Friday, February 13, 2015

सच में लगातार घट रहा है प्रिंट मीडिया का कारोबार ?

इण्डिया टुडे ने किया अपने तीन एडीशन बंद करने का फैसला 
अब इसे इंटरनेट मीडिया का तेज़ी से बढ़ता हुआ रुझान कहें या प्रिंट मीडिया की कम हो रही लोकप्रियता कि वेबसाईटों और इंटरनेट संस्करणों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है पर प्रिंट एडीशन बंद होने की कगार पर आ रहे हैं। नया मामला सामने आया है इण्डिया टुडे का। माचार 4 मीडिया.कॉम की एक खबर के मुताबिक इण्डिया टुडे जैसा सफल घराना भी अपने संस्करण बंद  करने को मजबूर है। खबर के मुताबिक भारत में मैगजीन बिजनेस के लिए अब कोई उम्मीद की किरण नहीं दिखाई देती, यही वजह है कि देश में एक के बाद एक मैगजीन या तो बंद हो रही हैं या फिर बंद होने कगार पर हैं। देश में सबसे सफल मैगजीन ग्रुप में से एक लिविंग मीडिया ने भी अब इंडिया टुडे की तमिल, तेलुगू और मलयालम भाषा की वीकली मैगजीन को बंद करने की घोषणा कर दी है।   
इंडिया टुडे समूह के एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने एक इंटर्नल मेमो में लिखा, ‘हमें बीस सालों से नुकसान हो रहा है। हमने इसी उम्मीद में ही अपने घाटे को सहा कि एक दिन काया पलट  जाएगी, लेकिन हुआ नहीं। काफी विचार विमर्श के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि भविष्य में भी हमें इन मैगजीनों को लेकर बहुत उम्मीद नही है। इसलिए भारी मन से हमने ये फैसला लिया कि अब हम इन एडिशंस को बंद करेंगे। 

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