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Friday, August 26, 2011

सारे जग की आँख के तारे.....!


बहुत देर पहले एक गीत अक्सर सुनाई देता था... 
बच्चे मन के सच्चे.....
सारे जग की आँख के  तारे... 
ये वो नन्हे फूलहैं जो भगवान् को लगते प्यारे.... 
बहुत ही लोकप्रिय गीत था...आज भी याद आता है तो तन मन में एक शांती सी महसूस होने लगती है...यह बात है भी सच....बच्चे होते ही हैं भगवान का रूप....18   अगस्त 2011 को  को जब अमेरिकी सेना के Staff Sgt. Trident Villanueva अफगानिस्तान में से  113वीं रेजीमेंट की दूसरी बटालियन के नैशनल गार्ड जवानों के साथ वहां से गुज़रे तो उनका मन भी इन बच्चों को देख कर एक बार सब कुछ भूल गया और उन्होंने अपने कीमती वक्त में से कुछ पाल निकाल कर इन बच्चों से भी दोस्ती की. इन पलों को अमेरिकी रक्षा विभाग के Spc. George Hunt  
ने तुरंत अपने कैमरे में कैद कर लिया. आपको यह तस्वीर कैसी लगी अवश्य बताएं. आपके विचारों की इंतज़ार बनी रहेगी.

Saturday, October 09, 2010

अंग्रेजी के बिन बात न बने....



इस तस्वीर में बिलकुल बायें आप देख रहे हैं अमेरिकी नौसेना के फस्ट क्लास अधिकारी रोडोल्फो दुकू को जो अफगान नैशनल आर्मी के लिए काम करते सैनिक परिवारों के बच्चों के साथ बात चीत में काम आती अंग्रेजी सीखने का अभ्यास कर रहा है.दुकू को बंगोर ले नेवल हैल्थ क्लिनिक की तरफ से नाटो ट्रेनिंग मिशन के सदस्य के और पर नियुक्त किया गया है.यह मिशन २०९ वीं कौर के क्षेत्रीय अस्पताल और अफगानिस्तान की मेडिकल टीम के साथ साथ अफगान सैनिकों को भी मेडिकल ट्रेनिंग देता है.इस ट्रेनिंग के साथ वहां के विकास कार्यों को चलाने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है.सैनिक अधिकारी के अंग्रेजी सीखने के इन यादगारी पलों को कैमरे में उतारा अमेरिकी नौसेना की सांद्रा अर्नोल्ड ने तीन अक्टूबर २०१० को अफगानिस्तान के शाहीन कैम्प में.आपको अंग्रेजी सीखने के इन पलों की यह तस्वीर कैसी लगी..?   --रेक्टर कथूरिया 

Tuesday, August 24, 2010

पूरी सुरक्षा

अफगानिस्तान के दुर्गम क्षेत्रों में सुरक्षा कोई आसान बात नहीं.  लम्बे समय से जंग का मैदान बने हुए इस देश में इस तरह की दुशवारियां भी दशकों से जारी हैं.  वहां वे सभी मुसीबतें हैं जो जंग अपने साथ लाती है. हाल ही में जब 14 अगस्त 2010 को  अफगानिस्तान के Zadran में अफगान इंटरनैशनल सुरक्षा सेनायों में सक्रिय एक अमेरिकी सैनिक अपनी डयूटी निभा रहा था तो अमेरिकी सेना के  Spc. Enoch Fleites  ने  इन पलों को अपने कैमरे में कैद  कर लिया. गौरतलब है कि वहां किये जा रहे सुरक्षा प्रबंधों के अंतर्गत बहुत से स्थान सुरक्षा के नज़रिए से दुश्मन के हाथों मुक्त करवा कर अपने हाथ में कर लिए हैं. आपको यह तस्वीर कैसी लगी, अवश्य बताएं. आपके पास भी अगर कोई ख़ास फोटोग्राफ हो तो उसे हमारे साथ भी शेयर करें हम उसे आपके नाम के साथ प्रकाशित करेंगे. --रेक्टर कथूरिया 

अफगान स्वतन्त्रता की 91 वीं वर्षगांठ

जब 19 अगस्त 2010 को काबुल में अफगानिस्तान की स्वतन्त्रता की 91 वीं वर्षगांठ मनायी गयी तो उस समरोह में अफगान राष्ट्रपति हामिद करज़ई, अफगान रक्षा मन्त्री अब्दुल रहीम वरदक और अन्य उच्च अधिकारी भी शामिल हुए. इस मौके पर रावलपिंडी समझौते पर हुए हस्ताक्षरों की याद भी विशेष तौर पर ताज़ा की गयी जब इसी समझौते के अंतर्गत 1919 में अफगानिस्तान को ब्रिटिश हकूमत से मुक्त कर दिया गया था. देश की आज़ादी के लिए शहीद होने वाले सैनिक जवानों को भी याद किया गया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए स्वतन्त्रता स्मृति स्थल पर बहुत ही सम्मान से फूलमालाएं भी अर्पित की गयीं. अमेरिकी रक्षा विभाग के लिए अमेरिकी वायु सेना के Staff Sgt. Bradley Lail ने इन पलों की यादें ताज़ा रखने के लिए इन्हें झट से अपने कैमरे में कैद कर लिया.आपको यह तस्वीर कैसी लगी..हमें अवश्य बताएं. हमें आपके विचारों की इंतज़ार रहेगी.  --रेक्टर कथूरिया 

Saturday, August 21, 2010

एक छोटी सी ब्रेक

जब जंग लगती है तो शुरू हो जाता है कभी भी न खत्म होने वाली समस्यायों का एक लम्बा सिलसिला. लोगों के साथ साथ वहां लड़ने गयी सेना को भी बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसी हालत में अगर आम जनता और लोगों का आपसी सम्बन्ध मजबूत न हो तो बात और बिगड़ जाती है. इस लिए लोगों से सम्पर्क बनाना, उनके दुःख जानना, उनकी तकलीफों का पता लगाना, अमेरिकी सेना की उस पलटन के जवानों को भी बहुत आवश्यक लगा जो अफगानिस्तान के ज़बूल क्षेत्र में तायनात हैं.  जब इस पलटन के ये जवान 16 अगस्त 2010 को Mizan चौंकी पहुंचे तो इन जवानों ने थोड़ी सी ब्रेक ली. इस छोटी सी ब्रेक के इन पलों को देखते ही देखते अमेरिकी वायु सेना के Senior Airman Nathanael Callon  ने झट से अपने कैमरे में कैद कर लिया. आपको यह तस्वीर कैसी लगी....अवश्य बताएं...रेक्टर कथूरिया