Saturday, December 24, 2011

भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा अलका सैनी सम्मानित

दिल्ली के पंचशील आश्रम ,झड़ोदा (बुराड़ी) में आयोजित 27वें राष्ट्रीय दलित साहित्यकार सम्मेलन के पहले सम्मान दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ की जानी-मानी लेखिका,पत्रकार तथा समाज-सेवी अलका सैनी को उनके दलित साहित्य क्षेत्र में ब्लॉग तथा कहानियों के माध्यम से उत्कृष्ट सेवा हेतु भारतीय दलित साहित्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ॰ सोहनपाल सुमनाक्षर के कर कमलों द्वारा पदक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर “वीरांगना सावित्री बाई फुले सम्मान”  से सम्मानित किया गया । ज्ञात हो,अलका सैनी मुंबई से प्रकाशित होने वाली पत्रिका ‘‘माली –दर्शन” में कई सालों से लगातार छपती आ रही है तथा लंबे समय से दलितोत्थान ,दलित साहित्य एवं दलित पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय है ।  
इस सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । नेपाल ,अमेरिका ,ब्रिटेन,मारिशस,श्रीलंका आदि विदेशों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की ।
लोकसभा के उपाध्यक्ष श्री करिया मुंडा,शेरे –जम्मू-काश्मीर एवं केंद्रीय मंत्री डॉ॰ फारुख अब्दुला एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महामंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे । इस सम्मेलन को सुशोभित करने वाले अन्य मुख्य अतिथियों में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल डॉ माता प्रसाद ,दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमति शीला दीक्षित ,राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी॰ एल॰ पुनीया,केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ॰ सत्य नारायण जटिया ,पूरवा केन्द्रीय मंत्री-राज्य सभा सांसद श्री रामविलास पासवान ,दिल्ली विधान सभा उपाध्यक्ष श्री अमरीश सिंह गौतम ,त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री श्री अनिल सरकार ,महाराष्ट्र के पूर्व समाज कल्याण मंत्री विधायक श्री बबनराव घोलप, आर॰ पी॰ आई॰ के अध्यक्ष व पूर्व सांसद श्री रामदास अठावले ,गोवा के पूर्व डिप्टी स्पीकर श्री शंभुभाऊ बांडेकर ,गुरु जम्भेश्वर तकनीकी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ॰ एम॰ एल॰ रंगा ,झांसी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो॰ रमेश चन्द्र ,दिल्ली महापौर प्रो॰ रजवी अब्बी तथा लखनऊ के पूर्व महापौर डॉ दाऊजी गुप्ता उपस्थित थे ।
इस सम्मेलन में आसाम ,मणिपुर ,ओड़ीशा ,महाराष्ट्र ,झारखंड ,हिमाचल प्रदेश ,तमिलनाडू ,केरल तथा आंध्र-प्रदेश के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्र्म की शानदार प्रस्तुति की ।
साहित्यकारों ,मित्रों ,परिजनो ,सगे संबंधियों तथा समस्त भारतीय माली –सैनी समाज की ओर से लेखिका अलका सैनी की इस विशिष्ट उपलब्धि पर ढेर सारी बधाइयाँ प्रेषित की गई है । 

Friday, December 23, 2011

डॉ अ कीर्तिवर्धन को डी लिट) की मानद उपाधि

150 से अधिक साहित्यकारों ऩे लिया भाग
मुज़फ्फरनगर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अ कीर्तिवर्धन को उनके साहित्यक योगदान एवं हिंदी की सेवा के लिए 'विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ,भागलपुर,बिहार' के १६वे राष्ट्रीय अधिवेशन मे 'विद्यासागर'(डी लिट) की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया|
श्री राम नाम सेवा आश्रम,मौन तीर्थ,गंगा घाट,उज्जैन (मध्य प्रदेश) मे आयोजित विद्यापीठ के १६वे महाधिवेशन मे स्थानीय नागरिकों,पत्रकारों,समाजसेवियों,गुरुकुल के विद्यार्थियों के अलावा देश के कोने कोने से आये 150 से अधिक साहित्यकारों ऩे भाग लिया|दो दिन तक चले इस महाधिवेशन मे मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के खनन मंत्री श्री मालू जी रहे,अध्यक्षता जाने माने साहित्यकार डॉ रामनिवास मानव ऩे की,मंचासीन रहे डॉ तेज नारायण कुशवाहा,कुलपति,डॉ अमर सिंह वधान,सरदार जोबन सिंह ,डॉ देवेंदर नाथ साह तथा सञ्चालन किया डॉ प्रेम चंद पाण्डेय ऩे|
विदित हो कि डॉ अ कीर्तिवर्धन को (मध्य प्रदेश)की साहित्यिक -सांस्कृतिक संस्था 'कादंबरी द्वारा उनकी श्रेष्ठ निबंध कृति 'चिंतन बिंदु' के लिए स्वर्गीय ब्रहम कुमार प्रफुल्ल सम्मान से अलंकृत किया गया जिसके अंतर्गत अंगवस्त्रम,प्रशस्ति पत्र के साथ २१००/ कि सम्मान राशी भी प्रदान कि गयी थी|
डॉ अ कीर्तिवर्धन कि अब तक ७ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं|जतन से ओढ़ी चदरिया' बहुचर्चित रही जो कि बुजुर्गों कि समस्याओं पर केन्द्रित है|डॉ अ कीर्तिवर्धन पर 'कल्पान्त' पत्रिका ऩे अपना विशेषांक 'साहित्य का कीर्तिवर्धन' प्रकाशित कर उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर व्यापक प्रकाश डाला है|कीर्ति वर्धन जी कि अनेक रचनाओं का उर्दू,तमिल,नेपाली ,अंगिका,अंग्रेजी मैथिली मे अनुवाद व प्रकाशन भी हो चुका है|डॉ कीर्तिवर्धन को अब तक देश कि अनेक संस्थाओं से ५० से अधिक सम्मान मिल चुके हैं|
आप बहुप्रकषित एवं बहु पठनीय लेखक के रूप मे देश विदेश मे जाने जाते हैं तथा इन्टरनेट पर भी चर्चित हैं|हम आपके सुखद भविष्य कि मंगलकामना करते हैं|
रमेश चंद गह्तोरी,
नैनीताल बैंक
जाग्रति एन्क्लेव,विकास मार्ग
दिल्ली-92

Monday, December 19, 2011

पत्रकार पर कातिलाना हमले का मामला गरमाया

हमलावरों को पकड़ने की मांग ने पकड़ा जोर 
प्रशासन को दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम   
     गजिंदर सिंह किंग की ख़ास  रिपोर्ट  
अमृतसर// 18  दिसम्बर, 2011// 
दैनिक जागरण के पत्रकार महिंदर पाल सिंह पर हुए कातिलाना हमले के विरोध में आज अमृतसर के पत्रकार सड़कों पर उतरे और पत्रकार मोहिंदर पाल सिंह पर हमला करने वालों के लोगों की गिरफ्तारी की मांग की और साथ ही उन्होंने अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर को एक मांग-पत्र भी दिया
     अमृतसर में दैनिक जागरण अखबार के पत्रकार महिंदर पाल सिंह पर बीती रात कुछ अज्ञात लोगों ने जान लेवा हमला कर दिया, पत्रकार महिंदर पाल सिंह जब आपने घर वापस जा रहां था, तब कोर्ट रोड पर कुछ अज्ञात लोगों ने उन के सिर पर तेज धार हथियार से वार किया, उस के बाद महिंदर पाल सिंह पर गोलियां चला दी, जिस के चलते एक गोली मोहिंदर पाल सिंह के पैर पर लगी, महिंदर पाल सिंह दैनिक जागरण अखबार में बतौर चीफ क्राइम रिपोटर के पद काम करता है, वहीँ गोली लगने के बाद मोहिंदर पाल सिंह को अमृतसर के ई, एम, सी हस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहाँ उन की हालत नाज़ुक बनी है, वहीँ इस मौके पर घटना स्थल पर पहुंचे अमृतसर पंजाब पुलिस के ए, डी, सी, पी बलजीत सिंह रंधावा का कहना है, कि यह मामला उन के सामने आया है, कि आज रात को 9 बजे के करीब जब वह आपने घर जा रहा था, तब उन पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला किया है और आज सुबह से ही उन को धमकी भरे फ़ोन भी आ रहे थे, जिस की जांच की जा रही है, उन्होंने कहा, कि  पुलिस ने एक विशेष टीम बना कर छापे-मारी शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जायेगा
     लोक तन्त्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकारो ने सडको पर उतार कर पत्रकार महिंदर पाल सिंह पर हुए कातिलाना हमले के की पत्रकार समुदाय ने इस की घोर निंदा की और पत्रकारों ने काले रिबन लगा कर पैदल रोष मार्च प्रोटेस्ट सर्कट हाउस से निकाल कर अमृतसर के डिप्टी कमिश्र्नर के घर तक निकाल कर पत्रकार मोहिंदर पाल सिंह के गुनहगारों को गिरफ्तार करने की मांग की और पत्रकार महिंदर पाल सिंह को सरकारी सहायता देना, पत्रकारों की सुरक्षा को यकीनी बनाना और 72 घंटे के अन्दर सरकार अपराधियों को गिरफ्तार करने का मांग-पत्र दिया, इस दौरान सीनियर पत्रकारों ने पत्रकार महिंदर पाल सिंह पर हुए कातिलाना हमले की निंदा करते हुए कहा, कि पुलिस प्रशासन ने अभी तक उन हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किया है, जिन्होंने यह हमला करवाया और किया है उन्होंने कहा, कि प्रशासन को चाहिए वह जल्द से जल्द उन हमलावारो को गिरफ्तार करे और जिस तरह से अपराधी बे-लगाम हो रहे है, वह चिंता की विषय बना हुआ है, उन्हीने मांग की, कि किसी तरह से पत्रकारों की सुरक्षा को यकीनी बनाया जाये और जिस के चलते वह प्रशासन को 72 घंटे का समय देते है
     वहीँ इस मौके पर पत्रकारों ने अमृतसर के डिप्टी कमिश्र्नर को एक मांग-पत्र दिया,  साथ ही इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, कि यह एक बुरी घटना है और इस के चलते एक विशेष एस,आई,टी (Speacial Investigation Team) का गठन किया गया है और इस मांग-पत्र को सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा, ताकि उन अपराधियों को गिरफ्तार किया जा सके
    फिलहाल अब देखना यह होगा, कि आने वाले 72 घंटो में प्रशासन क्या भूमिका अदा करता है और पत्रकार मोहिंदर पाल सिंह के गुनहगारों को पकड़ने में कितना कारगर साबित होता है

Saturday, December 17, 2011

सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में नमस्तक हुए गायक मलकीत सिंह

 धार्मिक गीतों की कामयाबी के लिए की अरदास 
  गजिंदर सिंह किंग//अमृतसर// 16 दिसम्बर,2011//
पंजाबी गीतो के मशहूर तूतक तूतिया वाले गायक मलकीत सिंह आज सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में नमस्तक हुए, उन्होंने आपनी आने वाली नई धार्मिक गीतों की एलबम की कामयाबी के लिए सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में नमस्तक हो कर माथा टेक गुरु घर का आशीर्वाद लेकर नई धार्मिक गीतों की एलबम की गीतों की कामयाबी की अरदास की.  
      आज सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में पंजाबी गीतो के मशहूर तूतक तूतिया वाले गायक मलकीत सिंह ने आपनी आने वाली नई धार्मिक गीतों की एलबम की कामयाबी के लिए सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में नमस्तक हो कर माथा टेक गुरु घर का आशीर्वाद लिया और नई धार्मिक गीतों की एलबम की गीतों की कामयाबी के लिए गुरु घर में अरदास की, इस दौरान मीडिया से बात करते हुए गायक मलकीत सिंह ने आपनी नई धार्मिक गीतों की एलबम के गीतों बारे जानकारी देते हुए बताया, कि पहली बार हमने नई धार्मिक गीतों की एलबम के अभी दो गीत गाए है, और पहले भी धार्मिक गीत गाए है, लेकिन उस समय गीतों की वीडियो शूट नहीं होती थी और इस बार नई दो धार्मिक गीतों की वीडियो शूट सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब और नादेड साहिब होगी और पुराने धार्मिक गीतों की वीडियो शूट करे गे, उन्होंने एक धार्मिक गीत आपनी नई धार्मिक गीतों की एलबम से कुछ लाइने गा कर सुनाई और कहा, कि अलग-अलग गुरु साहिबान और धार्मिक इतिहास बारे अलग-अलग ढंग से धार्मिक गीत गा-कर लोगो को समझाया गया है, कि किस तरह सब धर्मो के गुरु साहिबान का इतिहास है, उन्होंने आपनी एक और नई कल्चर और भांगड़े वाली गीतों की कैसेट बारे बताया, कि वह कैसेट लन्दन में रिकाडिंग होने वाली है, जो कि वैसाखी में रिलीज होगी, उन्होंने माँ के गीतों बारे हस कर कहा, कि माँ के ऊपर हमने बहुत से गीत गाए है, लेकिन इस बार मैने डैडी के ऊपर भी गीत गाया है और वह गीत भी लोग माँ के गीतों जैसे डैडी का गीत भी पसंद करेगे    

Thursday, December 15, 2011

अब बहुत से और लोग भी जान पायेंगे सिख इतिहास

कैबनेट मंत्री गाबड़िया ने की  पांच सरोवर यात्रा योजना की शुरूयात 
गजिंदर सिंह किंग//अमृतसर//14 दिसम्बर//
पंजाब हैरीटेज टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड द्वारा शुरू की गई पांच सरोवर यात्रा के तहत देश-विदेश से आए श्रद्धालु सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शन के साथ-साथ इन पांच सरोवर के इतिहास, सिख धर्म और विरसे पर जानकारी देने के लिए नए कदम उठाए गए है, जिनका उदघाटन पंजाब के जेल, सैर सपाटा, सभ्याचार मामले, और छपाई-लिखित समाग्री मंत्री सरदार हीरा सिंह गाबड़ीया ने अपने शुभ कर कमलो द्वारा किया और पांच सरोवरों की यात्रा की.
        अमृतसर सिखों का एक तीर्थ स्थान है और यहा पर हर धर्म, हर जाति के लोग सच्च्खंड श्री हरि मंदिर साहिब और इस पवित्र शहर के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से आते है, इस शहर में एक दर्जन से ज्यादा गुरूद्वारे है, इन गुरुद्वारों में से पांच सरोवर और गुरुद्वारे ख़ास महत्व रखते है, यात्रा विभाग पंजाब द्वारा पांच सरोवार यात्रा के तहत देश-विदेश से आए श्रद्धालु सच्च्खंड श्री हरि मंदिर साहिब के दर्शन के साथ-साथ इस पवित्र यात्रा के द्वारा देश-विदेश के श्रद्धालुओ को इन पांच सरोवर के इतिहास की जानकारी और सिख धर्म और विरसे पर जानकारी देने के लिए एक नया कदम उठाया है, यह पवित्र यात्रा श्री गुरुद्वारा संतोखसर साहिब जी के सरोवर से शुरू हो कर गुरुद्वारा सारागडी साहिब जी और जलिया वाला बाग़ से होती हुई श्री गुरुद्वारा बिबेकसर जी सरोवर, श्री गुरुद्वारा राम सर सरोवर, श्री गुरुद्वारा माता कोलसर साहिब जी सरोवर के दर्शन कर यह यात्रा सच्च्खंड श्री हरि मंदिर साहिब जी के लंगर घर और रामगाड़ीया बुगे से होती हुई सच्च्खंड श्री हरि मंदिर साहिब जी के अमृत सरोवर तक सम्पन होगी,  आज इसका उदघाट्न टाउन हाल से पंजाब के जेल, सैर सपाटा, सभ्याचार मामले, और छपाई-लिखित समाग्री मंत्री सरदार हीरा सिंह गाबड़ीया ने अपने शुभ कमलो द्वारा कर पांच सरोवार यात्रा की शुरुआत श्री गुरुद्वारा संतोखसर साहिब जी के सरोवर से शुरू कर श्री गुरुद्वारा संतोखसर साहिब में नमस्तक होकर माथा टेक गुरु घर का आशीर्वाद लिया और यहा से यात्रा शुरू कर सच्च्खंड श्री हरि मंदिर साहिब जी के अमृत सरोवर तक कर सच्च्खंड श्री हरि मंदिर साहिब जी की परिक्रमा कर गुरु घर में नमस्तक होकर माथा टेक गुरु घर का आशीर्वाद लेकर सम्पन की, इस दौरान उन्होंने पांच सरोवर यात्रा बारे जानकारी देते हुए बताया, कि पंजाब की धरती बहुत महान है, क्योंकि पंजाब की धरती ने तीन इतिहास लिखे है, पहला गुरु इतिहास दूसरा सिख इतिहास और तीसरा देश की आजादी का इतिहास है, उन्होंने कहा, कि देश-विदेश से लोग सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब जी के दर्शन कर चले जाते थे, लेकिन इस पांच सरोवर बारे उन्हें मालूम नहीं था, जिस कारण यह पांच सरोवर यात्रा पंजाब हैरीटेज टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड ने शुरू की है, जिसे पांच सरोवर के इतिहास, सिख धर्म और विरसे बारे उन्हें जानकारी मिलेगी और सिख इतिहास के साथ जुड़ेगे.

Monday, December 12, 2011

धोखों के बाद भी इरादे बुलंद हैं..//...राजीव गुप्ता

इंटरनेट की दुनिया को नियंत्रण करने की नाकाम कोशिश
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को ही छीनने का  कुकृत्य
Photo courtesy UN Multimedia
जब आप सच्चे दिल से किसी चीज को पाने का दृढ निश्चय कर लेते हैं तथा उसे पाने के लिए अपना कदम आगे बढ़ा देते हैं तो सबसे पहले आपकी दृढ़ता को ईश्वर द्वारा अनेकों कसौटियों पर परखा जाता हैं और अगर आप उन कसौटियों पर खरे उतर जाते है तो पूरी कायनात आपके साथ कदम से कदम मिलाकर एक ऐसे अभेद्य कारवां का निर्माण कर देती है जिसे भेदने की कोशिश कर रहे विरोधी मुंह की खा जाते हैं या यूँ कहे कि उनका हर तीखा वार मीठा बन कर उन पर ही उल्टा पड़ जाता है ! वर्तमान समय में जन लोकपाल की लड़ाई लड़ रहे श्री अन्ना हजारे-टीम ने इस बात को सिद्ध कर दिया हैं !
सरकार द्वारा बार- बार उन पर आक्रमण होता है, उनके पर कतरने की नाकाम कोशिश सरकार द्वारा होती रहती है! रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के ऊपर पुलिसिया कार्यवाही के बाद  १६ अगस्त, 2011 को किस प्रकार सरकार के वकील मंत्रियों के दमन-चक्र द्वारा आन्दोलन को कुचलने का दुस्साहस किया गया जनता अभी इसे ठीक से भूली भी नहीं थी कि दूर-संचार मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने एस.एम्.एस भेजने की सीमा तय कर और  इंटरनेट की दुनिया को नियंत्रण करने की नाकाम कोशिश कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को ही छीनने का जो कुकृत्य किया गया तथा स्थाई समिति की रिपोर्ट के माध्यम से सरकार द्वारा जनता को धोखा देकर जो वादा-खिलाफी की गयी उन सब बातों का जबाब देने के लिए  ११ दिसंबर , २०११ को जंतर-मंतर पर उमड़ा जन सैलाब सरकार की चूलें हिलाने के लिए काफी था  ! 

इस बार अन्ना - टीम ने अपनी रणनीति में थोडा बदल कर राजनैतिक पार्टियों को भी संवाद के लिए अपने मंच पर बुलाकर एक स्वस्थ लोकतंत्र की मर्यादा को बरकरार रखा जो कि स्वागत योग्य है ! कुछ मुद्दों को छोड़कर लगभग वहां पर उपस्थित सभी राजनैतिक दलों ने अन्ना-टीम की हाँ में हाँ मिलाते हुए  एक सशक्त लोकपाल लाने का आश्वासन दिया जो कि अन्ना-टीम के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है ! जनता दल यूनाइटेड को छोड़कर बीजेपी समेत लगभग सभी राजनीतक दलों ने एक सुर में प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने की बात कही , वही ग्रुप सी के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने पर लगभग सहमति दिखी परन्तु सिटीजन चार्टर , सीबीआई और न्यायपालिका को लोकपाल के अंतर्गत लाने पर थोडा मतभेद भी था जो कि बाद में ख़त्म हो सकता है !  

टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य अरविंद केजरीवाल के अनुसार 'स्टैंडिंग कमिटी में 30 सदस्य हैं !  2 सदस्यों ने कभी इसमें हिस्सा नहीं लिया !  16 सदस्य इससे असहमत हैं, इसलिए इस रिपोर्ट को सिर्फ 12 सदस्यों की सहमति हासिल है !  7 कांग्रेस के हैं, इसके अलावा लालू प्रसाद यादव, अमर सिंह और मायावती की बीएसपी के सदस्य हैं ! ' उन्होंने कहा, 'इस रिपोर्ट की यही विश्वसनीयता है !' परन्तु यहाँ मुद्दा विश्वसनीयता का नहीं अपितु सरकार की नियति का है क्योंकि परेशानी तब और ज्यादा बढ़ जाती है जब सरकार  अपने किये हुए वादे से मुकर जाय क्योंकि मामला यहाँ जन - भावना का है ! इतिहास साक्षी है कि जब सत्ता के मद में चूर सरकार अपनी हठधर्मिता से  जन - भावनाओं को अनसुना कर उसे बार - बार आहत करती है तो निश्चित रूप से वो अपनी कब्र खोद लेती है ! आपातकालीन के समय श्री जय प्रकाश ने रामलीला मैदान से सरकार को ललकार कहा था कि " सिंहासन खाली करो कि जनता आती है " क्योंकि उस समय सत्ता के मद में अंधी सरकार को संसद और सड़क के शोर में फर्क नहीं दिखाई पड़ रहा था ! सरकार को यही एहसास दिलाने के लिए जनता - जनार्दन ने जंतर - मंतर से एक बार फिर आगे के आन्दोलन के लिए हुंकार भरी ! 

लोकतंत्र की बुनियादी आदर्श के मुताबिक कोई भी सरकार स्वयं  सत्ता का स्रोत न होकर जनता के निर्णय को असली जामा पहनाने वाली अर्थात  कानून बनाने  वाली एक अधिकृत संस्था मात्र है इससे ज्यादा कुछ नहीं ! यह कहना सत्य है कि राज्य नागरिक समाज से ही बनता है ! इसलिए मूल तो नागरिक समाज ही है और राज्य नागरिक - समाज को चलाने  की व्यवस्था मात्र ! परन्तु सत्ता में बैठे उन लोगों को यह बात नहीं समझ आती !  मै सत्ता में बैठे लोगों से यह पूछना चाहता हूँ कि जब  हर दफ्तर लूट का अड्डा बन गया हो  , हर सरकारी काम बिना घूस  ( अभी हाल में ही मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर निगम के एक चपरासी के निवास से बरामद लगभग चार करोड़ की संपत्ति इसका ताजा उदहारण है ) के न हो सकता हो , बड़ी रिश्वत, बड़ा कमीशन, और बड़ा हिस्सा टैक्स चोरी  का अगर देश की सीमा से बाहर जाता हो  या देश के काले तहखानों में छुपा कर  रख दिया जाता हो  तो क्या देश के नागरिकों को यह अधिकार नहीं कि वो जनता के प्रतिनिधियों से यह सवाल करे या भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाये तथा देश के बाहर गए काले धन को  वापस लाने एवं उसे राष्ट्र सम्पति घोषित करने की मांग करे  ? क्या यह सच नहीं है आज नगर पंचायत से लेकर संसद तक लोकतंत्र नहीं लूटतंत्र बन गया है ? 

यह बात खुद कई राजनेता भी मान चुके है योजनाओं का पूरा पैसा कभी भी जनता के पास नहीं पहुंचता और तो और संसद में नोट के बदले वोट और यहाँ तक कि पैसे लेकर बदले में  संसद में प्रश्न  तक पूछा जाता है ! भ्रष्टाचार का सरकार को और क्या प्रमाण चाहिए ? मुझे लगता है सरकार नीतियों में नहीं अपनी नीयत  पर ज्यादा  ध्यान दे !    जब - जब लोकतंत्र की नैतिक शक्ति का चीर-हरण होगा तब तब जनता अपनी आवाज उठाती रहेगी, चाहे प्रतिनिधि कोई भी हो ! मुझे किसी की कही हुई पंक्तियाँ याद आती हैं  कि -
"सुविधाओं में बिके हुए लोग, कोहनियों पर टिके हुए लोग !
     बरगद की बात करते है
गमलों में उगे हुए लोग !!"
राजीव गुप्ता (लेखक)
 9811558925 
भारत का यह दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद बहुत से दूरदर्शी राजनेताओं की उपस्थिति के बावजूद सत्ताधारी वो बने जिनका आम जनता से दूर - दूर तक कोई सरोकार नहीं था ! परिणामतः आज तक हम उनकी अदूरदर्शिता के द्वारा लिए गए भारत - विकास के निर्णय से हो रहे असंतुलित विकास को भुगत रहे हैं जिससे आज भारत दो भागों  अर्थात ग्रामीण और शहरी भारत में बंट गया है ! जिसे श्री अन्ना हजारे  ने जंतर-मंतर के अपने सांकेतिक धरने के माध्यम से सत्ता के विकेंद्रीकरण की बात कर अर्थात ग्राम-संसद की बात की जिसकी वकालत गांधी जी ने बहुत पहले ही की थी जो कि स्वागत योग्य है ! इसके साथ - साथ चुनाव सुधार की तरफ उनके  आन्दोलन का अगला कदम होगा ! इन सब उठापटक के  बीच सरकार अब अपनी हठधर्मिता छोड़कर देश के भले के बारे में सोचे और जनता से किये हुए अपनों वादों को पूरा करने की हिम्मत दिखाए तो शायद देश जापान से भी कई गुना ज्यादा तरक्की कर सकता हैं और जनता भी उनके वादा-खिलाफी को भूल जायेगी !


नोट:आप को यह लेख कैसा लगा? आप इस विषय पर क्या सोचते हैं?अपने विचारों को शब्द दीजिये और उन्हें तुरंत प्रेषित कीजिये. अगर आप इन विचारों का विरोध भी कर रहे हैं तो भी उन्हें सम्मान के साथ प्रकाशित किया जायेगा लेकिन अपना नाम, पता, इमेल आईडी और फोन सम्पर्क लिखना मत भूलिए.रचना भेजने के लिए हमारा पता है: punjabscreen@gmail.com

Thursday, December 08, 2011

अमृतसर में बिना किसी लाभ-हानि के चल रहा अनोखा स्कूल

संसदीय सचिव बुलारिया ने दिए एक लाख रुपये
   अमृतसर//8 दिसम्बर//गजिंदर सिंह किंग

श्री गुरु नानक देव शिक्षा सोसाइटी द्वारा बिना लाभ-हानि के चलाये जा रहे श्री गुरु नानक देव शिक्षा पब्लिक स्कूल का सलाना पुरस्कार वितरण कार्यक्रम बहुत ही धूमधाम व् हर्षो-उल्लास से हुआ. इस कार्यक्रम मे स्कूल के छोटे-छोटे बच्चो ने रंगा-रंग सांस्कृतिक  प्रोगाम प्रस्तुत किया. बच्चो के हौसले बुलंद करने के लिए मुख्य मेहमान और विशेष मेहमान द्वारा इन बच्चों को पुरुस्कृत भी किया गया.
     श्री गुरु नानक देव शिक्षा सोसाइटी द्वारा बिना लाभ-हानि के 
चलाये जा रहे श्री गुरु नानक देव शिक्षा पब्लिक स्कूल में बड़ी गिनती में आठवी कक्षा तक छोटे बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे है. आज इस स्कूल का सलाना ईनाम बांट समागम श्री गुरु नानक भवन सिटी सेंटर में करवाया गया. इस समारोह  के मुख्य मेहमान संसदीय सचिव इन्दरजीत सिंह बुलारिया, विशेष मेहमान अमृतसर शहरी के प्रधान सरदार उपकार सिंह और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मेम्बर सरदार हरजाप सिंह सुल्तानविंड थे, इस समागम में स्कूल के छोटे-छोटे बच्चो द्वारा सभ्याचार और रंगा-रंग कल्चर प्रोगाम प्रस्तुत किया गया जो कि देखने लायक थे. इस रंगारंग प्रोग्राम के मुख्य मेहमान और विशेष मेहमान द्वारा स्कूल के छोटे-छोटे बच्चो के हौसले बुलंद करने के लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया. इस दौरान समागम के मुख्य मेहमान पंजाब के संसदीय सचिव इन्दर जीत सिंह बुलारिया द्वारा इस स्कूल की सहायता के लिए एक लाख रूपए देने का ऐलान किया. इसी दौरान कहा कि श्री गुरु नानक देव शिक्षा सोसाइटी द्वारा बिना लाभ-हानि के चल रहा यह स्कूल अमृतसर के अन्य प्रमुख स्कूलों के बराबर आ खड़ा हुआ है. उन्होंने स्कूल के काबिल स्टाफ का भी धन्यावाद किया. उन्होंने इस स्कूल की कामयाबी और तरक्की के लिए एक लाख रुपए देने का ऐलान किया. 

चंडीगढ़ नहीं जाने दिया तो लगाया जाम

मजदूरों व किसान संगठनों ने रोष में दिखाया अपना जोश 
   अमृतसर//7 दिसम्बर//गजिंदर सिंह किंग

रोष में आये किसानों और मजदूरों ने अज एक बार फिर अपना जोश दिखाया. टकराव की यह हालत उस समय बनी जब मजदूरों व किसान संगठनों के सैकड़ों सदस्यों के वाहनों का काफिला अपनी लम्बे समय से लटक रही मांगों के लेकर चंडीगढ़ के मटका चौक में रैली करने के लिए वाहनों पर जा रहा था. पुलिस ने इन 17 किसान संगठनों के सदस्यों को ब्यास पुल के निकट रोक लिया.  इस दौरान किसानों व पुलिस के बीच टकराव भी पैदा हुआ. किसान संगठन के सैकड़ों गुस्साए किसानों ने वही पर धरना लगा कर ट्रैफिक जाम कर दिया. किसान संगठन-नेतायों का कहना है, कि जब तक हमारी मांगे पुरी नही होती तब तक हम लगातार धरने पर बैठे रहेंगे. इस मुद्दे को लेकर आज किसान के धरने का दूसरा दिन था.
      बातचीत और समझौते के सभी प्रयास विफल रहने पर अमृतसर  में  आपनी मांगों को ले कर प्रदर्शन  कर रहे किसानो का हाई-वे जाम अब दूसरे दिन में पहुँच गया है. इस जाम के चलते आज किसानों ने दुसरे दिन अमृतसर और कपूरथला की सरहद पर बने पुल पर जाम लगाया हुआ है. जाम के चलते वह वहां पर प्रदर्शन कर रहे है. इस मौके पर पंजाब संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह ने आपनी मांगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मजदूरों व किसानों के बिल माफ किए जाएं, किसानों का ट्यूबवेलों के 297 करोड़ रुपये के बकाया बिल माफ किया जाए, बिजली पानी पर सब्सिडी दी जाए, चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार चार एकड़ से कम जमीन के किसान को ट्यूबवेल के कनेक्शन दिए जाए और जो किसानो ने आत्म-हत्या की है, उन के परिवारों को मुआवजा और उन के परिवार वालों को नौकरी दी जाए  
      इसी बीच इस दो दिन के धरने से आम जन जीवन पर बुरा असर पड़ा है. देश का नेशनल हाई-वे वन जो कि सब से व्यस्त हाई-वे माना जाता है, वह आज सुनसान पड़ा है और पिछले दो दिन से लोग यहाँ पर अटके हुए है. वहीँ यहाँ लोगों का कहना है कि सरकार को यह जाम जल्द खत्म करवाना चाहिय और वह दो दिन से दिक्कत में है. लेकिन उन की सुध लेने वाला कोई नहीं है. गौरतलब है कि इस जाम से आम लोग भी प्रभावित हुए है 80 वर्ष की महिला का  कहना है कि वह आज यहाँ पर आयी  थी और उन को घर जाना था लेकिन वह जा नहीं सकी. उन के घर में किसी की मौत हो गई थी और वह इस जाम के कारण जा नहीं सके. वहीँ ड्राईवर जो कि इन गाड़ियों को ले कर आए है उन का भी काफी नुकसान हो रहा है. 

Wednesday, December 07, 2011

सेवादार बाबा प्यारा सिंह की मौत का मामला गरमाया

संगत में आक्रोश:जांच की मांग ने पकड़ा जोर
       अमृतसर// 6  दसम्बर// गजिंदर सिंह किंग की ख़ास रिपोर्ट

संदिग्ध मौत का शिकार मुख्य सेवादार बाबा प्यारा सिंह 
स्वामी सत्संग भवन डेरा सैदपुर के स्वर्गीय  संत रसीला राम के मुख्य सेवादार बाबा प्यारा सिंह की संदिग्ध परिस्थितयों में मौत के बाद लोगो पर आक्रोश पाया गया था, पुलिस ने इस घटना केमामले को लेकर ऊपर 16 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके अपनी जांच शुरू कर दी है. इसी बीच स्वामी सत्संग भवन डेरा सैदपुर के स्वर्गीय  संत रसीला राम के लडके देस राज ने एक प्रेस वार्ता दौरान उसे गलत बता कर इस मामले को रद्द कर मजिस्टेट जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग की है क्यों कि जिन लोगो के ऊपर ममाला दर्ज है वह उस समय पंजाब से बाहर रह रहे थे 
     अमृतसर में स्वामी सत्संग भवन डेरा सैदपुर के  संत रसीला राम जी की मौत के बाद डेरा सैदपुर में गद्दी को ले कर विवाद पैदा हो गया था, जिस के चलते गद्दी के टकराव को ले कर मामला कोर्ट तक पहुँच गया था, स्वामी सत्संग भवन डेरा सैदपुर के स्वर्गीय  संत रसीला राम के मुख्य सेवादार बाबा प्यारा सिंह की संदिग्ध परिस्थितयों में मौत के बाद लोगो पर आक्रोश पाया गया था. पुलिस ने इस घटना के ऊपर 16 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया था. आपराधिक मामला दर्ज कर लिए जाने के बाद स्वामी सत्संग भवन डेरा सैदपुर के स्वर्गीय  संत रसीला राम के लडके देस राज ने एक प्रेस वार्ता दौरान उसे गलत बताया है. उन्होंने कहा कि बाबा जी के मौत का दोष जो हमारे लोगो के ऊपर लगा है, वह पूरी तरह से गलत है, क्यों कि बाबा जी के साथ हमेशा रहने वाले जगतार सिंह, शरणजीत सिंह पन्नू, दर्शन सिंह, रामा, धारीवाल, बचन लाल के साथ बाबा जी की रात ग्यारह बजे कोई बहास को ले कर तू-तू मै-मै हुई थी, जिसके कारण बाबा जी की मौत हुई है और लगता है, कि बाबा जी की मौत का कारण वह लोग है और वह लोगो हमारे ऊपर बाबा जी की मौत का गलत इल्जाम लगा रहे है, क्यों कि उस समय हमारे लोग कोई लखनऊ, कोई यू,पी और कोई इग्लैंड में बैठे हुए थे और उन्होंने हमारे उन लोगो के ऊपर मामला दर्ज करा दिया है, उन्होंने कहा, कि इन छह लोगो ने साजिश के तहत डेरे को हथियाने के लिए जाली काग-जात बनाए हुए है और उन्होंने प्रशासन से मांग की है, कि हमारे ऊपर जो मामला दर्ज किया गया है उसे रद्द किया जाए और इस मामले की मजिस्टेट जांच कर दोषियों को सजा दी जाए. 
      स्वामी सत्संग भवन डेरा सैदपुर के बारे उन्होंने बताया, कि कुछ लोग वहा पर बाबा प्यारा सिंह की समाधि और रस्म किराया करना चाहते है जो कि बिलकुल गलत है, क्यों कि हमने भी संत रसीला राम जी की रस्म क्रिया अपने घर में मनानी थी और उसकी भी रस्म किराया उसके घर में मनानी चाहिए, क्यों कि स्वामी सत्संग भवन डेरा सैदपुर में लोगो का टकराव और विवाद पैदा हो सकता है, जिससे माहौल खराब हो सकता है, उन्होंने प्रशासन से मांग की, कि उस चीज को रोका जाए अगर कोई घटना पैदा होती है, तो उस का जिम्मेदार प्रशासन होगा.
      फिलहाल इस पूरे मामले में अब देखना यह होगा, कि प्रशासन मामला रद्द कर मामले की मजिस्टेट जांच कर दोषियों को पुलिस कब आरोपियों को पकड़ने में कामयाब होती है या नही.

Tuesday, December 06, 2011

सिख कौम के लिए अमूल्य सेवाएँ करने पर सम्मान

पंथ रत्तन/फख़रे-कौम से सम्मानित हुए स.प्रकाश सिंह बादल
         अमृतसर//5 दिसम्बर//गजिंदर सिंह किंग

श्री  अकाल तख्त साहिब की तरफ से आज पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल को सिख कौम के लिए अमूल्य सेवाएँ करने पर आज  पंथ रत्तन फख़रे-कौम से  सम्मानित  किया गया, जिस के तहत पांच सिख साहिबान की हजुरी में श्री अकाल तख़्त साहिब की तरफ से पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल को पंथ रतन फख़रे -ए-कौम से नवाज़ा गया.    
        सिख सियासत और धर्म में आपनी मुख्य भूमिका निभाने वाले पंजाब के मुख्य मंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल को आज अमृतसर में सच्च्खंड श्री हरि मंदिर में श्री अकाल तख्त साहिब में  पंथ रतन फख़रे -ए-कौम से  सन्मानित किया गया. इस मौके पर पांच सिख साहिबान की हजुरी में यह सम्मान सरदार प्रकाश सिंह बादल को दिया गया. पंथ रतन फख़रे-ए-कौम से सम्मान से पहले शब्द कीर्तन गायन और अरदास करने के बाद जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने कौम के नाम सन्देश पढ़ कर सुनाया. इस अवसर पर पंजाब के मुख्य मंत्री  सरदार प्रकाश सिंह बादल को पंथ रतन फख़रे-ए-कौम से  सम्मानित किया गया. पंथ रतन और फख़रे-ए-कौम का ऐतिहासिक सम्मान हासिल करने के बाद सरदार प्रकाश सिंह बादल ने कहा, कि यह उन के लिए सब से बड़ा दिन और ज़िन्दगी का सब से बड़ा इनाम है जो आज उन को मिला है. उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि कभी मैने जिन्दगी में सोचा भी नहीं था कि यह सम्मान मुझ को मिलेगा. उन्होंने इस के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और श्री अकाल तख्त साहिब का धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने यह सन्मान आज दिया है, उन्होंने कहा, कि जो आज तक सिख कौम के लिए मैने किया है और आने वाले समय में और काम करते रहेंगे और यह सम्मान प्रधान मंत्री या राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए सम्मान से भी ऊपर है 
        वहीँ इस मौके पर जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह का कहना है कि श्री अकाल तख्त साहिब पहले भी कई लोगों को सन्मान दे चूका है, जिन्हूने पंथ के लिए महत्वपूर्ण काम किए है और इस कड़ी के  चलते आज श्री अकाल तख्त साहिब में यह सम्मान सरदार परकाश सिंह बादल को दिया है.उन्होंने कहा कि उस का मुख्य मकसद यह है कि पिछले काफी समय से सरदार प्रकाश सिंह बादल ने सिख कौम के लिए कई यादगारे बनवाई है और जिस के चलते यह सम्मान दिया गया है और वह आने वाले समय में भी सिख कौम के लिए ऐसे काम करते रहेंगे साथ ही उन्होंने कहा कि जो पिछले कुछ समय से पगड़ी विवाद पैदा हुआ है उस को हल करने और प्रोफ़ेसर  दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई के लिए वह काम करेंगे और जो कई एनी ऐतिहासिक काम होने वाले है वह उन को पूरा करेंगे.      
         फिलहाल इस सम्मान के साथ आज सिख इतिहास के साथ एक नया अध्याय जुड़ गया है, जहाँ एक मुख्य मंत्री को यह सन्मान मिला है, अब देखना यह होगा, कि आने वाले समय में सिख कौम के लिए सरदार प्रकाश सिंह बादल कौन-कौन से प्रयास करते है.

एसजीपीसी के नए स्तर की शुरूयात

इजलास में की गई 15 मेम्बरों की नियुक्तिया       
  अमृतसर//5 दिसम्बर//गजिंदर सिंह किंग
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव के बाद आज पहली स्तर की शुरुआत हुई, जिस में 15  मेम्बरों को भी विशेष तौर पर नियुक्त किया गया. ये मेम्बर आने वाले समय में नए इस हाउस को चलाएंगे. इस मौके पर श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह मुख्य तौर पर मौजूद थे. इन 15 मेम्बरों की और से जारी नोटिफिकेशन  के बाद तीस दिनों के बाद प्रधान के लिए चुनाव होगे.
        शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के बाद अब शिरोमणि  गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के स्तर को आज तेजा सिंह समुंद्री हाल में विधिवत शुरू किया गया. जिस के तहत एक विशेष इजलास के द्वारा 15 मेम्बरों की नियुक्तिया की गई. इस मौके पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ और पांच सिख साहिबान की हजूरी में इस स्तर को सम्मान के साथ स्वीकृति दी गई. इस शुरुआती स्तर के तहत सब से पहले हाउस को चलाने के लिए आज पहले दिन 15 मेम्बरों का चुनाव किया गया, जो कि आने वाले समय में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के हाउस को चलाएंगे. इन 15 सदस्यों में पांच सदस्य पंजाब के है और बाकी दूसरे राज्यों के है. इस मौके पर अवतार सिंह मक्कड़ ने पत्रकारों को इस इजलास में चुने गए मेम्बरो बारे जानकारी देते हुए बताया कि आज चुनाव के बाद नए हाउस को शुरू किया गया है और वह एक चेयरमैन के तौर पर वह यहाँ पर आये है. उन्होंने चुने हुए मेम्बरों के नाम इस तरह बताए, 1 - किरपाल सिंह बडूगर, 2 - रघुजीत सिंह विर्क , 3 - करनैल सिंह  4 - राम सिंह, 5 - जगतार सिंह, 6 - सुरजीत सिंह कांग, 7 - शरणजीत सिंह, 8 - हरभजन सिंह चीमा, 9 - चरणजीत सिंह, 10 - सुखमीत सिंह, 11 - हरमनजीत सिंह, 12 - भूपिंदर सिंह,13 - गुरमिंदर सिंह मठारू, 14 - गुरिंदर सिंह बावा, 15 - बीबी सुखविंदर कौर  उन्होंने कहा, कि 15 मेम्बरों की और से जरी की जाने वाली अधिसूचना के बाद तीस दिनों के बाद प्रधान के लिए चुनाव होगे.

Monday, December 05, 2011

गिरते घर, मरते लोग....//...राजीव गुप्ता

किस विभाग की लापरवाही से हुआ ये अनाधिकृत निर्माण?
मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में "मकान" की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है ! हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि सिर ढकने के लिए एक छत  अर्थात उसका  " अपना आशियाना "  हो जहां उसका परिवार प्रफ्फुलित एवं पल्लवित हो और इसी की  जद्दोजेहद में मनुष्य अपने जीवन की अधिकतम आयु लगा देता है , परन्तु जब यही आशियाना चाहे कारण कोई भी हो उसके अपनों की जान पर बन आये तो स्वाभाविकतः वह टूट जायेगा ! कुछ ऐसा ही हादसा वेस्ट दिल्ली के उत्तम नगर में रहने वाले गगन पाठक के परिवार के साथ हुआ !  गौरतलब है कि शनिवार (2 दिसंबर , 2011 ) की सुबह अचानक चार मंजिला मकान के भरभराकर गिर जाने से लगभग चार लोग मौत की नींद में सो गए जिसमे से तीन लोग ( माँ , पत्नी और बेटी ) तो गगन पाठक के परिवार के ही थे,  और लगभग दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए ! ललिता पार्क ( 15   नवम्बर, 2011 , पूर्वी दिल्ली ) और चांदनी महल ( 27 सितम्बर, 2011 , दरिया गंज ) के बिल्डिंग - हादसों के बाद यह तीसरा बड़ा हादसा था ! अब फिर से वही सरकार का स्क्रिपटिड ड्रामा शुरू हो जायेगा नेताओं का दौरा होगा , मृतकों के परिजनों से हमदर्दी, मुआवजे का ऐलान, विजिलेंस जांच के आदेश, इंजिनियरों का सस्पेंशन, दोषियों को कड़ी सजा का आश्वासन और भविष्य में ऐसी घटना न होने देने का संकल्प आदि - आदि ! 

एम्.सी.डी की वेबसाइड पर जारी सूची के अनुसार  27  मई 2010  से लेकर 2 दिसंबर  2011  तक लगभग 190 ऐसी कॉलोनियां है  जो कि अनधिकृत रूप से बनायीं गयी हैं ! दिल्ली जो कि भारत की राजधानी है , अगर फिर भी अनाधिकृत कौलिनायों का निर्माण हुआ है / हो रहा है , यह इतना मत्वपूर्ण विषय नहीं है , असली मुद्दा यह है कि किस विभाग की लापरवाही से ये अनाधिकृत निर्माण हुआ है / हो रहा है ?  लोगों का तर्क है कि एमसीडी नक्शा पास नहीं करती पर हमें तो रहने के लिए मकान चाहिए , इसलिए हमें रिश्वत देने से भी कोई परहेज नहीं है ! वही एमसीडी का कहना है कि हमने कड़े नियम बनाए हैं लेकिन पुलिस इस व्यवस्था को घूस लेकर खराब कर रही है !  हम तो अवैध निर्माण गिराना चाहते हैं लेकिन पुलिस हमारा साथ ही नहीं देती ! अगर पीडब्ल्यूडी या डीडीए की कमी से कहीं अवैध निर्माण हुआ है तो झट से एमसीडी में सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता कांग्रेस -  सरकार के खिलाफ  मोर्चा खोल देते हैं परन्तु अगर इससे उल्टा होता है अर्थात ललिता पार्क या चांदनी महल में कोई मकान गिरता है तो फिर दिल्ली सरकार और केंद्र के कांग्रेसी नेता एमसीडी को कठघरे में खड़ा कर देते हैं ! अर्थात लाशों पर भी राजनेता अपनी राजनीति चमकाने से गुरेज नहीं करते ! 

एक जगह मैंने पढ़ा है कि 1977 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ईस्ट दिल्ली के वेलकम इलाके में सरकारी जमीन पर  रातों-रात सैकड़ों झुग्गियां एक साथ बसा दी गईं थी क्योंकि मामला वोट का था ! विरोध करने वाले विरोध करते रह गए वह कॉलोनी वहां हमेशा के लिए बसनी थी और बस गई !  यह तो मात्र एक उदहारण है ! दिल्ली में जाने कितने ऐसे उदहारण  मिल जायेंगे , जहां वोट की राजनीति के चलते कॉलोनियां हमेशा के लिए बसा दी जाती है ! ऐसी अवैध कॉलोनियों को बसाना और फिर पास कराना कोई नया काम नहीं है ! इस धंधे में पहले राजनेता उन्हें अपनी जीत के लिए बसाते है फिर उनसे  "नोट" लेकर अपना मुआवजा ऐठ लेते है ! ऐसी अवैध कॉलोनियों में बिजली से लेकर पानी तक  अर्थात लगभग आवश्यक सारी सुविधाएँ भी मिल ही जाती है ! नोट और वोट का  यह ऐसा मिश्रण होता है कि क्या मजाल कोई कुछ बोल दे ! एक बार कॉलोनी बस गई तो बस गई ,  फिर कोर्ट से लेकर सबके सब बेबस हो जाते हैं हालाँकि हाई कोर्ट ने कुछ साल पहले निर्देश दिया था कि ऐसी कॉलोनियों में किसी प्रकार की कोई नागरिक सुविधाएं न दी जाएं  , परन्तु मानवता की आड़ लेकर सब काम हो गया ! कॉलोनियों को सुविधाएं  दी गयी और उनके पास कराने का प्रस्ताव भी लाया गया  ! और तो और लगभग 1218 कॉलोनियों को तो प्रविजनल सर्टिफिकेट दे दिया गया है !
राजीव गुप्ता (लेखक) 
हमें यहाँ यह नहीं भूलना चाहिए कि कुछ कमियां नियमों में ही हैं जिसके चलते अवैध निर्माण के लिए लोग मजबूर भी हैं ! मसलन दिल्ली में 1958 में जो बिल्डिंग बायलॉज बने थे, आज भी उन्हीं पर अमल किया जाता है , जबकि यहाँ की जनसँख्या अब दुगने से भी ज्यादा हो गयी है ! कुछ कमेटियां जरूर बनीं पर  उनकी रिपोर्ट कभी लागू ही नहीं हो पायीं क्योंकि 1977 में 600 से ज्यादा जिन कॉलोनियों को पास किया गया  आज तक उनके नक्शे पास नहीं होते क्योंकि बायलॉज इसकी इजाजत नहीं देते ! चांदनी चौक जैसे इलाको में जहां के भवन सैकड़ो वर्ष पहले मिट्टी के ईंट - गारों से बने थे आज उनकी हालत जर्जर हो चुकी है , ऐसे इलाकों के बारे में एक बार अब पुनः सोचना ही होगा ! राजधानी होने के नाते वर्ष भर में लाखों लोग दिल्ली बसने / रोजगार की तलाश में आतें है जिससे सभी प्रकार की व्यवस्था बनाये रखने में दिक्कत तो होगी परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि दिल्ली का प्रशासन और राजनेता हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और लोग मरते रहे ! दिल्ली - पुलिस जिसकी पूरे देश भर में  मिशाल दी जाती हो , ऐसे में धडल्ले से अनाधिकृत रूप से निर्माण होना अपने आप में ही प्रश्न चिन्ह तो  खड़ा करता ही है ! इन सभी कमियों के बावजूद चाहे वह आम जनता की हो अथवा प्रशासन की सबको नोट और वोट की राजनीति से ऊपर उठकर इस समस्यां का समाधान खोजना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि अब ऐसे बिल्डिंग हादसे दिल्ली में न हो  और गगन पाठक जैसा कोई अपना परिवार खोये !   
मोबाईल सम्पर्क: 9811558925

इस बार व्यापार मेले में आये 10 देशों के 320 एक्सीबीटर

पायटेक्स-2011 व्यापार मेले में 300 करोड़ के व्यापार होने की उम्मीद  अमृतसर//4 दसम्बर//गजिंदर सिंह किंग 
भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित गुरु नगरी अमृतसर में  पायटेक्स-2011   का व्यापार मेला चल रहा है, वहीँ  इस पायटेक्स को हर वर्ष कराया जाता है, इस बार पायटेक्स में पिछले वर्ष की सफलता को देखते हुए उद्योगपतियों का उत्साह इतना बढ़ गया, कि पिछले वर्ष से इस बार 70 फीसदी अधिक स्टाल लगे हैं
        अमृतसर इस समय ट्रेड के लिए एक हब बनता जा रहा है, पी एच डी चैंबर आफ कामर्स और पंजाब सरकार के सहयोग से अमृतसर को हब बनाने के लिए 2008 में शुरू किए गए पायटेक्स (पंजाब इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपो) का चौथा संस्करण  शुरू हुआ और इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा व्यापार होने की उम्मीद है और इस बार व्यापार मेले में 300 करोड़ के व्यापार होने की उम्मीद है और जिस में 10 देशों के 320 एक्सीबीटर यहाँ पर आए है, जिन्हूने आपने स्टाल यहाँ पर लगाए है, पहले केवल पकिस्तान इस में हिस्सा लेता था, अब और कई देश इस का हिस्सा बन रहे है और अब वह उम्मीद कर सकते है, कि आने वाले समय में कई बड़ी कम्पनीयां इस का हिस्सा बनेंगी  और यहाँ पर व्यापार बढेगा, वहीं पाकिस्तान से यहां पर स्टाल लगाने पहुंची शाजिया फहाद का कहना है, कि वह पहले भी अमृतसर और भारत के अलग-अलग शहरों में स्टाल लगा चुकी हैं, लेकिन पायटेक्स में पहली बार आई हैं, उन्होंने कहा, कि भारत में काटन फैबरिक काफी अच्छा होता है, लेकिन पाकिस्तान का काटन फैबरिक भारतीय फैबरिक से काफी अच्छा और साफ्ट होता है, इसके अलावा इस पर हैंडवर्क भी काफी किया जाता है, जिसकी भारत में काफी डिमांड है, उन्होंने कहा, कि उन्हें काफी उम्मीद है, कि पायटेक्स में उन्हें अच्छा कारोबार मिलेगा और दोनों मुल्कों में लगने वाले ट्रेड फेयर से दोनों देशों में बनी दुश्मनी और नफरत की बर्फ जरूर पिघलेगी, उन्होंने कहा, कि जिस तरह वह आज भारत में आए है, उस तरह भारत के व्यापारी भी वहां आए, दरअसल दोनों देशों के लोग एक-दूसरे से प्यार करते है और यह मेला भाई-चारे का एक प्रतिक है 
         वहीं इस ट्रेड फेयर में पहुंचे ग्राहक गीताजंली और परमजीत सिंह का भी कहना है, कि यहां पर लगे कपड़े और अन्य स्टालों पर लगे उत्पाद काफी अच्छे हैं और उन्हें बहुत खुशी है, कि अमृतसर में इस तरह के ट्रेड फेयर आयोजित हो रहे हैं, क्योंकि इससे न सिर्फ कारोबारियों का व्यापार बढ़ेगा, बल्कि अमृतसर को भी इससे काफी फायदा होगा, साथ ही भारत के व्यापारीओ की भी यह मांग है, कि इस तरह के मेले को बढ़ाना जाना चाहिए, जिस से की व्यापार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही और कई देशों को भी यहाँ बुलाना चाहिए, ताकि व्यापार को और बढावा मिले और अमृतसर के व्यापार को एक नई पहचान मिले 
         वहीँ इस मौके पर पी एच डी के चेम्बर आफ कॉमर्स रेगिओनल डारेक्टर ने आयोजको का कहना है, कि इस साल उन को पिछले साल की तुलना में ज्यादा व्यापार होने की उम्मीद है और इस बार व्यापार मेले में उन को इस साल 300 करोड़ के व्यापार होने की उम्मीद है और जिस में 10 देशों के 320 एक्सीबीटर यहाँ पर आए है, जिन्हूने आपने स्टाल यहाँ पर लगाए है, पहले केवल पकिस्तान इस में हिस्सा लेता था, अब और कई देश इस का हिस्सा बन रहे है और अब वह उम्मीद कर सकते है, कि आने वाले समय में कई बड़ी कम्पनीयां इस का हिस्सा बनेंगी  और यहाँ पर व्यापार बढेगा, उन्होंने बताया, कि  अमृतसर में व्यापार पिछले काफी समय में गिर गया था, लेकिन इस मेले के आयोजन से व्यापार के कई रास्ते खुल रहे है और यह गुरु नगरी एक व्यापारिक नगरी बन रही है और साथ ही यहाँ पर जो अमृतसर की मशहूर शाल है, उस के बारे में लोगों को पता लग रहा है.  
         फिलहाल चार दिन चलने वाले इस मेले की शुरुआत हो गयी, वहीँ इस एक छत के नीचे यहाँ पर हर कोई देश और दुनिया की चीज़ें आम जनता के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, अब देखना यह होगा, कि यहाँ पर व्यापार पिछले साल के मुकाबले कितना ज्यादा होता है

Sunday, December 04, 2011

दुनिया में मानवता का सन्देश देने के लिए आई विश्व की सुंदरियां

सामाजिक बुराइयों को दूर करने का भी दिया संदेश 
अमृतसर//3 दिसम्बर//गजिंदर सिंह किंग
दुनिया में मानवता का सन्देश देने के लिए अमृतसर में एक अनोखा प्रयास देखने को मिला, जहाँ विश्व की सुन्दरीयों ने एक मंच पर आ कर उन बच्चो के लिए वह सहांयता करने के लिए आए, जो कि आर्थिक रूप से कमज़ोर है, वहीँ अमृतसर पहुँचने पर उन्होंने सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेका  
      विश्व की सुंदरियां जो की  आपनी सुन्दरता के लिए पूरी दुनिया में आपनी पहचान बना चुकी है, जी हाँ यह सुन्दरीयाँ है मिस  यूनीवर्स बोलिविया च्लौडिया लेमैतरे, मिस आयरलैंड वर्ल्ड एम्मा वाल्द्रों, मिस  आइसलैंड वर्ल्ड फन्नी इन्गावार्सदोत्तिर, मिस स्लोवेनिया  यूनीवर्स मरीका सव्सेक, दिअना बोंचा रोमानिया, मिस कनाडा वर्ल्ड डेनिस गर्रिदो, मिस इंग्लैंड वर्ल्ड जेस्सिका लिनले, मिस मोंगोलिया एअर्थ गंतोगू नीकाले, दरअसल जिस तरह इन की सुन्दरता को पूरी दुनिया सराहा गया  है, वहीँ अब यह सुंदरियां भारत में एक नेक काम के लिए आई है, जिस के तहत वह समाज में फ़ैली हुई सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए और वह बच्चे जो आर्थिक तौर पर कमज़ोर है, उन को मदद करने के लिए आई है , जिस के तहत वह सब से पहले सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब पहुँच इन सुन्दरीयों ने जहाँ गुरु घर में माथा टेका और गुरु घर की खुशियाँ प्राप्त की, शरोमाणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ इन सुन्दरीयों को सन्मानित भी किया गया और उन्होंने सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब बारे जानकारी देते हुए बताया, कि आज तक सच्च्खंड श्री हरिमंदिर साहिब बारे सुना था, लिकिन वह उस से ऊपर है.
वहीँ इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाली महिला रिपन कौर का कहना है, कि आज यहाँ आने का उन का मुख्य मकसद उन बच्चो को जो आर्थिक तौर पर कमज़ोर है, उन के लिए पैसा एकत्रित करना है, ताकि वह अच्छी शिक्षा हासिल कर सके, जिस के तहत वह आज यहाँ पर बच्चो को कपडे बांटने के लिए आई है साथ ही इस के साथ कई ऐसे आयोजन किए जा रहे है, जैसे कि फैशन शो और बड़े कार्यक्रम, जिस से कि पैसा उन बच्चो के लिए एकत्रित किया जा सके, जो की आर्थिक तौर पर कमज़ोर है और इस के साथ यह हेल्थ किड्स एंड हैप्पी किड्स  फोडेशन का मुख्य मंकसद बच्चो को आर्थिक तौर पर मजबूत करना है और इस संस्था के तहत वह यहाँ पर भारत के दौरे पर है और आने वाले समय में यह देश के अलग-अलग हिस्सों में जा कर जागरूकता अभियान चलाएंगे
      फिलहाल एक तरफ जहाँ यह सुन्दरीयों ने आपनी सुन्दरता से पूरी दुनिया में नाम कायम किया है, वहीँ आज इस प्रयास से इन की खूबसूरती को चार चाँद लग गए है, जिस से की वह उन बच्चो के लिए सामने आई है, जो कि इन से मिलने का सपना तक नहीं सोच सकते थे

Friday, December 02, 2011

वह आत्म-हत्या नहीं हत्या थी


अमृतसर पुलिस ने  सुलझाया जुर्म का एक और मामला 
     अमृतसर से गजिंदर सिंह किंग की ख़ास रिपोर्ट
अमृतसर में  बेस्ट वेस्टर्न होटल में काम कर रही एक युवती की मौत के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है, जहाँ एक गाँव के एक लड़के ने ही उस की हत्या कर दी थी और उस का शव को पंखे से लटका दिया और हत्या को आत्म-हत्या का नाम दे दिया गया था  
         दलजीत कौर अमृतसर के प्रसिद्ध होटल बेस्ट वेस्टर्न में काम करती थी और 16 नवम्बर को होटल के गेस्ट हाउस से उस की पंखे से लाश लटकती हुई मिली थी, पुलिस मौके पर पहुँच कर जांच के दौरान शुरुआती जांच में यह मामला आत्म-हत्या का लग रहा था, क्यों कि लडकी की लाश पंखे से लटकी हुई थी, लेकिन घर वालों ने जब पुलिस में शिकायत की, कि उन की बेटी का कत्ल हुआ है, उस के बाद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और एक विशेष टीम बना कर पहले इस केस को आत्म-हत्या के केस को बदल कर हत्या के केस की जांच शुरू कर दी, वहीँ इस  घटना के 15  दिन के बाद आज इस पूरे मामले में पूरा खुलासा किया, कि दलजीत कौर के आपने ही गाँव के एक लड़के कुलबीर सिंह के साथ शारीरीक सम्बन्ध थे और कुलबीर शादी-शुदा था और उस के घर दो बच्चे भी थे, लडकी दलजीत कौर के साथ सम्बन्ध होने के कारण यह दलजीत कौर को रास्ते से हटाना चाहता था, जिस के चलते उस ने दलजीत की गला दबा कर उस की हत्या कर दी और उस के शव को पंखे से लटका दिया, ताकि हर कोई इस मामले को आत्म-हत्या समझे, वहीँ लडके कुलबीर सिंह ने लडकी का मोबाइल फ़ोन भी नदी में फैंक दिया, ताकि किसी को शक न हो वहीँ पुलिस ने आरोपी कुलबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है, पंजाब पुलिस अमृतसर के कमिश्र्नर आर, के मित्तल ने इस हत्या का खुलासा प्रेस वार्ता दौरान जानकारी देते हुए किया, उन्होंने बताया कि आरोपी कुलबीर सिंह के ऊपर हत्या का केस दर्ज के आगे की कारवाई शुरू कर दी है   
        फिलहाल एक बार फिर अवैध संबंधों के चलते एक लडकी की जान जाने का मामला सामने आया है, जहा प्यार में एक अंधी लडकी को उस के आशिक ने ही मौत की नींद सुला दिया