Tue, Jan 3, 2017 at 1:09 PM
छोटेपुर के मैदान में आने से गुरदासपुर के चुनावी मैदान में आई गर्माहट
गुरदासपुर: 3 जनवरी 2017: (विजय शर्मा//पंजाब स्क्रीन):
अपना पंजाब पार्टी के प्रधान सुच्चा छोटेपुर ने आज विधानसभा हलका गुरदासपुर से खुद की उमीदवार को ऐलान कर दिया हैं। "आप" पंजाब के कनवीनर के पद से हटाए गए छोटेपुर ने गुरदासपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान उस समय किया,जब आम आदमी पार्टी के कनवीनर अरविंद केजरीवाल उनके पैतृक हलका जिला गुरदासपुर में रैलियां करने आए हुए थे।
छोटेपुर के आने से इस सीट पर बेहद दिलचस्प मुकाबला होने के आसार हैं। इसी तरह इस हलके से अकाली दल और कांग्रेस के उमीदवारों के बीच सीधे तौर पर टक्कर होती नजर आई है,वही इस बार मुकाबला और दिलचस्प होने की उमीद हैं।
गुरदासपुर हलके से अकाली भाजपा के उमीदवार गुरबचन सिंह बब्बेहाली हैट्रिक लगाने के इरादे के साथ मैदान में डटे हुए है,जबकि उनको चुनौती देने के लिए कांग्रेस की ओर से युवा उम्मीदवार बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा चुनाव मैदान में उतरे है। पूर्व विधायक करतार सिंह पाहड़ा के पोतरे बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा की तरफ से कुछ दिन पहले निकाले गए रोड शो से उन्होंने ने यह संकेत दे दिया है वह अपने विरोधियों को पराजित करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसके अतिरिक्त्त आम आदमी पार्टी के अमरजीत सिंह चाहल भी पिछले कुछ दिनों से चुनाव प्रचार कर रहे है। गुरदासपुर से दिलचस्प चुनाव समीकरण मे उस समय एक अहम मोड़ आ गया हैं। जब 2016 के राजनितिक कलेंडर मे सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाले सुच्चा सिंह छोटेपुर ने भी इस हलके से चुनाव लड़ने का एलाने कऱ दिया है। छोटेपुर करीब 48 वर्ष के लंबे राजनितिक सफर के गवाह हैं।उन्होंने ने अपना राजनितिक कैरियर 1968 मे बतौर कालेज स्टूडेंट शूरु किया था। इस दौरान उन्होंने ने अनेक उतार चड़ाव देखे। सन 1985-1988 मे वह पुराने धारीवाल हलके से विधायक चुने गए और बरनाला सरकार में सैर सपाटा मंत्री बने। सन 2002 मे वह धारीवाल हलके से बतौर आजाद उम्मीदवार चुनाव जीते। इसके बाद सन 2007 मे वह कादियां हलके से आजाद उम्मीदवार के तौर पर मुकाबले मे आए लेकिन हार के बाबजूद वह 40 हजार वोट लेने में कामयाब रहे। सियासी जंग लड़ते लड़ते वह 2009 मे कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस मे शामिल हो गए। दिल्ली मे आप की चढ़ाई के बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए,और 2014 की लोक सभा चुनाव गुरदासपुर से लड़ी। इसमें वह जीत हासिल नही कर सके लेकिन पौने 2 लाख वोट ले गए थे। इस वर्ष अगस्त महीने मे उन्हें आप के कनवीनर के पद से हटा दिया गया। जिसके बाद उन्होंने ने अपना पंजाब पार्टी का गठन किया।
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