मजदूरों व किसान संगठनों ने रोष में दिखाया अपना जोश
अमृतसर//7 दिसम्बर//गजिंदर सिंह किंग
रोष में आये किसानों और मजदूरों ने अज एक बार फिर अपना जोश दिखाया. टकराव की यह हालत उस समय बनी जब मजदूरों व किसान संगठनों के सैकड़ों सदस्यों के वाहनों का काफिला अपनी लम्बे समय से लटक रही मांगों के लेकर चंडीगढ़ के मटका चौक में रैली करने के लिए वाहनों पर जा रहा था. पुलिस ने इन 17 किसान संगठनों के सदस्यों को ब्यास पुल के निकट रोक लिया. इस दौरान किसानों व पुलिस के बीच टकराव भी पैदा हुआ. किसान संगठन के सैकड़ों गुस्साए किसानों ने वही पर धरना लगा कर ट्रैफिक जाम कर दिया. किसान संगठन-नेतायों का कहना है, कि जब तक हमारी मांगे पुरी नही होती तब तक हम लगातार धरने पर बैठे रहेंगे. इस मुद्दे को लेकर आज किसान के धरने का दूसरा दिन था.
बातचीत और समझौते के सभी प्रयास विफल रहने पर अमृतसर में आपनी मांगों को ले कर प्रदर्शन कर रहे किसानो का हाई-वे जाम अब दूसरे दिन में पहुँच गया है. इस जाम के चलते आज किसानों ने दुसरे दिन अमृतसर और कपूरथला की सरहद पर बने पुल पर जाम लगाया हुआ है. जाम के चलते वह वहां पर प्रदर्शन कर रहे है. इस मौके पर पंजाब संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह ने आपनी मांगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मजदूरों व किसानों के बिल माफ किए जाएं, किसानों का ट्यूबवेलों के 297 करोड़ रुपये के बकाया बिल माफ किया जाए, बिजली पानी पर सब्सिडी दी जाए, चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार चार एकड़ से कम जमीन के किसान को ट्यूबवेल के कनेक्शन दिए जाए और जो किसानो ने आत्म-हत्या की है, उन के परिवारों को मुआवजा और उन के परिवार वालों को नौकरी दी जाए
इसी बीच इस दो दिन के धरने से आम जन जीवन पर बुरा असर पड़ा है. देश का नेशनल हाई-वे वन जो कि सब से व्यस्त हाई-वे माना जाता है, वह आज सुनसान पड़ा है और पिछले दो दिन से लोग यहाँ पर अटके हुए है. वहीँ यहाँ लोगों का कहना है कि सरकार को यह जाम जल्द खत्म करवाना चाहिय और वह दो दिन से दिक्कत में है. लेकिन उन की सुध लेने वाला कोई नहीं है. गौरतलब है कि इस जाम से आम लोग भी प्रभावित हुए है 80 वर्ष की महिला का कहना है कि वह आज यहाँ पर आयी थी और उन को घर जाना था लेकिन वह जा नहीं सकी. उन के घर में किसी की मौत हो गई थी और वह इस जाम के कारण जा नहीं सके. वहीँ ड्राईवर जो कि इन गाड़ियों को ले कर आए है उन का भी काफी नुकसान हो रहा है.
अमृतसर//7 दिसम्बर//गजिंदर सिंह किंग
रोष में आये किसानों और मजदूरों ने अज एक बार फिर अपना जोश दिखाया. टकराव की यह हालत उस समय बनी जब मजदूरों व किसान संगठनों के सैकड़ों सदस्यों के वाहनों का काफिला अपनी लम्बे समय से लटक रही मांगों के लेकर चंडीगढ़ के मटका चौक में रैली करने के लिए वाहनों पर जा रहा था. पुलिस ने इन 17 किसान संगठनों के सदस्यों को ब्यास पुल के निकट रोक लिया. इस दौरान किसानों व पुलिस के बीच टकराव भी पैदा हुआ. किसान संगठन के सैकड़ों गुस्साए किसानों ने वही पर धरना लगा कर ट्रैफिक जाम कर दिया. किसान संगठन-नेतायों का कहना है, कि जब तक हमारी मांगे पुरी नही होती तब तक हम लगातार धरने पर बैठे रहेंगे. इस मुद्दे को लेकर आज किसान के धरने का दूसरा दिन था.
बातचीत और समझौते के सभी प्रयास विफल रहने पर अमृतसर में आपनी मांगों को ले कर प्रदर्शन कर रहे किसानो का हाई-वे जाम अब दूसरे दिन में पहुँच गया है. इस जाम के चलते आज किसानों ने दुसरे दिन अमृतसर और कपूरथला की सरहद पर बने पुल पर जाम लगाया हुआ है. जाम के चलते वह वहां पर प्रदर्शन कर रहे है. इस मौके पर पंजाब संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह ने आपनी मांगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मजदूरों व किसानों के बिल माफ किए जाएं, किसानों का ट्यूबवेलों के 297 करोड़ रुपये के बकाया बिल माफ किया जाए, बिजली पानी पर सब्सिडी दी जाए, चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार चार एकड़ से कम जमीन के किसान को ट्यूबवेल के कनेक्शन दिए जाए और जो किसानो ने आत्म-हत्या की है, उन के परिवारों को मुआवजा और उन के परिवार वालों को नौकरी दी जाए
इसी बीच इस दो दिन के धरने से आम जन जीवन पर बुरा असर पड़ा है. देश का नेशनल हाई-वे वन जो कि सब से व्यस्त हाई-वे माना जाता है, वह आज सुनसान पड़ा है और पिछले दो दिन से लोग यहाँ पर अटके हुए है. वहीँ यहाँ लोगों का कहना है कि सरकार को यह जाम जल्द खत्म करवाना चाहिय और वह दो दिन से दिक्कत में है. लेकिन उन की सुध लेने वाला कोई नहीं है. गौरतलब है कि इस जाम से आम लोग भी प्रभावित हुए है 80 वर्ष की महिला का कहना है कि वह आज यहाँ पर आयी थी और उन को घर जाना था लेकिन वह जा नहीं सकी. उन के घर में किसी की मौत हो गई थी और वह इस जाम के कारण जा नहीं सके. वहीँ ड्राईवर जो कि इन गाड़ियों को ले कर आए है उन का भी काफी नुकसान हो रहा है.
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