तसलीमा नसरीन नि भी चिंता जताई-संदिग्ध हिरासत में
सोशल मीडिया: 13 अगस्त 2022: (पंजाब स्क्रीन डेस्क इंटरनेट)::
न्यूयॉर्क से चिंतनीय खबरें आई हैं। स्टेनिक वर्सिस नाम की विवाद पुस्तक लिखने वाले सलमान रश्दी पर न्यूयार्क में उस समय हमला किया गया जब एक स्टेज पर भाषण देने वाले थे। माईक से उनकी जान पहचान कराई जा रही थी। इतने में ही हमलावर अचानक स्टेज चढ़ा और सलमान रश्दी पर पर अपने चाकू से ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए। हमलावर ने दस पंद्रह वार किए। रुश्दी जब व्याख्यान देने वाले थे, तभी उन पर हमला किया गया। ॐ थानवी जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने इस हमले की सख्त निंदा की है। गौरतलब है कि रुश्दी भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक हैं। बरस 1980 के दशक में अपनी एक किताब सैटेनिक वर्सेस को लेकर विवादों में आ गए थे। उनके खिलाफ दिए गए फतवे के बाद से ही वह लगातार छुप कर रह रहे हैं।
लेखक सलमान रुश्दी पर हमले से तस्लीमा नसरीन भी आहत है। उन्होंने भी इस हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। अन्य लेखकों और साहित्य संगठनों ने भी हमले को बहुत बुरा कहा है। यहाँ दोहरा दें कि अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अंग्रेजी भाषा के मशहूर लेखक सलमान रुश्दी पर हमला किया गया था। एक कार्यक्रम के दौरान उन पर चाकू से वार किया गया। इस दौरान रुश्दी की गर्दन से काफी खून निकला। रुश्दी पर उस समय हमला किया गया, जब वह पश्चिमी न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने वाले थे। उनकी जानपहचान चल रही थी। दर्शक उनकी इंतज़ार में थे। अचानक हमले से हड़कंप सा मच गया। एक सनसनी और आतंक जो उस समय मंच और हाल पर पैदा हुआ उसे पूरी दुनिआ में महसूस किया जा सकता है।
सुरक्षा प्रबंधक और अन्य लोग तुरंत हरकत में आए। रश्दी को वहां से लेजा कर इलाज तक पहुँचाया गया। अस्पताल में रुश्दी की सर्जरी की जा चुकी है और उनको वेंटिलेटर पर रखा गया है। नई खबरों के मुताबिक वह ज़िंदा हैं और सुरक्षित हैं लेकिन फिर भी स्थिति तो चिंतनीय ही है। इसी बीच हमलावर की पहचान न्यू जर्सी के 24 वर्षीय हादी मतार के तौर पर की है। न्यूयॉर्क राज्य पुलिस ने कहा कि मौके पर से एक बैग और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले हैं। हम जांच के बहुत शुरुआती चरण में हैं। एफबीआई के सदस्य जांच में हमारी मदद कर रहे हैं। इस जांच से कई बातें सामने आएंगी।
दृश्य बेहद खौफनाक था। सब कुछ अचानक हुआ। सभी हतप्रभ थे।उल्लेखनीय है कि 75 साल के रुश्दी पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा संस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने वाले ही थे कि तभी एक व्यक्ति मंच पर चढ़ा और रुश्दी को घूंसों से वार करने लगा। इसके बाद उसने चाकू से उन पर हमला कर दिया। रुश्दी की गर्दन पर चोट आई है। उस समय कार्यक्रम में उनका परिचय दिया जा रहा था। रश्दी ने अपने भाषण में क्या कहना था यह तो वही जानते थे लेकिन दर्शक और श्रोता उनकी इंतज़ार कर रहे थे।
अचानक मंच पर चढ़े हमलावर ने रुश्दी पर 20 सेकंड में कई वार किए। हमले की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि घटना के बाद स्टेज पर काफी खून बिखरा पड़ा दिखाई दिया। वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया और बाद में उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। रुश्दी को मंच पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। इसी से उनकी जान बचने की संभावना बनी तेज़ी से बह रहे खून को इसी से रोका गया।
यह सारी खौफनाक घटना स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे की है। सलमान रुश्दी और एक साक्षात्कारकर्ता पर चौटौक्वा में चौटौक्वा संस्थान में हमला किया गया। रुश्दी की गर्दन पर चाकू से वार किया गया था। उन्हें हेलीकॉप्टर से अस्पताल ले जाया गया। उनकी हालत के बारे में अभी से ज्यादा कुछ कहना समय से पहले की बात होगी। इस हमले के दौरान साक्षात्कारकर्ता को भी सिर में मामूली चोट आई हैं। संदिग्ध हमलावर को हिरासत में ले लिया गया है। उसकी पहचान का पता लगा लिया गया है।
न्यूयॉर्क राज्य की गर्वनर कैछी होचुल ने कहा कि रुश्दी अभी जीवित हैं। उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है। रुश्दी को एयरलिफ्ट किया गया है। इवेंट मॉडरेटर पर भी हमला किया गया था। उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है जल्द ही उनके सेहत बुलेटिन से वास्तविक स्थिति का पता लग सकेगा।
इसी बीच एक अन्य विवादित लेखिका तसलीमा नसरीन की चिंता भी सामने आई है। उसने लज्जा नाम का नावल लिखा था। जो बेहद पढ़ा गया। ता भी से वह भी निशाने पर है। रश्दी पर हमले के मामले में तसलीमा नसरीन ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुझे अभी पता चला कि न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर हमला हुआ। मैं सचमुच स्तब्ध हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा। वह पश्चिम में रह रहे हैं और 1989 से उन्हें सुरक्षा दी जा रही है। यदि उन पर हमला हो जाता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है। मैं चिंतित हूं। तस्लीमा नसरीन की चिंता जायज़ भी है। खौफ के साए में बरसों तक जीना आसान तो नहीं होता। सलमान रश्दी और तस्लीमा नसरीन लगातार खौफ के साए में ही तो जी रहे थे। कुछ बरस पहले भारत में पत्रकार और लेखिका गौरी लंकेश की हत्या कर दी गयी थी।
भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक रुश्दी भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक हैं। बरस 1980 के दशक में अपनी एक किताब सैटेनिक वर्सेस को लेकर विवादों में आ गए थे। इस किताब को लेकर मुस्लिम समाज में काफी आक्रोश था, एक धार्मिक नेता ने उनकी हत्या करने को लेकर फतवा भी जारी किया था। उसी वक्त से वह अज्ञातवास की तरह रह रहे हैं। चूँकि उनका जन्म मुंबई में हुआ इसलिए उनकी रक्षा हम सभी का नैतिक कर्तव्य भी था। रुश्दी का जन्म 19 जून 1947 को मुंबई में एक कश्मीरी मुस्लिम परिवार में हुआ था। सैटेनिक वर्सेस और मिडनाइट चिल्ड्रेन जैसी किताबें लिखकर चर्चा में आए रुश्दी को बुकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनकी किताबें और तस्लीमा नसरीन की किताबें एक अलग सोच पैदा करती हैं जिनसे कटटरपंथी काफी समय से खफा हैं।
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