प्रति दिन संचयी उत्पादन क्षमता 3.80 लाख बोतल
रेल नीर पर विशेष लेख
सवारी-सेवाओं के इसके प्रमुख व्यवसाय के अलावा रेलवे परिसरों पर फूड प्लाजा, रेल दौरा पैकेज एवं इंटरनैट टिकटिंग, दि इंडियन रेलवे केटरिंग एण्ड टूरिज्म कॉरपोरेशन लि0 (आई आर सी टी सी) रेलवे की सवारियों को स्वच्छ, सुरक्षित तथा स्वास्थ्य वर्धक जल मुहैया करा रही है। आई आर सी टी सी, रेलवे मंत्रालय के अन्तर्गत सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है और यह नांगलोई(दिल्ली), दानापुर (बिहार) तथा पलूर (चेन्नई के नजदीक) उक्त स्थानों पर रेल नीर ब्रॉड से पैकेज किये गये पेय जल का निर्माण कर रहा है। इसकी प्रति दिन संचयी उत्पादन क्षमता 3.80 लाख बोतल (1 लीटर क्षमता) है। आई आर सी टी सी, का उदेश्य न्यूनतम संसाधनों का उपयोग करते हुए सुरक्षित पेयजल सस्ती कीमत पर दिया जाना है। इससे पर्यावरण का भी संरक्षण होगा।
दिल्ली के नांगलोई में सर्वप्रथम नीर संयत्र का उदघाटन 6 मई 2003 को भारतीय रेलवे की सवारियों को पैकेज किया गया सुरक्षित पेय जल मुहैया कराने के लिए किया गया। शुरू में क्षमता प्रति दिन 66,000 बोतलें उत्पादित करने की थी जिसे अप्रैल 2009 में बढ़ाकर 1,02,000 बोतलें प्रति दिन कर लिया गया। यह संयंत्र जल स्वच्छता एवं पैकेजिंग की स्टेट –ऑफ-दि आर्ट प्रौद्योगिकी पर आधारित है। यह पूरी तरह से स्वचालित संयंत्र है। अभी तक संयत्र में 20,14,39,896 बोतलों का उत्पादन किया जा चुका है।
रेल नीर का उत्पादन बी आई एस मानकों के अनुसार है बल्कि रेल नीर के मानक बी आई एस मानक में निर्धारित किए गए मानकों से बेहतर हैं। संयत्र में 24x7 मॉडल इन-हाउस लैबोरेट्री बी आई एस मानकों के अनुरूप है तथा प्रत्येक बैच से जल का नमूना 6 माह तक सुरक्षित रखा जाता है। जहां तक बाहरी लैब में जांच का सवाल है, मासिक, छमाही , तथा वार्षिक एवं द्विवार्षिक नमूने कीटों, रसायन, सूक्ष्म जीवों तथा रेडियोएक्टिव जांच के लिए उच्च प्रतिष्ठित लैब में भेजे जाते हैं। रेल नीर का कोई भी नमूना बाहरी जांच में असफल नहीं पाया गया।सभी रेलवे स्टेशनों एवं ट्रेनों में रेल नीर की एक बोतल 12/- रू. में (एक लीटर की प्रति बोतल) बेची जाती है।
दानापुर (बिहार) एवं नांगलोई दोनों की उत्पादन क्षमता प्रति दिन एक समान अर्थात 1.02 लाख बोतले हैं। संयत्र में 2004 से कार्य चल रहा है। इनमें नवीनतम संयत्र पलूर(चेन्नई) जुलाई 2011 से कार्यरत है। इस संयत्र की क्षमता प्रति दिन 1.8 लाख बोतलों की है और वह बोतल ब्लोईंग मशीनों के नवीनतम मॉडल पर आधारित है। पहली बार आई आर सी टी सी द्वारा स्वचालित हॉट फल्यू लेबलिंग मशीन तथा बोतलों की संकुचित पैकिंग शुरू की गई है। ये दो मशीनें उच्च उत्पादकता तथा बेहतर गुणवत्ता वाली है।
आई आर सी टी सी का अम्बरनाथ (मुम्बई) में चतुर्थ संयत्र के निर्माण का कार्य जोर-शोर से किया जाएगा। इस संयत्र की रूपरेखा पलूर की भांति ही है तथा इसमें उसी प्रकार की मशीनरी तथा उपकरण लगाए जाएंगे। इस संयत्र में प्रति दिन दो लाख बोतलें या प्रति दिन 17,000 कारटोन की स्थापित क्षमता होगी। इसे 2013-14 में शुरू किए जाने की आशा है। यह संयत्र देश के पश्चिमी भाग की आवश्यकता की पूर्ति करेगा। आई आर सी टी सी रेल नीर का विस्तार कार्य जारी रखेगा क्योंकि औसत रेल यात्री अन्य स्थापित ब्रांड की अपेक्षा रेल नीर को अधिक पसन्द करता है। रेल नीर की मांग निरन्तर बढ़ती जा रही है और इसकी मांग के मुकाबले इसकी वर्तमान उत्पादन क्षमता में काफी अन्तर है। इस कमी को पूरा करने के लिए देश में और संयत्र स्थापित किए जाने की आवश्यकता है जिससे कि रेल नीर की आपूर्ति सभी रेलवे अंचलों, रेलवे स्टेशनों, तथा ट्रेनों में की जा सके।
रेल नीर का उत्पादन बी आई एस मानकों के अनुसार है बल्कि रेल नीर के मानक बी आई एस मानक में निर्धारित किए गए मानकों से बेहतर हैं। संयत्र में 24x7 मॉडल इन-हाउस लैबोरेट्री बी आई एस मानकों के अनुरूप है तथा प्रत्येक बैच से जल का नमूना 6 माह तक सुरक्षित रखा जाता है। जहां तक बाहरी लैब में जांच का सवाल है, मासिक, छमाही , तथा वार्षिक एवं द्विवार्षिक नमूने कीटों, रसायन, सूक्ष्म जीवों तथा रेडियोएक्टिव जांच के लिए उच्च प्रतिष्ठित लैब में भेजे जाते हैं। रेल नीर का कोई भी नमूना बाहरी जांच में असफल नहीं पाया गया।सभी रेलवे स्टेशनों एवं ट्रेनों में रेल नीर की एक बोतल 12/- रू. में (एक लीटर की प्रति बोतल) बेची जाती है।
दानापुर (बिहार) एवं नांगलोई दोनों की उत्पादन क्षमता प्रति दिन एक समान अर्थात 1.02 लाख बोतले हैं। संयत्र में 2004 से कार्य चल रहा है। इनमें नवीनतम संयत्र पलूर(चेन्नई) जुलाई 2011 से कार्यरत है। इस संयत्र की क्षमता प्रति दिन 1.8 लाख बोतलों की है और वह बोतल ब्लोईंग मशीनों के नवीनतम मॉडल पर आधारित है। पहली बार आई आर सी टी सी द्वारा स्वचालित हॉट फल्यू लेबलिंग मशीन तथा बोतलों की संकुचित पैकिंग शुरू की गई है। ये दो मशीनें उच्च उत्पादकता तथा बेहतर गुणवत्ता वाली है।
आई आर सी टी सी का अम्बरनाथ (मुम्बई) में चतुर्थ संयत्र के निर्माण का कार्य जोर-शोर से किया जाएगा। इस संयत्र की रूपरेखा पलूर की भांति ही है तथा इसमें उसी प्रकार की मशीनरी तथा उपकरण लगाए जाएंगे। इस संयत्र में प्रति दिन दो लाख बोतलें या प्रति दिन 17,000 कारटोन की स्थापित क्षमता होगी। इसे 2013-14 में शुरू किए जाने की आशा है। यह संयत्र देश के पश्चिमी भाग की आवश्यकता की पूर्ति करेगा। आई आर सी टी सी रेल नीर का विस्तार कार्य जारी रखेगा क्योंकि औसत रेल यात्री अन्य स्थापित ब्रांड की अपेक्षा रेल नीर को अधिक पसन्द करता है। रेल नीर की मांग निरन्तर बढ़ती जा रही है और इसकी मांग के मुकाबले इसकी वर्तमान उत्पादन क्षमता में काफी अन्तर है। इस कमी को पूरा करने के लिए देश में और संयत्र स्थापित किए जाने की आवश्यकता है जिससे कि रेल नीर की आपूर्ति सभी रेलवे अंचलों, रेलवे स्टेशनों, तथा ट्रेनों में की जा सके।
आई आर सी टी सी दो नए संयत्र हैदराबाद तथा नागपुर में लगाएगी जिसे सार्वजनिक ,निजी सहभागिता मॉडल के अन्तर्गत संयुक्त उपक्रम कम्पनी खोलकर लगाया जाएगा। दिल्ली क्षेत्र की मांग की पूर्ति के लिए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक और संयत्र लगाने की योजना बनाई जा रही है। इस संयत्र में 250/500 मि. ली. बोतल एवं 20 लीटर जारों में विभिन्न पैक जैसे आकार होंगे। *****
उप-निदेशक (मि एवं सं) रेलवे मंत्रालय
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