मामले की जांच के लिए कई पुलिस टीमों का गठन भी किया गया
दवाणगेरे (कर्नाटक): 13 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
चुनावी परिणामों में जीत की घोषणा होते ही प्रगतशील कलमकारों पर हमे फिर शुरू हो गए हैं। अब नई घटना हुई है योगेश मास्टर के साथ। यहां के एक ‘‘प्रगतिशील’’ लेखक योगेश मास्टर के मुंह पर कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर काली स्याही पोत दी और हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ कुछ लिखने पर गंभीर दुष्परिणामों की धमकी भी दी। सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी निंदा हो रही है। Ivan Yas ने अपनी एक पोस्ट में बताया है कि यह निंदनीय और शर्मनाक हमला एबीवीपी के कार्टकर्तायों ने किया है।इन लोगों ने होली के पाबन्द त्यौहार के अदब और मर्यादा की धज्जियां उड़ाते हुए आयल पेंट फेंक क्र लेखक और फिल्म निर्देशक योगेश मास्टर के मुँह पर कलिख पोती।
इसी बीच दवाणगेरे के पुलिस अधीक्षक भीमशंकर गुलेड़ ने मीडिया को बताया कि कल जब योगेश मास्टर यहां चाय की एक दूकान पर चाय पी रहे थे तभी आठ-नौ लोगों ने उनके मुंह पर काली स्याही लगा दी और वहां से भाग गए। उन्होंने बताया कि विवादित कन्नड़ उपन्यास ‘‘दुन्धी’’ के लेखक योगेश कन्नड़ साप्ताहिक पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिका’ द्वारा आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में शामिल होने यहां आए हुए थे। गौरतलब है कि पत्रकार गौरी लंकेश इस साप्ताहिक पत्रिका को चलाते है। प्रगतिशील विचारों को समर्पित लेखकों में उनका काफी सम्मान है। गुलेड़ ने बताया कि योगेश को हिंदू देवताओं के खिलाफ लिखने के लिए गंभीर दुष्परिणामों की चेतावनी दी गई थी। उन्होंने बताया कि संदिग्ध लोगों ने भागने से पहले ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। गौरी लंकेश समेत सभी प्रतिभागियों और आयोजकों ने पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया और शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि भाकपा के राज्य महासचिव सिद्दानागौड़ा पाटिल भी इस मार्च में शामिल थे। गुलेड़ ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हमलावर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता थे और इस घटना की पूरी जांच और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। गुलेड़ ने बताया कि इस मामले की जांच करने के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है।
दवाणगेरे (कर्नाटक): 13 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
चुनावी परिणामों में जीत की घोषणा होते ही प्रगतशील कलमकारों पर हमे फिर शुरू हो गए हैं। अब नई घटना हुई है योगेश मास्टर के साथ। यहां के एक ‘‘प्रगतिशील’’ लेखक योगेश मास्टर के मुंह पर कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर काली स्याही पोत दी और हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ कुछ लिखने पर गंभीर दुष्परिणामों की धमकी भी दी। सोशल मीडिया पर इस घटना की तीखी निंदा हो रही है। Ivan Yas ने अपनी एक पोस्ट में बताया है कि यह निंदनीय और शर्मनाक हमला एबीवीपी के कार्टकर्तायों ने किया है।इन लोगों ने होली के पाबन्द त्यौहार के अदब और मर्यादा की धज्जियां उड़ाते हुए आयल पेंट फेंक क्र लेखक और फिल्म निर्देशक योगेश मास्टर के मुँह पर कलिख पोती।
इसी बीच दवाणगेरे के पुलिस अधीक्षक भीमशंकर गुलेड़ ने मीडिया को बताया कि कल जब योगेश मास्टर यहां चाय की एक दूकान पर चाय पी रहे थे तभी आठ-नौ लोगों ने उनके मुंह पर काली स्याही लगा दी और वहां से भाग गए। उन्होंने बताया कि विवादित कन्नड़ उपन्यास ‘‘दुन्धी’’ के लेखक योगेश कन्नड़ साप्ताहिक पत्रिका ‘गौरी लंकेश पत्रिका’ द्वारा आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में शामिल होने यहां आए हुए थे। गौरतलब है कि पत्रकार गौरी लंकेश इस साप्ताहिक पत्रिका को चलाते है। प्रगतिशील विचारों को समर्पित लेखकों में उनका काफी सम्मान है। गुलेड़ ने बताया कि योगेश को हिंदू देवताओं के खिलाफ लिखने के लिए गंभीर दुष्परिणामों की चेतावनी दी गई थी। उन्होंने बताया कि संदिग्ध लोगों ने भागने से पहले ‘‘जय श्री राम’’ का नारा लगाया।
उन्होंने बताया कि इस मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। गौरी लंकेश समेत सभी प्रतिभागियों और आयोजकों ने पुलिस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया और शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि भाकपा के राज्य महासचिव सिद्दानागौड़ा पाटिल भी इस मार्च में शामिल थे। गुलेड़ ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हमलावर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता थे और इस घटना की पूरी जांच और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। गुलेड़ ने बताया कि इस मामले की जांच करने के लिए कई पुलिस टीमों का गठन किया गया है।
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