Friday, July 29, 2022

सीएमसी में डीएसए लैब स्थापित होने से ख़ुशी की लहर

Thursday: 28th July 2022 at 08:16 PM

डिजिटल सब्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) लैब की स्थापना से लोगों को फायदा बढ़ेगा 

न्यूरो एंडोवेस्कुलर से 24 घंटे में निकाला जा सकता क्लॉट

सीएमसी में 708 न्यूरो एंडोवेस्कुलर प्रोसिजर किए जा चुके


लुधियाना: 28 जुलाई 2022: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::

न्यूरो से सबंधित बीमारियां और खतरे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में इनका सही इलाज कहाँ और कैसे हो? इस तरह के सवालों का जवाब देता है सी एम सी अस्पताल। पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर में इकलौता न्यूरो इंटरवेंशन सर्विस सेंटर सीएमसी में चल रहा है। इसने अपने कार्यकाल में इतना अच्छा काम किया है कि लोगों के दिलों में इसके लिए अब भी एक ख़ास स्थान बना हुआ है। चार साल पहले स्थापित इस सेंटर में अब तक 708 न्यूरो एंडोवेस्कुलर प्रोसिजर हो चुके हैं। इसमें डायग्नोस्टिक एंजियोग्राफी, कैरोटिड स्टंटिंग, एन्योरिज्म कॉइलिंग, एवीएम एंबोलाइजेशन और इस्केमिक के लिए मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी जैसे प्रोसिजर किए जा रहे हैं। इस सेंटर में ब्रेन स्ट्रोक जैसे केस और बीमारियों का इलाज पिन होल ट्रीटमेंट से किया जाता है। समय पर इलाज होने से मरीजों को मौत या अपंगता से बचाया जा सकता है। सीएमसी में डिजिटल सब्ट्रेक्शन एंजियोग्राफी (डीएसए) लैब स्थापित है। इससे जहां स्थानीय लोगों को फायदा होता है वहीँ आस पास और दूर दर्ज के क्षेत्रों से आने वालों ओके भी फायदा होता है। 

अब चार साल पूरे होने पर जो विशेष आयोजन आज हुआ उसमें बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइसेंस के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर ने कार्यक्रम के मुख्य मेहमान के तौर पर शमूलियत की। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इस जान बचाने वाली सेवा का लाभ लेना चाहिए। उन्होंने सीएमसी के विशेषज्ञों को और भी ज्यादा कोशिश कर लोगों को इस सुविधा के बारे में जागरूक करने के लिए कहा। 

इस खास कार्यक्रम में न्यूरो-इंटरवेंशन प्रोसिजर की मदद से स्वस्थ हुए मरीजों ने भी अपने अनुभव साझे किए। सीएमसी कॉलेज के प्रिंसिपल, न्यूरोलॉजी विभाग के हेड एवं वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन के वाइस प्रधान डॉ. जयराज डी पांडियन ने कहा कि स्ट्रोक वाले मरीजों में से स्टंट की मदद से क्लॉट 24 घंटों में निकाला जा सकता है। इस प्रोसिजर की मदद से स्ट्रोक के मरीज को पैरालिसिस से बचाया जा सकता है। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विवेक अग्रवाल ने बताया कि न्यूरो इंटरवेंशन में सर्जरी के लिए सिर खोलने की जरूरत नहीं होती। बेहद कम कट के जरिए सर्जरी हो जाती है।

लुधियाना के सी एम सी अस्पताल में  न्यूरो-इंटरवेंशन एक विशेष शाखा है जो इस किस्म के रोगों के पिन होल उपचार से संबंधित है। इन सेवाओं से मस्तिष्क स्ट्रोक का शिकार हुए लोगों को समय पर सहायता प्रदान करके न्यूरोइंटरवेंशन प्रक्रियाएं की जाती हैं जिनसे मरीजों को मौत से भी बचाया जा सकता है और विकलांगता से भी। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, लुधियाना एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला है जो चौबीसों घंटे आपात स्थिति की तरह काम करती है। उल्लेखनीय है कि पहली न्यूरो एंडोवस्कुलर प्रक्रिया मई 2018 में न्यूरो डीएसए लैब में की गई थी। सीएमसी, अपनी क़िस्म का एकमात्र संस्थान होने के नाते न्यूरोएंडोवास्कुलर सेवाओं की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करने के लिए उत्तर पश्चिम भारत में बहुत लोकप्रिय है। इस केंद्र ने एक लंबा सफर तय किया है। 

[28/07, 8:16 PM] CMC Ludhiana Online: 

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