नोटबन्दी से वाम ट्रेड यूनियन नेता डीपी मौड़ भी परेशान
लुधियाना: 20 नवम्बर 2016: (रेक्टर कथूरिया//पंजाब स्क्रीन):
भारतीय समाज में बेटी का विवाह एक बहुत बड़ा यज्ञ मन जाता है। इस मकसद के लिए परिवारिक सदस्य बेटी का जन्म होते ही धन संचय आरम्भ कर देते हैं कर देते हैं। बेटी को पढ़ाया लिखाया जाता है और विवाह की उम्र होने पर उसे योग्य वर देख कर विदा कर दिया जाता है। इस अवसर पर अक्सर कर्ज़ भी लिए जाते हैं। इस तरह किसी न किसी तरह इस रस्म को पूरा कर दिया जाता है। बाबुल की दुआएं लेती जा की धुन में डोली विदा हो जाती है किसी अनजान अज्ञात घर को कर बनाने संवारने के लिए। मोदी सरकार की बिना तैयारी की गई नोटबन्दी जहां बहुत सी जानें ले ली हैं वहीँ बहुत सी शादियों में भी रुकावटें खड़ी क्र दी हैं। इनमें बहुत सी शादियां बेटियों की हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिला पक्खोवाल रोड स्थित ग्रीन फील्ड में जहाँ पीएयू में लम्बे समय तक लोकप्रिय मुलाज़िम नेता रहे डी पी मौड़ के घर में 23 नवम्बर 2016 को बेटी की शादी है लेकिन बैंक ने उनका ही धन उनको देने से इन्कार कर दिया है। जैसे तैसे दोस्तों से उधारी पकड़ कर काम चला रहे श्री मौड़ ने अपना दुःख मीडिया के सामने भी व्यक्त किया। उन्होंने आशंका भी व्यक्त की कि लोगों को गुमराह करके थोपी गई नोटबन्दी भी कहीं इस सरकार का नया जुमला ही न हो।
आॅल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के स्टेट वाइस प्रेजिडेंट डीपी मौड़ ने कहा कि 23 नवंबर को उनकी बेटी की शादी है, मगर बैंक ने उन्हें पैसे देने से इंकार कर दिया है। जिसके चलते उनके सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।
एक मीडिया वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार ने एटीएम से पैसे निकालने की लिमिट दो हजार रुपये रखी है। इतनी राशि से किसी भी परिवार का गुजारा होना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि बैंक उनकी बेटी के विवाह का कार्ड देखने के वाबजूद केवल 24 हज़ार रूपये ही उनको दिए हैं। जो पैसे उन्होंने 8 नवम्बर से पहले निकाल लिए थे वे सभी 500 और हज़ार रुपयों के रूप में थे जो अब काला धन बना दिए गए हैं। गरीब लोग पैसे बदलवाने के लिए सारा दिन बैंकों की लाइन में लगे रहते हैं। अमीर लोग बैंक कर्मचारियों से मिलीभगत करके अपना कैश बदलवा रहे हैं। इसकी वजह से जरूरतमंद लोग अपने ही खाते से पैसे नहीं निकलवा पा रहे। जो इस बात का सबूत है कि सरकार गरीबों को तंग करके अमीरों को मालामाल कर रही है। उनके साथ मौजूद तिलक राज कूनरा ने भी अपने घर शादी कार्ड दिखाया। इस अवसर पर लड़की के नज़दीकी रिश्तेदार प्रेम चंद गोयल ने कहा कि वह मानवाधिकार के तहत सरकार पर केस भी दायर करेंगे। इस अवसर पर केवल सिंह बनवैत, डॉ. अरुण मित्रा, रणधीर सिंह और रामाधार सिंह भी मौजूद रहे।
भाकपा नेता डाक्टर अरुण मित्रा ने कहा कि नोटबन्दी का कालेधन से कोई लेना देना नहीं। यह एलान गरीबों की मेहनत से की गई की गई कमाई पर साज़िशाना हमला है और यह रकम माल्या और अम्बानी-अडानी जैसे अमीरों की तिजौरियां भरने के लिए जानी है। उन्होंने इस मामले से सबंधित कई बारीकियों की चर्चा करते हुए पूछा कहाँ से आएगा काला धन?
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