Sunday, December 09, 2018

राम मन्दिर कानून से नहीं-शक्ति से बनेगा-ठाकुर दलीप सिंह का संदेश

9 December 2018 को 19:28 बजे किया गया (WTM by RPK)
अब श्रीराम तंबू में न रहे-भव्य मंदिर शीघ्र बने:महन्त रामदास
जालन्धर: 9 दिसम्बर 2018: (राजपाल कौर//पंजाब स्क्रीन)::
अरविंदर सिंह द्धारा दिल्ली से प्राप्त तस्वीर संदेश 
अयोध्या में श्रीराम मन्दिर के भव्य निर्माण के लिए कोई कानून बन सकता है तो ठीक नहीं तो बिना कानून ही बनवा दीजिए क्योंकि जब श्रीराम मन्दिर गिराया था तो किस कानून के अधीन गिराया था जो बिना कानून गिराया हो वह बिना कानून ही बनेगा। सरकार गिरे या बचे कोई भी हालात बनें लेकिन भव्य निर्माण श्रीराम जन्मभूमि पर अवश्य बनना चाहिए हमारी नामधारी संगत पूर्णरूप से आपके साथ है। क्योंकि कानून कमजोरों के लिये होता शक्तिशालियों के लिये कोई कानून नहीं होता उक्त संदेश नामधारी समाज से सत्गुरू दलीप सिंह जी महाराज द्वारा भेजा गया था जिसे संत पलविन्द्र सिंह ने आज शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मन्दिर परिसर में आयोजित विराट धर्म सम्मेलन के दौरान पढ़कर सुनाया। संत पलविन्द्र सिंह ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 625 रियासतों को जबरदस्ती भारत में शामिल किया था वह किस कानून के अधीन किया था। इस प्रकार के महान कार्य किसी कानून के अधीन नहीं होते सरकार जो करती है वही कानून होता है। अभी मथुरा में भगवान श्री राम जी का मन्दिर और काशी में विश्वानाथ मन्दिर भी बनाना है। यह कब बनेंगे इसका सीधा स्पष्ट उत्तर है कि यदि आप सोचते हैं कि मुस्लमानों को सहिमत करके मन्दिर बनाएंगे तो वह संभव नहीं। उन्होंने केन्द्र सरकार को आग्रह किया कि वह 31 दिसम्बर से पहले श्रीराम भव्य मन्दिर बनवा दें आपकी सरकार का जो हाल हो उसकी चिंता न करें वरना अगली सरकार बनानी मुश्किल हो जायेगी। 
संदेश में यह भी कहा गया कि हरिमन्दिर साहिब पर भारतीय फौज का आक्रमण किस कानून के अधीन हुआ था। कांग्रेस के समय में इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात किस कानून के अधीन सिखों का कत्लेआम हुआ था इसलिए स्पष्ट है कि कानून वहीं होता है जो सरकार देती है। 

उन्होंने कहा कि हम नामधारी राष्ट्रवादी है भारतीय संस्कृति को मानते हैं व उसके रक्षक हैं इसलिए भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिये भव्य राममन्दिर श्रीराम जन्मभूमि पर अवश्य बनना चाहिए।
महामण्डलेश्वर रामेश्वरदास (हरिद्वार) ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हमारी भारतीय संस्कृति की आस्था आस्मिता व गौरव हैं और भारत में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भव्य मन्दिर न बनना हमें लज्जा दिलाने वाला है आज जरूरत अपनी शक्ति, सामर्थ को पहचाने की है। हिन्दू समाज लम्बे समय से श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिये संघर्षरत हैं। वर्तमान आंदोलन भी 30 वर्षों से चलाया जा रहा है। हिन्दू समाज चाहता है कि अयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनें इससे जुड़ी सभी बाधाएं दूर हो लेकिन यह प्रतिक्षा अब लंबी हो चुकी है। 2010 में उच्चन्यायलय ने जो फैसला दिया था वह 2011 से सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और जब न्यायालय से पूछा गया कि अब इसकी सुनवाई कब होगी तो कहा गया कि हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं। कब सुनना है यह न्यायालय का अपना अधिकार है लेकिन न्यायालय के इस जवाब से हिन्दू समाज अपने आप को अपमानित महसूस कर रहा है और यह बात समस्त हिन्दू समाज के लिये आश्चर्यजनक व वेदनापूर्ण है। सर्वोच्च न्यायालय को पूर्णविचार करना चाहिए यहां समाज को न्यायालय का वहीं न्यायालय को सामान्य समाज की भावनाओं का भी सम्मान करना चाहिए। यदि न्यायालय की प्राथिमकताएं बाधा बनती हैं तो सरकार को इस संबंध में उचित अध्यादेश लाना चाहिए ताकि सपष्ट हो सके कि कौन है जो हिन्दू समाज की अवहेलना कर रहा है। फिर हिन्दू निर्णय करेगा कि उसे सत्ता किसके हाथों में देनी है। 
उत्तर क्षेत्र धर्म जागरण प्रमुख राकेश कुमार ने कहा कि वर्तमान में हिन्दुओं को बांटकर अपनी राजनीति चमकाने का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि हिन्दू अब जागृत हो रहा है। अब इनको अलग-अलग जाति साम्प्रदाएं में बांटने वाले बाज़ आएं अब भारत देश पर वहीं राज करेगा जो हिन्दू समाज का सम्मान करेगा। किसी धर्म विशेष को खुश करने की नीति रखने वाले या तो राजनीति करना छोड़ जाएं अन्यथा अब जागृत हिन्दू समाज अपने निर्णय अपनी संस्कृति व समथ्र्य के अनुरूप लेकर देश को सही ढंग से चलाने के लिये भी सक्षम है। श्री राकेश जी ने कहा कि 100 करोड़ हिन्दुओं की अवहेलना करके देश की सत्ता संभालने का दम भरने वाले सभी धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक दल अपनी कार्यविधि में समयानुकुल सुधार कर लें वरना अब हिन्दू समाज उन्हें माफ करने वाला नहीं है।
इस अवसर पर धार्मिक, संकीर्तिण व पवित्र मंत्रोच्चारण के साथ गणेश वंदना व श्रीराम स्तुति के पश्चात वहां उपस्थित सभी राम भक्तों ने अयोध्या में भव्य मन्दिर निर्माण का शंखनाध करते हुए अपना सक्रिय सहयोग करने का प्रण लिया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के स्वामी सच्चदानंद, महामण्डलेश्वर 1008 महंत गंगा दास, महन्त रामदास,  व पूज्य संत समाज, बुद्धिजीवियों ने श्रीराम मंदिर के इतिहासिक व पौराणिक महत्व व वर्तमान दौर में उसकी सार्थकता की जानकारी देते हुए सभी रामभक्तों को इस पुनित कार्य में अपनी सक्रिय अहूति देने के लिये प्रेरित किया। 
बरागी आश्रम श्री राम मंदिर के 108 महंत रामदास ने कहा कि अब श्रीराम तंबू में न रहे, श्रीराम का भव्य मंदिर शीघ्र बनें इसके लिये संयुक्त प्रयास होना चाहिए अब इस विषय पर कोई भी राजनीति स्वीकार्य नहीं है। 
इस अवसर पर असंख्य रामभक्तों ने रामल्ला हम आएँगे, मन्दिर भव्य बनाएंगे। बच्चा-बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का। श्री राम हमारे प्राण हैं, मन्दिर में देरी अपमान है। मन्दिर बनने वाला है, इतिहास बदलने वाला है। हर घर भगवा छाएगा, श्रीराम राज फिर आएगा। एक ही नारा, एक ही नाम, जय श्री राम, जय श्री राम। रामल्ला के वास्ते, खाली करदो रास्ते। जन्मभूमि के काम न आए, वो बेकार जवानी है। लाठी गोली खाएंगे, मन्दिर भव्य बनाएंगे। जिस हिन्दू का खून खोले, वो खून नहीं पानी है के गगनचूंबी उद्घोष कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद पंजाब के अर्चकमण्डल के अध्यक्ष पंडित एस.के. शास्त्री, राज गुरू पंडित अशोक मोदगिल, महंत मथुरादास, महंत राज किशोर, महंत कमलेश, दिव्य ज्योति जागृत संस्थान (नूरमहल) से स्वामी सज्जनानंद, स्वामी हरिवल्लभानंद, स्वामी नरेशानंद, स्वामी तरुणेशानंद, राष्ट्रीय संत पंडित दीन दयाल शास्त्री (अध्यक्ष विश्व मानव कल्याण मिशन), महन्त बीलराम दास , महन्त राज किशोर, महन्त सिया शरण दास, महन्त कमलेश दास, महन्त केशव दास, महन्त पवन दास,  महन्त परमेश्वारदास, महन्त श्रवण दास, महन्त बलरामदास, स्वामी धर्म विवेक जी, महन्त अशोक कुमार, काठगढ़ नवांशहर से स्वामी दयाल दास, संत बिहारी दास, संत गोपाल दास, संत सत्य नारायण, बाबा पाल जी नागी, नामधारी संत दया सिंह , संत दर्शन सिंह , संत अमरीक सिंह, संत तेजिन्द्र सिंह, संत पलविन्द्र सिंह, संत गुरूमुख सिंह, संत दर्शन सिंह, संत रणवीर सिंह, संत गुरमीत सिंह, संत सेवा राम व अन्य तपस्वी, साधक व धर्म प्रेमी उपस्थित रहे। 
श्रीराम मंदिर न्यास समिति, जालन्धर इकाई से कोई सवाल हो तो सम्पर्क नंबर है:98140-71007

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