4th Mar 2020 at 4:02 PM
कलाकारों के आने से भरा सीएए के खिलाफ आंदोलन में नया जोश
लुधियाना: 4 मार्च 2020: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो//सहयोग पीपुल्स मीडिया लिंक)::
शहीन बाग प्रदर्शन के आज 22वें दिन बस्ती जोधेवाल नजदीक कबीर नगर से हकीम मुहम्मद इस्राफिल, हाजी बशीर, हाजी सागुल, सदरे आलम, मुहम्मद जाबिर, मुहम्मद अबुल रब, मुहम्मद निसार की अध्यक्षता मेंं बड़ी संख्या में लोगों का जत्था पहुंचा। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा नागरिकता कानून बनाए जाने के बाद लगातार देशभर में शाहीन बाग आंदोलन चल रहा है जहां से रोज अलग-अलग धर्मों और संस्थाओं के लोग अपने अपने तौर तरीकों से विरोध दर्ज करवा रहे हैं।
आज यहां शाहीन बाग में प्रगति कला केंद्र लांदडा फिल्लौर की तरफ की तरफ से एक नाटक का मंचन कर के मोदी सरकार की पोल खोली गई। नाटक मंडली के प्रधान राणा सोढ़ी और सिमरन क्रांति की टीम ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून पर कटाक्ष करते हुए 1 घंटे का नुकड नाटक पेश किया जिसमें कलाकारों ने पागलों के किरदार में राजनीति और समाज में फैली हुई बुराइयों पर कटाक्ष किया।
नाटक मंचन में अमृता क्रांति, जसप्रीत कुमार, रविंदरा प्रकाश भारतीय, इशमीत, सोनिया, गगनदीप, अजीत कुमार, गरीब दास, चंद्रप्रकाश आदि ने अभिनय किया। आज शाहीन बाग में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के रिसर्च के विद्यार्थी रविंदरा प्रकाश भारतीय ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ देश भर के लोगों के साथ खिलवाड़ नहीं कर रही बल्कि माननीय प्रधानमंत्री जी अपने संसदीय क्षेत्र में भी साल के 365 दिन धारा 144 लगवा कर रखते हैं, ताकि कोई भी संस्था या व्यक्ति सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ना करें। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र को दबाने की कोशिश है जो कि देश के संविधान के खिलाफ है।
भारतीय ने कहा कि धर्म के नाम पर नागरिकता देने वाली भाजपा सरकार को शायद पता नहीं कि देश में शरणार्थियों को पहले से ही नागरिकता मिलती आ रही है। उन्होंने कहा कि जिस देश को 2020 में हर व्यक्ति को रोजगार देने की बात कही गई थी वहां रोजगार कि बजाए लोग दंगों का सामना कर रहे है। इस काले कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन में अब तक पचास के करीब लोगों की हत्या एक ऐसा घाव है जो लंबे समय तक याद रखा जाएगा। प्रकाश भारतीय ने कहा कि मोदी सरकार में बैठे हुए लोग यह समझ रहे हैं कि सरकारी तंत्र और बल के द्वारा इस आंदोलन को दबाया जा सकता है यह उनकी बहुत बड़ी भूल है। अब तक हुए प्रमुख आंदोलनों को कोई एक देश तो क्या विश्व की कोई भी सरकार दबा नहीं सकी है। उन्होंने कहा कि एन.आर.सी. और एन.पी.आर. देशभर के लोगों के साथ किया जाने वाला सरकारी धोखा है, अगर यह अमल में आया तो देशभर के सभी धर्मों के लोग एक दफा चौंक जाएंगे। बेचैनी पैदा होगी उसको संभालना सरकार के बस में नहीं होगा।
प्रकाश भारतीय ने कहा कि देश भर में शाहीन बाग आंदोलनों का विरोध सिर्फ और सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ता कर रहे हैं इसे किसी भी धर्म के साथ जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए यह देश के संविधान को बचाने के लिए आंदोलन है। आज नेशनल हुमन राइट कमेटी के विजय कुमार, प्रोफेसर हरदयाल सिंह, मुहम्मद मुस्तकीम अहरार, प्रधान डॉ. अब्दुल रहमान कुंदनपुरी ने संबोधन किया।
आंदोलन जारी बढ़ रहा है लेकिन अब देखना है कि लुधियाना का शाहीन बाग़ आंदोलन कौन सा नया रुख अख्तियार करता है क्यूंकि पंजाब सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख का ऐलान नहीं किया है। अप्रैल महीने में शुरू होने वाले एनपीआर अभियान में राज्य सरकार के कर्मचारी भाग लेंगें या नहीं? अभी तक इस सवाल को लेकर पंजाब सरकार का स्पष्ट रंग सामने नहीं आया। इसी बीच लुधियाना का शाहीन बाग़ आंदोलन पूरे जोश के साथ जारी है।
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