Friday, February 09, 2024

सिखों व मुसलामों की इतिहासिक सांझ एक अनमोल दस्तावेज

 Friday 9th February 2024 at 17:34 PM

डा. डीएन कोटनीस एक्यूपंचर अस्पताल में हुआ विमोचन 


लुधियाना: 9 फरवरी 2024: (शीबा सिंह//पंजाब स्क्रीन)::

आज डा. डीएन कोटनीस एक्यूपंचर अस्पताल सलेम टाबरी लुधियाना में प्रसिद्ध लेखक एवं सिखों व मुसलामों की इतिहासिक सांझ एक अनमोल दस्तावेज किया गया। जिसे तखत श्री पटना साहब से जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह, शाही इमाम पंजाब जनाब मुहम्मद उस्मान, गुरूद्वाना श्री दुख निवारण साहिब से मुखय सेवादार सरदार प्रितपाल सिंह पाली, एमएलए मदन लाल बगगा, एमएलए श्रीमति राजिंदर पाल कौर छिन्ना, पूर्व आईजी स. इकबाल सिंह गिल आईपीएस,, सरबत दा भल्ला से जसवंत सिंह छापा, डा. कोटनीस अस्पताल के डायरेक्टर डा. इंद्रजीत सिंह द्वारा अपने कर कमलों से किया गया। इस अवसर पर डा. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इस पुस्तक के साथ इंटरनेशल खयाति हासिल लेखक अली राजपुरा स्टेट अवार्डी ने पंजाबी साहित की अमीर विरासत में और वृद्दि की है। इससे पहले भी अली राजुपरा द्वारा लोक कथाओं का बादशाह कुलदीप माणक, कविशर जोगा सिंह जोगी, पंजाबी गायकी के सात समुंद्र, गदर इतिहास, कलप दीआं रूहां, मेर अंग संग, वड्‌डा घल्लुघारा, शहीदी साका आदि लिखी है जिन्हें पाठक वर्ग की ओर से भारी समर्थन मिल चुका है। मालूम रहे कि वड्‌डा घल्लुघारा शहीदी साका किताब शिरामणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी एसजीपीसी द्वारा प्रमाणित है। इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा क अली राजपुरा की किताबों को शोधकर्ता स्टूडेंट अपने शोध स्टडी कामों के लिए इस्तेमाल करते है।

वक्ताओं ने कहा कि आज रिलीज की गई किताब सिखों व मुसलामों की इतिहासिक सांझ एक अनमोल दस्तावेज है। जिसकों लिखने के लए अली राजपुरा ने करीब चार साल शोध किया।

इस अवसर पर सरदार इकबाल सिंह गिल आईपीएस द्वारा दिए गए योगदान का विशेष उल्लेख किया गया।

इस अवसर पर शाही इमाम पंजाब मुहम्मद उस्मान ने कहा कि इस किताब में अली जी ने बेहद सुंदर शब्दों में सिख इतिहास में भाईचारिक सांझ को पाठकों व समूह संगत के सामने लाया गया है। इस किताब में श्री गुरू नासनक देव जी के जीवन काल से लेकर दशम पिता श्री गुरू गोबिंद सिंह जी तक का जिक्र किया गया। अली राजपुरा ने कहा कि मुझे सिखों व मुसलमानों किे आपी सांझ प्रेम के जो प्रमाण मिले उसे तथ्यों के आधार पर पेश करने की कोशिश की गई है। एमएलएज चौधरी मदन लाल बग्गा व राजिंदर पाल कौर छिन्ना ने कहा कि वह इस किताब के लिए युवा लेखक अली राजपुरा को अपनी शुभकामनाएं व बधाई देते है। 

गुरूद्वारा श्री दुख निवारण साहब के मुख्य सेवादार प्रितपाल सिंह पाली ने कहा कि अली राजुपरा सिख इतिहास के उन पक्षों को उजागर कर रहा है, जिनके बारे में वर्तमान समय में लिखा जाना जरूरी है। इस किताब में सिखों व मुसलमानों की आपसी सांझ का बहुत सुंदर ढंग से जिक्र किया गया है। 

सरबत दा भला के जसवंत सिंह छापा ने कहा कि वह अली राजपुरा को मुबारकबाद देते है तथा अरदास करते है कि वह यूं ही सिख कौम की सेवा करते रहे। 

समाजिक सुधार प्रमुख सरदार वरिंदर टिवाणा, केके बावा व कर्नल एचएस काहलों ने कहा कि यह किताब आपसी भाईचारे व समाजिक सद्भाव का संदेश देती है। इस अवसर पर फिल्म अदाकारा सरबजीत कौर मांगट, गगनदीप सिंह, गुरू साहब खालसा एड लुधियाना, लेखिका इंद्रजीत कौर, कवंल वालिया, अनत गिल, जगदीश सिडाना, डा. रघवीर सिंह, अश्वनी वर्मा, मनीष, गगन भाटिया, रेशम नत्त आदि उपस्थित रहे। 

इससे पहले अस्पताल की प्रबंधक कमेटी के जगदीश सिडाना, अश्वनी वर्मा, आनंद तायल ने मुख्य मेहमानों को फुलों के बुके देकर स्वागत किया गया।

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