4th March 2022 at 5:36 PM
भारत सरकार और आई एम ए से पंजाब सरकार की बातचीत जारी
अमृतसर//चंडीगढ़: 4 मार्च 2022: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::हमारे देश में डाक्टरी की पढ़ाई बेहद महंगी है। इतनी महंगी कि माध्यम परिवारों के बस की बात नहीं है इतने खर्चे उठा पाना। इस लिए किसी न किसी तरह बहुत से परिवारों ने अपने बच्चे मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन भेज दिए। इन्होने इस पढ़ाई के बाद दुनिया के साथ साथ देश की सेवा भी करनी थी। इनका रूस या अमेरिका से कुछ भी लेना देना नहीं था। लेकिन जंग की आग तो सभी को अपनी चपेट में लिए जा रही है। गोलियों, मिज़ाइलों और बमों की बरसात में रह रहे छात्र हर पल मौत का सामना कर रहे हैं। उन्हें वापिस लाने के लिए हमारी एयर इंडिया भी कई कई गुना ज़्यादा पैसे मांग रही है। उनके लिए इन छात्रों की जान बचना भी व्यपारा का एक सुनहरी मौका हो गया है। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पूरी होने का सपना कैसे पूरा होगा? इस बात पर गहन चिंता व्यक्त की मुख्य मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने। इस संबंध में एक विशेष मीटिंग भी की गई जिसमें श्री चन्नी के साथी और सहयोगी शामिल हुए।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक की गयी। जिसमें पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, उप मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी, कैबिनेट मंत्री डॉ राजकुमार वेरका, कैबिनेट मंत्री सुखबिंदर सिंह सुख सरकारिया, कैबिनेट मंत्री त्रिपत राजिंदर सिंह बाजवा, विधायक बरिंदरमित सिंह पाहडा, विधायक हरमिंदर सिंह गिल तथा विधायक कुलबीर सिंह जीरा मौजूद रहे ।
कैबिनेट मंत्री डॉ राजकुमार वेरका ने बताया कि बैठक में यूक्रेन में फंसे पंजाब के विद्यार्थियों को लेकर पंजाब सरकार लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में बनी हुई है। डॉ वेरका ने बताया कि यूक्रेन में एक हज़ार से अधिक विद्यार्थी फंसे हुए थे जिसमें से 75 प्रतिशत विद्यार्थियों को पंजाब वापिस लाया जा चूका है और अब करीब 300 के आसपास छात्र वहां हैं जो एक दो दिन में वापिस भारत आ जायेंगे। डॉ वेरका ने बताया कि यूक्रेन में पंजाब के बच्चे का देहांत हो गया था, उसकी बॉडी वापिस लाने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को चिठ्ठी लिखी गयी है और पंजाब सरकार को उम्मीद है कि भारत सरकार इसपर गंभीरता से गौर करेगी और उसके शव को जल्दी से जल्दी भारत पे लाया जायेगा।
डॉ वेरका ने बताया कि मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री ने उनकी ड्यूटी लगाई है कि यूक्रेन में पंजाब से सम्बंधित मेडिकल छात्रों की पढ़ाई और डिग्री अधूरी ना रहे इसके लिए जरूरी कदम उठाये जाएं। इसके चलते वह केंद्र सरकार के मंत्रियों के समपर्क में हैं पंजाब सरकार द्वारा इन पीड़ित छात्रों के लिए विशेष प्रावधान बनाये जाने के लिए भारत सरकार और आई एम ए से वह बात कर रहे हैं।
डॉ वेरका ने बताया कि इस बैठक में उन ख़बरों की भी निंदा की गयी जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन में पंजाब के विद्यार्थियों के मामले में पंजाब सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री से लेकर पूरी कैबिनेट इस मुद्दे पर गंभीरता से कदम बढ़ा रही है।
डॉ वेरका ने बताया कि इस बैठक में भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पंजाब एवं हरियाणा की स्थायी सदस्यता केंद्र द्वारा कथित तौर पर समाप्त करने पर कड़ी आपत्ति जताई गयी। बीबीएमबी में हरियाणा और पंजाब का प्रतिनिधित्व समाप्त कर नरेंद्र मोदी नीत केन्द्र सरकार ने फिर से हरियाणा और पंजाब के अधिकारों को कुचला है। लेकिन पंजाब सरकार इसका कड़ा विरोध करती है और पंजाब को बचाने के लिए हर कदम उठाएगी।
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