Friday 9th February 2024 at 4:29 PM
डॉ. रजनीश कपूर ने बताए कुछ गहन रहस्य
“ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टीएवीआर) प्रोसीजर एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस के इलाज में अत्यधिक प्रभावी साबित हुई है। टीएवीआर ने एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस के इलाज में लगातार उच्च सफलता दर का प्रदर्शन किया है।
गुरुवार को यहां एक होटल में टीएवीआर पर एक सीएमई को संबोधित करते हुए, पंजाब रतन अवार्ड से सम्मानित सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रजनीश कपूर ने कहा, “अध्ययन और क्लिनिकल ट्रायल्स के अनुसार, टीएवीआर के लिए प्रोसीजर सफलता दर 95% से अधिक है। यह उच्च सफलता दर टीएवीआर टैकनोलजी में एडवांसमेंट के कारण है, जिसमें बेहतर वाल्व डिजाइन, उन्नत इमेजिंग और परिष्कृत डिलीवरी सिस्टम शामिल हैं।"
टीएवीआर से जुड़ी डेथ रेट पर उन्होंने कहा कि टीएवीआर में पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में खासकर उच्च जोखिम वाले रोगियों में कम डेथ रेट पाया गया है, अध्ययनों से लगातार पता चला है कि कुछ मामलों में टीएवीआर ने बेहतर परिणाम प्रदर्शित किए हैं।
मेदांता अस्पताल में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के चेयरमैन डॉ. रजनीश कपूर ने बताया कि जो मरीज टीएवीआर से गुजरते हैं, उन्हें एओर्टिक वाल्व स्टेनोसिस से जुड़े लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार का अनुभव होता है।
सांस की तकलीफ, थकान और सीने में दर्द, जो इस स्थिति के सामान्य लक्षण हैं, प्रोसीजर के बाद कम हो जाते हैं। डॉ. कपूर ने कहा कि टीएवीआर के माध्यम से उचित रक्त प्रवाह को बहाल करने और हृदय की कार्यप्रणाली में सुधार करने से मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है।
उन्होंने आगे कहा कि टीएवीआर के फायदों में से एक ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में अस्पताल में कम स्टे होता है।उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में टीएवीआर में प्रोसीजर के बाद कम जटिलताएं होती हैं।
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