Friday, September 23, 2022

ऑनलाइन दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों की रिपोर्ट करें

Friday 23rd September 2022 at 12:05 AM 

सीएमसी लुधियाना में एक सप्ताह का कार्यक्रम

लुधियाना: 23 सितंबर 2022: (कार्तिका सिंह//पंजाब स्क्रीन)::

विकास के साथ साथ बढ़ रही हैं स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं। इन समस्यायों के समाधान देने का दावा करने वाली प्रणालियों  सिस्टम ऑनलाइन दवाओं का भी है। इन दवाओं को मंगवाना भी आसान लगता है और सस्ती भी पड़ती  हैं। लेकिन इन दवाओं के इस्तेमाल में आप तौर कोई सुशिक्षित डाक्टर अंधित नहीं होता। सीधे आर्डर कर के सीधे मंगवाई जा सकती हैं और सीधे ही इसका इस्तेमाल भी शुरू हो जाता है। इसी चक्कर में सामने आने लगती हैं कई तरह की नई समस्याएं। मामला पेचीदा  है। आम तौर पर कोई मरीज़ डाक्टरी नज़रिये से इतना समझदार नहीं होता कि खुद की समस्या को ही पूरी तरह से समझ सके। ऐसी हालत में वह जिस दवा का आर्डर देगा वह दवा भी गलत ही साबित होगी इसकी आशंका काफी बढ़ जाती है।  

सीएमसी लुधियाना के प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) निगरानी केंद्र ने भारत के फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम (पीवीपीआई) के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800 180 3024 जैसे उपलब्ध टूल का उपयोग करके विभिन्न दवाओं के एडीआर की रिपोर्ट करने में डॉक्टरों, नर्सों और फार्मासिस्टों को प्रशिक्षण देने में एक सप्ताह का कार्यक्रम संपन्न किया। एडीआर पीवीपीआई ऐप या सीएमसी, लुधियाना के एडीआर केंद्र में एक पेज एडीआर फॉर्म जमा करना। कार्यक्रम की श्रृंखला पीवीपीआई (17-23 नवंबर) के वार्षिक सप्ताह का हिस्सा है, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में चलाया जा रहा है। सीएमसी के निदेशक डॉ विलियम भट्टी ने एडीआर पर पुरस्कार वितरण सत्र और प्रश्नोत्तरी का उद्घाटन किया। डॉ विलियम ने नियमित अभ्यास में एडीआर की रिपोर्ट करने की संस्कृति को विकसित करने के लिए उभरते डॉक्टरों के साथ बातचीत की। उन्होंने सिया दत्ता को एडीआर के ई-पोस्टर में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया, जिन्होंने सप्ताह की थीम "रोगियों द्वारा एडीआर की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करना" पर पोस्टर डिजाइन किया था। डॉ. जयराज डी पांडियन, प्रिंसिपल, सीएमसी ने रोगी सुरक्षा में सुधार के लिए विशेष रूप से सभी नई दवाओं के लिए एडीआर की रिपोर्टिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। एडीआर सेंटर के वाइस प्रिंसिपल (मेड एडु) और कोऑर्डिनेटर डॉ. दिनेश बडियाल ने बताया कि सीएमसी सेंटर 11 साल से सीएमसी और आसपास के संस्थानों से एडीआर की रिपोर्ट कर रहा है। डॉ बडियाल ने बताया कि मरीज वेबसाइट https://www.ipc.gov.in/mandates/pvpi/pvpi-updates.html से 10 स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध फॉर्म का उपयोग करके भी एडीआर की रिपोर्ट कर सकते हैं। केंद्र में रोगी सुरक्षा फार्माकोविजिलेंस एसोसिएट डॉ. बडियाल और डॉ. प्रभजोत कौर ने एडीआर फॉर्म भरने और जमा करने पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। एकत्र किए गए एडीआर फॉर्म को भारतीय फार्माकोपिया आयोग में राष्ट्रीय केंद्र में योगदान दिया जाता है, जिसे आगे डब्ल्यूएचओ डेटाबेस में योगदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर http://vigiaccess.org/ पर भी दवाओं के एडीआर के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एडीएसआर पर क्विज विजिबज 2022 को रिहा गुप्ता और इशिता गुप्ता ने जीता है।

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