8th April 2022 at 7:34 PM
अपराध को रोकने के लिए सख़्त कार्यवाही ज़रूरी
चंडीगढ़: 8 अप्रैल 2022: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
गैंग्स्टरों के साथ किसी भी तरह का लिहाज़ न बरतने का आदेश देते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत मान ने आज एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए.जी.टी.एफ.) को राज्य में से गैंग्स्टरों का बिल्कुल सफाया करने के लिए कहा जिससे लोगों का कानून और व्यवस्था में भरोसा कायम किया जा सके।
आज बाद दोपहर सी.एम.आर. में डीजीपी वी. के. भावरा के नेतृत्व में नयी गठित ए.जी.टी.एफ. टीम के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये स. भगवंत मान ने राज्य में से गैंगस्टरवाद के ख़ात्मे के लिए अपनी सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराया जो कि पंजाब जैसे शांत राज्य के लिए कलंक है। उन्होंने आगे कहा कि ए.जी.टी.एफ. को ज़रुरी मानवीय संसाधन, अत्याधुनिक प्रौद्यौगिकी, वाहनों और ज़रुरी फंडों के साथ पूरी तरह सशक्त किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पंजाब के तीन करोड़ लोगों को सुरक्षा प्रदान करना उनकी ज़िम्मेदारी है और वह इस मामले में उनका मनोबल ऊँचा उठाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।’’ स. भगवंत मान ने अधिकारियों को कहा कि वह बिना किसी डर या पक्षपात के पूरी ईमानदारी और पेशेवर वचनबद्धता के साथ अपनी ड्यूटी निभाएं। उन्होंने ए.जी.टी.एफ. टीम के अधिकारियों को अपनी ड्यूटी को कुशल और सही ढंग से निभाने के लिए हर संभव मदद का भरोसा देते हुये कहा कि वह राज्य में से गैंगस्टरों को ख़त्म करने की इस बड़ी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह समर्थ हैं।
उन्होंने ए.जी.टी.एफ. को राज्य भर के 361 पुलिस थानों की तरफ से दी जाने वाली सेवाओं के इलावा मोहाली, अमृतसर और फाजिल्का में स्टेट स्पैशल आप्रेशन सैलज़ (एस.एस.ओ.सीज़.) की सेवाओं का प्रयोग करने के लिए भी अधिकारित किया।
उन्होंने ए.जी.टी.एफ. के प्रमुख को एक हफ़्ते के अंदर इस फोर्स की भूमिका, कामों और जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निर्धारित करने के लिए स्टैंडिंग आर्डर (एस.ओ.) तैयार करने के लिए भी कहा। इसके साथ ही भगवंत मान ने गैंगस्टरों की तरफ से बड़े स्तर पर फैलायी दहशत को रोकने के लिए तालमेल और प्रभावी कार्यवाही को यकीनी बनाने के लिए अंतरराज्यीय तालमेल के लिए यत्न तेज करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।
मीटिंग में अन्यों के अलावा मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए.वेणू प्रसाद, प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा, डी.जी.पी. वी. के. भावरा, ए.डी.जी.पी. (ए.जी.टी.एफ.) प्रमोद बाण, ए.आई.जी. (ए.जी.टी.एफ.) गुरमीत सिंह चौहान, डी.आई.जी. (ए.जी.टी.एफ.) गुरप्रीत सिंह भुल्लर और डी.एस.पी. (एजीटीएफ) बिक्रमजीत सिंह बराड़ उपस्थित थे।
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