Mon, Jan 29, 2018 at 5:00 PM
ज़िला प्रशासन की जनविरोधी रोक के खिलाफ हुई विशेष बैठक
लुधियाना: 29 जनवरी 2018: (पंजाब स्क्रीन टीम)::
कभी किसी शायर ने बहुत पहले कहा था। शायद शाद लखनवी साहिब ने कि
न तड़पने की इजाज़त है न फ़रियाद की है
घुट के मर जाऊँ ये मर्ज़ी मिरे सय्याद की है
घुट के मर जाऊँ ये मर्ज़ी मिरे सय्याद की है
कुछ इसी तरह के हालात बनाये जा रहे हैं आज के इस आधुनिक दौर में उन लोगों के लिए जो अपना दर्द सरकार के दरबार तक पहुंचाना चाहते हैं। इसका बरसों पुराना ढंग तरीका यही है कि शांतमयी ढंग से अपना रोष व्यक्त किया जाये। रोष व्यक्त करने वाले लोग जिले में सरकार के प्रमुख प्रतिनिधि अर्थात डिप्टी कमिश्नर को देते हैं या जिला पुलिस प्रमुख। लुधियाना में इन दोनों के कार्यालय लघु सचिवालय अर्थात में साथी हैं। इस कम्प्लेक्स को नयी कचहरी के तौर पर भी जाना जाता है। शायद ही कोई दिन हो जब यहाँ कोई कोई संगठन अपना रोष व्यक्त करने न आता हो। लुधियाना जिला प्रशासन इसको लेकर नाराज़ लग रहा है।
लुधियाना प्रशासन द्धारा अनिश्चितकालीन तौर पर धारा 144 लगाकर धरना-प्रदर्शनों-हड़तालों पर लगाई पक्की रोक और सरकार के काले कानूनों के खिलाफ़ 70 से अधिक जनवादी जनसंगठनों द्धारा डीसी कार्यालय पर होने वाले विशाल रोष प्रदर्शन की तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं।
इस सम्बन्धी आज तालमेल कमेटी की मीटिंग बीबी अमर कौर मैमोरियल लाईब्रेरी हाल में हुई। मीटिंग के बाद जारी ब्यान के जरिए संगठनों ने लोगों को जनआवाज़ कुचलने के लिए लुधियाना प्रशासन/सरकार द्धारा लागू तानाशाह फरमान/काले कानूनों के खिलाफ बड़ी से बड़ी संख्या में रोष प्रदर्शन में पहुँचने की अपील की है। डीसी कार्यालय पर प्रदर्शन से पहले शहीद करतार सिंह सराभा पार्क (भाई बाला चौंक) में रैली की जाएगी। वहाँ से पैदल मार्च करके डीसी कार्यालय पहुँचकर प्रदर्शन करके मांग पत्र दिया जाएगा।
इन संगठनों ने कासगंज में हिन्दुत्वी कट्टरपंथिओँ की तरफ से मुस्लिम भाईचारे पर किए गए कातिलाना हमले, अगजनी, हिंसा, उल्टा मुस्लमानों को ही दोषी ठहराए जाने के साम्प्रदायिक प्रचार, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हिन्दुत्वी कट्टरपंथियों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई न करने की सख्त शब्दों में निन्दा की है।
इस अभियान से जुड़ने के लिए आप अरुण कुमार से भी सम्पर्क कर सकते हैं 9646150249 पर
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