कर्ज़ के बोझ से घबरा कर अपनाया जुर्म का रास्ता
लुधियाना: 6 सितम्बर 2013: (विशाल//पंजाब स्क्रीन): किसी फ़िल्मी कहानी की तरह कर्ज में डूबे एक व्यक्ति ने किडनी न बिकने पर दो डाक्टरों को एमएमएस भेज 50 लाख रुपये की फिरौती मांग ली। एसएमएस में उसने फिरौती न देने पर जान से मारने की धमकी भी दे दी। आरोपी ने बॉस के नाम पर दोनों डाक्टरों से फिरौती मांगी थी। इन दोनों डाक्टरों ने इसकी शिकायत थाना सराभा नगर पुलिस से कर दी। इस पर सीआइए स्टाफ ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसका मोबाइल बरामद कर लिया है। वहीं पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ करनी शुरू कर दी है। फ़िल्मी सी लगने वाली यह कहानी वास्तव में जिंदगी की हकीकत से भी रूब्र्रो कराती है की अगर कर्ज़ का बोझ बढ़ जाये तो कीर्तन करता हुआ एक इंसान कीर्तन और धर्म कर्म को छोड़ कर जुर्म की राह पर भी कदम रख सकता है।
इसका विवरण देते हुए पुलिस कमिश्नर परमजीत सिंह गिल ने बताया कि विशाल नगर निवासी डॉ. विकास गुप्ता और उसकी पत्नी एक किडनी अस्पताल में काम करते हैं। चार अगस्त को उन्हें एसएमएस आया कि आरोपी को किसी बॉस ने उनकी हत्या करने की 25 लाख रुपये की फिरौती दी है। इसलिए वह उसे रात साढ़े तीन बजे तक 50 लाख रुपये की फिरौती दे दें अन्यथा अपनी जान से हाथ धोने के लिए तैयार रहे। इसी प्रकार का एक एसएमएस फील्डगंज निवासी डाक्टर गगनदीप सिंह को भी भेज दिया गया। गिल ने बताया कि शिकायत मिलते ही सीआइए पुलिस ने जांच कर संगरूर स्थित लोंगोवाल निवासी जसविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद जो बातें सामने आई उनसे सभी दंग रह गए।
पुलिस को पूछताछ के दौरान जसविंदर ने बताया कि वह एमए पास है और कंप्यूटर का भी मास्टर है। इसके अतिरिक्त जसविंदर सिंह एक गुरुद्वारा में कीर्तन भी करता है और गुरबानी का भी है। गिल ने बताया कि संकट के किसी समय पर जसविंदर सिंह ने अपने ससुरालियों से दो फीसद पर 20 लाख रुपये ब्याज पर लिया है। ससुरालियों को पैसे वापस न होने के कारण जसविंदर सिंह ने अपनी एक किडनी बेचने का फैसला किया। इसके लिए वह डॉ. विकास के पास भी गया। मगर डॉ. विकास ने उसकी किडनी लेने से मना कर दिया। इसके बाद जसविंदर दो सप्ताह तक पैसे इक्ट्ठे करने की योजना बनाता रहा और उसके बाद उसने फिरौती लेने की योजना बना ली। पुलिस ने आरोपी जसविंदर सिंह से मोबाइल फोन बरामद कर पूछताछ करनी शुरू कर दी है।
जाली सिम लेकर किया था फिरौती का एसएमएस
पढा लिखा होने के कारण वह इतना शातिर भी निकला कि डाक्टर से फिरौती मांगने के लिए आरोपी जसविंदर ने सबसे पहले जाली प्रूफ लगा एक सिम लिया। उसके बाद आरोपी ने अपने पुराने मोबाइल में सिम डालकर दोनों डाक्टरों को फिरौती का एसएमएस कर दिया। एसएमएस करने के बाद आरोपी जसविंदर ने सिम को नहर में फैंक दिया। होशियारियों के बावजूद उसने गलती की और अपने इसी मोबाईल में अपना पुराना सिम डाल लिया। बस उसकी यही चूक उसे ले डूबी और पुलिस का शिकंजा उस तक पहुँच गया।
मोबाइल ने ही पहुंचाया आरोपी तक
अपराधी कितना ही शातिर क्यूँ न हो पर वह कोई न कोई गलती तो कर ही लेता है। आरोपी जसविंदर ने मोबाइल से फिरौती भरा एसएमएस करने के बाद नए सिम को तो नहर में फैंक दिया लेकिन उसके बाद उसी मोबाइल में अपना पुराना सिम डाल लिया, ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके। कहते हैं की कानून के हाथ लम्बे होते हैं और पुलिस मोबाइल फोन के जरिए ही आरोपी तक पहुंच गई और उसको गिरफ्तार कर लिया।
लुधियाना: 6 सितम्बर 2013: (विशाल//पंजाब स्क्रीन): किसी फ़िल्मी कहानी की तरह कर्ज में डूबे एक व्यक्ति ने किडनी न बिकने पर दो डाक्टरों को एमएमएस भेज 50 लाख रुपये की फिरौती मांग ली। एसएमएस में उसने फिरौती न देने पर जान से मारने की धमकी भी दे दी। आरोपी ने बॉस के नाम पर दोनों डाक्टरों से फिरौती मांगी थी। इन दोनों डाक्टरों ने इसकी शिकायत थाना सराभा नगर पुलिस से कर दी। इस पर सीआइए स्टाफ ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसका मोबाइल बरामद कर लिया है। वहीं पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ करनी शुरू कर दी है। फ़िल्मी सी लगने वाली यह कहानी वास्तव में जिंदगी की हकीकत से भी रूब्र्रो कराती है की अगर कर्ज़ का बोझ बढ़ जाये तो कीर्तन करता हुआ एक इंसान कीर्तन और धर्म कर्म को छोड़ कर जुर्म की राह पर भी कदम रख सकता है।
इसका विवरण देते हुए पुलिस कमिश्नर परमजीत सिंह गिल ने बताया कि विशाल नगर निवासी डॉ. विकास गुप्ता और उसकी पत्नी एक किडनी अस्पताल में काम करते हैं। चार अगस्त को उन्हें एसएमएस आया कि आरोपी को किसी बॉस ने उनकी हत्या करने की 25 लाख रुपये की फिरौती दी है। इसलिए वह उसे रात साढ़े तीन बजे तक 50 लाख रुपये की फिरौती दे दें अन्यथा अपनी जान से हाथ धोने के लिए तैयार रहे। इसी प्रकार का एक एसएमएस फील्डगंज निवासी डाक्टर गगनदीप सिंह को भी भेज दिया गया। गिल ने बताया कि शिकायत मिलते ही सीआइए पुलिस ने जांच कर संगरूर स्थित लोंगोवाल निवासी जसविंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद जो बातें सामने आई उनसे सभी दंग रह गए।
पुलिस को पूछताछ के दौरान जसविंदर ने बताया कि वह एमए पास है और कंप्यूटर का भी मास्टर है। इसके अतिरिक्त जसविंदर सिंह एक गुरुद्वारा में कीर्तन भी करता है और गुरबानी का भी है। गिल ने बताया कि संकट के किसी समय पर जसविंदर सिंह ने अपने ससुरालियों से दो फीसद पर 20 लाख रुपये ब्याज पर लिया है। ससुरालियों को पैसे वापस न होने के कारण जसविंदर सिंह ने अपनी एक किडनी बेचने का फैसला किया। इसके लिए वह डॉ. विकास के पास भी गया। मगर डॉ. विकास ने उसकी किडनी लेने से मना कर दिया। इसके बाद जसविंदर दो सप्ताह तक पैसे इक्ट्ठे करने की योजना बनाता रहा और उसके बाद उसने फिरौती लेने की योजना बना ली। पुलिस ने आरोपी जसविंदर सिंह से मोबाइल फोन बरामद कर पूछताछ करनी शुरू कर दी है।
जाली सिम लेकर किया था फिरौती का एसएमएस
पढा लिखा होने के कारण वह इतना शातिर भी निकला कि डाक्टर से फिरौती मांगने के लिए आरोपी जसविंदर ने सबसे पहले जाली प्रूफ लगा एक सिम लिया। उसके बाद आरोपी ने अपने पुराने मोबाइल में सिम डालकर दोनों डाक्टरों को फिरौती का एसएमएस कर दिया। एसएमएस करने के बाद आरोपी जसविंदर ने सिम को नहर में फैंक दिया। होशियारियों के बावजूद उसने गलती की और अपने इसी मोबाईल में अपना पुराना सिम डाल लिया। बस उसकी यही चूक उसे ले डूबी और पुलिस का शिकंजा उस तक पहुँच गया।
मोबाइल ने ही पहुंचाया आरोपी तक
अपराधी कितना ही शातिर क्यूँ न हो पर वह कोई न कोई गलती तो कर ही लेता है। आरोपी जसविंदर ने मोबाइल से फिरौती भरा एसएमएस करने के बाद नए सिम को तो नहर में फैंक दिया लेकिन उसके बाद उसी मोबाइल में अपना पुराना सिम डाल लिया, ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके। कहते हैं की कानून के हाथ लम्बे होते हैं और पुलिस मोबाइल फोन के जरिए ही आरोपी तक पहुंच गई और उसको गिरफ्तार कर लिया।
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