23rd September 2022 at 3:45 PM
बिल्डरों के खिलाफ मोहाली में अब फिर नया मामला
प्रीत सिटी हाउसिंग के वासियों ने दी बड़े एक्शन की चेतावनी
मीडिया के समक्ष स्थानीय विधायक के घरों को घेरने की चेतावनी
बिल्डर पर बुनियादी सुविधाएं ना देने का लगाया आरोप
अगर सत्ता की राजधानी के निकट है यह हाल तो क्या होगा बाकी पंजाब का हाल
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रीत सिटी हाउसिंग सोसायटी के पदाधिकारी |
मोहाली: 23 सितंबर 2022: (गुरजीत बिल्ला//कार्तिका सिंह//इनपुट-पंजाब स्क्रीन डेस्क)::
जब एक तरफ देश में बड़े बड़े राजनेता और अमीर लोग कई कई एकड़ के फ़ार्म हाऊस वो भी कई कई स्थानों पर बनाने में लगे थे तो उस समय ही यह खतरा नज़र आने लगा था कि आम जनता के लिए शायद रहने की ज़मीन का गंभीर संकट पैदा हो जाए। आखिर यह संकट जब गंभीर रूप में सामने आने लगा तो फरिश्तों की तरह सामने आए बिल्डर लोग।
टीवी सीरियलों और फिल्मों में जो बड़े बड़े कई कई मंज़िलों के फ़्लैट दिखा करते थे उनकी मौजूदगी पंजाब में भी नज़र आने लगी। बड़ी बड़ी सी सोसायटी जैसी कॉलोनीयां, गेट पर हाई फाई सुरक्षा तंत्र, जगमगाती रौशनियां, सोसायटी के अंदर ही स्वीमिंग पूल, क्लब, कम्युनिटी हाल और बहुत कुछ आउटर सुविधाएं भी। पूरी तरह चकाचौंध ही चकाचौंध।
जो लोग आतंकवाद के दौर में गली मोहल्लों में चलती रही गोलियों में चैन की नींद सोना ही भूल गए थे उनके लिए यह सब किसी अलौकिक माहौल से कम नहीं था। यहीं से शुरू हुआ इस कारोबार में तेज़ी का दौर। बड़े बड़े लोग और बड़े बड़े अफसर इसमें आ दाखिल हुए। अख़बारों में बड़े बड़े विज्ञापन और विज्ञापनों में बड़े बड़े दावे। इन विज्ञापनों और दावों ने लोगों को तेज़ी से आकर्षित किया। लोगों ने अपनी जमापूंजी इस सपने को साकार करने में डाल दिया। मेहनत की कमाई से जोड़ा एक एक रूपयिसमेँ लगा दिया। काम पड़ा तो गहने बेच कर इस रकम को पूरा कर दिया। फिर भी काम पड़े तो क़र्ज़ उठा लिए।
ऐसा कर बैठना कोई अनहोनी भी नहीं थी वास्तव में हर व्यक्ति का सपना होता है कि वह अपनी मेहनत की कमाई का एक-एक रुपया जोड़कर घर बना ले। इसी तरह का एक मामला प्रीत सिटी हाउसिंग सोसाइटी सेक्टर 86, मोहाली के निवासियों ने इसी सोसायटी में एक फ्लैट खरीद कर पूरा किया था, सुविधा न होने के कारण उनके लिए यह फैसला उनके लिए सिरदर्द बन गया है। सभी राजनीतिक स्तर के अधिकारियों और राजनीतिक दलों के मंत्रियों से मिलने के बाद भी बिजली-पानी नहीं मिल रहा है। ये विचार प्रीत सिटी हाउसिंग सोसाइटी, सेक्टर 86, मोहाली अध्यक्ष दलजीत सिंह और महासचिव संजय गुप्ता ने आज मोहाली प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान व्यक्त किए।
दलजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रीत सिटी हाउसिंग सोसाइटी, सेक्टर-86, एस.ए.एस. नगर, मोहाली को वर्ष 2005 में मेगा परियोजना के लिए अनुमोदित किया गया था। इस स्वीकृति के बाद ही लगभग सभी निवासियों ने आवासीय/वाणिज्यिक फ्लैटों का क्रय कर पंजीयन करा लिया है तथा डेवलपर की मांग के अनुसार देय भुगतान भी कर दिया गया है। वर्ष 2012 में आवासीय फ्लैटों के लिए 3333 रुपये प्रति वर्ग गज और कमर्शियल प्लॉटों के लिए 7232 रुपये प्रति वर्ग गज की दर से प्लॉटों के मूल्य के अतिरिक्त डेवलपर की मांग पर करोड़ों रुपये की राशि जमा की गयी। संजय गुप्ता ने बताया कि उन्होंने कमर्शियल प्लॉट के लिए प्रति गज 7200 सौ रुपये और रिहायशी प्लॉट के लिए 60-70 करोड़ रुपये ईडीसी शुल्क जमा किए हैं। सोसायटी में कुल 1200 प्लॉट बनाए गए हैं, जिनमें 250 से अधिक घरों को बिजली कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है। इस स्तर पर मोमबत्तियों या जनरेटर के माध्यम से महंगी बिजली के साथ रोशनी होती है। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारी और डिवेलपर आपस में मिल चुके हैं। डेवलपर ने बिजली कनेक्शन देने के लिए 30 हजार से 50 हजार रुपये की एनओसी देने की मांग की है। सोसायटी की सदस्य राजविंदर कौर ने भावनात्मक रूप से कहा कि वह पूरी तरह से अंधेरे में जी रही है और लाखों रुपये जमा करने के बाद भी नरक जैसा जीवन जीने को मजबूर है। गामडा उसे प्लॉट खाली करने का नोटिस भेज रहा है। उपप्रधान सतनाम सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई का एक-एक रुपया जोड़कर घर बनाने का सपना देखता है। ऐसा ही एक मामला यहां के निवासियों ने इस सोसायटी में फ्लैट खरीदकर पूरा किया, लेकिन उनका यह फैसला उनके लिए सिरदर्द बन गया है।
सोसायटी के सभी निवासी निराशा की स्थिति में नर्क जैसा जीवन जीने को मजबूर हैं और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में सोसायटी में उनका रहना मुश्किल हो गया है। उन्होंने घोषणा की कि वह अधिकारियों और मंत्रियों से तंग आ चुके हैं, अगर उनकी बात नहीं सुनी गई, तो उन्हें स्थानीय विधायकों के घरों को घेरने के लिए मजबूर किया जाएगा। इस अवसर पर इंद्रपाल सिंह, मलकीत सिंह, लखविंदर सिंह, हरजीत सिंह और कंवर सिंह गिल मौजूद रहे। इस संबंध में संपर्क करने पर डिवेलपर चरण सिंह सैनी ने कहा कि 70 प्रतिशत प्लॉट मालिक डिफॉल्टर हैं और जब तक पूरा भुगतान नहीं हो जाता तब तक सभी सुविधाएं नहीं दी जा सकती हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनमें से कई ने गामाडा से नक्शा पास कराए बिना ही घर बना लिए हैं, जिससे पानी और बिजली के कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं।
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