22 अगस्त की विशेष सभा में हो सकता है सड़कों पर उतरने का ऐलान
लुधियाना: 21 अगस्त 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
अगर गैंगस्टर रुपिंदर गांधी का बाहुबली भाई भी दिन दिहाड़े गोलियों का शिकार हो सकता है तो अन्य निहत्थे और आम लोगों की सुरक्षा कितनी दयनीय हालत में होगी इसका अनुमान लगाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। नामधारी गुरु माता चंद कौर, संघ नेता जगदीश गगनेजा और हिन्दू नेता अमित शर्मा के हत्यारों का अभी तक पता न लगने से आम जनता में भी निराशा की लहर है।
क्रिश्चियन समुदाय ने पास्टर सुल्तान मसीह की वहिशयाना हत्या को गंभीरता से लेते हुए एक बार फिर आंदोलन की चेतवनी दी है। इस संबंध में औपचारिक घोषणा 22 अगस्त को होने वाली विशेष सभा में हो सकती है। अज्ञात हमलावरों की गोलियों का शिकार हुए पादरी सुल्तान मसीह के परिवार में इस को लेकर रोष भी है गुस्सा भी।
पंजाब स्क्रीन और कुछ अन्य मीडिया संगठनों की टीम ने जब देर शाम को पादरी सुल्तान मसीह के घर का दौरा किया तो वहां का माहौल बहुत ख़ौफ़ज़दा था। सहमा हुआ परिवार किसी भी अज्ञात व्यक्ति से बात करते वक़्त सौ बार सोचता है। पादरी सुल्तान मसीह के बेटों पुलिस के सहयोग की पुष्टि की और कहा और पुलिस हमें बहुत सहयोग दे रही है लेकिन साथ ही पूछा आखिर क्यों नहीं पकड़े जा रहे हमारे पिता के हत्यारे। हम कब तक इस तरह सुरक्षा के घेरे में कैद रहेंगे? स्कूल जाने बाजार जाने तक उन्हें सुरक्षा में रहना पड़ता है। हम अपने ही घर के बाहर खड़े नहीं हो सकते। गौरतलब है की पादरी सुल्तान मसीह की हत्या घर के सामने ही की गयी थी। हत्या स्थल उनके घर के मुख्य गेट से बामुश्किल दस बारह कदम की दूरी पर स्थित है। इस हत्या से आसपास के लोगों के मन में भी सहम है। वे भी अब घर से बाहर निकलते वक़्त कई कई बार सोचते हैं। आसपास के लोग हत्या और हत्यारों की खुल कर निंदा भी नहीं करते। दबे स्वर से कहते है-न जी न-अगर कल को हमारा नंबर लग गया तो?
इसी बीच पास्टर सुल्तान मसीह के परिवार ने स्पष्ट किया है कि 22 अगस्त को होने वाली विशेष सभा वास्तव में सवा महीने की भक्ति सभा है। हत्यारों को पकड़ने के लिए हमसे प्रशासन नई ८ घंटे मांगे थे लेकिन अब एक महीने से ज़्यादा समय गुज़र चुका है और हत्यारों का कुछ पता नहीं।
परिवार ने मीडिया से बात करते हुए साफ़ कहा कि अब भी हमें कोई ठोस जवाब न मिला तो हम सड़कों पर उतरेंगे। पूरा पंजाब ही नहीं बल्कि पूरा देश हमारे साथ है हमारे साथ है। अब हमारे सब्र का पैमाना भर चुका है। अब देखना है कि 22 अगस्त की विशेष सभा में क्या फैसला होता है?
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