राणा प्रताप सिंह Rana |
संचार और तकनीक में हो रहे विकास ज़िन्दगी के अंदाज़ को भी लगातार तेज़ी से बदल रहे हैं. जो बातें मुद्दतों के बाद मिलजुल कर हुआ करतीं थीं वही बातें अब हर रोज़ बिना मिले बार बार भी हो सकती हैं. इंटरनेट ने बहुत कुछ बदल डाला है. कुछ समय पूर्व मैंने हिंदी कविता की कार्यशाला का शानदार आयोजन फेसबुक पर देखा था जिसमें देश के साथ साथ विदेश के शायरों ने भी भाग लिया. अब एक नयी घोषणा हुई है लाइव मुशायरे की. राणा प्रताप सिंह Rana की तरफ से 16 September 2010 को दोपहर के 12:14 बजे मिले एक संदेश में बताया गया कि ओपन बुक्स ऑनलाइन पर लाइव तरही मुशायरे का आयोजन किया गया है| आप सब भी इस मुशायरे में आमंत्रित हैं| नियम एवं शर्तें इस प्रकार हैं| उन्होंने बताया कि इस बार का तरही मिसरा 'बशीर बद्र' साहब की ग़ज़ल से लिया गया है|उनकी गज़ल से लिया गया मिसरा है :"ज़िंदगी में तुम्हारी कमी रह गई"
इसका वज्न इस प्रकार है : 212 212 212 212
5 comments:
बहुत अच्छा आयोजन।
बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
अलाउद्दीन के शासनकाल में सस्ता भारत-१, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
अभिलाषा की तीव्रता एक समीक्षा आचार्य परशुराम राय, द्वारा “मनोज” पर, पढिए!
पहले और दूसरे मुशायरे के बाद अब तीसरे मुशायरे में मज़े लूटने को बेचैन हैं अपुन तो भैया|
पहले और दूसरे मुशायरे के बाद अब तीसरे मुशायरे में मज़े लूटने को बेचैन हैं अपुन तो भैया|
रेक्टर जी पंजाब स्क्रीन पर भी इस मुशायरे की चर्चा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद| आशा है यह मुशायरा भी सफल होगा|
बहुत सुंदर ..ऐसे आयोजनों में अधिक से अधिक लोगों को सम्लित होकर इस आयोजन का मान बढाना चाहिए !
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