Friday, September 17, 2010

संकट में मीडिया

मीडिया में बहुत से ऐसे संस्थान भी हैं जो खुद मीडिया के लिए बने नियमों की धज्जियाँ उड़ाने से भी बाज़ नहीं आते. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है मिस्र में जहां एक अखबार ने एक तस्वीर को प्रकाशित करते वक्त कुछ हेरफेर कर दिया. नेतुर्त्व किसी और ने किया था पर दिखा दिया गया किसी और का. वन इंडिया ने इसे बहुत ही प्रमुखता से प्रस्तुत किया है. पूरा मामला जाने के लिए यहां क्लिक करें. इसी बीच मीडिया से जुडी एक और खबर आई है भुवनेश्वर से. उड़िया समाचार पत्र 'दैनिक सूर्यप्रभा' के मालिक, प्रकाशक और मुद्रक बिकास स्वैन को एक छात्र को एक सरकारी कंपनी [^] में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 1.5 लाख रुपये एंठने के आरोप में गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था। शिकायत दर्ज कराने वाले मोहित पांडा ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि स्वैन ने उसे नियुक्ति पत्र दिया था लेकिन वह नकली था। जब उसने अपना पैसा वापस मांगा तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। दूसरी ओर  विपक्षी दलों और पत्रकार संगठनों का कहना है कि उसे सरकार के खिलाफ लिखने के कारण फंसाया गया है।पूरी खबर आप पढ़ सकते हैं यहां क्लिक करके. गौरतलब है की अभी हाल ही में एक और चिंतनीय खबर यह भी आई थी की इराक में सन 2003 में शुरू हुए युद्ध के पश्चात 230 पत्रकार मौत के मूंह में जा चुके हैं. पूरी खबर पढ़िए बस यहां क्लिक करके.    --रेक्टर कथूरिया




एक शहादत और


बस  अब यादें रह गयीं पूनम सपरा की 


...और अब आज़रबाईजान में ब्लागरों पर हकूमती कहर 

1 comment:

ओशो रजनीश said...

बढ़िया जानकारी, ....

....बहुत ही बढ़िया लिंक दिए है आपने .... भ्रस्ताचार सब जगह फेल चूका है ......

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(आप क्या चाहते है - गोल्ड मेडल या ज्ञान ? )
http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_16.html