Monday, August 01, 2016

‘आधार’ में अपने मोबाइल नम्‍बर को दर्ज अथवा अद्यतन कराएं


01-अगस्त-2016 19:48 IST
सरकारी सेवाओं तक आसान ऑनलाइन पहुंच के लिए ज़रूरी
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने विभिन्‍न सरकारी सेवाओं तक आसान ऑनलाइन पहुंच सुनिश्चित करने के लिए देश के निवासियों को ‘आधार’ में अपने मोबाइल नम्‍बर को दर्ज अथवा अद्यतन कराने की सलाह दी है। 
यूआईडीएआई के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अजय भूषण पांडेय ने कहा, ‘लोग अपने विशिष्‍ट एवं गैर-अस्‍वीकार्य पहचानकर्ता आधार का उपयोग करके विभिन्‍न सरकारी सेवाओं का ऑनलाइन लाभ घर बैठे अथवा बगैर परेशानी के किसी भी जगह से हासिल कर सकते हैं। जिन्‍होंने आधार संबंधी नामांकन के दौरान अपने मोबाइल नम्‍बर का पंजीकरण नहीं कराया है, उन्‍हें आधार में अपने मोबाइल नम्‍बर को बाकायदा दर्ज अथवा अद्यतन करा लेना चाहिए, ताकि किसी प्रयास के बगैर ही उनकी पहुंच सरकारी सेवाओं तक सुनिश्चित हो सके। आधार पर आधारित ओटीपी पहचान निवासियों को बगैर किसी परेशानी के इन सेवाओं को हासिल करने की सुविधा प्रदान करती है।’ 
यूआईडीएआई ने सार्वजनिक उपयोग वाले विभिन्‍न उन अनुप्रयोगों जैसे कि डिजी-लॉकर, ईसाइन, र्इएनपीएस, ई-हॉस्पिटल, आयकर रिटर्न (आईटीआर) की ई-जांच इत्‍यादि को ध्‍यान में रखते हुए यह सलाह दी है, जिन्‍हें सरकारी विभागों द्वारा पहचानकर्ता के रूप में ‘आधार’ का उपयोग करते हुए शुरू किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, ‘डिजी-लॉकर’ की सुविधा के तहत निवासी अपने आधार का उपयोग करते हुए डिजिटल लॉकर हो सकते हैं और अपने मूल्‍यवान दस्‍तावेज उस लॉकर में रख सकते हैं। इसी तरह ‘आधार ईसाइन’ सुविधा के तहत निवासी नकद रहित, उपस्थिति रहित और कागज रहित तरीके से बगैर किसी परेशानी के अनेक सेवाओं को ऑनलाइन हासिल करने के लिए डिजिटल हस्‍ताक्षर का उपयोग कर सकते हैं। कोई भी व्‍यक्ति आधार पर आधारित ईसाइन सुविधा का उपयोग करके पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकता है अथवा अपने पैन कार्ड को ऑनलाइन अपडेट कर सकता है। ई-हॉस्पिटल सेवा के तहत कोई भी निवासी ‘आधार’ के जरिये लम्‍बी लाइन में खड़े हुए बिना ही एम्‍स अथवा किसी भी अस्‍पताल में डॉक्‍टर से दिखाने का समय ऑनलाइन ले सकता है। आयकर विभाग ने निवासियों को ‘आधार’ का उपयोग करके आयकर रिटर्न की ई-जांच की सुविधा प्रदान की है और ऐसे में भौतिक रूप से किसी भी कागज अथवा दस्‍तावेज को भेजने की जरूरत नहीं पड़ती है। इन सभी सेवाओं में आधार पर आधारित ओटीपी पहचान का उपयोग किया जा रहा है, ताकि देश के निवासियों की पहचान बगैर किसी परेशानी के हो सके और इसके साथ ही उन्‍हें वि‍भिन्‍न सेवाएं सुविधाजनक ढंग से ऑनलाइन मिल सके। 

डॉ. पांडेय ने कहा, ‘इस तरह की ऐसी किसी भी सेवा को ऑनलाइन पाने के लिए देश के निवासियों को अवश्‍य ही अपने मोबाइल नम्‍बर को आधार में दर्ज करा लेना चाहिए जिनके लिए आधार पर आधारित ओटीपी पहचान का उपयोग किया जा रहा है।’ 

103.5 करोड़ से भी ज्‍यादा ‘आधार’ के सृजन के साथ ही यूआईडीएआई ने देश भर में 23000 से भी ज्‍यादा स्‍थायी नामांकन केंद्र (पीईसी) खोल रखे हैं। देश के निवासी अपने किसी भी निकटवर्ती पीईसी में जाकर अपने मोबाइल नम्‍बर को आधार में अपडेट करा सकते हैं। स्‍थायी नामांकन केंद्रों की सूची https://resident.uidai.net.in पर उपलब्‍ध है। 
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