी के भले के लिए काम कर रहा हूँ जिस कारण मेरी सरकार ने कई रास्ते से हटकर प्रयास किए हैं।’’ 

युवा वर्ग की भलाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के नौजवानों की भलाई के लिए बड़े प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित बनाने में लगी हुई है कि नौजवान रोजग़ार ढूँढने की बजाय रोजग़ार देने वाले बनें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रगतिशील और खुशहाल पंजाब की सृजना करना समय की ज़रूरत है।  

नौकरियों और शिक्षा की बात भी हुई। इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान नौजवानों को नौकरियाँ और शिक्षा के अवसर से वंचित रखा गया था, जिससे वह राजनीतिक नेताओं के पीछे लगे रहें। उन्होंने कहा कि इस प्रथा को छोड़ा जा रहा है जिससे नौजवान राज्य की तरक्की और खुशहाली का अटूट अंग बन सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं, जब राज्य सरकार के अथक प्रयासों के स्वरूप पंजाब की पुरातन शान बहाल होगी।  

नहरी पानी को भी मुख्यमंत्री  भूले नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के स्वरूप पिछले 75 सालों में पहली बार राज्य में नहरी पानी आखिरी खेतों के टेलों तक पहुँचा है। उन्होंने कहा कि इस नेक कार्य को पूरा करना राज्य सरकार अपना फर्ज बनता है जिससे राज्य के किसानों को इसका भरपूर लाभ मिल सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों स्वरूप पहले ही पंजाब के दूर-दूराज के इलाकों तक पानी पहुँच चुका है।  

स्वास्थ्य सेवाओं का दावा भी दोहराया गया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने पंजाब भर में आम आदमी क्लीनिक स्थापित किए हैं। उन्होंने बताया कि इन क्लीनिकों में अब तक लगभग 97 लाख लोग मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले चुके हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में यह एक नयी क्रांति है और इस क्षेत्र को नया रूप देने के लिए प्रयास जारी हैं।  

स्कूल ऑफ़ एमिनेंस पर भी खास बातें हुईं। इस पर मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि विद्यार्थियों को मानक शिक्षा देने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में ‘स्कूल ऑफ ऐमिनेंस’ स्थापित किए हैं और पहले साल के दौरान इसमें 8358 विद्यार्थी दाखि़ल हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्कूलों के बुनियादी ढांचे और खेलों की सुविधाओं के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए रखे गए हैं, इसके अलावा विद्यार्थियों को मुफ़्त वर्दियाँ मुहैया करवाई जा रही हैं।  

औद्योगिक विकास को भी विशेष तौर पर सामने रखा गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब को औद्योगिक क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार के ठोस प्रयासों के स्वरूप राज्य में 65,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है, जिससे 2.98 लाख नौजवानों को नौकरियाँ मिलेंगी। भगवंत सिंह ने कहा कि इससे राज्य के आर्थिक विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।  

सड़क हादसों से होने वाली मौतों का मुद्दा भी उठा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ़ राज्य में सडक़ हादसों के कारण होने वाली मौतों की दर को रोकने और दूसरी तरफ़ राज्य की सडक़ों पर यातायात को सुचारू बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 27 जनवरी को जालंधर से सडक़ सुरक्षा फोर्स की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि अपनी किस्म की पहली विशेष फोर्स पंजाब में रोज़ाना के सडक़ हादसों में जा रही कई कीमती जानों को बचाने के लिए अहम भूमिका निभाएगी और इस फोर्स को अंधाधुन्ध ड्राइविंग करने वालों से निपटने, सडक़ों एवं वाहनों की यातायात को सुचारू बनाने और अन्य कार्यों की जि़म्मेदारी सौंपी जाएगी। सडक़ हादसों को रोकने के लिए भगवंत सिंह मान ने बताया कि शुरुआती तौर पर अति-आधुनिक यंत्रों से लैस 129 वाहन हर 30 किलोमीटर के बाद सडक़ों पर उचित व्यवस्था करने के लिए तैनात किए जाएंगे और इन वाहनों में किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को इमरजैंसी इलाज मुहैया करवाने के लिए पूरी मेडिकल किट भी होगी।  

बिजली के मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री ने विशेष जानकारी प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब ने निजी कंपनी जी.वी.के. पावर की मलकीयत वाले गोइन्दवाल पावर प्लांट को खरीद कर इतिहास रचा है और इसका नाम भी तीसरे सिख गुरू श्री गुरु अमरदास जी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार यह उल्टा दौर शुरू हुआ है कि सरकार ने कोई प्राईवेट पावर प्लांट खरीदा है जबकि पहले राज्य सरकारें सार्वजनिक जायदादें चहेते व्यक्तियों को कौडिय़ों के भाव बेचती थीं। इसी तरह भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह बहुत ही गर्व और संतुष्टी की बात है कि पंजाब सरकार के लोक हितैषी फ़ैसलों के कारण राज्य के 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं को ज़ीरो बिजली बिल आ रहा है।  

अपने भाषण में साम्प्रदायिक सदभावना का उल्लेख भी श्री मान ने बहुत दिलचस्प अंदाज़ में किया जो कि  यादगारी रहा।  मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी और सभी को उस स्थान पर माथा टेकने के लिए जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब, देश भर में धर्म निरपेक्षता और आपसी-भाईचारे का प्रतीक है क्योंकि युगों से यहाँ हर वर्ग के लोग शांति से रह रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा, ‘‘चाहे रमज़ान को मुस्लिम भाईचारे का त्योहार माना जाता है परन्तु यह दो शब्द ‘राम’ और ‘ ज़ान’ के बिना है जिसका अर्थ है कि इसमें राम का जि़क्र भी है। इसी तरह हिंदु भाईचारे का त्योहार दीवाली में ‘अली’ शब्द है, जो आपसी-भाईचारे का प्रतीक है।’’ सांप्रदायिक एजंडे को उभारने वाली पार्टियों पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी फूट डालने वाली राजनीति में विश्वास नहीं रखती बल्कि ‘काम की राजनीति’ के द्वारा हरेक के भले के सिद्धांत पर काम करती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह आपसी-भाईचारे, शांति और सांप्रदायिक सद्भावना के सिद्धांतों पर आधारित समाज और देश की नींव है।  

धार्मिक आस्था और तीर्थ यात्रा की चर्चा भी हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को अपनी आस्था के तीर्थ स्थान की यात्रा करने की सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा’ योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि इस योजना का समाज के हर वर्ग को बड़ा लाभ हो रहा है, क्योंकि वह तीर्थ स्थानों की मुफ़्त यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बेमिसाल योजना है जो देश में पहली बार किसी राज्य के द्वारा शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि चाहे शुरू में रेलवे इसमें अड़चन पैदा करने की कोशिश कर रही थी परन्तु अब मामला सुलझ गया है।  

पंजाब के लिए देखे गए सपनों को भी श्री मान ने बहुत दिलचस्प ढंग से अपने भाषण में शामिल किया। मुख्यमंत्री ने लोगों को हमारे महान गुरूओं, संतों-महापुरुषों, पीरों-पैगंबरों, शहीदों और नायकों के सपनों का पंजाब सृजन करने के लिए आगे आने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा देश में शांति और आपसी-भाईचारे का केंद्र बिंदु रहा है। भगवंत सिंह मान ने पंजाब के बहादुर और देश-भक्त लोगों को खुशहाल पंजाब के लक्ष्यों के लिए अपने आप को समर्पित करने का न्योता दिया, जिसमें गरीबी, अनपढ़ता और बेरोजग़ारी जैसी बुराईयों की कोई जगह नहीं है। 

इससे पहले मुख्यमंत्री ने परेड कमांडर आकर्शी जैन, आई.पी.एस. के नेतृत्व वाली परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने पंजाब पुलिस, पंजाब होम गार्ड्ज़, पंजाब आम्र्ड पुलिस, एन.सी.सी. (लड़कियाँ और लडक़े), भारत स्काउट्स और गाईड्ज़ के अलावा पंजाब पुलिस के ब्रास बैंड की टुकड़ी द्वारा शानदार मार्च पास्ट से सलामी भी ली। इस मौके पर अलग-अलग स्कूलों के विद्यार्थियों ने भंगड़ा, गिद्दा, ग्रुप डांस, पी.टी. शो और समूह गान समेत रंगारंग कार्यक्रम पेश किया।  

 मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों और उनके रिश्तेदारों को देश के आज़ादी संघर्ष में दिए गए कीमती योगदान के लिए सम्मानित भी किया।  

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Thursday, January 26, 2012

एक यादगारी भेंट


इस बार भारत के 63वें गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर थाईलैंड की प्रधानमंत्री कुमारी यिंगलुक्क  शिनावत्रा मुख्य मेहमान थी. उनके सम्मान में राष्ट्रपति भवन नै दिल्ली २६ जनवरी, 2012 को किये गए एक विशेष आयोजन में प्रधान मंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर भी उपस्थित रहे. इस ख़ास मेहमान की उपस्थिति से यह दिन और भी यादगारी बन गया. इन पलों को हमेशां के लिए संजोये रखने के मकसद से पी आई बी के कैमरामैन ने इन की एक शानदार और जानदार तस्वीर भी खींच ली. एक यादगारी भेंट   

Wednesday, January 25, 2012

बहादुरी दिखाने पर किया देश और दुनिया ने फखर

राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्‍कार से सम्‍मानित बच्‍चों ने की उप राष्‍ट्रपति से मुलाकात
वीरता पुरस्‍कार-2011 से सम्‍मानित बच्‍चों ने आज यहां एक समारोह में भारत के उपराष्‍ट्रपति श्री हामिद अंसारी से मुलाकात की। उपराष्‍ट्रपति ने बहादुर बच्‍चों तथा उनके परिवार के सदस्‍यों से बातचीत की। बहादुर बच्‍चों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्‍होंने कहा कि इन बच्‍चों में अपार क्षमता और सामर्थ्य है तथा वह निश्‍चित रूप से अपने जीवन में उच्‍च लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करेंगे। बच्‍चों ने अपने साहस और बहादुरी के कारनामें उपराष्‍ट्रपति से बांटे। 

इस वर्ष 24 बच्‍चों को राष्‍ट्रीय वीरता पुरस्‍कार प्राप्‍त हुए हैं। इनमें से पाँच बच्‍चों को यह पुरस्‍कार मरणोपरांत दिया गया है। विजेता बच्‍चों को एक पदक, प्रमाणपत्र और नकद राशि ईनाम के रूप में दी गई। प्रतिष्ठित भारत पुरस्‍कार रूद्रप्रयाग (उत्‍तराखंड) के स्‍वर्गीय मास्‍टर कपिल सिंह (15 वर्ष) को दिया गया जिसने अदम्‍य साहस का प्रदर्शन करते हुए अपने स्‍कूल के बच्‍चों की जान बचाई। गीता चोपड़ा पुरस्‍कार अहमदाबाद की कुमारी मित्‍तल महेंद्रभाई (12 वर्ष 2 महीने) को दिया गया। संजय चोपड़ा पुरस्‍कार आज़मगढ़ (उत्‍तर प्रदेश) के मास्‍टर ओम प्रकाश यादव (11 वर्ष 5 महीने) को दिया गया।

इस योजना की शुरूआत के बाद से भारतीय बाल कल्‍याण परिषद द्वारा 584 लड़कों तथा 240 लड़कियों सहित 824 बच्‍चों को पुरस्‍कार दिए गए हैं। विजेताओं को परिषद की छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत उनकी स्‍कूली शिक्षा पूरी होने तक वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाएगी। 

Wednesday, January 18, 2012

शानदार तरीके से दी एनसीसी के कैडेट ने सलामी गारद

वायु सेना प्रमुख ने किया एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप 2012 का दौरा
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउने ने आज नई दिल्ली के गैरीसन पैरेड ग्राउंड में लगी एनसीसी गणतंत्र दिवस कैंप का दौरा किया। उनके वहां पहुंचने पर शानदार तरीके से उन्हें एनसीसी के कैडेट ने सलामी गारद दी गई। इसके बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र से आए कैडेट ने बेहतरीन बैंड धुनें बजाई। वायु सेना प्रमुख इसके बाद ध्वज एरिया और मोटिवेशन हॉल का भी दौरा किया। यहां उन्होंने विभिन्न राज्यों से आए कैडेट के साथ संक्षिप्त बातचीत भी की। कैडेट्स ने विभिन्न सामाजिक विषयों एवं थीम पर चार्ट और मॉडल भी तैयार किए थे। इस मौके पर उन्हें भी प्रदर्शित किया गया। साथ ही भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्रीय एकता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए। 

एनसीसी के कैडेट्स को संबोधित करते हुए उन्होंने 1968 के अपने उन दिनों को याद किया, जब वह कुछ समय के लिए एनसीसी के साथ जुड़े थे। हमारे देश के भविष्य के लीडर को तैयार करने में एनसीसी की भूमिका की उन्होंने सराहना की। उन्होंने कहा कि एनसीसी सामाजिक सेवा, विकास योजना, आपदा राहत, जागरुकता कार्यक्रम और खेल गतिविधियों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस बार गणतंत्र दिवस शिविर में दो हजार कैडेट्स हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें लड़के और लड़कियां भी शामिल है। इसमें 17 एनसीसी निदेशालय, जिसके तहत देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आते हैं, के अलावा मित्र देशों बांग्लादेश, कजाकिस्तान, रुस, तुर्कमेनिस्तान, सिंगापुर, श्रीलंका, नेपाल, और वियतनाम के अधिकारी और कैडेटस भी हिस्सा ले रहे हैं। सभी कैडेट्स महीने भर चलने वाले आरडी शिविर में विभिन्न सांस्कृतिक, राष्ट्रीय एकता, जागरुकता और सांस्कृतिक प्रशिक्षण प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।