अमर शहीद निगमानन्द के गुरभाई स्वामी आनंद स्वरूप की घोषणा
मां गंगा की सेवा भावना का उमड़ता सैलाब आज लुधियाना में भी दिखा. धुरी लाईन के नजदीक ही हुए एक छोटे से आयोजन में पहुंचे लोग गंगा मां के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तैयार नजर आये. गंगा सेवा मिशन के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने अपने विशेष पंजाब दौरे के दौरान गंगा मां के खिलाफ हो रही साजिशों का भी भंडाफोड़ किया और साथ ही अपना संघर्ष तेज़ करने का संकल्प भी दोहराया. गौरतलब है कि स्वामी अनद स्वरूप उसी अमर शहीद स्वामी निगमानन्द के गुर भाई हैं जो गंगा मिशन के लिए अपनी जान की आहूति दे गए.
वर्ष 1998 में शुरू हुआ गंगा सेवा मिशन इस समय देश के 18 राज्यों में सक्रिय है. विदेश में भी इस दिशा में बहुत काम हो रहा है. रामनवमी के पावन अवसर पर पंजाब में भी इस की शुरूयात कर दी गयी. इस घोषणा से पूर्व स्वामी आनंद स्वरूप लगातार साधना और समाधी में लीं रहे. इस ऐतिहासिक उद्घोषणा के अवसर पर मिशन के कई वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद थे और समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े बहुत से अन्य लोग भी. इस मिशन की पंजाब शाखा शुरू करने का ऐलान होते ही एक नए उत्साह की लहर दौड़ गई और पूरा माहौल मां गंगा की जय के नारों से गूँज उठा. पंजाब शाखा को शुरू करने औपचारिक घोषणा के लिए सूरज छाबड़ा को अध्यक्ष और आरती ठाकुर को महामंत्री नियुक्त किया गया. पार्षद सरबजीत सिंह काका और कई अन्य लोगों ने इस कार्य की सफलता के लिए हर संभव सहयोग का वचन दिया.
बैठक के पश्चात मीडिया से बात करते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने सनसनी खेज़ खुलासा किया कि मां गंगा को बाँध में बाँधने की कम से कम 17 परियोजनाएं केवल इस लोयर रुकी हुयी हैं क्यूंकि गंगा सेवा मिशन से जुड़े लोग गंगा को बचाने के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं.उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस मकसद के लिए छापामार युद्ध की पूरी तैयारी की जा चुकी है. गंगा सेवा मिशन की अलख जगाते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने पंजाबियों को झंक्झौरा और एक बार फिर याद दिलाया कि जैसे उन्होंने कभी मां भारती को दासता के बन्धनों से मुक्त कराया था उसी तरह अब मां गंगा को भी बांधों के जाल से मुक्त कराने के लिए आगे आयें. उन्होंने श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की कुर्बानियों का भी उल्लेख क्या. साम्प्रदायिक झगड़ों पर पूछी गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा की सिख भी हमारे भाई हैं और मुसलमान भी. केवल सत्ता में बैठे लोग ही हमें लडवाने की चालें चलते हैं.
स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया की उन पर फिदायीन हमला भी हो चूका है पर भगवान् ने उन्हें बचा लिया. -कल्याणी सिंह और रेक्टर कथूरिया सहयोग: आरती ठाकुर
मां गंगा की सेवा भावना का उमड़ता सैलाब आज लुधियाना में भी दिखा. धुरी लाईन के नजदीक ही हुए एक छोटे से आयोजन में पहुंचे लोग गंगा मां के लिए सब कुछ न्योछावर करने को तैयार नजर आये. गंगा सेवा मिशन के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने अपने विशेष पंजाब दौरे के दौरान गंगा मां के खिलाफ हो रही साजिशों का भी भंडाफोड़ किया और साथ ही अपना संघर्ष तेज़ करने का संकल्प भी दोहराया. गौरतलब है कि स्वामी अनद स्वरूप उसी अमर शहीद स्वामी निगमानन्द के गुर भाई हैं जो गंगा मिशन के लिए अपनी जान की आहूति दे गए.
वर्ष 1998 में शुरू हुआ गंगा सेवा मिशन इस समय देश के 18 राज्यों में सक्रिय है. विदेश में भी इस दिशा में बहुत काम हो रहा है. रामनवमी के पावन अवसर पर पंजाब में भी इस की शुरूयात कर दी गयी. इस घोषणा से पूर्व स्वामी आनंद स्वरूप लगातार साधना और समाधी में लीं रहे. इस ऐतिहासिक उद्घोषणा के अवसर पर मिशन के कई वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद थे और समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े बहुत से अन्य लोग भी. इस मिशन की पंजाब शाखा शुरू करने का ऐलान होते ही एक नए उत्साह की लहर दौड़ गई और पूरा माहौल मां गंगा की जय के नारों से गूँज उठा. पंजाब शाखा को शुरू करने औपचारिक घोषणा के लिए सूरज छाबड़ा को अध्यक्ष और आरती ठाकुर को महामंत्री नियुक्त किया गया. पार्षद सरबजीत सिंह काका और कई अन्य लोगों ने इस कार्य की सफलता के लिए हर संभव सहयोग का वचन दिया.
बैठक के पश्चात मीडिया से बात करते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने सनसनी खेज़ खुलासा किया कि मां गंगा को बाँध में बाँधने की कम से कम 17 परियोजनाएं केवल इस लोयर रुकी हुयी हैं क्यूंकि गंगा सेवा मिशन से जुड़े लोग गंगा को बचाने के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं.उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस मकसद के लिए छापामार युद्ध की पूरी तैयारी की जा चुकी है. गंगा सेवा मिशन की अलख जगाते हुए स्वामी आनंद स्वरूप ने पंजाबियों को झंक्झौरा और एक बार फिर याद दिलाया कि जैसे उन्होंने कभी मां भारती को दासता के बन्धनों से मुक्त कराया था उसी तरह अब मां गंगा को भी बांधों के जाल से मुक्त कराने के लिए आगे आयें. उन्होंने श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की कुर्बानियों का भी उल्लेख क्या. साम्प्रदायिक झगड़ों पर पूछी गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा की सिख भी हमारे भाई हैं और मुसलमान भी. केवल सत्ता में बैठे लोग ही हमें लडवाने की चालें चलते हैं.
स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया की उन पर फिदायीन हमला भी हो चूका है पर भगवान् ने उन्हें बचा लिया. -कल्याणी सिंह और रेक्टर कथूरिया सहयोग: आरती ठाकुर
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