झूले के साथ तंबोला ने भी बांधा रंग
लुधियाना: 3 अगस्त 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
हमारे देश की संस्कृति सदियों पुराणी आज भी प्रासंगिक और अर्थपूर्ण है। हर बात का कोई जो नई पीढ़ी नहीं पा रही। तीज का त्यौहार भी इसी तरह का एल सिलसिला है। आधुनिकता और अश्लीलता की स्वार्थभरी आंधी से बचने का कारगर उपाय कि अपने इन त्योहारों को बचाया जाये। इसी मकसद के लिए एन जी ओ अहसास ने एक विशेष आयोजन किया बेटियों को समर्पित था। हाथों पे रची मेहँदी और धरती पर बिछी हरियाली प्रकृति से एक रहस्यमय लेकिन आनन्दित तालमेल बिठाती है। पति के साथ लगाव और मायके की चिंता मनोभावों में एक ऐसा सम्पर्क पल बनता है जो इसी बहाने सारे विश्व को अपना परिवार मानकर उसके सुख की कामना करता है। हिलौरे लेता झूला और सखियों का संग माहौल सृजन करता है जो पैसे से नहीं खरीदा सकता। कभी ऊंचाई पर जाता झूला और कभी नीचे आता झूला ज़िन्दगी के उतराव चढाव का अहसास कराता हुआ एक नई हिम्मत जगाता हुआ ज़िन्दगी की सुर से सुर मिलाना सिखाता।
अहसास चेरिटबल ऑर्गनायज़ेशन की तरफ़ से भाई रणधीर सिंह नगर स्थित बी सेवन रेस्टोरंट में तीज फेस्टिवल का आयोजन संगीता भंडारीऔर नेहा मित्तल की आधीकक्षता में किया गया और यह त्योहार बेटियों को समर्पित किया गया, जिसमे महिलायो को तंबोला खेलाया गया। सावन का झूला भी डाला गया और मेहदी भी लगाई गई और कई तरह की प्रतियोगिता भी करवाई गयी। इस अवसर पर अहसास की संगीता भंडारी ने कहा कि समाज सेवा के साथ महिलाएँ में छुपी प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए इस तरह के प्रोग्राम किए जाते है। इस अवसर पर उन्होंने सभी को बेटी बचाने की शपथ दिलाई और कहा कि अगर बेटीया नहीं बचायोगे तो तीज का त्यौहार कैसे मनाओगे। इसमें तीज क्वीन का खिताब भी दिया गया जिसमे तीज क्वीन उपासना शर्मा, रनर उप सुमन वर्मा और शीनू रही। इस अवसर पर मीनू हांडा, अमृता, मीनू भगत, कशिश डावर, कमला सच्चर साक्षी, शीवेता, पूजा, दिलप्रीत, सोनिका, अनु, यास्मीन, ज्योति,अलका, पलक, शिवानी, अनुबांसल, शिर्मा, नम्रता, रुचिका, एकताशालू, निधि, सुनीता, अर्चना, रितिका, दीपिका सिंगला, पूजन दीवान, कमल सचल, नेहा जैन, रुचिका मित्तल आदि उपस्थित थे।
कुल मिलाकर यह एक ऐसा आयोजन था जिसने तीज की शानो शौकत को फिर से उभारा।
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