Saturday, August 24, 2024

संविधान को खत्म करना चाहती है भाजपा–हरचंद सिंह बरसट

Saturday 24th August 2024 at 1:53 PM    simranjeet simranjeetgcs044@gmail.com

भाजपा की नीतियों का जवाब भारत के लोग भाजपा को जरूर देंगे

*चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में सता रहा है हार का डर 

*इसी डर से यू.पी.एस.सी. लैटरल एंट्री का फैसला वापस लिया गया

*अपने चहेतों को उच्च पदों पर बिठाने की योजना पर काम कर रही है केंद्र सरकार

मोहाली: 24 अगस्त 2024: (कार्तिका कल्याणी सिंह//पंजाब स्क्रीन डेस्क)::

आम आदमी पार्टी, पंजाब के महासचिव एवं पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स. हरचंद सिंह बरसट ने यू.पी.एस.सी. लैटरल एंट्री स्कीम को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा देश के संविधान को खत्म करना चाहती है। उनका हर फैसला कहीं न कहीं संविधान के विरुद्ध होता है। भाजपा द्वारा संविधान में दिए आरक्षण के अधिकार को ताक पर रखकर यह भर्ती निकाली गई, ताकि वे अपने चहेतों को सरकार के ऊंचे पदों पर बैठा सकें। उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माता डॉ. भीम राव अम्बेडकर जी ने भारत की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर हर वर्ग का ख्याल रखा है, लेकिन भाजपा सत्ता के नशे में चूर होकर संविधान को भी तुच्छ समझ रही है, जिसका जवाब भारत के लोग भाजपा को ज़रूर देंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही संविधान और आरक्षण को अनदेखी कर लैटरल एंट्री के माध्यम से आईएएस स्तर के 60 से ज्यादा पदों को भर चुकी है और अब 45 ओर पदों पर नियुक्तियां करना चाहती थी, लेकिन देश में विरोध और चार राज्यों में चुनाव के कारण इसे रद्द करना पड़ा। चाहे भाजपा ने चार राज्यों हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में हार के डर से यह फैसला वापस ले लिया है, पर जनता उनके इरादों को अच्छी तरह से समझ चुकी है और चुनाव में लोग भाजपा को इसका करारा जवाब देंगे।

प्रदेश महासचिव ने कहा कि इन उच्च पदों पर यू.पी.एस.सी. सिविल सेवा की तीन स्तरों की परीक्षा के बाद चयनित अधिकारियों को कई वर्षों का अनुभव प्राप्त करने के पश्चात तैनात किया जाता है, लेकिन लैटरल एंट्री में यू.पी.एस.सी. की तरफ से केवल एक एंट्रव्यू लेकर इन पदों पर नियुक्ति कर दी जाती है, जो गरीबों लोगों के अधिकारों का हनन है। इससे पहले भी केंद्र सरकार आरक्षण के नियमों को अनदेखा कर लैटरल एंट्री के जरिए भर्तियां कर चुकी है, अब फिर से 45 ओर सीटें लैटरल एंट्री के जरिए भरने की कोशिश की गई थी, लेकिन केंद्र सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे काम छोड़कर समाज में सभी की भलाई के लिए काम करना चाहिए।

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