लुधियाना की सड़कों पर सख्ती से स्पीड लिमिट लागू करने की मांग
श्रीपाल शर्मा पेशे से एडवोकेट, दिल में तमन्ना है किसी अच्छे डॉक्टर की तरह समाज की बिमारियों को बाहर निकाल फेंकने की लेकिन आजकल आरटीआई एक्टिविस्ट। इसके साथ ही पूरी दुनिया को यह कला सिखाने की धुन तांकि आरटीआई को कारगर हथियार बना कर समाज के कुरूप चेहरे को बेनकाब किया जा सके। आज देर शाम बात हुई तो श्रीपाल के चेहरे पर मायूसी थी जो आम तौर पर नहीं होती। कुरेदने पर पता चला कि चिंता उन लोगों की जो सड़कों पर बेमौत मारे जाते हैं किसी और की गलती के कारण।
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श्रीपाल शर्मा पेशे से एडवोकेट, दिल में तमन्ना है किसी अच्छे डॉक्टर की तरह समाज की बिमारियों को बाहर निकाल फेंकने की लेकिन आजकल आरटीआई एक्टिविस्ट। इसके साथ ही पूरी दुनिया को यह कला सिखाने की धुन तांकि आरटीआई को कारगर हथियार बना कर समाज के कुरूप चेहरे को बेनकाब किया जा सके। आज देर शाम बात हुई तो श्रीपाल के चेहरे पर मायूसी थी जो आम तौर पर नहीं होती। कुरेदने पर पता चला कि चिंता उन लोगों की जो सड़कों पर बेमौत मारे जाते हैं किसी और की गलती के कारण।
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पूछा तो कहने लगे,"अब तो ऐसा लगने लगा है कि हमारा देश आज भी 18 वी सदी की सोच और दिमाग से ही चल रहा है कानून बंनाने वाले और लागू करने वाले अभी तक भी अपने दिमाग से यह नहीं सोच पाते कि क्या गलत है और क्या सही है।" For more Pics Click Here
आर टी आई ह्यूमन राईट एक्टिविस्ट एन जी ओ संस्था के प्रेजिडेंट श्रीपाल शर्मा एडवोकेट ने सिविल लाइन स्थिति कार्यलय में एक अनौपचारिक मुलाकात के दौरान बताया कि हर रोज़ सड़कों पर तेज रफ्तार गाड़िया बाइक सवार लोगो को कुचल कर मार रही है और यही तेज रफ्तार कार और गाड़िया हैवी व्हीकल से दुर्घटना में चकनाचुर हो जाती है और बेल्ट बांधे मृतको के शव कार आदि में से डोर काट कर निकालने पड़ते है। For more Pics Click Here
सरकार ने आज तक व्हीकल की स्पीड लिमिट पर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही स्पीड लिमिट को कन्ट्रोल करने के लिए सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम उठाया है जिस इलाके में गाडी 30 और 40 किलोमीटर की स्पीड से चलनी चाहिये वहां लोग 100 से ज्यादा स्पीड पर अन्धाधुन्ध गाडी चलाते है और दुर्घटना का कारण बनते है। For more Pics Click Here
लुधियाना शहर में ट्रैफिक पुलिस स्पीड कन्ट्रोल करने की जगह बाज़ारो में यहाँ गाड़ी 20 और 30 स्पीड पर गाड़ी चलती है वहा पर सीट और हेल्मेट के चालान काट कर जनता को खाम खा परेशान कर रही है।
जब पुलिस किसी की गाड़ी टो करके लाती है तो गाड़ी टो करने वाली क्रेन की स्पीड 60 से 70 किलोमीटर होती है और फटाफट गाड़ी पुलिस लाइन में छोड़ कर सड़क पर फिर पार्किंग की हुई किसी और गाड़ी को उठाने के लिए सड़क पर अन्धाधुन्ध टो करने वाली गाडी को भगाते है।
लुधियाना स्मार्ट सिटी के अफसरो का दिमाग देखिये जिन्होंने सरकारी कालेज टैगोर नगर सिविल लाइन जो पाश इलाके में है ड्राइविंग टेस्ट सेंटर खोल दिया है और जो लोग टेस्ट देने के लिए आते है उनके बाइक और गाड़ियों की पार्किंग के लिए कोई सुविधा नहीं है और लोग सड़क पर ही गाड़िया पार्क करके ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए जाते है। For more Pics Click Here
फ़िरोज़पुर रोड पर भाईवाला, आरती, भारत नगर चौक पर बसे ट्रक और कारे लोग 90 से 100 की स्पीड पर दौड़ाते है लोग शराब पीकर गाड़ी चलाते है जो कि दुर्घटना का मुख्य कारण है उन्हें कोई ट्रैफिक पुलिस अफसर नहीं रोकता। For more Pics Click Here
अगर ट्रैफिक पुलिस लुधियाना की सड़को पर सख्ती से स्पीड लिमिट लागू करे तो शहर में 30 से 40 किलोमीटर स्पीड से चलने वाले व्हीकल से कोई भी बड़ी दुर्घटना नहीं होगी।
लुधियाना प्रशासन सीट बेल्ट व हेल्मेट के शहरो में चालान काटने की जगह अपना ध्यान व्हीकलों की स्पीड लिमिट कंट्रोल करने में लगाये जो जानलेवा दुर्घटनाओ का मुख्य कारण है।
आर टी आई एंड ह्यूमन राईट एक्टिविस्ट श्रीपाल शर्मा एडवोकेट लुधियाना में रहते हैं और उनका सम्पर्क नम्बर है:09417455666
1 comment:
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Nice article with awesome explanation ..... Thanks for sharing this!! :) :)
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