Friday, July 03, 2020

कोरोना की आड़ में किया गया मज़दूर अधिकारों का हनन

3rd July  2020 at 1:35 PM
 कारखाना मज़दूर यूनियन ने भी किये रोष प्रदर्शन 
लुधियाना:03 जुलाई 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
आज विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा देशव्यापी रोष-प्रदर्शनों के आह्वान के तहत कारख़ाना मज़दूर यूनियन द्वारा लुधियाना के फेस 4, फोकल प्‍वाइंट में रोष-प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन के साथ साथ इलाक़े में रोष मार्च भी किया गया।  
वक्ताओं ने केंद्र की मोदी सरकार और पंजाब समेत विभिन्न राज्य सरकारों को आड़े हाथों लिया। वक्ताओं ने केंद्र और राज्यों सरकारों पर गंभीर आरोप लगाया कि कोरोना के बहाने पूँजीपतियों के पक्ष में मज़दूर वर्ग के अधिकारों का हनन तेज़ी से तेज़ किया गया। इन सरकारों ने लोगों को कोरोना में उलझा कर उनका शोषण किया है। 
इन रोष प्रदर्शनों के दौरान बुलंद आवाज़ में मांग की गई कि श्रम क़ानूनों में संशोधनों को रद्द करने, श्रम अधिकार लागू कराने, श्रम क़ानूनों का उल्लंघन करने वाले पूँजीपतियों को सख़्त सज़ाएं देने, लॉकडाउन के कारण मज़दूरों के हुए नुकसान के लिए मुआवज़ा, छंटनियों पर रोक लगाने, बंद और मंदी के समय की पूरी तनख़्वाह देने, बेरोज़गारों को बेरोज़गारी भत्ता देने, सभी बीमारियों के मुफ़्त इलाज, कच्चे स्वास्थ्य कर्मियों को पक्का करने, सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के सरकारीकरण, सभी मज़दूरों को मुफ़्त अनाज देने, जन-वितरण प्रणाली का प्रसार करने, कोरोना के बहाने पूँजीपतियों को राहत पैकेज के नाम पर मेहनतकश जनता का पैसा लुटाना बंद करने और उन पर भारी टेक्स लगाकर मज़दूरों-मेहनतकशों को सुविधाएँ देने, महँगाई पर लगाम लगाने के लिए सचमुच के गंभीर कदम उठाये जाएं। 
वक्ताओं ने केंद्र की मोदी हुकूमत को फासीवादी हुकूमत करार देते हुए जनवादी अधिकारों का हनन बंद करने, झूठे पुलिस मामलों में जेलों में बंद किए गए जनवादी कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों को तुरंत रिहा करने, नाजायज गिरफ़्तारियाँ बंद करने की माँग भी की। प्रदर्शन को यूनियन के प्रधान लखविंदर के अलावा यूनियन नेताओं जसमीत, विमला, नौजवान भारत सभा के नवजोत आदि ने संबोधित किया।

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