शराब की दो दुकानों में रखी गयी शराब वितरण की पर्चियां बरामद
चंडीगढ़: 25 जनवरी :(पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
नशा रोकने के बेशुमार दावों के बावजूद नशे के खुले वितरण और सेवन के पूरे आसार नज़र आ रहे हैं। हमेशां की तरह इस बार भी चुनावी दौर में इसके पक्के प्रबन्ध कर लिए गए लगते हैं। पंजाब में विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं को ‘‘लुभाने’’ के लिए शराब की खुली आफर फिर आम हुई लगती है। शराब की दो दुकानों में रखी गयी शराब वितरण की पर्चियां इसी मकसद के लिए रखीं गयी होंगीं। साज़िश को नाकाम करते हुए यह पर्चियां बरामद की गयी हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से यह अपनी तरह की पहली जब्ती है जो इस सम्बन्ध में खतरनाक संकेत क्र रही है। गौरतलब है कि बेलन ब्रिगेड इस मामले में पहले ही स्टिंग ऑपरेशन करने की चेतावनी तक दे चुका है।
इस स्थिति में इस तरह की पर्चियों की ज़ब्ती कई सवाल भी खड़े करती है और बेलन ब्रिगेड जैसे संगठनों के आरोपों और आशंकायों को सही भी साबित करती है। राज्य आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त के नेतृत्व में आबकारी अधिकारियों की एक टीम ने आज समराला विधानसभा क्षेत्र के भट्टियां एवं मांड झरौदी गांवों में शराब की दुकानों पर छापेमारी की। उन्होंने कहा कि पूर्व में मिली सूचना के आधार पर की गयी छापेमारी के दौरान शराब वितरण के पचरें के आठ बंडल एवं एक मुहर बरामद किए गए। अनुमान लगाना मुश्किल नहीं कि की राज्य के अन्य क्षेत्रों में क्या हाल होगा।
इस ज़ब्ती के बाद अधिकारी ने कहा कि हर बंडल में 90 से 100 पर्चियां थीं और उनका इस्तेमाल संभवत: चुनाव के दौरान शराब बांटने के लिए किया जाने वाला था।
आबकारी अधिकारियों ने दुकानों से भारत में बनी विदेशी शराब का पुराना जखीरा भी जब्त किया जिसमें शराब की 162 बोतल शराब भी शामिल हैं।
आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने के बाद से पंजाब पुलिस एवं आबकारी विभाग ने पंजाब में अलग अलग जगहों से 1.73 करोड़ रपये की कुल 4.38 लाख लीटर शराब और 72,353 किलोग्राम लाहन भी जब्त की है। काबिले ज़िक्र है कि लाहन एक तरह की अवैध शराब होती है। क्या लगता है कि चुनावी परिणामों के बाद बनने वाली सरकार पंजाब को मुक्कमल नशा मुक्त कर पायेगी?
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