Wednesday, December 28, 2022

डा. इंद्रजीत वर्ल्ड फैडरेशन ऑफ़ एक्यूपंचर के कार्यकारी सदस्य

बुधवार: 28 दिसंबर 2022 बाद दोपहर 01:55 बजे//Wednesday 28th December 2022 at 1:55 PM

इस चयन पर देश और दुनिया में ख़ुशी की लहर 


लुधियाना:28 दिसंबर 2022: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन):: 

साधना केवल जंगल में जा कर या ऊंचे पर्वतों की गुफाओं में बैठ कर ही तो नहीं होती। कर्मयोगी बन कर भी साधना की जाती है। संसार का त्याग  करने वाले लोग कहते हैं कि संसार तो एक सपना है इसके पीछे क्या भागना! लेकिन कर्मयोग की साधना करने वाले कहते हैं कि संसार सपना नहीं संसार तो अपना है इसे हमने ही संवारना है। कर्मयोग की साधना वाले हर कदम पर इस मकसद के लिए नई जंग लड़ने को भी तैयार रहते हैं। कई दशकों से इसी साधना में रत्त डाक्टर इंद्र जीत सिंह ढींगड़ा लगातार मेडिकल के क्षेत्र  में इस विद्या के नए नए करिश्मे दिखते आ रहे हैं। इनका फ़ायद बहुत से लोगों को हुआ है। 

आधुनिकता की आंधी में चीन की इस प्राचीन विद्या को जन जन तक पहुँचाना कोई आसान काम नहीं था लेकिन डाक्टर ढींगरा ने कई बार इस विद्या की सफलता को साबित किया। गंभीर गंभीर से बिमारियों का इलाज भी किया। असाध्य रोगों को ठीक कर के भी दिखाया। आज इसी वजह से दुनिया भर में डाक्टर ढींगरा का नाम बहुत ही गर्व और सम्मान से लिया जाता है। 

डॉ. द्वारका नाथ कोटनिस एक्यूपंक्चर हॉस्पिटल एंड एजुकेशन सेंटर के निदेशक डॉ. इंद्रजीत सिंह को 10वीं महासभा में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्यूपंक्चर_मोक्सीबस्टन सोसाइटीज की 10वीं कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में चुना गया है। यह चयन हम सभी के लिए गौरव की बात है। देश और दुनिया में इस चयन को लेकर ख़ुशी की लहर दौड़ रही है। 

इस चयन की जानकारी देते हुए डॉ. इंद्रजीत सिंह ने बताया कि हम विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से भारत में एक्यूपंक्चर अनुसंधान इकाई स्थापित करेंगे ताकि हम पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली एक्यूपंक्चर के माध्यम से 2023-2024 तक सभी के लिए अच्छे स्वास्थ्य के डब्ल्यूएचओ के लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। 

अब देखना है स्थानीय समाजिक संगठन और अन्य लोग इस नेक काम में डाक्टर ढींगड़ा के साथ कितना सहयोग करने में सफल रहते हैं। 

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