26-नवंबर-2012 20:00 IST
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी कल 27 नवम्बर 2012 को पंजाब (लुधियाना) की एक दिन की यात्रा पर जाएंगे। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी यात्रा के दौरान पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के एक हिस्से के रूप में 'खाद्य एवं आजीविका सुरक्षा के लिए सतत कृषि' पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति सत पौल मित्तल स्कूल, लुधियाना में एक सभागार की आधारशिला भी रखेंगे। (PIB)
वि.कासोटिया/अनिल/चित्रदेव-5546
Monday, November 26, 2012
Saturday, November 24, 2012
शहीदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति का संदेश
गुरू तेग बहादुर नि:स्वार्थ,साहसी व्यक्ति थे:राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कल गुरू तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा है कि 'गुरू तेग बहादुर का शहीदी दिवस उनके बलिदान की महिमा को याद करने का पवित्र अवसर है। गुरू तेग बहादुर एक नि:स्वार्थ, साहसी व्यक्ति थे जिन्होंने हम सभी को सच्चाई, उपासना और ज्ञान से सामर्थ्यवान बनना सिखाया।
यह नि:स्वार्थ भाव से सेवा और सच के लिए खड़े होने की हिम्मत की महत्ता पर चिंतन करने का दिवस होना चाहिए।
हमें महान गुरू की शिक्षाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके द्वारा दिखाई गई राह पर चलने का प्रसाय करना चाहिए।' (PIB) 23-नवंबर-2012 15:06 IST
मीणा/प्रियंका -5483
भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कल गुरू तेग बहादुर के शहीदी दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा है कि 'गुरू तेग बहादुर का शहीदी दिवस उनके बलिदान की महिमा को याद करने का पवित्र अवसर है। गुरू तेग बहादुर एक नि:स्वार्थ, साहसी व्यक्ति थे जिन्होंने हम सभी को सच्चाई, उपासना और ज्ञान से सामर्थ्यवान बनना सिखाया।
यह नि:स्वार्थ भाव से सेवा और सच के लिए खड़े होने की हिम्मत की महत्ता पर चिंतन करने का दिवस होना चाहिए।
हमें महान गुरू की शिक्षाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके द्वारा दिखाई गई राह पर चलने का प्रसाय करना चाहिए।' (PIB) 23-नवंबर-2012 15:06 IST
मीणा/प्रियंका -5483
Wednesday, November 21, 2012
आतंक के खिलाफ एक मानवीय वक्तव्य
जहनू बरुआ की फिल्म ‘बंधन’ से होगी भारतीय पेनोरमा की शुरूआत असमी फिल्म बंधन से कल गोआ में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, आईएफएफआई 2012 में भारतीय पेनोरमा सेक्शन की शुरूआत होगी। जाने माने फिल्म निर्माता जहनू बरूआ द्वारा निर्देशित फिल्म बंधन समस्त विश्व के आम आदमियों की तरफ से आतंक के खिलाफ एक मानवीय वक्तव्य है। इस फिल्म में जतिन बोहरा, बिष्णु खरघोडि़या, ज़ेरिफा वाहिद और बीना पोटोंगिया ने अभिनय किया है। यह फिल्म डंडेश्वर और हकावनी की कहानी है जो 73 वर्ष के हैं और अपने प्यारे पोते को खोजने के लिए मुंबई आते हैं, जो उनके परिवार का एकमात्र अन्य जीवित सदस्य है। उनका पोता 26 नवंबर 2008 के आतंकी हमले के दिन से ही लापता है। असम राज्य फिल्म् वित्त और विकास निगम लिमिटेड ने इस फिल्म का निर्माण किया है। आईएफएफआई की ज्यूरी ने 300 विभिन्न प्रविष्टियों की सूची में से इस फिल्म का चयन किया है।
इस ज्यूरी ने भारतीय पेनोरमा सेक्शन की गैर-फीचर फिल्म श्रेणी का उद्घाटन करने के लिए शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर द्वारा निर्देशित ‘सेल्यूलॉयड मैन’ (हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली और कन्नड़) का चयन किया है। (PIB)
***
मीणा/पारस/निर्मल – 5409
इस ज्यूरी ने भारतीय पेनोरमा सेक्शन की गैर-फीचर फिल्म श्रेणी का उद्घाटन करने के लिए शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर द्वारा निर्देशित ‘सेल्यूलॉयड मैन’ (हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली और कन्नड़) का चयन किया है। (PIB)
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मीणा/पारस/निर्मल – 5409
भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का रंगारंग शुभारंभ
43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का पणजी, गोवा में रंगारंग शुभारंभ हो गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को आश्वस्त किया कि सरकार भारतीय फिल्म उद्योग के विकास के लिए और भारत को फिल्म शूटिंग स्थान के रूप में प्रस्तुत करने के लिए अनेक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि भारत और अन्य देशों के बीच संयुक्त फिल्म निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने विभिन्न देशों के साथ समझौते किए हैं।
गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि जिस सफर की शुरूआत आठ साल पहले हुई थी उसके अब सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं, और गोवा सर्वश्रेष्ठ फिल्म गंतव्य के रूप में विकसित हो चुका है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रयासों से इस महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई उंचाईयां मिलेंगी।
सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री उदय कुमार वर्मा ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव नई विषयवस्तुओं को शामिल करके बहुत विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि महोत्सव के माध्यम से वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के प्रसार का पूरा प्रयास किया जाएगा। (PIB) 20-नवंबर-2012 19:51 IST
वि.कासोटिया\अरुण\सुजीत-5421
गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि जिस सफर की शुरूआत आठ साल पहले हुई थी उसके अब सकारात्मक नतीजे सामने आ रहे हैं, और गोवा सर्वश्रेष्ठ फिल्म गंतव्य के रूप में विकसित हो चुका है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रयासों से इस महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई उंचाईयां मिलेंगी।
सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री उदय कुमार वर्मा ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव नई विषयवस्तुओं को शामिल करके बहुत विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि महोत्सव के माध्यम से वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना के प्रसार का पूरा प्रयास किया जाएगा। (PIB) 20-नवंबर-2012 19:51 IST
वि.कासोटिया\अरुण\सुजीत-5421
Friday, October 12, 2012
15 अक्तूबर को डी.सी.दफ़्तर पर धरना-प्रदर्शन
मकसद: बेहतर रिहायशी प्रबंधों के के अधिकार की मांग
पाँच हज़ार से अधिक लोगों के हस्ताक्षरों सहित सौपा जाएगा माँगपत्र
लुधियाना 12 अक्तूबर, 2012:(*विमला सक्करवाल)- लुधियाना के फोकल प्वाइंट फेज़-4 में स्थित मज़दूरों की बस्ती राजीव गांधी कालोनी के लोगों ने बुरी रिहायशी हालतों के प्रति प्रशासन की बेरुख़ी से तंग आकर संघर्ष का रास्ता पकडऩे का ऐलान कर दिया है। राजीव गांधी कालोनी के लोग गलियों पक्की कराने, सीवरेज निकासी के उचित प्रबंध, साफ़-सफ़ाई, साफ़ पानी की नियमित सप्लाई, बिजली सम्बन्धित शिकायतों के निपटारे के उचित प्रबंध समेत अनेकों माँगों के लिए 15 अक्तूबर (सोमवार) को कारख़ाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्व में डी.सी. दफ़्तर, लुधियाना पर सुबह 10 बजे धरना देकर रोष प्रदर्शन करेंगे और पाँच हज़ार से अधिक हस्ताक्षरों वाला माँग पत्र डी.सी. लुधियाना को सौंपा जायेगा। धरने की तैयारियाँ ज़ोर शोर के साथ चल रही हैं। एक पर्चा प्रकाशत किया गया है जो कारख़ाना मज़दूर यूनियन के कार्यकर्ता बस्ती में मज़दूरों के कमरे कमरे जा कर बाँट रहे हैं, उनसे माँग पत्र पर हस्ताक्षर करवा रहे हैं और धरने में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। माँग पत्र पर अब तक 4758 लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं।
कारख़ाना मज़दूर यूनियन के संचालक लखविन्दर ने बताया कि गरीबी की जि़ंदगी काटने पर मजबूर इस कालोनी के निवासियों के रिहायशी हालातों की भयंकरता को शब्दों मेंा बयान कर पाना संभव नहीं है। इस कालोनी के सभी निवासी गरीब मज़दूर हैं। उब्बड़-खाबड़ कच्ची गलियाँ, सीवरेज निकासी की उचित व्यवस्था नहीं, गंदे पखाने, चारों तरफ़ कूड़े-गन्दगी-बदबू -मच्छर-मक्खियों का साम्राज्य, पानी की बेहद कम स्पलाई, पीने के लिए दूषित पानी - यह हालत है मज़दूरों की इस बस्ती की। ऐसी हालत में लोगों की सेहत का हाल क्या होगा इसका अंदाज़ा लगाना कोई कठिन नहीं है। इसके अलावा बिजली महकमे से लोग अलग से दुखी हैं। बिजली की खऱाबी ठीक करवानी हो, बिल ज़्यादा आने की शिकायत हल करवानी हो, नया मीटर लगवाना हो - बिजली विभाग के अधिकारी मज़दूरों से सीधे मुँह बात नहीं करते। गलियों में रात के समय के लिए रौशनी का कोई प्रबंध नहीं है। बिजली की 14000 हाईवोलटेज तारें घरों की छतों के बिलकुल ऊपर से गुजरती हैं जिससे हमेशा हादसें होते रहते हैं। राजीव गांधी कालोनी के आस-पास जीवन नगर, शेरपुर, ग्यासपुरा आदि विशाल गरीब आबादी वाले इलाकों के लिए नज़दीक में कोई सरकारी हस्पताल या डिस्पेंसरी नहीं है। राजीव गांधी कालोनी के मज़दूरों की माँग है कि इलाको में सरकारी हस्पताल खोला जाये। औद्योगिक मज़दूरों के लिए खोली गई ई.एस.आई. डिस्पेंसरी का विस्तार किया जाये। पिछले महीने 30 सितम्बर को कालोनी निवासियों की हुई लोग पंचायत में प्रशासन के खि़लाफ़ संघर्ष छेडऩे के ऐलान के बाद यह फ़ैसला किया गया था कि 15 अक्तूबर को डी. सी. दफ़्तर में हजारों कालोनी निवासियों के हस्ताक्षर करवा कर रोषपूर्ण धरना-प्रदर्शन करके माँग पत्र सौंपा जाये। उन्होंने कहा वैसे तो पंजाब सरकार ने लुधियाना शहर के विकास के लिए 3561 रुपए की परियोजना का ऐलान किया है परन्तु राजीव गांधी कालोनी सहित समेत लुधियाना के अलग-अलग गरीब इलाकों के विकास के लिए सरकार कब कदम उठाएगी? उन्होंने कहा कि लुधियाना की बहुसंख्यक आबादी मज़दूरों की है इसलिए सरकार को सब से अधिक ध्यान उनके जीवन के हालात सुधारने की तरफ देना चाहिए। राजीव गांधी कालोनी के बारे में उन्होंने कहा कि यदि सरकार 3561 करोड़ रुपए का कुछ हिस्सा भी इस कालोनी के विकास पर लगा दे तो कालोनी की कायापलट हो सकती है। लखविन्दर ने कहा कि कारख़ाना मज़दूर यूनियन शहर के सभी इंसाफ़पसंद संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों समेत सभी इंसाफ़पसंद लोगों को उनके समर्थन में आने की अपील करती है।
*विमला सक्करवाल कारख़ाना मज़दूर यूनियन संचालन समिति की सक्रिय सदस्य
सम्पर्क: मकादूर यूनियन,मकादूर पुस्तकालय, राजीव गाँधी कालोनी,
फोकल प्वाइण्ट-4, लुधियाना।
फोन- 96461-50249 15 अक्तूबर को डी.सी.दफ़्तर पर धरना-प्रदर्शन
पाँच हज़ार से अधिक लोगों के हस्ताक्षरों सहित सौपा जाएगा माँगपत्र
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विकास के दावों के बीच देखें...किस तरह जिंदा हैं लोग....कैसे शर्मिंदा हैं लोग ....!
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लुधियाना 12 अक्तूबर, 2012:(*विमला सक्करवाल)- लुधियाना के फोकल प्वाइंट फेज़-4 में स्थित मज़दूरों की बस्ती राजीव गांधी कालोनी के लोगों ने बुरी रिहायशी हालतों के प्रति प्रशासन की बेरुख़ी से तंग आकर संघर्ष का रास्ता पकडऩे का ऐलान कर दिया है। राजीव गांधी कालोनी के लोग गलियों पक्की कराने, सीवरेज निकासी के उचित प्रबंध, साफ़-सफ़ाई, साफ़ पानी की नियमित सप्लाई, बिजली सम्बन्धित शिकायतों के निपटारे के उचित प्रबंध समेत अनेकों माँगों के लिए 15 अक्तूबर (सोमवार) को कारख़ाना मज़दूर यूनियन के नेतृत्व में डी.सी. दफ़्तर, लुधियाना पर सुबह 10 बजे धरना देकर रोष प्रदर्शन करेंगे और पाँच हज़ार से अधिक हस्ताक्षरों वाला माँग पत्र डी.सी. लुधियाना को सौंपा जायेगा। धरने की तैयारियाँ ज़ोर शोर के साथ चल रही हैं। एक पर्चा प्रकाशत किया गया है जो कारख़ाना मज़दूर यूनियन के कार्यकर्ता बस्ती में मज़दूरों के कमरे कमरे जा कर बाँट रहे हैं, उनसे माँग पत्र पर हस्ताक्षर करवा रहे हैं और धरने में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। माँग पत्र पर अब तक 4758 लोगों के हस्ताक्षर हो चुके हैं।
कारख़ाना मज़दूर यूनियन के संचालक लखविन्दर ने बताया कि गरीबी की जि़ंदगी काटने पर मजबूर इस कालोनी के निवासियों के रिहायशी हालातों की भयंकरता को शब्दों मेंा बयान कर पाना संभव नहीं है। इस कालोनी के सभी निवासी गरीब मज़दूर हैं। उब्बड़-खाबड़ कच्ची गलियाँ, सीवरेज निकासी की उचित व्यवस्था नहीं, गंदे पखाने, चारों तरफ़ कूड़े-गन्दगी-बदबू -मच्छर-मक्खियों का साम्राज्य, पानी की बेहद कम स्पलाई, पीने के लिए दूषित पानी - यह हालत है मज़दूरों की इस बस्ती की। ऐसी हालत में लोगों की सेहत का हाल क्या होगा इसका अंदाज़ा लगाना कोई कठिन नहीं है। इसके अलावा बिजली महकमे से लोग अलग से दुखी हैं। बिजली की खऱाबी ठीक करवानी हो, बिल ज़्यादा आने की शिकायत हल करवानी हो, नया मीटर लगवाना हो - बिजली विभाग के अधिकारी मज़दूरों से सीधे मुँह बात नहीं करते। गलियों में रात के समय के लिए रौशनी का कोई प्रबंध नहीं है। बिजली की 14000 हाईवोलटेज तारें घरों की छतों के बिलकुल ऊपर से गुजरती हैं जिससे हमेशा हादसें होते रहते हैं। राजीव गांधी कालोनी के आस-पास जीवन नगर, शेरपुर, ग्यासपुरा आदि विशाल गरीब आबादी वाले इलाकों के लिए नज़दीक में कोई सरकारी हस्पताल या डिस्पेंसरी नहीं है। राजीव गांधी कालोनी के मज़दूरों की माँग है कि इलाको में सरकारी हस्पताल खोला जाये। औद्योगिक मज़दूरों के लिए खोली गई ई.एस.आई. डिस्पेंसरी का विस्तार किया जाये। पिछले महीने 30 सितम्बर को कालोनी निवासियों की हुई लोग पंचायत में प्रशासन के खि़लाफ़ संघर्ष छेडऩे के ऐलान के बाद यह फ़ैसला किया गया था कि 15 अक्तूबर को डी. सी. दफ़्तर में हजारों कालोनी निवासियों के हस्ताक्षर करवा कर रोषपूर्ण धरना-प्रदर्शन करके माँग पत्र सौंपा जाये। उन्होंने कहा वैसे तो पंजाब सरकार ने लुधियाना शहर के विकास के लिए 3561 रुपए की परियोजना का ऐलान किया है परन्तु राजीव गांधी कालोनी सहित समेत लुधियाना के अलग-अलग गरीब इलाकों के विकास के लिए सरकार कब कदम उठाएगी? उन्होंने कहा कि लुधियाना की बहुसंख्यक आबादी मज़दूरों की है इसलिए सरकार को सब से अधिक ध्यान उनके जीवन के हालात सुधारने की तरफ देना चाहिए। राजीव गांधी कालोनी के बारे में उन्होंने कहा कि यदि सरकार 3561 करोड़ रुपए का कुछ हिस्सा भी इस कालोनी के विकास पर लगा दे तो कालोनी की कायापलट हो सकती है। लखविन्दर ने कहा कि कारख़ाना मज़दूर यूनियन शहर के सभी इंसाफ़पसंद संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों समेत सभी इंसाफ़पसंद लोगों को उनके समर्थन में आने की अपील करती है।
*विमला सक्करवाल कारख़ाना मज़दूर यूनियन संचालन समिति की सक्रिय सदस्य
सम्पर्क: मकादूर यूनियन,मकादूर पुस्तकालय, राजीव गाँधी कालोनी,
फोकल प्वाइण्ट-4, लुधियाना।
फोन- 96461-50249 15 अक्तूबर को डी.सी.दफ़्तर पर धरना-प्रदर्शन
Tuesday, October 09, 2012
केबल सेट टॉप बॉक्स द्वारा बिजली की खपत
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने दिया स्पष्टीकरण
पिछले दिनों कुछ समाचारपत्रों में छपा है कि केबल टीवी के डिजिटीकरण से सेट टॉप बॉक्स (एसटीबी) के जरिए बिजली की खपत काफी बढ़ जाएगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस बारे में स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया है कि यह खबर गलत है कि एसटीबी की बिजली की खपत 20 वाट है। मल्टी सिस्टम और स्थानीय केबल ऑपरेटरों द्वारा एसटीबी के कई तरह के मेक और मॉडल सप्लाई किए जाते हैं। अलग-अलग किस्मों के केबल एसटीबी की बिजली की खपत के आंकड़े नीचे तालिका में दिए गए हैं, जिनसे पता चलता है केबल एसटीबी इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता करीब आठ वाट बिजली खर्च करते हैं, जो सीएफएल की खपत से भी कम है।
तालिका 1- विभिन्न मेकों के केबल एसटीबी की बिजली खपत की दरें
एसटीबी मेक एवं मॉडल
|
बिजली खपत (वाट)
| |
चालू स्थिति
|
प्रतीक्षा स्थिति
| |
डेन एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स
| ||
स्काईवर्थ 7000
|
8
|
7
|
स्काईवर्थ 7600
|
8
|
7
|
स्काईवर्थ 7631
|
8
|
7
|
डिजिकेबल
| ||
इंडियोन एलडीसीए 1000
|
5.4
|
4.5
|
चांगहोंग C8899C0
|
7.5
|
6.9
|
स्काईवर्थ C371N EN
|
10
|
8
|
आईएमसीएल
| ||
एसडी एसटीबी
|
12
|
10
|
मॉयबॉक्स
|
7.5
|
6.9
|
हैथवे डेटाकॉम
| ||
स्काईवर्थ 9000
|
8
|
7
|
हुमा एनडी-1200C
|
15
|
5
|
डब्ल्यूडब्ल्यूआईएल
| ||
हेंडोन 1002C
|
6.5
|
5.8
|
हेंडोन 1041C
|
6.5
|
5.8
|
एरियोन 5012S
|
7.5
|
6.9
|
चांगहोंग C8899C0
|
7.5
|
6.9
|
मॉयबॉक्स
|
7.5
|
6.9
|
स्रोतः विनिर्माताओं के उत्पादों के विवरण से प्राप्त
विभिन्न घरेलू बिजली उपकरणों द्वारा बिजली की खपत की दरें नीचे तालिका 2 में दर्शायी गई हैं।
तालिका 2- विभिन्न मेकों के केबल एसटीबी की बिजली खपत की दरें
उपभोक्ता उपकरण
|
मॉडल
|
बिजली खपत (वॉट)
|
फ्रिज
|
210 लीटर
|
270
|
कूलर (डेजर्ट)
|
बजाज DC 2012
|
200
|
टेलीविजन
|
सोनी KV-SZ292M88 CRT - 29”
|
138
|
टेलीविजन
|
एलजी 14D7RBA CRT
|
80
|
टेलीविजन
|
सोनी KLV 20S400A LCD
|
60
|
टेलीविजन
|
सोनी KDL 26EX550 LCD
|
50
|
पंखा
|
क्रॉम्पटन ग्रीव्ज – 56”
|
80
|
पंखा
|
ओरियंट 32 – टेबल पंखा
|
70
|
पीसी (कंप्यूटर)
|
एचपी V185E
|
60
|
पीसी (कंप्यूटर)
|
मॉनीटर – 17”
|
80
|
लाइट
|
बल्ब इनकेंडिसेंट
|
100
|
डीवीडी प्लेयर
|
सोनी BDP S350
|
26
|
लाइट
|
फ्लोरेसेंट ट्यूब
|
50
|
लाइट
|
सीएफएल
|
10
|
एसटीबी
|
केबल टीवी के लिए औसत
|
8
|
स्रोतः विनिर्माताओं के उत्पादों और एनपीसीएल की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण
जैसा कि उपरोक्त तालिका से पता चलता है कि टेलीविजन,पंखें और ट्यूबलाइटें 60-60 वाट की बिजली की खपत करती हैं,जबकि एसटीबी की खपत 8 वाट है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति एक घंटे तक टेलीविजन देखता है और एक कमरे मे एक पंखा और एक ट्यूबलाइट भी चलाता है तो इन उपकरणों द्वारा एक घंटे में बिजली की खपत एसटीबी की खपत से ज्यादा होगी, चाहे उसे 24 घंटे तक क्यों न चलाया जाए। दूसरे शब्दों में एसटीबी की खपत 1 दिन में 1/5 यूनिट है जबकि एक पंखे, एक टेलीविजन और एक ट्यूबलाइट की खपत 1.5 यूनिट है। इसी प्रकार घरेलू फ्रिज की खपत रोजाना औसतन 4-5 यूनिट है, जो एसटीबी की एक दिन की खपत के 20 गुना से भी ज्यादा है। इस प्रकार केबल एसटीबी की खपत महीने में 5-6 यूनिट बैठती है और अन्य बिजली उपकरणों के मुकाबले बहुत मामूली है।
डिजिटिकरण से उपभोक्ताओं को तस्वीर और आवाज की बेहतर क्वालिटी मिलेगी और चैनल चुनने की आजादी होगी। फिल्म और गेम आदि भी अपनी पसंद के मांगे जा सकेंगे और यह सब बिजली की मामूली खपत पर ही उपलब्ध होंगे।
आमतौर पर घरों में एसटीबी स्विच ऑफ नहीं किए जाते है। जब टीवी नहीं देखा जा रहा होता, तब भी एसटीबी को प्रतीक्षा स्थिति में रखा जाता है, ताकि ऑफ होने के बाद एसटीबी को फिर से शुरू करने में और समय न लगे। प्रतीक्षा स्थिति में एसटीबी के ऑन रहने के बिजली की खपत और भी कम होती है।(PIB) (08-अक्टूबर-2012 15:17 IST)
मीणा/राजगोपाल/अर्जुन- 4825
Monday, October 08, 2012
राष्ट्रिय विकास मंच ने किया एक और अहम एलान
गाँधी जी की विचारधारा को घर घर ले जाने का संकल्प
महात्मा गाँधी का नाम और विचारधारा उनकी शहादत के बाद लगातार और जोर पकडती जा रही है। तेज़ी से से प्रासंगिक हो रहे गाँधी जी के विचार एक बार फिर युवायों को आकर्षित कर रहे हैं। उनके समर्थकों की सख्या भी बढ़ रही है और विरोधियों की भी। चर्चा उनक समर्थक भी उनके विचारों की करते हैं और उनके विरोधी भी। हालत यह है की गाँधी जी का विरोध करने वाले भी उनकी हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे को सीधे सीधे नायक कहने की हालत में नहीं हैं। गत दिनों एक स्कूली छात्रा ने आरती आई के ज़रिये प्रधानमन्त्री कार्यालय से एक सवाल पूछा कि महात्मा गाँधी को बापू गाँधी की उपाधि या नाम किस ने और कब दिया। इस सवाल का जवाब न तो प्रधानमंत्री कार्यालय ने दिया और न ही गृह मन्त्रालय ने। आखिर इस बच्ची की तस्वीर, उसका सवाल और सरकार का इस पर टालमटोल का जवाब सब कुछ फेसबुक पर आ गया। राष्ट्र के बापू केसाथ यह कैसा मजाक ? जिस नमक आन्दोलन बापू ने सारी दुनिया हिला दी वही नमक देश में आजादी आ जाने के बाद महंगे भाव पर बिकने लगा। जिस स्वदेशी के नारे ने अँगरेज़ साम्राज्य की नींव हिला दी थी आजादी आ जाने के बाद आज उसी स्वदेशी की नीति को पांवों तले कुचल कर विदेशी कम्पनियों को घुटने टेक कर निमंत्रित किया जा रहा है की आईये और हमें लूटिये। देश के बापू के साथ यह कैसा खिलवाड़ ? सीधे विदेशी निवेश जको एक आवश्यक मुख्य नीती के तौर पर अपना लिया गया है। आज समझ आने लगा है की गाँधी जी ने आजादी आने के बाद कांग्रेस को भंग करने की बात क्यूं कही थी? महात्मा गाँधी का नाम लेने वाले लोग ही गाँधी जी के सपनों को धुल में मिला रहे हैं। हमारा संविधान जिस विचार, नीति और भावना की बात करता है हमारे कदम उस सब के पूरी तरह विपरीत जा रहे हैं। किसी भी तरह नहीं लगता कि यह गाँधी जे के सपनों या विचारों की आजादी है !
हालात लगातार नाज़ुक हो रहे हैं। अमन, शांति और सदभावना के पुजारी महात्मा गाँधी को बापू कहने वाले देश में हत्या, साड्फूंक, खूनखराबा, लूटमार, बेईमानी, बलात्कार, भ्रूण हत्या, शोषण, बेरोज़गारी, छूयाछात जैसे कलंक एक आम बात हो चुकी है। इन अत्यंत गंभीर हालात में राष्ट्रीय विकास मंच ने एक संकल्प लिया है गाँधी जी के विचारों को घर घर तक लेजाने का। इसकी औपचारिक शुरूआत की गयी दो अक्टूबर गाँधी जयंती के दिन। पहले दो छोटे छोटे से कार्यक्रम हुए लुधियाना के गोलबाग में, इसके बाद रखबाग और फिर 1 बजे गाँधी धाम पर हुआ मुख्य समारोह। गुरिंदर सूद, निर्दोष भारद्वाज, हरजीत सिंह नंदा और रवि सोई के मार्गदर्शन और संचालन में संकल्प लिया गया की वे सभी मिल कर छूआछात, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार और देश में बढ़ रहे विदेशी के चलन का दत कर विरोध किया जायेगा। ਇਹਨਾਂ ਅੱਤ ਦੇ ਗੰਭੀਰ ਹਾਲਾਤਾਂ ਵਿੱਚ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਵਿਕਾਸ ਮੰਚ ਨੇ ਇੱਕ ਵਾਰ ਫੇਰ ਮਹਾਤਮਾ ਗਾਂਧੀ ਦੇ ਫਲਸਫੇ ਨੂੰ ਘਰ ਘਰ ਤੱਕ ਲਿਜਾਣ ਦਾ ਬੀੜਾ ਚੁੱਕਿਆ ਹੈ। दो अक्टूबर 2012 को शुरू हुआ यह अभियान 30 जनवरी तक जरी रहेगा। इस अभियान के अंतर्गत 13 अक्टूबर 2012 को बापू गाँधी का श्राद्ध भी किया जायेगा। गौरतलब है कि बापू के श्राद्ध का आयोजन किसी भी विचार्धार्क सन्गठन की और से शायद पहली बार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है की 13 अक्टूबर 1948 के दिन को ही बापू गाँधी की अस्थियों का विसर्जन भी हुआ था। इस श्राद्ध में भाग लेने के इच्छुक नीचे दिए गए नम्बरों पर सम्पर्क भी कर सकते हैं।
गुरिंदर सूद: +91 98881 23786
रवि राज सोई: +91 98884 92198
ਨਿਰਦੋਸ਼ ਭਾਰਦਵਾਜ : +91 99884 03850
नीचे दिए गए दो पंजाबी लिंक भी देखें:
1*ਗਾਂਧੀਵਾਦ ਅੱਜ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿਚ–ਮੋਹਿਤ ਸੇਨ
13 अक्टूबर को होगा लुधियाना में बापू गाँधी का श्राद्ध
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संकल्प लेते राष्ट्रिय विकास मंच के सदस्य और अन्य लोग |
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राष्ट्रीय विकास मंच के आयोजन की एक यादगारी तस्वीर |
गुरिंदर सूद: +91 98881 23786
रवि राज सोई: +91 98884 92198
ਨਿਰਦੋਸ਼ ਭਾਰਦਵਾਜ : +91 99884 03850
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1*ਗਾਂਧੀਵਾਦ ਅੱਜ ਦੇ ਸਮੇਂ ਵਿਚ–ਮੋਹਿਤ ਸੇਨ
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