Wednesday, March 22, 2017

‘हर घर जल’ का सपना वर्ष 2030 तक साकार किया जाएगा: तोमर


22-मार्च-2017 18:19 IST
स्‍वच्‍छता कवरेज 42 % से बढ़कर 62% के स्‍तर पर पहुंच गई
नई दिल्ली: 22 मार्च 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
केंद्र ने चार वर्षों में पेयजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड की समस्याओं से निपटने के लिए 25,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं 

सरकार ने 25,000 करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ मार्च 2021 तक देश में लगभग 28000 प्रभावित बस्तियों को सुरक्षित पेयजल मुहैया कराने के लिए आज आर्सेनिक और फ्लोराइड पर राष्‍ट्रीय जल गुणवत्‍ता उपमिशन का शुभारंभ किया। राज्‍यों के सहयोग से यहां मिशन का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल एवं स्‍वच्‍छता और पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जहां एक ओर पश्‍चिम बंगाल आर्सेनिक की समस्‍या से बुरी तरह प्रभावित है, वहीं दूसरी ओर राजस्‍थान पेयजल में फ्लोराइड की मौजूदगी से जूझ रहा है, जिससे स्‍वास्‍थ्‍य को गंभीर खतरा है। उन्‍होंने कहा कि भारत में लगभग 17 लाख 14 हजार ग्रामीण बस्‍तियां हैं, जिनमें से लगभग 77 फीसदी बस्‍तियों को प्रतिदिन प्रति व्‍यक्‍ति 40 लीटर से भी ज्‍यादा सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया जा रहा है। उधर, इनमें से लगभग 4 फीसदी बस्‍तियां जल गुणवत्‍ता की समस्‍याओं से जूझ रही हैं। मंत्री महोदय ने भाग ले रहे प्रतिनिधियों को यह आश्‍वासन दिया कि पेयजल एवं स्‍वच्‍छता की दोहरी चुनौतियों से निपटने के दौरान धनराशि मुहैया कराने के मामले में किसी भी राज्‍य के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। 12 राज्‍यों के पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रियों ने ‘सभी के लिए जल और स्‍वच्‍छ भारत’ पर आयोजित की गई राष्‍ट्रीय कार्यशाला में भाग लिया। 

श्री तोमर ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के सतत विकास लक्ष्‍यों के अनुरूप वर्ष 2030 तक प्रत्‍येक घर को निरंतर नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, जिसके लिए लक्ष्‍य पूरा होने तक हर वर्ष 23000 करोड़ रुपये के केंद्रीय कोष की जरूरत पड़ेगी। मंत्री महोदय ने कहा कि देश के नागरिकों की भागीदारी के बगैर ‘हर घर जल’ के सपने को साकार नहीं किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि देश में लगभग 2000 ब्‍लॉक ऐसे हैं जहां सतह एवं भूमिगत जल स्रोतों की भारी किल्‍लत है। उन्‍होंने ‘मनरेगा’ जैसी योजनाओं के बीच समुचित सामंजस्‍य बैठाते हुए युद्ध स्‍तर पर जल संरक्षण के लिए आह्वान किया। 

स्‍वच्‍छता के मसले पर विस्‍तार से बताते हुए श्री तोमर ने कहा कि अक्‍टूबर, 2014 में स्‍वच्‍छ भारत मिशन (एसबीएम) के शुभारंभ के बाद से लेकर अब तक स्‍वच्‍छता कवरेज 42 फीसदी से बढ़कर 62 फीसदी के स्‍तर पर पहुंच गई है। उन्‍होंने कहा कि सिक्‍किम, हिमाचल प्रदेश एवं केरल, जो ओडीएफ (खुले में शौच मुक्‍त) राज्‍य हैं, के अलावा 4-5 और राज्‍य भी अगले 6 महीनों में ओडीएफ हो सकते हैं। अब तक 119 जिले और 1.75 लाख गांव ओडीएफ हो चुके हैं। उन्‍होंने कहा कि केंद्र ने इस दिशा में समय पर प्रगति के लिए राज्‍यों को प्रोत्‍साहन देने की घोषणा की है। मंत्री महोदय ने यह जानकारी दी कि एसबीएम के शुभारंभ से लेकर अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 3.6 करोड़ से ज्‍यादा शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। ‘मनरेगा’ के तहत 16.41 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। 

श्री तोमर के साथ-साथ पेयजल एवं स्‍वच्‍छता राज्‍य मंत्री श्री रमेश जिगाजीनागी ने इस अवसर पर ‘वाटर एप’ लांच किया। मंत्री महोदय ने स्‍वच्‍छता एवं पेयजल के क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए विभिन्‍न राज्‍य सरकारों को पुरस्‍कार भी प्रदान किए। 

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