Iqbal Singh Channa posted on July 7 at 7:51pm
नहीं रहे मेरे परम मित्र ओमी जी
Sansaar Hai Ik Nadiya, Dukh Sukh Do Kinare Hain...
Salute to a Gentleman Music Director, and above that my dear friend OMI Ji (SONIK OMI) who is no more with us !
संसार है इक नादिया, दुख सुख दो किनारे है ...
एक मिलनसार संगीतकार, और उस से भी बढ़कर मेरे परम मित्र ओमी जी (सोनिक ओमी) नहीं रहे !
आज दोपहर ओमी जी के देहांत का दुखद समाचार सुनने को मिला। झटका सा लगा।
कुछ समय पहले ही मैं और मेरा दोस्त शिव दत्त अक्स IPRS के ऑफिस गये तो ओमी जी और हसन कमाल जी मिल गए। एक घंटा हम पुराणी यादें ताज़ा करते रहे। कहने लगे-मैं 75 का हो गया हूँ। मैंने कहा-ओमी जी देखने से तो ऐसा लगता है कि आप 50 की तरफ जा रहे हो! यह उनके साथ आखरी मुलाकात थी!
ओमी जी के साथ करीबी दोस्ती बन गयी थी। एक वक़्त ऐसा था क़ि उनके घर, मेरे घर या पंजाबी निर्देशक सुखी धंजल के घर हमने बहुत महफिलें सजाईं। कोलकाता और थाईलैंड में भी कई कई दिन इकट्ठे रहे। लेकिन आज वह हमें और इस संसार को अलविदा कह गए हैं।
सोनिक-ओमी (चाचा भतीजा) की संगीतकार जोड़ी ने बड़ा हिट म्यूजिक दिया है-
- इशारों को अगर समझी राज़ को राज़ रहने दो ..(धर्मा)
- संसार है इक नादिया, दुःख सुख दो किनारे हैं...(रफ़्तार)
- मैंने तेरे लिए जग छोड़ा तू मुझको छोड़ चली...(महुआ)
- कान में झुमका, चाल में ठुमका, कमर पे चोटी लमके...(सावन भादों)
संगीतकार के तौर पर उनकी पहली फिल्म " दिल ने फिर याद किया" एक म्यूजिकल ब्लॉक बस्टर थी । सारे गाने हिट-
- दिल ने फिर याद किया...
- हमने जलवा दिखाया तो जल जाओगे...
- आजा रे प्यार पुकारे...
- लो चेहरा सुर्ख शराब हुआ...
- कलियों ने घूघट खोले...
वाह !
शत शत नमन! हम आपको मिस करते रहेंगे ओमी जी !
नहीं रहे मेरे परम मित्र ओमी जी
Sansaar Hai Ik Nadiya, Dukh Sukh Do Kinare Hain...
Salute to a Gentleman Music Director, and above that my dear friend OMI Ji (SONIK OMI) who is no more with us !
ओमी जी और हसन कमाल जी पत्रकार इक़बाल---आखरी मुलाक़ात |
एक मिलनसार संगीतकार, और उस से भी बढ़कर मेरे परम मित्र ओमी जी (सोनिक ओमी) नहीं रहे !
आज दोपहर ओमी जी के देहांत का दुखद समाचार सुनने को मिला। झटका सा लगा।
कुछ समय पहले ही मैं और मेरा दोस्त शिव दत्त अक्स IPRS के ऑफिस गये तो ओमी जी और हसन कमाल जी मिल गए। एक घंटा हम पुराणी यादें ताज़ा करते रहे। कहने लगे-मैं 75 का हो गया हूँ। मैंने कहा-ओमी जी देखने से तो ऐसा लगता है कि आप 50 की तरफ जा रहे हो! यह उनके साथ आखरी मुलाकात थी!
ओमी जी के साथ करीबी दोस्ती बन गयी थी। एक वक़्त ऐसा था क़ि उनके घर, मेरे घर या पंजाबी निर्देशक सुखी धंजल के घर हमने बहुत महफिलें सजाईं। कोलकाता और थाईलैंड में भी कई कई दिन इकट्ठे रहे। लेकिन आज वह हमें और इस संसार को अलविदा कह गए हैं।
सोनिक-ओमी (चाचा भतीजा) की संगीतकार जोड़ी ने बड़ा हिट म्यूजिक दिया है-
- इशारों को अगर समझी राज़ को राज़ रहने दो ..(धर्मा)
- संसार है इक नादिया, दुःख सुख दो किनारे हैं...(रफ़्तार)
- मैंने तेरे लिए जग छोड़ा तू मुझको छोड़ चली...(महुआ)
- कान में झुमका, चाल में ठुमका, कमर पे चोटी लमके...(सावन भादों)
संगीतकार के तौर पर उनकी पहली फिल्म " दिल ने फिर याद किया" एक म्यूजिकल ब्लॉक बस्टर थी । सारे गाने हिट-
- दिल ने फिर याद किया...
- हमने जलवा दिखाया तो जल जाओगे...
- आजा रे प्यार पुकारे...
- लो चेहरा सुर्ख शराब हुआ...
- कलियों ने घूघट खोले...
वाह !
शत शत नमन! हम आपको मिस करते रहेंगे ओमी जी !
No comments:
Post a Comment