22-मार्च-2017 18:16 IST
इस साल के समारोह का केंद्रीय विषय ‘अपशिष्ट जल’ है
1.8 अरब लोग करते हैं पेयजल के लिए मल से दूषित स्रोत का इस्तेमाल
नई दिल्ली: 22 मार्च 2017: (पसूका//पंजाब स्क्रीन)::
आज विश्व जल दिवस के अवसर पर अपेक्षित कार्यक्रमों का आयोजन तो नहीं हुआ लेकिन फिर भी सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने इस मकसद के लिए काफी कुछ किया। इन आयोजनों से तुरन्त शायद कोई फायदा होता नज़र न भी आए लेकिन आम लोगों में एक जागरूकता अभियान अवश्य शुरू होगा।
आज 1.8 अरब लोग पेयजल के लिए एक ऐसे स्रोत का इस्तेमाल करते हैं, जो मल से दूषित होता है। इस वजह से उन्हें हैजा, पेचिश, टाइफाइड और पोलियो होने का खतरा सदा ही बना रहता है।
इस साल के समारोह का केंद्रीय विषय ‘अपशिष्ट जल’ है
1.8 अरब लोग करते हैं पेयजल के लिए मल से दूषित स्रोत का इस्तेमाल
नई दिल्ली: 22 मार्च 2017: (पसूका//पंजाब स्क्रीन)::
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्री अजय नारायण झा प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए |
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने आज यहां ‘विश्व जल दिवस 2017’ मनाया। हर वर्ष विश्व जल दिवस पर ताजा जल के एक विशिष्ट पहलू पर प्रकाश डाला जाता है। विश्व जल दिवस 2017 की थीम ‘अपशिष्ट जल’ है।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव श्री अजय नारायण झा ने इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। ‘जल है तो कल है’ शीर्षक वाली यह प्रदर्शनी जल संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की गई। स्कूली बच्चों के एक समूह ने कला प्रदर्शन के जरिए इस बारे में संदेश दिया।
विश्व जल दिवस हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य ताजा जल की अहमियत की ओर ध्यान आकर्षित करना और ताजा जल के संसाधनों के सतत प्रबंधन की वकालत करना है। गौरतलब है कि 22 मार्च 1993 को प्रथम विश्व जल दिवस के रूप में मनाया गया था।
जल संरक्षण पर प्रदर्शनी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक अधीनस्थ कार्यालय राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी), जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की गई। इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
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