लुप्त हो रही संस्कृति और उद्योग को बचाने की पहल
लुधियाना: 18 अक्टूबर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लुधियान दौरे के दौरान पंजाब की लुप्त हो रही संस्कृति को भी देखा। शायद इस वीआईपी दर्शन से इस सांस्कृति में फिर से जान पड़ जाये। पीएम मोदी ने चरखा चलती महिलायों को पास से देखा। कभी यह चरखा हर घर करता था। फिर इसे केवल महात्मा गाँधी से जोड़ दिया गया। उन चरखा बहुत लोकप्रिय हुआ था लेकिन धीरे धीरे सभी तरह लुप्त होता चला गया। अज्ज पीएम मोदी जब लुधियाना आये तो चरखा भी बाहर आया और इसे चलाने वाले हाथ भी नज़र आये। इन महिलाओं को बांटा गया चरखा लूट हो रहे मूल्यों को फिर से सम्भालने का एक संकेत भी था। यह आयोजन उद्द्योगपतियों को सम्मानित करने के आयोजन से पहले किया गया। शायद इस चरखे को उद्योग का जन्मदाता मन कर अहमियत दी गयी। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान भी उस नए तकनीकी विकास का ज़िक्र किया जिसकी वजह से एक स्थान से दुसरे स्थान तक आने जाने और अन्य मुश्किलें भी आसान हो रही हैं। आयुर्वेद का भी ज़िक्र किया। चरखा बांटने से महिला सशक्तिकरण के अभियान को भी मज़बूती मिलेगी। चरखा चला कर यह महिलाएं कम से कम हर रोज़ 200/- रूपये कमा सकेंगे। भाषण के अंत में पीएम मोदी ने वायदा किया कि वह जल्द ही दोबारा पंजाब दोबारा आएंगे और बठिण्डा अवश्य पहुंचेगे।
लुधियाना: 18 अक्टूबर 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लुधियान दौरे के दौरान पंजाब की लुप्त हो रही संस्कृति को भी देखा। शायद इस वीआईपी दर्शन से इस सांस्कृति में फिर से जान पड़ जाये। पीएम मोदी ने चरखा चलती महिलायों को पास से देखा। कभी यह चरखा हर घर करता था। फिर इसे केवल महात्मा गाँधी से जोड़ दिया गया। उन चरखा बहुत लोकप्रिय हुआ था लेकिन धीरे धीरे सभी तरह लुप्त होता चला गया। अज्ज पीएम मोदी जब लुधियाना आये तो चरखा भी बाहर आया और इसे चलाने वाले हाथ भी नज़र आये। इन महिलाओं को बांटा गया चरखा लूट हो रहे मूल्यों को फिर से सम्भालने का एक संकेत भी था। यह आयोजन उद्द्योगपतियों को सम्मानित करने के आयोजन से पहले किया गया। शायद इस चरखे को उद्योग का जन्मदाता मन कर अहमियत दी गयी। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान भी उस नए तकनीकी विकास का ज़िक्र किया जिसकी वजह से एक स्थान से दुसरे स्थान तक आने जाने और अन्य मुश्किलें भी आसान हो रही हैं। आयुर्वेद का भी ज़िक्र किया। चरखा बांटने से महिला सशक्तिकरण के अभियान को भी मज़बूती मिलेगी। चरखा चला कर यह महिलाएं कम से कम हर रोज़ 200/- रूपये कमा सकेंगे। भाषण के अंत में पीएम मोदी ने वायदा किया कि वह जल्द ही दोबारा पंजाब दोबारा आएंगे और बठिण्डा अवश्य पहुंचेगे।
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