Monday, August 07, 2017

माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी लुधियाना चैप्टर का विमोचन


प्रजीत सचदेव ने उठाया बुड्डा नाला की जर्जर दशा का मुद्दा 
लुधियाना: 6 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के सरंक्षण प्रकल्प के अंतर्गत लुधियाना शहर में चलाई गई मुहिम ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी’ के ढाई वर्ष पूरे होने पर संस्थान ने इसे और आगे बढ़ाया। इस संबंध में एक विशिष्ट पैनल चर्चा के रूप में ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी लुधियाना चैप्टर’ नामक विशेष पुस्तक का विमोचन समारोह होटल पार्क प्लाजा लुधियाना में 6 अगस्त 2017 को आयोजित किया। 
इस मौके विशिष्ठ अतिथियों के रूप में मुख्यातिथि श्री नरेंद्र सिंह तोमर, माननीय केंद्रीय कैबिनट मंत्री ग्रामीण विकास और पंचायती राज, शहरी विकास, अवास और शहरी गरीबी उन्नमूलन, अतिथियों का सम्मान श्री विजय सांपला, माननीय केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री, विशेष अतिथि श्री प्रजीत सचदेव, आई.आर.एस., आयकर जांच के प्रमुख निदेशक (पंजाब, जम्मू-कश्मीर), विशेष स्पीकर, साध्वी परमा भारती, सामाजिक-अध्यात्मिक प्रेरणा वक्ता तथा साध्वी आदिति भारती, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान प्रकृति संरक्षण कार्यक्रम के अखिल भारतीय कार्यक्रम इंचार्ज। 
पैनल चर्चा का आरंभ करते हुए विशेष अतिथि श्री प्रजीत सचदेव ने बुड्डा नाला की दशा की ओर ध्यान केंद्रित किया जो वर्षों पहले शहर की जीवन रेखा था और आज एक अनसुलझी पहेली बन चुका है। उन्होंने इसका सबसे बड़ा कारण बदलाव के प्रति लोगों के भीतर तत्परता का अभाव बताया।
इस तत्परता के अभाव की जड़ को उजागर करते हुए साध्वी परमा भारती जी ने आशुतोष महाराज जी की विचारधारा को आगे रखते हुए कहा कि तत्परता के अभाव की जड़ है मानव की अज्ञानता। यह अज्ञानता निरक्षरता नहीं अपितु मानव के प्रकृति के साथ आंतरिक एकात्मकता को समझने का अभाव है। केवल ब्रह्मज्ञान की अनुभूति से ही मानव को एक बार पुन: प्रकृति के साथ उसके आंतरिक बोध से ही सरंक्षण मानव का स्वभाव बन सकता है। संस्थान की ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी कैम्पेन’ इसी विचारधारा को साकार करने के लिए प्रयासरत है और इस पड़ाव पर माननीय मुख्य मेहमान, श्री नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर ने इस मुहिम की विशिष्ट ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी लुधियाना चैप्टर-अ रिपोर्ट’ (जुलाई 2014-दिसम्बर 2016) का विमोचन किया। संस्थान के पर्यावरण सरंक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षा साध्वी आदिति भारती जी ने की, जो कि एक ‘क्वालिीफाईड एनवायर्नमैंटलईस्ट’ हैं, ने रिपोर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि यह कोई साधारण रिपोर्ट नहीं है, अपितु संस्थान द्वारा प्रकाशित जागरूकता का एक ऐसा माध्यम है, जो एक ओर उन लोगों को उत्साहित करता है जिन्होंने इसमें बढ़चढ़ कर अपना सहयोग दिया और साथ ही उन लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है जिनकी अब तक इस मुहिम में कोई भागीदारी नहीं रही। श्री विजय सापंला जी माननीय केंद्रीय मंत्री ने मुहिम के उद्घाटन समारोह से लेकर अब तक मुहिम को अलग-अलग पड़ावों से गुजरते देखा है और उन्होंने श्री आशुतोष महाराज जी के दिशा निर्देशन में नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रहे कार्यकत्र्ताओं और सरंक्षण टीम को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। चर्चा को निष्कर्ष की ओर ले जाते हुए माननीय मुख्य मेहमान ने कहा कि सरकार बदलाव के लिए केवल कानून बना सकती है, परन्तु आतंरिक परिवर्तन और तत्परता को इन नियमों से जागृत नहीं कर सकती। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान और ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी कैम्पेन’ इस आंतरिक परिवर्तन को लाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसलिए मेरा कहना है कि संस्थान बढ़चढ़ कर ऐसी मुहिमें चलाए और समाज को परिवर्तन की ओर ले जाये। अंत में सभी विशेष अतिथियों को सम्मानित कर व धन्यवाद प्रस्ताव की परम्परा को निभाते हुए तरसेम सिंह जी ने कार्यक्रम को सम्पन्न किया। कार्यक्रम के पश्चात सरंक्षण की एक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सरंक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत ली गई ‘माई अर्थ माई रिस्पोंसीबिल्टी’ मुहिम एक स्टेट-आफ आर्ट कदम है, जो कि समाज के विभिन्न किरदारों को मां प्रकृति के सरंक्षण हेतु एकजुट कर रहा है। संस्थान विश्व भर में फैली अपनी विभिन्न शाखाओं के द्वारा पर्यावरण सरंक्षण, गौ सरंक्षण, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, नशे की रोकथाम, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के साथ-साथ जेल के कैदियों तथा विकलांग वर्ग का भी सशक्तिकरण कर रहा है।

2 comments:

HindIndia said...

बेहतरीन लेख .... तारीफ-ए-काबिल .... Share करने के लिए धन्यवाद...!! :) :)

Anonymous said...

I wanted to thank you for this great read!! I definitely enjoyed every little bit of it.
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