Wednesday, June 14, 2017

सरकार आज तक महिलाओं को सशक्त नहीं बना सकी-अनीता शर्मा

Wed, Jun 14, 2017 at 2:51 PM

बेलन ब्रिगेड लौटा अपने पुराने विद्रोही रंग में 

पूछा:निगम चुनावों में 50% आरक्षण महिलाओं को या पति को 
                                                                          Courtesy: Poster Women

लुधियाना: 14 जून 2017: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):: 
संघर्षों की आग में रह कर जन सेवा करने वाले लोगों को सुख सुविधाओं के जाल में फांस कर ज़्यादा देर तक कर्तव्य विमुख नहीं किया जा सकता।  अन्तर आत्मा की आवाज़ सुनाई देते ही वे फिर लौट आते हैं संघर्षों के मैदान में आर पार की जंग लड़ने।  कुछ ऐसा ही होता महसूस हो रहा है बेलन ब्रिगेड प्रमुख अनीता शर्मा और उनकी टीम के साथ जो बहुत से मुद्दों पर पिछले कुछ समय से खामोश चल रही थी या केवल संकेतिक विरोध कर रही थी। सुश्री शर्मा ने एक प्रेस वक्तव्य में पंजाब सरकार के एक फैसले को अपना निशाना बनाया है। मैडम अनीता ने कहा है कि पंजाब  सरकार ने विधान सभा में कानून पास किया है जिसके तहत नगर निगम चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत सीटें मिलेंगी। 
इसके साथ ही बेलन ब्रिगेड की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीता शर्मा ने अपनी आशंका को स्पष्ट करते हुए कहा है कि सरकार ने महिलाओं को नगर निगम में 50 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण तो दे दिया है लेकिन सरकार आज तक महिलाओं को सशक्त नहीं बना सकी है। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा है कि जो महिलाऐं नगर निगम में पार्षद हैं उनका सारा कार्य उनके पति करते है और उन्हें पति पार्षद का पद  दिया जाता है। कोई भी महिला आज पुरुष प्रधान समाज में अकेले राजनीति नहीं कर सकती। खासकर नगर निगम में महिला पार्षद अपने परिवार व पति के सहारे ही कार्य करती है। मैडम अनीता ने पूछा कि आखिर ऐसा क्यूं?
गौरतलब है कि मंच पर भाषण तो खूब दिए जाते है महिला सशक्तिकरण के लेकिन असलियत बिलकुल इससे परे है। और ये पार्षद प्रतिनिधि की प्रथा कोई नई नहीं है बरसो बरस से चली आ रही है पार्षद पुत्र,पार्षद पिता, पार्षद पति की ये प्रथा आखिर कब खत्म होगी इसका कोई स्थाई हल तो हमारे राजनेताओ को ही ढूंढना होगा। यह पुरुष प्रधान सिस्टम किसी एक ज़िले मैं नहीं तकरीबन देश भर में इसी तरह चल रहा है। 

उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनावों में सभी राजनैतिक पार्टियों के नेता चुनाव लड़ने के चाहवान होते है और अपनी पार्टी से पार्षद की टिकट लेने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देते है। प्रभावशाली लोग चूल्हे चौंके पर काम करने वाली घर की गृहणी को ही पार्षद का चुनाव लड़ा देते हैं और चुनाव जीतने के बाद महिला पर्षद अपने पति के कंधे पर हाथ रख कर काम करती हैं। मैडम ने पूछा कि आखिर क्यूं  छीन ली जाती है उनकी स्वतंत्र सोच और कार्यशैली?

कुछ माह पूर्व राजस्थान में इसी आशय की आवाज़ बुलंद हुई थी। वहां बीकानेर जिले में ऐसे कितने ही वार्ड है जिनमें पार्षद महिलाएं है पर इनकों स्वतंत्र कार्य की अनुमती नहीं मिल रही है क्यूंकि यहां भी पार्षद प्रतिनिधि के दबाव में ही हर कार्य किया जाता है। यह सब इतना ज़ोर पकड़ चूका है कि क्षेत्र के सारे अहम फैसले भी पार्षद प्रतिनिधि ही लेता है। वास्तव में यह देश भर की एक गंभीर समस्या है। एक तरफ केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे है लेकिन सरकार के इन मंसुबों को पार्षद पति, पिता ,पुत्र (पार्षद प्रतिनधि) ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में नहीं लागु होने दे रहे है। आखिर पुरुषों के अपने रसूख होते हैं जिनको संभालना उनकी पहली ज़िम्मेदारी होती है। तों ऐसे में आाखिर कब होगी पार्षद पति, पिता,पुत्र संस्कृति की ये प्रथा खत्म ???
अपने इन लोगों के बारे में तो अक्सर कथा कथाओं में सुना होगा उमापति, रमापति, कमलापति, लक्ष्मीपति, कुंती पति इतियादी। राष्ट्र का संवैधानिक मुखिया आमतौर पर राष्ट्रपति कहलाता है। विश्वविद्यालय में कुलपति और उपकुलपति के पद भी होते हैं। धनवान लोगों को लखपति करोड़पति अरबपति कहने की परम्परा भी सदियों से चलती आ रही है लेकिन यह पार्षद पति, पार्षद पिता, पार्षद पुत्र आखिर क्या बला है? क्या यह सब महुला अधिकारों पर सदियों से चले आ रहे वर्चस्व को और मज़बूत बनाने की कुप्रथा है? अगर इसी तरह महिला को अक्षम, अपाहिज, अज्ञानी साबित करने के लिए यह सब चल रहा है तो मत दो महिला को दया की यह भीख। जब महिला में शक्ति आएगी वह यह सब खुद ही छीन लेगी। इन आडंबरों से महिला के क्रोध को शांत मत करो।

अनीता शर्मा ने साफ शब्दों में कहा कि सभी राजनैतिक पार्टियां केवल उन्ही महिलाओं को टिकट दें जो पहले ही घरों से बाहर रहकर समाज सेवा कर रही है तभी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा नहीं तो इस आरक्षण महिलाओं के नाम पर पुरुष ही इसका लाभ उठाएंगे। इसके साथ हीयहनने यह सब कहा कि  बेलन ब्रिगेड यह सब होने नहीं देगा।  

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