Tue, Jul 26, 2016 at 4:11 PM
कश्मीर भारत का आंतरिक मामला, पाकिस्तान दखलअंदाजी न करे शाही इमाम पंजाब ने फिर दिया स्पष्ट नीति बयान |
लुधियाना: 26 जुलाई 2016: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):
17वें कारगिल विजय दिवस के मौके पर आज जामा मस्जिद में देश की आन-बान-शान के लिए शहीद हुए जवानों को याद किया गया और विशेष दुआ करवाई गई। इस मौके पर अपने संदेश में शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध में देश को विजय दिलवाने वाले शहीदों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होनें कहा कि रहती दुनिया तक कारगिल के वीरो योद्धा सम्मान के साथ याद किए जाते रहेगें। शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान ने कश्मीर के हालात पर बोलते हुए कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है, जिसे अगर राजनीतिक लोग चाहे तो चुटकी में सुलझाया जा सकता है। लेकिन राजनीतिक पार्टियां इस पर वोट बैंक की चालें चल रही है। पाकिस्तान की निंदा करते हुए शाही इमाम ने कहा कि कश्मीर के मसले में पाकिस्तान सरकार दखलअंदाजी ना करे। क्योंकि ये भारत का आंतरिक मामला है, जिसे यहां के लोग मिल-बैठ कर सुलझाएगें। एक प्रश्न का उत्तर देते हुए शाही इमाम ने कहा कि हम अमरनाथ यात्रियों के साथ कश्मीर में हुए र्दुव्यवहार की निंदा करते है। शाही इमाम ने कहा कि किसी भी धर्म के लोगों के साथ र्दुव्यवहार निंदायोग है। उन्होनें कहा कि पंजाब में जो शरारती तत्व अल्पसंख्यकों के साथ जबरदस्ती करना चाहते है, उसे हरगिज सहन नहीं किया जाएगा। शाही इमाम पंजाब ने केन्द्र सरकार की दोगली नीति की निंदा करते हुए कहा कि कश्मीर में उत्पात मचाने वालों पर पलेटन गन चलाई जा रही है और पंजाब में उत्पात मचाने वालों को अभी तक गिरफ्तार भी नहीं किया गया। इस दोगली नीति की वजह से ही देश में हालात बिगड़ते है। शाही इमाम ने कहा कि हम सब भारतीय है, हमें विदेशी ताकतों की साजिशों से सतर्क रहते हुए अपने देश में अमन, शांति व आपसी भाईचारे को बरकरार रखना है। इस मौके पर बजमे हबीब के अध्यक्ष गुलाम हसन कैसर, कारी अलताफ उर रहमान, नायब शाही इमाम मौलाना उसमान रहमानी लुधियानवी, अबदुल सुभान, मौलाना महबूब, कारी इब्राहिम, मौलाना मोहतरम, मौलाना अतीक उर रहमान फैजाबादी, शाह नवाज अहमद, अंजुम असगर, शेख अशरफ, परवेज आलम, शाहजेब खान, मुहम्मद सकलेन व शाही इमाम पंजाब के मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम मौजूद थे।शाही इमाम के इस बयान से उन साम्प्रदायिक लोगों के सामने ज़रूर सवाल खड़े हो गए हैं जो आये दिन एक विशेष अल्पसंख्यक समाज को निशाना बना कर नफरत भड़काने को तैयार रहते हैं।
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