अभी भी खुले आम घूम रहे हैं छेड़खानी करने वाले
कुछ लोग कहते हैं नाम में ही सब कुछ रखा है और कुछ का मानना है कि नाम में क्या रखा है। काम चलाने के लिए किसी नाम की ज़रूरत होती है सो तो इस सच्ची कहानी में भी है पर नाम…नाम तो कुछ भी हो सकता है। नीना–रीना या फिर वीना— इस लिए नाम की बात छोडिये बात करते हैं उसकी जो उसके साथ हुआ या फिर उस हिम्मत की जो उसने कर दिखाई। काम चलाने के लिए हम उसे वीना ही कहेंगे। लुधियाना के ऋषि नगर के साथ सटी चाँद कलोनी में रहने वाली कालेज में पढ़ती इस मेघावी छात्रा वीना का कसूर केवल यही था की उसने खुद पर कसे गए अश्लील कमेंटस की जानकारी अपनी मां को दी थी और उसकी मां ने उन लड़कों पर घर से बाहर आकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर दी थी। बस फिर क्या था गुस्से में आये इन लड़कों ने उसके घर में घुस कर लड़की भी पिटाई कर दी और उसके मां-बाप की भी. शराब के नशे में धुत्त हुए इन लड़कों ने गालियाँ भी निकालीं और यह भी कहा कि कर लो जो करना हैं–हम नहीं किसी से डरते। यह बात है 9 जुलाई 2013 की। परिवार पुलिस के पास गया तो पुलिस ने परिवार को ही डरना धमकाना शुरू कर दिया। जो सरकार यह कहती है कि ऐसा कुछ भी होता है तो पीडिता के घर में जाकर बयान लिए जायें उसी सरकार के आदेशों निर्देशों को ताक पे रखते हुए इस पीडिता को बार बार थाने में बुलाया गया। जलालत से तंग आये परिवार ने सारा मामला महिला संगठनों के सामने रखा तब कहीं जाकर 41 दिनों के बाद मामला दर्ज हुआ 19 अगस्त 2013 को। इस औपचारिकता को भी कुछ हफ्ते गुजर गए लेकिन करवाई रही शुन्य। जब लड़की के हक में लोग भी एकजुट हो गए तो भी पुलिस इस बात के लिए तैयार नहीं हुई कि आरोपियों के खिलाफ कुछ एक्शन ले—पुलिस ने फिर लड़की को ही बुलाया कि 18 सितम्बर 2013 को वह पुलिस के सामने पेश हो। यह सब वहां उस राज्य में हो रहा है जहाँ की सरकार का नारा है—”राज नहीं सेवा”. इस लड़की के साथ इस तरह के सलूक से तंग आये लोग अब किसी सीधे जनतक एक्शन की तैयारी में हैं। गत 16 सितम्बर को हुई सभा में इसके लिए घेराव की घोषणा भी की गई जो 22 सितम्बर को होगा। शहर में एक रोष मार्च भी सम्भावित है जिसके लिए लडकियों के स्कूलों कालेजों से सम्पर्क की बात भी इसी सभा में की गई। कामरेड गुरनाम सिद्धू ने कहा कि पुलिस लड़की को बार बार थाने बुला कर अपनी ही सरकार के दिशा निर्देशों की अवहेलना कर रही है। इसी तरह डाक्टर चंचल गुप्ता ने इस मामले में खुद पहुँच कर लड़की के हक़ में चल रहे संघर्ष का समर्थन किया और कहा की यहाँ तो परिवार भी लडकी का सस्थ दे रहा है क्या होता होगा परिवार भी लडकी से है। इसी तरह एक वृद्ध महिला शांति बावा ने इस सारे घटनाक्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सभी लडकियों के लिए चिंता की बात है। आज यह सब इसके साथ हुआ है कल किसी के भी साथ हो सकता है। एक अन्य वरिष्ठ महिला नेता जीत कुमारी ने इस सारे मामले पर विस्तृत रौशनी डाली और कहा कि अब नारी अबला नहीं शक्ति है इस लिए इस मामले में भी इन्साफ अवश्य लिया जायेगा कितना ही संघर्ष क्यूं न करना पड़े। शहर के दुसरे कोने जमालपुर से यहाँ पहुंची तेजिन्द्र कौर ने लडकियों को पेश आ रही इस तरह की कई समस्यायों की सच्ची कहानियां भी सुनायीं और साथ ही आश्वासन भी दिया कि यदि पुलिस रास्ते पर नहीं आई तो फिर अदालत से नोटिस भिजवाया जायेगा जिस पर इस लड़की या इसके परिवार का एक पैसा भी खर्च नहीं होने दिया जायेगा। गौरतलब है कि तेजिन्द्र कौर लीगल सेल सेवायों की एक सक्रिय सदस्य भी है। उसके अधिक सरगर्म होने के कारण ही शायद उस पर भी कुछ ही दिन पूर्व हमला किया गया था। इनके साथ ही डाक्टर नरजीत कौर, एडवोकेट अवतार कौर और कई अन्य महिला नेता भी मौजूद रहीं। इस तरह अब इस मामले को लेकर आक्रोश पूरी तरह तैयार हो चूका है। यदि अभी भी प्रशासन और पुलिस नहीं चेते तो शहर में आन्दोलन का माहौल किसी भी वक्त गर्म सकता है। -रेक्टर कथूरिया
Related links:
Eve Teasing: Arrest the culprits
पीड़ित लडकी के समर्थन में जुटे लोग और मंच पर हैं कामरेड गुरनाम सिद्धू, महिला नेता तेजिन्द्र कौर, जीत कुमारी, शांति बावा और डाक्टर चंचल गुप्ता (सभी तस्वीरें:रेक्टर कथूरिया) |
Related links:
Eve Teasing: Arrest the culprits
ਲੜਕੀ ਨਾਲ ਛੇੜ ਛਾੜ ਦਾ ਮਾਮਲਾ ਹੋਰ ਗਰਮਾਇਆ
-------
No comments:
Post a Comment