Monday, October 12, 2020

हम हर जवाब देने में सक्षम हैं-भाजपा की कांग्रेस को दो टूक

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पर हमले के विरोध में धरना


*भाजपा को नजरअंदाज़ करने की भूल न करें कांग्रेसी

 *कांग्रेसियों द्वारा राजनीतिक सजिश के तहत किया गया हमला 

 *प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा पर हुए हमले की भाजपा ने की ज़ोरदार निंदा 

*सुनील मोदगिल ने सख्त भाषा में किया हमले का विरोध 

 *डीसी कार्यालय के समक्ष दो घंटे तक चला जोशीला धरना 

लुधियाना: 13 अक्तूबर 2020: (प्रदीप शर्मा//पंजाब स्क्रीन//अन्य टीम सदस्य)::

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा पर जालंधर में आयोजित कार्यक्रम से लौटने दौरान हुए हमले का मामला गरमा गया है। यह हमला जालंधर-पठानकोट राजमार्ग पर पड़ने वाले चौलांग टोल प्लाजा पर हुआ था। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का आरोप है कि यह हमला वास्तव में "कांग्रेसी गुंडों" द्वारा राजनीतिक साजिश के तहत योजनाबद्ध तरीके से किया गया। इस जानलेवा हमले की भाजपा पुरजोर निंदा करती है। इस कातिलाना हमले के विरोध में पूरे प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा जिला-स्तरीय धरने प्रदर्शन किये गए। इसी कड़ी में जिला लुधियाना के भाजपा धरने में भी जोशो खरोश देखा गया। लुधियाना जिला डीसी कार्यालय के समक्ष सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और इसे कैप्टन का गुंडाराज बताया। इस राज में गुंडागर्दी आम होने का आरोप लगाते हुए भाजपा वालों ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस धरने कीअध्यक्षता भाजपा की जिला इकाई के कार्यवाहक अध्यक्ष सुनील मौदगिल ने की और धरने को सग्फल बना कर दिखाया। 

सुनील मोदगिल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा उनके नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने तथा जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे नीच हथकंडों पर उतरी आई है जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। पहले युवा कांग्रेसी गुंडों ने अमृतसर व लुधियाना के भाजपा कार्यालयों में जबरन घुस कर "गुंडागर्दी का नंगा नाच" किया लेकिन पुलिस ने इन "कांग्रेसी गुंडों" के विरुद्ध किसी भी तरह का कोई कारवाई नहीं की और मूकदर्शक बन यह सब कुछ तमाशा देखती रही। रोज़ाना प्रदेश में कहीं न कहीं भाजपा कार्यकर्ताओं को धमकाया जा रहा है और उन पर झूठे मामले दर्ज किये जा रहे हैं।  

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का तो शुरू से ही इतिहास रहा है कि “फूट डालो और राज करो”।  उन्होंने अपना आरोप दोहराया कि कांग्रेस अपना शासन गुंडागर्दी के दम पर चलाती रही है। आज जब कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा पंजाब कांग्रेस का प्रदेश की जनता में विश्वास खत्म हो चुका है तो यह लोग अपना वर्चस्व बचाने के लिए नीच राजनीति पर उतर आए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के शांतमय और भाईचारे वाले माहौल को दोज़ख की आग में झौंकना चाहते हैं लेकिन भाजपा कैप्टन अमरिंदर सिंह व कांग्रेस के ऐसे हथकंडों को कभी भी कामयाब नहीं होने देगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पर हुए कातिलाना हमले को भाजपा कभी बर्दाश्त नहीं करेगी और इसी के चलते भाजपा कार्यकर्त्ता आज सडकों पर उतरे हैं। काग्रेस अगर अपनी ऐसी ओच्छी हरकतों से बाज़ नहीं आई तो भाजपा कार्यकर्ता इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। कांग्रेस को समझलेना चाहिए कि कांग्रेस की ऐसी ओछी हरकतों का जवाब देने के लिए हम हर पल हर तरह से तैयार है। 

इस धरने प्रदर्शन में पंजाब भाजपा के पूर्व अध्यक्ष प्रो.राजेंद्र भंडारी, पंजाब के महामंत्री जीवन गुप्ता, उपाध्यक्ष परवीन, बीएनएस खजांची गुरदेव शर्मा देबी, सह खजांची रवीन्द्र अरोड़ा, प्रवक्ता अनिल सरीन, एस सी मोर्चा के अध्यक्ष राज कुमार अटवाल, रमेश शर्मा, महिला मोर्चा की अध्यक्ष मनिंदर कौर घुम्मन,रवि बाली,इंड्रस्ट्रीज सेल के प्रधान दिनेश सरपाल,राकेश कपूर, पार्षद सुरेन्द्र अटवाल, यशपाल चौधरी, ओ पी रतडा, इन्द्र अग्रवाल,डॉ डी पी खोसला,राजिंदर खतरी,भाजपा जिला महामंत्री राम गुप्ता, कातेंदू शर्मा, उपाध्यक्ष योगेन्द्र मकोल,यशपाल जानोत्रा, राजेश्वरी गोसाई,अश्वनी बहल,महेश शर्मा,आर डी शर्मा,हर्ष शर्मा, नवल जैन,संजय गोसाई, विकी सहोता,भूषण बंसल, सुधा खन्ना, हरमन कौर, संतोष अरोड़ा, कविता, रवि बाहरी, लक्की शर्मा, धर्मेन्द्र शर्मा, सुभाष डावर, सुमित टंडन, नीरज वर्मा,बलबीर कमोडर, जतिंदर गोरिया, मण्डल प्रधानों में शिवराम गुप्ता, रोमी मलहोत्रा, जसदेव तिवारी, पंकज शर्मा, सोड़ी, दमन कपूर, गुरप्रीत राजू, डॉ परमजीत, वरुण गोयल, सूखजीव बेदी आदि मौजूद रहे।बाद दोपहर दो बजे सख्त गर्मी में शुरू हुआ यह धरना शाम तक जारी रहा। इसमें महिला वर्ग की शमूलियत भी देखने वाली थी। भाजपा के सिख्ख सदस्य भी बहुत बड़ी संख्या में नारे लगाते नज़र आये। 

लगता है कि आने वाले कुछ दिनों में ही यह भाजपा और कांग्रेस का "यह टकराव" गंभीर होते होते शायद किसानों के मुद्दे से ज़्यादा गरमा जाए। 

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