Wed, Aug 7, 2013 at 9:39 PM
एसजीपीसी ने किया फैसले का स्वागत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराना पाकिस्तान सरकार के बस की बात नहीं -सुरिंदर कोछड़
अमृतसर (गजिंदर सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन)पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चौधरी की ओर से पाकिस्तान स्थित गुरुधामों की जमीनों को बेचने पर लगाई गई पाबंदी और बेची गई जमीनों का मुआवजा गुरुद्वारा कमेटियों को देने के फैसले का एसजीपीसी की ओर से स्वागत किया गया है। एसजीपीसी सचिव त्रिलोचन सिंह और एसजीपीसी सदस्य बीबी किरनजोत कौर ने कहा, कि इस फैसले से पूरी सिख कौम ने राहत की सांस ली है। उन्होंने बताया कि अब तक वक्फ बोर्ड ही जमीनों को बेचता रहा है। लेकिन इस फैसले के बाद न सिर्फ जमीनों पर कब्जे होना और उनकी नाजायज बिक्री होना रुक जाएगा, बल्कि बिकी हुई जमीनों का मुआवजा भी मिलेगा। उन्होंने इस फैसले के लिए पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चौधरी का धन्यवाद किया है।
वहीं, इतिहासकार सुरिंदर कोछड़ ने भी पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत तो किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा, कि इस फैसले का कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा, कि पाकिस्तान में लैंड माफिया काफी मजबूत है। उन्होंने बताया, कि एक पाकिस्तानी युवक ने वहां के गुरुद्वारा साहिब पर हुए कब्जे की वीडियो यूट्यूब पर अपलोड की थी। जिसका खामियाजा उसे दो दिन पूर्व भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा, कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लागू कराना पाकिस्तान सरकार के बस की बात नहीं है।
एसजीपीसी ने किया फैसले का स्वागत
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कराना पाकिस्तान सरकार के बस की बात नहीं -सुरिंदर कोछड़
इतिहासकार सुरिंदर कोछड़ सभी तस्वीरें:-गजिंद्र सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन |
एसजीपीसी सचिव त्रिलोचन सिंह सभी तस्वीरें:-गजिंद्र सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन |
एसजीपीसी सदस्य बीबी किरनजोत कौर सभी तस्वीरें:-गजिंद्र सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन |
वहीं, इतिहासकार सुरिंदर कोछड़ ने भी पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत तो किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा, कि इस फैसले का कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा, कि पाकिस्तान में लैंड माफिया काफी मजबूत है। उन्होंने बताया, कि एक पाकिस्तानी युवक ने वहां के गुरुद्वारा साहिब पर हुए कब्जे की वीडियो यूट्यूब पर अपलोड की थी। जिसका खामियाजा उसे दो दिन पूर्व भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा, कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लागू कराना पाकिस्तान सरकार के बस की बात नहीं है।
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