Thursday, October 27, 2011

दाल रोटी घर दी दिवाली अम्बरसर दी

श्री हरिमंदिर साहिब से किंग की ख़ास कैमरा रिपोर्ट 
अमृतसर//27 अक्टूबर//गजिंदर सिंह किंग 
कहते है, दाल रोटी कर दी दिवाली अमृतसर दी, जी हाँ यह कथन तो आपने बहुत सुना होगा, लेकिन इस को सच करता है अमृतसर का सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब, जहाँ दीवाली के दिन दीप माला और आतिशबाज़ी का एक अदभुत नज़ारा देखने को मिलता है, और इस दीवाली के दिन श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिख जगत के कौम के नाम सन्देश देते है, वहीँ आतिशबाजी का नज़ारा यहा देखने लायक मिलता है.
दीवाली के दिन सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब में दीप माला और अदभुत नज़ारे वाली आतिशबाज़ी की जाती है, जिसको देखने के लिए देश-विदेशो से श्रद्धालू देखने के लिए आते है, दीवाली का दिन सिख जगत में  बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्यों कि आज के दिन सिखों  के छठे गुरु श्री गुरु हर गोबिंद साहिब जी ने ग्वालियर के किले से 52 राजाओं को छुड़ा कर अमृतसर लेकर आए थे, इस खुशी में सिख संगतों ने आपने-आपने घरो में देसी घी के दीए जलाए थे, उस दिन से लेकर आज तक दीवाली के दिन को  बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाया जाता है और दीवाली के दिन सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब में दीप माला और अदभुत नज़ारे वाली आतिशबाज़ी चलाई जाती है, जो कि देखने लायक होती है. 
यहाँ पर लाखों की संख्या में  श्रद्धालू आते है और सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब के सरोवर के चारो तरफ दिए और मोमबतिया जलाते है और यहा पर दीपमाला और आतिशबाज़ी का नजारा देखते है, वही  इस मौके पर  बंदी छोड़ दिवस पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने सिख जगत के कौम के नाम सन्देश देते है, इस बार भी उन्होंने आपने सन्देश दिया, कि आज सिख कौम को नशे जैसी बुराई  से दूर रहना चाहिय और आज सिख कौम को सिखी से हो रही बे-अदबी से बचना चाहिय, वहीँ उन्होंने समूची सिख कौम को इस दिवस की बधाई देते दी और उन्होंने सिख कौम को सामजिक बुराइयों को दूर करने का सन्देश दिया.
दीवाली के दिन सच्चखंड श्री हरि मंदिर साहिब में दीप माला और अदभुत नज़ारे वाली आतिशबाज़ी देखने के लिए पंजाब से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालू यहाँ पर आते है, इस मौके पर उन लोगो का कहना है, कि  वह यहाँ मुख्य रूप से दिवाली देखने आये है और वह रात यहाँ पर ही रहेंगे, वहीँ जहाँ आज यहाँ पर आतिश बाज़ी का अदभुत नज़ारा देखने को मिला है और यहा ऐसा लग रहा है कि जैसे आसमान में तारे टीम टीमा रहे है, उन्होंने कहा, कि यहा पर बहुत अच्छा लग रहा है, जिस तरह से यहा सजावट हुई है और मन को बहुत ख़ुशी महसूस हो रही है,  वहीँ आकाश में इन पटाकों की गड-गडाहत से आसमान में एक अजीब सी चमक थी, साथ ही इस मौके पर लोग इस आतिशबाज़ी को देखने के लिए आए, वहीँ यहाँ पर लोगों ने आज पवित्र सरोवर के आस पास लोगों ने दीप माला की और यहाँ गुरु घर में माथा टेक नमस्तक हो कर खुशियाँ प्राप्त की.
चाहे जो भी हो इस धरती का यह स्वर्ग दिवाली में एक अनोखा रूप धारण किए हुए है और इस की खूबसूरती पूरे दुनिया में मशहूर है, इसी लिए कहते है,  दाल रोटी कर दी दिवाली अमृतसर दी

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