20-जून-2016 13:42 IST
योग से सांसों पर नियन्त्रण प्राप्त किया जा सकता है
योग से सांसों पर नियन्त्रण प्राप्त किया जा सकता है
सौंदर्य तन और मन दोनों के स्वास्थ्य का आईना है। मेरा यह मानना है कि अच्छा स्वास्थ्य तथा बाहरी सौन्दर्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यदि आप हर तरह से स्वस्थ नहीं है तो आपकी सुन्दरता में निखार कभी नहीं आ सकता। आकर्षक त्वचा, काले चमकीले बाल तथा छरहरा बदन केवल स्वस्थ होने से ही हासिल किया जा सकते हैं। मैंने समग्र स्वास्थ्य, आर्युवेदिक सिद्धान्तों को योग के माध्यम से ही प्रोत्साहित किया है। इस समग्र सौंदर्य की अनोखी अवधारणा को विश्वभर में सराहा गया। मेरे विचार में वर्तमान आधुनिक जीवनशैली में समग्र स्वास्थ्य तथा सौंदर्य को प्राप्त करने के लिए योग बहुत प्रसांगिक है। वास्तव में योग मेरे व्यक्तिगत जीवन का अभिन्न अंग है तथा मैंने इसके असंख्य लाभ प्राप्त किए है।
सुन्दर त्वचा तथा चमकीले बालों के लिए प्राणायाम योग का महत्वपूर्ण अंग है। इससे तनाव कम होता है तथा रक्त में आक्सीजन का संचार बढ़ता है। जिससे रक्त संचार में सुधार होता है। उत्तानासन, उत्कटासन, शीर्षासन, हलासन तथा सूर्य नमस्कार आन्तरिक तथा बाहरी सौंदर्य को निखारने में अहम भूमिका अदा करते है।
योगासन करने से व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक दोनों रूप से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। योग से न केवल मांसपेशियां सुदृढ़ होती है बल्कि शरीर में प्राणशक्ति बढ़ती है तथा आन्तरिक अंगों में दृढ़ता आती है तथा नाड़ी तन्त्र को संतुलन मिलता है। योग मानसिक तनाव से मुक्ति प्रदान करता है तथा मानसिक एकाग्रता प्रदान करता है।
योग प्राचीनकाल की भारतीय विद्या है तथा योग सन्तुलित व्यक्तित्व प्राप्त करने तथा बुढ़ापे को रोकने का प्रभावी उपाय माना जाता है। योग से सांसों पर नियन्त्रण प्राप्त किया जा सकता है तथा योगक्रिया के दौरान सांसों को छोड़ने तथा सांसो को खींचने की विस्तृत वैज्ञानिक प्रक्रिया अपनाई जाती है जिससे शरीर में प्राण वायु का संचार होता है। इससे शारीरिक तथा मानसिक आनन्द की अनुभूति प्राप्त होती है। यह सौंदर्य के लिए अति आवश्यक है क्योंकि आनन्द का अहसास ही शारीरिक सौंदर्य का अनिवार्य हिस्सा है।
योग से रक्त संचार में सुधार आता है जिसकी वजह से त्वचा के बाहरी हिस्से तक रक्त संचार में बढोत्तरी होती है तथा यह त्वचा की सुन्दरता के लिए काफी अहम भूमिका अदा करता है क्योंकि इससे त्वचा को पर्याप्त पोषाहार प्राप्त होता हैं। इससे त्वचा में विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है। इससे त्वचा में रंगत आती है, आक्सीजन का संचार होता है, सुन्दर आभा का संचार होता है, तथा त्वचा में यौवनपन बना रहता है तथा त्वचा अनेक रोगों से मुक्त रहती है। यही प्रक्रिया बालों पर भी लागू होती है।
जहां तक बाहरी रूपरेखा का प्रश्न है, छरहरे बदन से आप काफी युवा दिख सकते हैं तथा लम्बे समय तक यौवन बनाए रख सकते हैं। योग से शरीर के प्रत्येक टिशू को आक्सीजन की आपूर्ति होती है जिससे स्वास्थय तथा सुन्दरता की राहें खुद ही खुल जाती है। यह बात जान लेना जरूरी है कि यदि आपके जीवन में शारीरिक सक्रियता की कमी है तो आप बुढ़ापे को आमंत्रण दे रहे हैं।
यौगिक आसनों से रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों को लचीला तथा कोमल बनाया जा सकता है। इससे शरीर सुदृढ़ तथा फुर्तीला बनता है, मांसपेशिया सुदृढ़ होती है, रक्त संचार में सुधार होता है, शरीर में उत्साह तथा प्राणशक्ति का संचार होता है तथा बाहरी सौंदर्य तथा अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।
सौंदर्य से जुड़ी अनेक समस्याऐं तनाव की वजह से उत्पन्न होती है। योग से तनाव कम होता है तथा शरीर शान्तमय स्थिति में आ जाता है, जिससे तनाव की वजह से होने वाले रोग जैसे बालों का झड़ना, मुंहासे, गंजापन तथा बालों में रूसी की समस्या से स्थाई निजात मिल जाता है। योग आसन को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने वाले योगसाधकों पर किए गए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है कि योग साधको के व्यक्तित्व, व्यवहार, भावनात्मक स्थायित्व, आत्मविश्वास में सकारात्मक बदलाव देखने में मिलता है। योग का मस्तिष्क, भावनाओं तथा मनोदशा एवं चितवृत्ति पर सीधा प्रभाव पड़ता है। वास्तव में योग नियमित रूप से तनाव को कम करता है तथा आपकी त्वचा में आभा लाता है। योग से आप तत्काल यौवन को ताजगी तथा बेहतर मूड का अहसास करेगें। (PIB)
*(लेखिका पदमश्री सम्मानित, ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है लेख में उनके अपने विचार है।)
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